दोस्तों आज मैं अपनी पहली कहानी लिखने जेया रहा हू. जो मुझे विश्वास है की आपको पसंद आएगी. मैं देसी कहानी में अक्सर कहानियाँ पढ़ता रहता हू. और मुझे बहुत अछा भी लगता है. लेकिन फिर मेरे दिमाग़ में आइडिया आया की मेरे साथ भी जो घटना घाटी है, उसके बारे में देसी कहानी पे लिखू.
ये एक रियल कहानी है. तो विश्वास है की आपको पसंद आएगी. ये कहानी मेरी दीदी के बारे में है. अब देर ना करते हुए मैं कहानी पे आता हू. मेरी फॅमिली में 9 लोग है. मम्मी-पापा, मेरी 4 बहने है. मेरा एक बड़ा भाई भी है, और एक भाभी, और मैं.
मेरी 2 बहनो की शादी हो गयी है. और मेरे बड़े भाई की भी शादी हो चुकी है. लेकिन ये कहानी मैं अपनी 3र्ड बेहन के बारे में लिख रहा हू. जिसका नामे सुष्मिता है.
सुष्मिता देखने में बहुत ही हॉट आंड सेक्सी है. मेरी फॅमिली में भी सबसे गोरी सुष्मिता ही है. उसके शरीर की बनावट भी खूबसूरत है. ये कहानी आज से 4 साल पहले की है. तब मैं घर से बाहर रह करके पढ़ाई करता था.
इस पार्ट में चुदाई की बातें ज़्यादा नही है, क्यूंकी मुझे लगता है की कहानी अपने लेवेल से चले तो पढ़ने में और मज़ा आता है. इसलिए मैं शुरू से बतौँगा, और धीरे-धीरे क्लाइमॅक्स तक जाएगी कहानी.
मेरा एक दोस्त जिसका नामे गोविंदा है, वो मेरे घर पे अक्सर आता था, और उसने सुष्मिता को पहले भी काई बार देखा था. एक दिन गोविंदा का मुझे कॉल आता है.
गोविंदा: हेलो राहुल भाई, कैसे हो?
मे: ठीक हू, तुम अपना बताओ. और कैसे याद किया?
गोविंदा: मैने तुम्हारी बेहन को देखा दूसरी सिटी में. मैं काम से गया था तो देखा सुष्मिता किसी के साथ मार्केट में थी.
मैं तो सोचने लगा की सुष्मिता इतनी डोर दूसरी सिटी क्या करने गयी होगी. फिर मैने मम्मी को फोन मिलाया.
मे: मम्मी सुष्मिता आज कहा पे है?
मम्मी: गयी है कोचैंग. अभी घर नही आई है.
मैं आपको बता डू की मेरा घर सिटी से 15 केयेम डोर है, और सुष्मिता का कोचैंग टाउन में था, तो रोज़ बस से आती और जाती थी. सुबा 7 बजे निकल जाती थी सुष्मिता, और शाम के 5 बजे अपनी क्लास करके बस से घर आती थी. कभी-कभी लाते भी हो जाती थी, बस छ्छूट जाने की वजह से.
वैसे ये देसी कहानी है तो थोड़ी बहुत सेक्सी बातें भी होनी चाहिए. और आप बोर ना हो इसलिए बता डू की मैं पहले भी अपनी बेहन को नंगा देखा हू. लेकिन ऐसे ही झटके से. कभी-कभी रूम में सुष्मिता कपड़े चेंज करते समय. या घर में बातरूम नही था नहाने के लिए, तो सुष्मिता आँगन में ही बैठ के नहाती थी, तो काई बार नहाते समय भी देख चुका था.
मैं अंजाने में चला जाता था आँगन में. फिर पता चलता था की दीदी नहा रही थी. अब स्टोरी पे आते है. अब मुझे पता चल गया की सुष्मिता घर पे तो बोल के गयी थी की. जेया रही थी कोचैंग. लेकिन ये दूसरे टाउन क्या करने गयी थी.
मैं कुछ दिन के बाद छुट्टी ले करके घर आया, और सुष्मिता के बारे में जानने की कोशिश में लग गया. लेकिन मुझे सुष्मिता के मोबाइल से ही सब कुछ मिल सकता था.
