विधवा को दिया फिर से सेक्स का सुख

अपनी एक सच्ची घटना पेश करने जा रहा हु. जोकि मेरी दीदी की जेठानी, जो कि एक विडो है उसके साथ हुई. तो दोस्तों, बात उस वक्त की है, जब मैं १२थ में था. मेरी दादी की डेथ हो गयी थी, तो मैं घर आया हुआ था. घर में बहुत ही सेड सा माहौल था. कुछ रितुँल्स थे जो कि माँ और पापा को मना रहे थे और मुझे मनाने से मना कर दिया. क्युकि वो घर में सबके लिए मुश्किल वक्त होता है.

मम्मी और पापा अलग पका के खाते थे विथआउट अनियन एंड गार्लिक. मेरे खाने का इंतजाम कर देने के लिए दीदी की जेठानी को गाँव से बुला लिया था. अरे, बातों-बातो में मैं तो उनका फिगर बताना ही भूल गया. उनका नाम अंजू है (नाम चेंज्ड) बड़ी सेक्सी फिगर है उनका. ३४-३०-३२, जोकि मुझे बाद में पता चला. हलाकि की वो हमेशा साड़ी पहनी रहती थी, पर यारो बड़ी कट्टो पीस थी. जो भी देख ले, उसका लंड खड़ा हो जाये.

मैं उन्हें दीदी कहके ही पुकारता था. सो अब स्टोरी पर आता हु. मेरी उनके साथ बहुत पटती थी और हम दोनों हमेशा ही आपस में मजाक करते थे. जब भी मैं गाँव जाता था. तो वो मुझसे मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे में पूछती थी और मैं उनको मनगडथ कहानी सुना देता था. मेरी कोई गर्ल फ्रेंड तो थी नहीं. फिर भी उनको मेरी कहानी सुनने में मज़ा आता था. एक दिन तो उन्होंने मेरे गाल पर किस कर दिया. मैं शॉक रह गया था. फिर उन्होंने हंसी में बात को टाल दिया. तब से मुझे उनपर शक होने लगा, कि साली रंडी के दिमाग में कुछ चल रहा है.

पर मैं उस वक्त कुछ नहीं कर सकता था. बस समय की प्रतीक्षा में था, जोकी मुझे अब मिलने वाला था. जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. तो मुझे घर आये ११ दिन के ऊपर हो चुके थे. इस बीच मैंने खूब छेड़ा उन्हें. इधर-उधर हाथ मारता, वो कुछ भी नहीं बोलती थी, उल्टा मुझे चिड़ा देती थी. १२ दिन के बाद, दादी जी का सब क्रियाकर्म ख़तम हुआ और फिर आई वाज अलाउड तो स्लीप ओं बेड, अब तक मैं नीचे जमीन पर ही सो रहा था.

हमारे घर में दो बेडरूम और एक गेस्टरूम है. मैं अपने रूम में सोता था और उसी रात को माँ ने अंजू से कहा की वो मेरे कमरे में सो जाए. बारिश का मौसम था, थोड़ी ठण्ड भी थी. तो माँ ने एक बड़ा मोटा चादर हमको दे दिया और बोला – रात को अगर ठण्ड लगे. मैं तो बहुत ही एक्साइट था. जिस कारण मेरे लंड महाराज ख़ुशी से फुला और खड़ा था. ऐसी फीलिंग मुझे पहले कभी नहीं हुई थी. सभी दरवाजे बंद करके वो कमरे में आई और मेरे साइड लेट गये.

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वो मेरे साइड में लेटी थी और सोने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मेरे आँखों में नीद नहीं थी. मैं तो बस उनको पेलने की फ़िराक में था. मैं उन्हें जकड़ लिया और मेरी ओर खीच लिया, मानो कामदेव ने कृपा की हो. वो मना करने लगी, कि माँ जाग जायेगी. ये सब ठीक नहीं है, पर ज्यादा फोरस नहीं कर रही थी. मैंने थोड़ा जोर दिया, कि कुछ नहीं होगा, कोई नहीं जानेगा. मैं तो बस तुम्हे पकड़कर सोना चाहता हु. वो मना कर रही थी और मैं उसको पकड़कर सोने की जिद कर रहा था. थोड़ी सी जिद के बाद उसने भी प्रोटेस्ट करना बंद कर दिया.

