मैंने इसे पहले एक ही स्टोरी आप तक पहुँचाया है. यह मेरी फ़्रेंड नीना की स्टोरी है. उसी की ज़बानी सुने. ई आम मनीष 23,में बठिंडा, हमारे मकान में कोई ना कोई किरायेदार रहा करता था. इस बार मकान के ऊपरी पार्ट को अंकल ने एक साउथ इंडियन को दिया था. वो रेलवे मैं गार्ड था. आंटी और अंकल को उससे बहुत सहानुभूति थी क्योंकि उसकी बीवी की डेत हो चुकी और उसने बच्चों की वजह से दूसरी शादी नहीं की थी. उसकी केवल दो लड़कियाँ थी. बड़ी लड़की 19 एअर की सरिता थी और छोटी लड़की 18 एअर की नीना थी. नीना मेरी उमर की इसलिए मेरी उससे फ्रेंडशिप हो गयी थी और नीना की तरह सरिता को में भी दीदी कहती थी. दोनों बहाने खूबसूरत थी पर रंग काला था. जब उनके अंकल बाहर ड्यूटी पर होते तू दोनों नीचे ही रहती पर जब अंकल आ जाते तू दोनों नीचे झाँक थी भी ना थी. 3 मंत्स हो चुके थे, मैं और नीना एक ही क्लास मैं थी. हम दोनों साथ ही कॉलेज आते जाते थे. नीना मुझसे ज्यादा जवान लगती थी. उसकी चूचियाँ भी मुझसे बड़ी थी. कॉलेज में जब लड़के हमें चोदते थे तू मैं शर्मा जाती थी वही नीना चंचल हो जाती थी और इठलाने लगती थी. नीना मुझे चालक नज़र आती थी, वो बनती संवरती भी खूब थी. इस बेच उसके अंकल आए तू दोनों का दिखना मुहाल हो गया. नीना मुझसे इंग्लिश की बुक ले गयी थी, मैं उसे लेने के लिए ऊपर गयी. उनके कमरे की एक खिड़की खुली थी जो रास्ते मैं थी. मेरी नज़र उससे अंदर चली गयी तू अंदर का नज़ारा देखकर दंग रही गयी, कलेजा ढक-ढक करने लगा. पूरी बॉडी मैं करेंट बहने लगा. ऐसा सीन देखकर मुझे वापस हो जाना चाहिए था पर मेरे पैर वही जम गये. दोबारा अंदर देखा तू तीनों को बिना कपड़े के देखकर सनसना गयी. बाप भी नंगा था और दोनों बेतिया भी नंगी थी. दोनों नंगी होकर बाप के अगल-बगल बैठकर अपनी एक एक चुचियों को दबवा रही थी. दोनों को सगे बाप से चुचियों को दबवाते देखकर मुझे अजीब तू लगा पर मजा भी आया.
फिलहाल किसी को भी मेरे आने का पता नहीं चला था. सगे बाप के साथ दोनों बहनों को गंदी हरकतें करते देखकर मुझे अजीब सा मजा आया और मेरी चुत मैं सनसनाहट होने लगी. मैं वापस आई पर दोनों को नंगी चुचियों को दबवाते देखने मैं मजा आया था इसलिए फिर विंडो पर जा अंदर देखा तू और मजा आया. रूम मैं छोटी वाली नीना बैठकर अपनी बड़ी बहन की जवान काली चुत पर अपनी जीभ चला रही थी और बड़ी वाली सरिता अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को हाथ से उचकाय थी जिसे उसका बाप अपने मुँह से चूस रहा था. नीना बारे प्यार से अपनी दीदी की चुत को ऐसे चाट रही थी जैसे कुत्ता कुतिया की चाटता है. सरिता और नीना की मस्ती देखकर मेरा मन भी बेकरार हो गया. मेरी चुत मैं चींटियां रेंगने लगी. 15 साल की हो चुकी थी, भले कभी चुदवाया नहीं था पर चुदाई के बारे मैं जानती थी. जब वो चूची चूसता तू सरिता तड़प कर कहती, “हें अंकल ! अब मेरी शादी कर दीजिए. हें अंकल आप चोद नहीं पाते तू किसी जवान लड़के से हमको चुदाया दीजिए. अब उंगली से मजा नहीं आता.” “क्या बताए बेटी मेरा लंड अब खड़ा नहीं होता वरना हम तुमको खूब चोदते” और एक निप्पल को अपने लिप्स मैं ले चुभलने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चुत फैलाकर नीना को चटवाने लगा. इस मजे को पा वो और भी बेचैन होकर बोली, “हें अंकल मर जाऊंगी. आप आग लगा देते हैं.” “घबरा नहीं बेटी! आज रात किसी ना किसी को जरूर लाएँगे, आज रात किसी से तुम दोनों को चुडवाएँगे.” और उसके बाद उसने अपनी जवान लड़की की चुत मैं अपना अंगूठा कचक से घुसेड़ दिया.
