दोस्तों आपने पिछले पार्ट में पढ़ा की कैसे मेरी सुष्मिता दीदी कोचैंग जाने के बहाने चाचा के लड़के आयुष और उसके कुछ दोस्तों के साथ घूमने चली जाती थी, और घर पे किसी को पता नही था. सब को लगता था की सुष्मिता कोचैंग गयी हुई है.
दोस्तों ये एक रियल कहानी है, और इसको एक कहानी के रूप में ढाला गया है. ताकि हम सब अपनी बात को आपके पास तक पहुँचा सके. आयेज की कहानी पे आने से पहले ये बता डू, की ये कहानी मैं इसलिए नही लिख रहा ताकि आप एक चुदाई वाली कहानी पढ़ करके खुस हो जाओ, और अपने आप को मज़े दो.
मेरा ये रियल कहानी लिखने के पीछे का मकसद ये बताना है, की आज नज़रिया बदल गया है. हम अब ये नही कह सकते की ये मेरी बेहन है, या ये मेरी मा है, तो ये एक-दूं सती-सावित्री और संस्कारी ही होंगी.
आज सब के राज़ होते है. बस किसी का राज़ हमे पता चल जाता है, तो हम सब उसपे बातें कर लेते है. अधिकतर हमारी मा बहनो का राज़ एक राज़ ही बन करके रह जाता है, की वो अपनी ज़िंदगी में क्या-क्या किए है.
लेकिन कभी भी ये मत भूलना की यहा पे कोई भी सती-सावित्री या धार्मिक नही है. अगर ज़िंदगी में आपको भी कभी मेरे जैसी सिचुयेशन से गुज़रना पड़ता है तो घबराना मत. अपने आप को लकी समझना की आपकी मा बेहन के राज़ बस आपको पता चले. वरना ऐसे नही है की आपको पता नही है तो वो कुछ करती नही होंगी. सब कोई करता है. सब के राज़ होते है. अब मैं कहानी पे आता हू.
तो आयुष ने सुष्मिता को प्रपोज़ कर दिया था, और सुष्मिता ने प्रपोज़ल आक्सेप्ट भी कर ली थी. अगले दिन फिरसे आयुष के दोस्त कार लाते है, और दीदी कोचैंग बोल के घर से निकलती है. लेकिन आयेज जेया करके कार में बैठ के आयुष के दोस्तों के साथ निकल जाती है. आयेज जेया करके आयुष भी बैठ जाता है, जो अब दीदी का ब्फ बन चुका था.
आयुष का एक दोस्त कार ड्राइव करता है. दूसरा दोस्त आयेज वाली सीट पे. दीदी पीछे वाली सीट पे बीच में बैठ जाती है. उसकी एक तरफ आयुष और दूसरी तरफ आयुष का दोस्त होते है. कुछ डोर आयेज जाने के बाद आयुष सुष्मिता दीदी को किस करना चालू करता है कार में ही. दोनो जाम करके फ्रेंच किस्सिंग करते है.
फिर आयुष दीदी को उसके बगल में जो आयुष का दोस्त बैठा होता है, उसके उपर ही लिटा देता है. जब दीदी आयुष के दोस्त जो दीदी के बगल में बैठा था, उसके उपर लेट जाती है. तो आयुष दीदी के उपर चढ़ जाता है, और किस करने लगता है. कार भी एक सुनसान सा जगह पे लगा करके उसके दोस्त फोटो और वीडियो बनाने लगते है.
अब आयुष की पोज़िशन ये थी की दीदी आयुष के दोस्त की गोदी पे लेती थी, और आयुष दीदी के उपर चढ़ के किस कर रहा था. वो एक हाथ से दीदी की बूब्स दबा रहा था, तो दूसरे हाथ से सलवार के उपर से ही दीदी की छूट मसल रहा था.
