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50 rupaye me kharida maa ka mms-4

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This story is part of the 50 rupaye me kharida maa ka mms series


हां भाई मुझे पता है कि तुम सभी बड़े दिनों से अगले पार्ट का बड़े ही बेशब्री से इंतज़ार कर रहे हो पर क्या ही बताऊं की कहा व्यस्त था इतने चूतिये-२ दिक्कतें है कि यहाँ पर सांझा भी नही कर सकता, खैर ये तो चलता ही रहेगा अब कहानी पे आते है,

अब तक आपने जाना कि कैसे एक अनजान ऑटो ड्राइवर ने मेरी मां को बुरी तरह चोद के उसके बदन को तोड़ दिया है, जिस वजह से वह थक कर सो गई है, और मै वही बाहर से सब देख रहा था, फिर मैंने उसे नहीं बताया कि मै इसी औरत का बेटा हूं और मैंने उससे उस चुदाई का वीडियो भी ५० रुपए में खरीदा था फिर उससे बात करने पे पता चला की वो एक ऑटोवाला है और उसका नाम लाखन है फिर उसने माँ के पानी मे नशे की दवा मिला के माँ की जमकर गांड फाड़ी।

अब आगे -
जब मै बाहर पहुँचा तब लाखन वहीं बेंच पे बैठ कर मेरा इंतज़ार कर रहा था,

लाखन - मज़ा आया कि नही?

केशव - हां मज़ा तो आया है, पर अब आगे क्या प्लान है?

लाखन - यार ये १० बजे वाली ट्रेन तो लेट हो गयी हैं अब तो शारिरिक सुख भी दम से मिल गया है तो घर जाऊंगा और रास्ते मे अपने दोस्त को ये वीडियो दे दूंगा और अपना कट लेकर सीधा घर, और तुम?

केशव - यार अभी जो बाद के दोनों वीडियो है वो भी देदो फिर घर के लिए मैं भी निकलूंगा और क्या!

लाखन - शायद वो अभी भी अंदर नशे मे होगी तु भी पेल आ कुछ पता नहीं चलेगा, ही ही ही।

केशव - अरे उसकी जरूरत नही है तुम बस मुझे वो दोनों वीडियो देदो।

लाखन - वो तेरी मर्ज़ी, चल ब्लूटूथ चालू कर।

फिर मुझे वीडियो देने के बाद लाखन वहाँ से निकल गया, फिर मैंने सोचा एक बार निकलने से पहले माँ को देख लेता हूँ कहीं ऐसा न हो जाए कि मैं यहाँ से निकल जाऊ और फिर कोई वहाँ घुस कर माँ को पेलने लग जाए।

वैसे भी वो अभी भी नशे मे ही है ऐसा लाखन बोल रहा था, तो जब मैं वहाँ माँ को देखने पहुँचा तो वो अभी भी औन्धी ही पड़ी थी और उसके गांड से हल्के-२ लाल पानी रिस रहा था।

मैंने पास जाके देखा तो वो अभी भी उठने की हालत में नही थी और जिस तरह का उनका सुंदर जिस्म हैं मुझे तो ऐसा लगा कि लाखन कहीं सही तो नहीं बोल रहा था कि मुझे भी माँ के नशे में होने का मौका नहीं छोड़ना चाहिए और उन्हे पेल ही देना चाहिए। पर दिमाग़ में कुछ याद आ गया जिसे याद करते ही मेरी गांड फट गयी।

खैर वो बाद में बताऊँगा फिलहाल तो मैंने सोचा कि इनको अभी तो मैं ऐसे यहाँ छोड़ के बिलकुल भी नही जा सकता तो मैंने सोचा थोड़ा सा पानी लेके इनके मुँह पे खिड़की से मार दूँगा तो इनको पता भी नहीं चलेगा कि किसने मारा है? तो मैं झट से वहीं पास के चाय की दुकान पे पहुँचा और उससे पानी की एक बॉटल माँगी।

चायवाला - ट्रेन का इंतेज़ार कर रहे हो?

केशव - हाँ।

चायवाला - कहीं जा रहे हो या किसी को लेने आये हो?

केशव - जी लेने आया हूँ।

चायवाला - उस लाखन को कैसे जानते हो?

केशव - अरे नहीं वो तो बस अभी इधर ही मिला था, कुछ गड़बड़ है क्या?

चायवाला - उससे बच के रहना सही बंदा नहीं हैं।

केशव - क्यों? क्या हुआ?

चायवाला - बहुत ही गलत बंदा हैं वो, ड्रग्स, गांजा, रंडियों वाले धंधे हैं ऑटो तो बस नाम के लिए हैं।

केशव - अच्छा!!