20-25 बार बड़ी लड़की की चुत को उसने फिंगर फक किया तू वो एकदम से मस्त होकर बोली, “हें पापा!” उसने अपने अंगूठे (थंब) को सक्क से बाहर किया तू सरिता झुक कर अपनी चुत देखती बोली, “निकाला पापा.” छोटी वाली नीना जु मेरी सहेली थी, जल्दी से खड़ी हुई और अपनी काली राणो के बीच की काली चुत पर हाथ रखकर बोली, “अब हमको मजा दीजिए पापा.”
सरिता वहां से हथकार नंगी ही बेड पर लाइट गयी. अब बाप के सामने मस्त होकर नंगी खड़ी छोटी वाली नीना की चुत और चूचियाँ हमको साफ दिख रही थी. अंगूठे से जवान चुत को कच कच चुदवाने के बाद सरिता तू झड़कर बेड पर लाइट गयी थी पर छोटी वाली मैं अभी भरपूर मस्ती थी. यह सब देखने और सुनाने से मेरे बदन मैं भी हलचल मच गयी थी. मेरी चुत के होंठ भी फरफारने लगे थे. तभी नीना की हरकत ने और तड़पा दिया. वो अपनी चुत को अपने हाथ से फैलाकर बोली, “चाटो पापा! बड़ा मजा आता है. हमको भी दीदी की तरह चुड़वकर मजा दो पापा.” अपनी छोटी लड़की की बात पर वो अपने मुँह को उसकी राणो के बीच ले गया और उसकी चुत को चाट चाट कर उसको मजा देने लगा. नीना अपने होठों को भेचकर चुत की फाँक को ठीक से फैलाकर चुत को बाप की जीभ पर रगड़कर कह रही थी, “हें अंकल बहुत मजा आ रहा है. और च्चतो पापा. दीदी से चटवाने मैं इतना मजा नहीं आता जितना आप से. ओह अंकल मैं भी दीदी के साथ रात मैं लड़के से चुदवाएगी.” इस पर वो नीना की 15 साल की गद्राई काली चुत को तेजी से चाटने लगा. वो जिस मस्ती से चटवा रही थी उससे मेरे पूरे बदन मैं आग लग गयी. मुझे यकीन हो गया था की नीना को अपने बाप के साथ बहुत मजा आ रहा है.
पहले जहां उनको नंगा देखकर आश्चर्य हुआ था वही अब मेरा मन भी इस मजे के लिए बेहाल हो गया था. मेरी सांसें भारी हो गयी थी और चूचियाँ हार्ड हो गयी थी. उसके बाप का झाँटो से भरा लंड हमें साफ दिख रहा था. वो अभी लूस था. समझ गयी की वो चोदने लायक नहीं है इसीलिए रात मैं किसी को लाकर अपनी लड़कियों को चुदवाने को कह रहा है. अब तू मेरा मन भी उनके साथ शामिल होने को कर रहा था. तभी नीना अपनी चुत से बाप का मुँह अलगकर बोली, “ अंकल मेरी भी दीदी की तरह उंगली से चोदते हुए थोड़ी चूचियाँ पीजिए.” “हाँ बेटी उंगली से चुड़वकर अपना छेद फैलवालो जिससे जो लड़का तुम्हारी दीदी को चोदे वो तुमको भी तेल लगाकर चोद ले. अपनी चुत देखो कैसे मस्त है.” “हाँ पापा.” वो छाती गयी चुत देखते बोली. एक अजीब सा नशा हमको बेहोश किए जा रहा था. तभी वो बेड पर नंगी लेती अपनी बड़ी लड़की की चुचियों को पकड़कर बोला, “उठो बेटी तुम ज़रा नीना की चूचियाँ चूसो तू मैं इसकी उंगली से चोद दम.” वो मुस्कान के साथ बेड से उठी और एक अंगड़ाई लेकर बोली,” अंकल आज किसी को बुलाकर हमलोगो को मजा दिलवाएं. आप तू रोज़ ही कहते हैं.” “जरूर लाएँगे बेटी.”