दीदी पूरा गरम हो जाती है, और आयुष किस से ज़्यादा बूब्स और छूट को मसालने पे ध्यान दे रहा था. इससे दीदी बहुत ज़्यादा गरम हो जाती है.
फिर आयुष दीदी की सलवार को निकाल देता है, और ब्रा में ही दीदी को अपने दोस्त के गोदी में लेटने को बोलता है. फिर वो दीदी के बूब्स दबाता है, और दीदी के बूब्स के साथ खेलता है. उसके बाद जो दीदी की बगल में लड़का बैठा था, वो कार से उतार जाता है. फिर आयुष दीदी को आचे से कार की पिछली सीट पे लिटा देता है, और अपनी जीन्स का बटन खोल के निकाल देता है.
अब आयुष अंडरवेर पहने हुए ही दीदी के उपर लेट जाता है, और किस करने लगता है.
आयुष अपने लंड से सलवार के उपर से ही दीदी की छूट को रगड़ता है, और ब्रा को नीचे करके कभी चूची को पीटा है, कभी किस करता है, और कभी अपने लंड से छूट को रगड़ते रहता है.
ये सब कुछ काफ़ी देर तक चलता है, और आयुष अपने लंड को उसकी गरम छूट पे रगड़ने से झड़ने वाला होता है. साथ ही साथ दीदी भी अपनी छूट की लगातार रग़ाद से पानी छ्चोढ़ चुकी थी. तभी आयुष ने अपना अंडरवेर नीचे करके दीदी की सलवार के उपर ही अपना पानी छ्चोढ़ दिया. फिर थोड़ी देर वैसे ही लेट कर उसके बाद उठ जाता है.
दीदी भी अपनी पनटी ठीक करके सलवार पहन लेती है, और आयुष भी अपनी जीन्स ठीक कर लेता है. फिर दोबारा से सभी कार में बैठ के घूमने चले जाते है. अब कार में सभी के बैठने के बाद आयुष बोलता है-
आयुष: कैसा रहा सुष्मिता आज? क्या तुम्हारा ये पहली बार था?
दीदी: हा, आज ये मेरा पहली बार था. जब किसी लड़के ने अपने हाथ से मेरे बूब्स और छूट को मसला हो.
दोस्तों ये एक रियल कहानी है, और इसको एक कहानी के रूप में ढाला गया है. ताकि हम सब अपनी बात को आपके पास तक पहुँचा सके. आयेज की कहानी पे आने से पहले ये बता डू, की ये कहानी मैं इसलिए नही लिख रहा ताकि आप एक चुदाई वाली कहानी पढ़ करके खुस हो जाओ, और अपने आप को मज़े दो.
मेरा ये रियल कहानी लिखने के पीछे का मकसद ये बताना है, की आज नज़रिया बदल गया है. हम अब ये नही कह सकते की ये मेरी बेहन है, या ये मेरी मा है, तो ये एक-दूं सती-सावित्री और संस्कारी ही होंगी.
आज सब के राज़ होते है. बस किसी का राज़ हमे पता चल जाता है, तो हम सब उसपे बातें कर लेते है. अधिकतर हमारी मा बहनो का राज़ एक राज़ ही बन करके रह जाता है, की वो अपनी ज़िंदगी में क्या-क्या किए है.
लेकिन कभी भी ये मत भूलना की यहा पे कोई भी सती-सावित्री या धार्मिक नही है. अगर ज़िंदगी में आपको भी कभी मेरे जैसी सिचुयेशन से गुज़रना पड़ता है तो घबराना मत. अपने आप को लकी समझना की आपकी मा बेहन के राज़ बस आपको पता चले. वरना ऐसे नही है की आपको पता नही है तो वो कुछ करती नही होंगी. सब कोई करता है. सब के राज़ होते है. अब मैं कहानी पे आता हू.