चायवाला - खैर अपने को इन सब से कुछ लेना देना नहीं हैं पर मैंने तुझे उससे बात करते देखा तो सोचा की कहीं कुछ लफड़ा तो नहीं।

केशव - अरे नहीं-२ अपना कोई चक्कर नहीं हैं।

चायवाला - अरे मैंने तो ये भी सुन रखा हैं कि शादीशुदा औरतों को पटा के जोरदार चुदाई करता हैं और उनकी वीडियो भी बनाता हैं।

केशव - सच में?

चायवाला - अरे हाँ और तो और उनको ब्लैकमेल करके उनको बार-२ चोदता हैं और।

केशव - और?

चायवाला - उनसे धंधा भी करवाता हैं, घोर कलयुग हैं बेटा घोर कलयुग।

केशव - मतलब रंडी?

चायवाला - हाँ वैसा ही कुछ।

केशव - ठीक से बताइये न?

चायवाला - अरे मतलब इन औरतो को जबरदस्ती कहीं भी बुलाके बहुत ही गंदी वाली चुदाई करता हैं और उसका वीडियो भी बनाता हैं, अब तुम जो चाहे समझो।

मैंने पानी की बॉटल ली उन्हे पैसे दिये और फिर यही सोचते हुए की पता नहीं अब क्या ही करेगा वो मादरचोद, फिर भी मेरा ये अंदाज था कि उसने माँ का मोबाइल नंबर नहीं लिया होगा, और फिर मैं माँ के पास पहुँचा और बॉटल से पानी उनके उपर फेंक के वहीं पास में छुप कर इंतज़ार करने लगा की माँ कब बाहर निकलेगी क्योंकि पानी इतना ठंडा तो था ही की माँ की बेहोशी टूट जाए।

थोड़ी ही देर में मां को होश आ गया और वो अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गई पर उनकी चाल और हुलिया देख कर कोई भी बता देगा की कितनी बुरी तरह से चुदा कर आई हैं, फिर वो स्टेशन से बाहर निकल कर एक ऑटो में बैठ कर निकल गई और मैने सोचा कि देखता हूं ये किधर जा रही हैं क्योंकि घर तो शायद ना ही जाए। फिर जब मैंने उस ऑटो का पीछा किया तो पता चला कि ये तो उनकी एक दोस्त के घर जा रही हैं जो की इस तरफ अकेली रहती हैं क्योंकि उनके पति की मौत हो चुकी हैं हार्ट अटैक से।

मां की इस दोस्त का नाम ममता नायक है लगभग मां की ही उम्र और उनके जैसा ही शारीरिक बनावट बस इनका रंग हल्का सा सावला है पर यह भी सुंदरता में किसी से कम नहीं ३६D-३०-३८ के लगभग उनका सुडोल सुगठित शरीर किसी को भी अपनी और आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है।

मां ने डोरबेल बजाई और २ मिनट बाद ममता ने गेट खोला और मां को देख कर चौक गई, फिर उसने ऊपर से नीचे तक मां को देखा और पूछा

ममता - कहां से आ रही हैं? और अपनी ये क्या हालत बना रखी है?

दीपिका - अभी कुछ भी मत पूछ बस इतना बता क्या मैं कुछ दिन तेरे यह रुक सकती हूं क्या?

ममता - अरे बिलकुल रुक सकती हैं इसमें पूछने की क्या बात है!

दीपिका - ठीक है तो मैं कुछ दिन तेरे यहां रुकूंगी पर please किसी को भी मत बताना की मैं यहां हूं केशव के पापा को भी नही।

ममता - अरे हां भाई किसी को कुछ नही बताऊंगी पर तू अंदर तो आजा।

दीपिका - हां रुक अपना बैग तो साथ में ले लू।

फिर मां और उनकी सहेली दोनो अंदर चली गई और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और मैं वहां से सीधे घर के लिए निकल गया। घर पहुंचा तो वहां ताला लगा हुआ था। मतलब पापा भी आज घर नही आए थे। तो मैं सीधे अपने कमरे में गया और सो गया।

अगली सुबह जब मैं जगा तो देखा सुबह के ९:०० बज रहे थे जल्दी से उठा और फ्रेश होके मैगी नूडल्स बनाके खाया और सोचने लगा की यार मेरे अच्छे भले घर को ये क्या हो गया और तो और मां ने us ऑटोवाले से इतनी बुरी तरह चुदवा लिया गुस्से में आ कर और फिर भी घर नही आई।

कहानी अब तक कैसी लग रही है मुझे मेरे email ID (1993mrdamned@Gmail) पर मेल कर के जरूर बताना, आप लोगो का प्यार मिलेगा तो आगे के पार्ट भी जरूर लिखूंगा।
 
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