मैने डिसाइड किया और प्लान बनाया. फिर मैने अपने मोबाइल की रेकॉर्डिंग चालू करके सुष्मिता के रूम में च्छूपा दिया. ऐसी जगह पे, जिससे सुष्मिता अपना मोबाइल चलाए तो उसका पासवर्ड रेकॉर्ड हो जाए.
फिर जब कुछ देर के बाद सुष्मिता मोबाइल चला के सो गयी, तो मैं अपना मोबाइल लाया, और वीडियो देखी तो मुझे सुष्मिता के मोबाइल का पासवर्ड मिल गया. और फिर मैं देरी ना करते हुए अपनी दीदी का मोबाइल ले आया. क्यूंकी दी अभी भी सोई हुई थी.
मैने सबसे पहले अपने दी की व्हातसपप की सारी चाटिंग अपने ए-मैल पे फॉर्वर्ड कर दी. उसके बाद प्राइवेट सेफ में जितनी पिक्स और वीडियोस थी सारी अपने Wहत्साप्प पे सेंड करके डेलीट कर दी. ताकि दी को पता ना चले. फिर मैं अपने रूम में जेया करके पहले चाटिंग पढ़ना चालू किया. मैं हैरान रह गया चाटिंग पढ़ के.
सुष्मिता दीदी की चाटिंग पूरी चुदाई वाली बातों से भारी हुई थी. और उस चाटिंग में एक से एक गालियाँ और चुदाई की बातें थी, की मैं पढ़ के हैरान रह गया. मुझे विश्वास नही हो रहा था की मेरी दी जिसको मैं आज से पहले जानता था, की वो इतनी भोली और शांत स्वाभाव की थी. मुझे लगता था की उसका ब्फ तो छ्चोढो कोई लड़कों में दोस्त भी नही होगा. वो ऐसी-ऐसी चुदाई की बातें कर रही थी.
अब मैं चाटिंग की बातें बतौँगा जो दीदी ने की थी. अब जो भी लिखूंगा ये सारी बातें दीदी के व्हातसपप चाटिंग से पढ़ा हू.
मेरे घर के बगल में चाचा का घर है, जो मेरे पापा के बहुत ही आचे दोस्त है. उनका बेटा आयुष उसी से सुष्मिता का हुआ था.
आयुष: ही, कैसी हो?
दीदी: कों?
आयुष: मैं आयुष, तुम्हारे चाचा का लड़का.
दीदी: हा आयुष बोलो, मेरा नंबर कहा से मिला? और इस समय मेसेज?
रात के 10 बाज रहे थे.
ये एक रियल कहानी है. तो विश्वास है की आपको पसंद आएगी. ये कहानी मेरी दीदी के बारे में है. अब देर ना करते हुए मैं कहानी पे आता हू. मेरी फॅमिली में 9 लोग है. मम्मी-पापा, मेरी 4 बहने है. मेरा एक बड़ा भाई भी है, और एक भाभी, और मैं.
मेरी 2 बहनो की शादी हो गयी है. और मेरे बड़े भाई की भी शादी हो चुकी है. लेकिन ये कहानी मैं अपनी 3र्ड बेहन के बारे में लिख रहा हू. जिसका नामे सुष्मिता है.
सुष्मिता देखने में बहुत ही हॉट आंड सेक्सी है. मेरी फॅमिली में भी सबसे गोरी सुष्मिता ही है. उसके शरीर की बनावट भी खूबसूरत है. ये कहानी आज से 4 साल पहले की है. तब मैं घर से बाहर रह करके पढ़ाई करता था.
इस पार्ट में चुदाई की बातें ज़्यादा नही है, क्यूंकी मुझे लगता है की कहानी अपने लेवेल से चले तो पढ़ने में और मज़ा आता है. इसलिए मैं शुरू से बतौँगा, और धीरे-धीरे क्लाइमॅक्स तक जाएगी कहानी.
मेरा एक दोस्त जिसका नामे गोविंदा है, वो मेरे घर पे अक्सर आता था, और उसने सुष्मिता को पहले भी काई बार देखा था. एक दिन गोविंदा का मुझे कॉल आता है.
गोविंदा: हेलो राहुल भाई, कैसे हो?
मे: ठीक हू, तुम अपना बताओ. और कैसे याद किया?
गोविंदा: मैने तुम्हारी बेहन को देखा दूसरी सिटी में. मैं काम से गया था तो देखा सुष्मिता किसी के साथ मार्केट में थी.