तो आयुष ने सुष्मिता को प्रपोज़ कर दिया था, और सुष्मिता ने प्रपोज़ल आक्सेप्ट भी कर ली थी. अगले दिन फिरसे आयुष के दोस्त कार लाते है, और दीदी कोचैंग बोल के घर से निकलती है. लेकिन आयेज जेया करके कार में बैठ के आयुष के दोस्तों के साथ निकल जाती है. आयेज जेया करके आयुष भी बैठ जाता है, जो अब दीदी का ब्फ बन चुका था.
आयुष का एक दोस्त कार ड्राइव करता है. दूसरा दोस्त आयेज वाली सीट पे. दीदी पीछे वाली सीट पे बीच में बैठ जाती है. उसकी एक तरफ आयुष और दूसरी तरफ आयुष का दोस्त होते है. कुछ डोर आयेज जाने के बाद आयुष सुष्मिता दीदी को किस करना चालू करता है कार में ही. दोनो जाम करके फ्रेंच किस्सिंग करते है.
फिर आयुष दीदी को उसके बगल में जो आयुष का दोस्त बैठा होता है, उसके उपर ही लिटा देता है. जब दीदी आयुष के दोस्त जो दीदी के बगल में बैठा था, उसके उपर लेट जाती है. तो आयुष दीदी के उपर चढ़ जाता है, और किस करने लगता है. कार भी एक सुनसान सा जगह पे लगा करके उसके दोस्त फोटो और वीडियो बनाने लगते है.
अब आयुष की पोज़िशन ये थी की दीदी आयुष के दोस्त की गोदी पे लेती थी, और आयुष दीदी के उपर चढ़ के किस कर रहा था. वो एक हाथ से दीदी की बूब्स दबा रहा था, तो दूसरे हाथ से सलवार के उपर से ही दीदी की छूट मसल रहा था.
दीदी पूरा गरम हो जाती है, और आयुष किस से ज़्यादा बूब्स और छूट को मसालने पे ध्यान दे रहा था. इससे दीदी बहुत ज़्यादा गरम हो जाती है.
फिर आयुष दीदी की सलवार को निकाल देता है, और ब्रा में ही दीदी को अपने दोस्त के गोदी में लेटने को बोलता है. फिर वो दीदी के बूब्स दबाता है, और दीदी के बूब्स के साथ खेलता है. उसके बाद जो दीदी की बगल में लड़का बैठा था, वो कार से उतार जाता है. फिर आयुष दीदी को आचे से कार की पिछली सीट पे लिटा देता है, और अपनी जीन्स का बटन खोल के निकाल देता है.
अब आयुष अंडरवेर पहने हुए ही दीदी के उपर लेट जाता है, और किस करने लगता है.
आयुष अपने लंड से सलवार के उपर से ही दीदी की छूट को रगड़ता है, और ब्रा को नीचे करके कभी चूची को पीटा है, कभी किस करता है, और कभी अपने लंड से छूट को रगड़ते रहता है.
ये सब कुछ काफ़ी देर तक चलता है, और आयुष अपने लंड को उसकी गरम छूट पे रगड़ने से झड़ने वाला होता है. साथ ही साथ दीदी भी अपनी छूट की लगातार रग़ाद से पानी छ्चोढ़ चुकी थी. तभी आयुष ने अपना अंडरवेर नीचे करके दीदी की सलवार के उपर ही अपना पानी छ्चोढ़ दिया. फिर थोड़ी देर वैसे ही लेट कर उसके बाद उठ जाता है.
दीदी भी अपनी पनटी ठीक करके सलवार पहन लेती है, और आयुष भी अपनी जीन्स ठीक कर लेता है. फिर दोबारा से सभी कार में बैठ के घूमने चले जाते है. अब कार में सभी के बैठने के बाद आयुष बोलता है-
आयुष: कैसा रहा सुष्मिता आज? क्या तुम्हारा ये पहली बार था?
दीदी: हा, आज ये मेरा पहली बार था. जब किसी लड़के ने अपने हाथ से मेरे बूब्स और छूट को मसला हो.