ट्रैन में घपाघप

मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और लन्ड को चूत के अंदर प्रवेश देने लगा. वैसे तो वो पूरी चुदी हुई लड़की थी, पर 3 महीने से न चुदने के कारण उसकी चूत टाइट हो गयी थी.

और मेरा लन्ड जैसे ही उसकी कसी चूत के अंदर गया, वो चिल्ला उठी- आराम से करो … अभी ताजी चूत है, ठीक से चुदी भी नहीं है.
मैंने पूछा- क्यों, सुहागरात नहीं मनाई क्या?
तो वो बोली- उनका ठीक से खड़ा नहीं होता तो बड़ी मुश्किल से अंदर जाता है. और 5-7 झटके में लटक जाते हैं. सास बच्चे की जिद में लगी है, अब उनको कैसे समझाऊं? अगर आज तुम ठीक से करे तो शायद मेरी जिंदगी संवर जाएगी।

अब मेरी विचार धारा बिल्कुल बदल गयी थी, 12:30 बज रहे थे और मुझे कम से कम 3 गेम करना था।

मैंने लन्ड को थोड़ा गीला किया औऱ आराम से डालने लगा. लंड जैसे ही आधा गया तो भाभी की चूत से खून आने लगा तो वो बोली- सही मायनों में आज मेरी चुदाई हुई है.

फिर मैंने पूरी ताकत से दूसरा झटका मारा और लन्ड अंदर तक चला गया. उसकी सांसें गहरी होकर गले में अटक गई थी और मुझे जोर से पकड़ कर नाखून गड़ा दिए थे।
मैं उसके ऊपर चढ़े चढ़े उसको सहला रहा था.

10 मिनट बाद जब वो नार्मल हुई तो मैंने चुदाई चालू की और 15 मिनट बाद पूरा माल भाभी की चूत में डाल कर उसके ऊपर लेट गया।

फिर वो मुझे हटने के लिए बोली.

उसने बताया- आज से पहले मुझे चुदने का सही मज़ा नहीं पता था. आज चुदाई का सही मतलब जाना है मैंने!
यह बोलते हुए वो फिर मेरा लन्ड चाटने लगी और खड़ा करने लगी।
पूर्णिमा बोली- आज रात भर मेरी चुदाई करो।

थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया तो मैंने फिर उसे घोड़ी बनाया और पीछे से भाभी की चूत में डाल कर उसकी चुदाई करने लगा. बीचबीच में उसके गांड में थप्पड़ मार कर उसकी चीख सुनने का मज़ा आता था. औऱ मैं उसकी गांड में उंगली कर के उसको ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.

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जब मैं थक जाता तो वो गांड हिलाती और वो थकती तो मैं अपनी कमर हिला रहा था.

करीब 20 मिनट बाद मेरा निकलने को हुआ तो मैं पूरा माल उसकी चूत में भर कर बर्थ में उसके ऊपर लेट गया।

उस रात हम लोगों ने 2 बार और चुदाई की और हर बार मैं उसकी चूत भरता रहा।

सुबह करीब 7 बजे रायपुर आने वाला था, हम दोनों कपड़े पहन कर सलीके से हुए, फिर दोनों ने मोबाइल नम्बर बदली किए और एक दूसरे को गले लगा कर बैठ गए.

उसकी निगाहें मुझे जाने के लिए मना कर रही थी, पर बिछड़ना तो पड़ता ही है।
मैं रायपुर में उतर गया.

डेढ़ महीने बाद उसने मुझे खुशखबरी दी कि वो माँ बनने वाली है.
और उसने मुझे बहुत बार धन्यवाद बोला।

उसके बच्चा होने के बाद कुछ महीनों तक बात चलती रही फिर अचानक से उसके मैसेज और फ़ोन आने बंद हो गए, शायद मोबाइल गुम गया हो या जो भी रहा हो, आज भी वो मेरे दिल में बसी है।

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