हाथ के ऊपर हाथ को रखने सोने की एक्टिंग करने लगा. मैंने सोचा, अच्छा मौका है हाथ साफ़ करने का और मैंने अपना हाथ खीच के उसके साड़ी के अन्दर उसके पेट पर रख दिया और कसके जकड़ लिया. वो थोड़ी सी मेरे बदन से चिपक गयी और कहने लगी, कोई जाग जाएगा. माँ उठ जायेगी. तो मैंने थोडा कन्वेंस किया, तो वो मान गयी और मैं अपना हाथ थोडा-थोडा ऊपर लेता गया और फाइनली उसके रसीले आम को मैंने पकड़ लिया. एक अजीब सी करंट मेरे शरीर में दौड़ गयी.

मेरे बदन का रोम-रोम सिहर उठा. शायद फर्स्ट टाइम ऐसा ही होता होगा, ये मैंने मन ही सोच लिया. वो मन करने लगी, पर मैं कहाँ मानने वाला था. मैंने वैसे ही उसके चूची को पकड़ा और थोड़ी देर के बाद एक-एक करके उसकी ब्लाउज के ऊपर के दो हुक खोल दिए. अब मैंने अपना हाथ ब्लाउज के अन्दर घुसा दिया. वह मानो जन्नत की कोई हसीन चीज़ मेरे हाथ लग गयी हो. इसके पहले मैंने बहुत साड़ी ब्लू फिल्म देखी और मुझे पता था, कि इसके आगे क्या करना है. सो मैंने अंजू के दूध को मसलना शुरू कर दिया.

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वो अपनी आँखे बंद किये हुए कुछ बडबडा रही थी. शायद वो मोअनिंग कर रही थी. मैं उस तरफ ध्यान ना देते हुए, बाकि के बचे हुक को भी खोलने लगा. मैंने उसके ब्लाउज को उतार फेंका. वो यार क्या नज़ारा था. आज तक मैंने जो चीज़ ब्लू फिल्म में ही देखी थी वो आज मेरे सामने थी. मैं खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर सका और टूट पड़ा उन प्यारे कप साइज़ दूध के ब्राउन निप्पल पर. वो एकदम इरेक्ट हो चुके थे. अंजू ने मुझे हटाया और मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए.

मैं मान ही मान खुश हुआ, कि चलो आखिर में साली माँ की लौड़ी जो इतने दिनों से मुझे परेशान किये हुई थी, आज मेरे सामने अर्ध नंगी हो के लेटी है. खूब जोर से हमारी किस चल रही थी. मैं उसकी जीभ चूस रहा था और वो मेरी. मैंने उसे नीचे बेड पर गिरा दिया और उसको सर से लेकर पेट तक चूमने लगा. अंजू बस मोअन किये जा रही थी. आहाहाहः हहहहः आआआआआआ ऊऊऊ बस करो विराज आहाहाह..मर जाउंगी .. बस करो . और मैं भी कहाँ रुकने वाला था. एक हाथ से उसके दूध को दबाता रहा. मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि चाटे जा रहा था. मुझे उसकी नाभि चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था, वो मानो मछली की तरह उछल रही थी. फिर मैंने उसके निप्पल को मुह में भरा और जोर से चूसने लगा.

अंजू – खा जा इसे. चबा डाल. बहुत हैरान किये हुए है और तेरे लिए ही बचाकर रखे है. सक इट हार्डर. मोर हार्डर हहहहः ऊऊऊऊऊ म्मम्मम्मम एस बेबी. सक इट.. अहहः हहहः एस मोर मोर एस एस डार्लिंग . एस ..ऊऊऊ . ऊऊऊओ उसकी आवाज़े तेज होने लगी थी. अब मुझे डर लगने लगा था, कि ये आवाज़े माँ ना सुन ले. इसलिए, मैंने उसके मुह में एक कपड़ा ठूस दिया और उसके मुह को बंद कर दिया. लेकिन मैंने अपने काम को जारी रखा और उसके चूचो को चूस-चूसकर लाल कर दिया और अपने दांत भी गडा दिए. उसके चूचो पर मेरे दांत के निशान आ गये.

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