मैं तो सोचने लगा की सुष्मिता इतनी डोर दूसरी सिटी क्या करने गयी होगी. फिर मैने मम्मी को फोन मिलाया.
मे: मम्मी सुष्मिता आज कहा पे है?
मम्मी: गयी है कोचैंग. अभी घर नही आई है.
मैं आपको बता डू की मेरा घर सिटी से 15 केयेम डोर है, और सुष्मिता का कोचैंग टाउन में था, तो रोज़ बस से आती और जाती थी. सुबा 7 बजे निकल जाती थी सुष्मिता, और शाम के 5 बजे अपनी क्लास करके बस से घर आती थी. कभी-कभी लाते भी हो जाती थी, बस छ्छूट जाने की वजह से.
वैसे ये देसी कहानी है तो थोड़ी बहुत सेक्सी बातें भी होनी चाहिए. और आप बोर ना हो इसलिए बता डू की मैं पहले भी अपनी बेहन को नंगा देखा हू. लेकिन ऐसे ही झटके से. कभी-कभी रूम में सुष्मिता कपड़े चेंज करते समय. या घर में बातरूम नही था नहाने के लिए, तो सुष्मिता आँगन में ही बैठ के नहाती थी, तो काई बार नहाते समय भी देख चुका था.
मैं अंजाने में चला जाता था आँगन में. फिर पता चलता था की दीदी नहा रही थी. अब स्टोरी पे आते है. अब मुझे पता चल गया की सुष्मिता घर पे तो बोल के गयी थी की. जेया रही थी कोचैंग. लेकिन ये दूसरे टाउन क्या करने गयी थी.
मैं कुछ दिन के बाद छुट्टी ले करके घर आया, और सुष्मिता के बारे में जानने की कोशिश में लग गया. लेकिन मुझे सुष्मिता के मोबाइल से ही सब कुछ मिल सकता था.
मैने डिसाइड किया और प्लान बनाया. फिर मैने अपने मोबाइल की रेकॉर्डिंग चालू करके सुष्मिता के रूम में च्छूपा दिया. ऐसी जगह पे, जिससे सुष्मिता अपना मोबाइल चलाए तो उसका पासवर्ड रेकॉर्ड हो जाए.
फिर जब कुछ देर के बाद सुष्मिता मोबाइल चला के सो गयी, तो मैं अपना मोबाइल लाया, और वीडियो देखी तो मुझे सुष्मिता के मोबाइल का पासवर्ड मिल गया. और फिर मैं देरी ना करते हुए अपनी दीदी का मोबाइल ले आया. क्यूंकी दी अभी भी सोई हुई थी.
मैने सबसे पहले अपने दी की व्हातसपप की सारी चाटिंग अपने ए-मैल पे फॉर्वर्ड कर दी. उसके बाद प्राइवेट सेफ में जितनी पिक्स और वीडियोस थी सारी अपने Wहत्साप्प पे सेंड करके डेलीट कर दी. ताकि दी को पता ना चले. फिर मैं अपने रूम में जेया करके पहले चाटिंग पढ़ना चालू किया. मैं हैरान रह गया चाटिंग पढ़ के.
सुष्मिता दीदी की चाटिंग पूरी चुदाई वाली बातों से भारी हुई थी. और उस चाटिंग में एक से एक गालियाँ और चुदाई की बातें थी, की मैं पढ़ के हैरान रह गया. मुझे विश्वास नही हो रहा था की मेरी दी जिसको मैं आज से पहले जानता था, की वो इतनी भोली और शांत स्वाभाव की थी. मुझे लगता था की उसका ब्फ तो छ्चोढो कोई लड़कों में दोस्त भी नही होगा. वो ऐसी-ऐसी चुदाई की बातें कर रही थी.
अब मैं चाटिंग की बातें बतौँगा जो दीदी ने की थी. अब जो भी लिखूंगा ये सारी बातें दीदी के व्हातसपप चाटिंग से पढ़ा हू.
मेरे घर के बगल में चाचा का घर है, जो मेरे पापा के बहुत ही आचे दोस्त है. उनका बेटा आयुष उसी से सुष्मिता का हुआ था.
आयुष: ही, कैसी हो?
दीदी: कों?
आयुष: मैं आयुष, तुम्हारे चाचा का लड़का.
दीदी: हा आयुष बोलो, मेरा नंबर कहा से मिला? और इस समय मेसेज?
रात के 10 बाज रहे थे.