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मामा, पापा, भाई के साथ गे सेक्स

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गे ग्रुप फॅमिली कहानी में हमारा परिवार खुले विचारों का है. मैं, मेरे पापा, मेरे मामा और एक अन्य मामा का बेटा साथ बैठे दारू पी रहे थे. सब नशे में धुत्त थे कि सेक्स की बात चल पड़ी.

दोस्तो, मैं रोहण हूँ.
मेरी सेक्स कहानी एक गे ग्रुप फॅमिली कहानी है.
इसमें मैं, पापा, मेरा ममेरा भाई और मैं हूँ.

मेरी ज़िंदगी में इस घटना से पहले मैंने अपनी गांड में बहुत लौड़े लिए थे.

मेरी उम्र अभी चढ़ती जवानी वाली है. मेरा रंग जरा हल्का सांवला सा है. कम उम्र से ही मुझे समझ आ गया था कि मैं गे हूँ.

मुझे लगता था कि मेरे पापा एक बेहद संस्कारी, अपने नियमों में एकदम पक्के और बहुत सख्त मिजाज वाले इंसान हैं.

इस हादसे से पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि संस्कारी लोग भी ऐसी हरकतें करते हैं.

मेरे मामा का घर हमारे घर से केवल 5 मिनट की ही दूरी पर है.
वे लोग हमारे घर अक्सर आते रहते थे.

मेरे छोटे मामा अभी जवान ही हैं और वे मुझसे कुछ ही साल बड़े हैं.
वे बहुत हॉट हैं. उनकी सगाई हो गई है.

मेरा ममेरा भाई मेरे बड़े मामा का लड़का है.
उसकी उम्र मेरे जितनी ही है. उसका रंग एकदम गोरा है.

मेरी मम्मी सरकारी जॉब करती हैं और वे अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली गई थीं.
वे अपने ऑफिस के काम से गई थीं.

यह अभी कुछ दिन पहले की ही बात है.
उसी दरमियान मेरे पापा का बर्थडे था.
उनके बर्थडे पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे.

हालांकि मेरे बड़े मामा भी अपने किसी काम से बाहर गए हुए थे इसलिए मेरे छोटे मामा, बड़े मामा के लड़के को अपने साथ लाए थे.

बर्थडे पार्टी में मैंने पापा को एक सोने की चैन गिफ्ट की थी.

पापा उस दिन बहुत खुश थे और वे अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक करके पूरी तरह टल्ली हो गए थे.
मेरे मामा ड्रिंक नहीं करते थे, पर उस दिन पापा के साथ वे भी पी कर नशे में धुत्त हो गए थे.

अब रात के 12 बज गए थे, सब अपने अपने घर चले गए थे.

मामा और मेरे ममेरे भाई रवींद्र ने सभी के साथ गपशप करने का फ़ैसला किया.
हम सब ग्रुप में बैठे थे.

पापा और मामा पूरे टल्ली थे तो वे दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे.
उनकी बातों में बीवी का विषय बन गया.

बीवी के मुद्दे पर नशे में टल्ली पापा को होश तो था नहीं . और उन्होंने कहना शुरू कर दिया.

पापा- बीवी सबसे चालक होती है, साली की जब चूत गर्म होती है, तो वह पति से मीठी मीठी बातें करती है और मतलब हल हो जाने के बाद मुँह फेर लेती है. इसके अलावा बाकी वक़्त तो बस ऐसे ही बकवास करती ही है.

उनकी बात सुनकर हम दोनों भाई मुँह दबा कर हंसने लगे.

मामा उन्हें उकसाने लगे- मेरी बहन के बारे में कुछ बताओ ना!
पापा- यार, तेरी बहन तो हर वक़्त गर्म ही रहती है. जब भी कहो, साली सेक्स के लिए रेडी हो जाती है.

मैं और रविंद्र सब बातें ध्यान से सुन रहे थे.

अब बात मेरे पर आ गई.

पापा- बेटा तेरी तो स्कूल में कोई गर्लफ्रेंड नहीं है ना!
मैं- नहीं है.

मामा- अरे हो तो बता दे, शर्मा मत!

मैं भी अब एकदम खुल्ला हो गया.

मैंने सोचा कि मामा और रविंद्र तो मजाकिया हैं ही. बस पापा सख्त हैं . पर आज ये दोनों भी नशे में हैं तो अपनी बात कह ही देना चाहिए.

मैंने खुल कर बोल दिया- मैं गर्लफ्रेंड नहीं रखता हूँ. मेरा ब्वॉयफ्रेंड है, जो मेरी गांड मारता है!

यह सुनकर मेरे मामा का मुँह खुला का खुला ही रह गया.
रविंद्र को कोई हैरानी नहीं हुई.

रविंद्र- सेम . साले मैं भी गे ही हूँ!
अब मेरा मुँह खुला रह गया कि मेरा भाई मेरे ही जैसा है.

पापा नशे में बोले- साले तुम दोनों का तो हो गया, तुम दोनों तो गांड मार सकते हो .. मरवा भी सकते हो. मैं क्या करूँ, तेरी मम्मी तो बाहर गई है. मैं तो सिर्फ मुठ ही मार सकता हूँ!

रविंद्र मुझसे बोला- रोहण, पापा ने तो पर्मिशन दे दी है . बता तू मेरा लौड़ा लेगा?
मैं खुश हो गया और मैंने हां कह दिया.

वो बेड से उठा और उसने मेरे सामने अपनी पैंट की ज़िप को खोल दिया.
उसका लंड बाहर झाँकने लगा.

उसने कहा- पहले इसको मुँह में ले.
मुझे मामा और पापा के सामने लंड चूसने में शर्म आ रही थी.

तभी पापा बोले- ले ले बेटा ले ले. हमसे क्या शर्माना!
मामा भी बोले- हां ले ले बेटा, कोई प्राब्लम नहीं है. यहां सब मर्द ही हैं.

रविंद्र ने मेरे पापा और मामा से कहा- चाचा, लगे हाथ आप और फूफा जी भी थोड़े मज़े कर लो!

पापा बोले- मुझे कोई प्राब्लम नहीं है, तुम तीनों ही हॉट और हैंडसम हो. वैसे भी सालों से एक की ही गांड और चूत चोद कर मैं भी बोर हो गया हूँ.

मामा ने कहा- मैंने भी बहुत लड़कियों की चूत चोदी है पर कभी गांड में लंड नहीं पेला है. आज इन लड़कों की गांड मार कर मजा ले लूँगा.

तभी पापा ने कहा- बेटा, तू पहले मेरा लंड ले . मैंने ही तो तुझे पैदा किया है. तू मेरी उगाई हुई फसल है तो मेरा सबसे पहला अधिकार बनता है.

मामा हंसने लगे और बोले- ऐसा आजकल व्हाट्सैप पर बहुत आ रहा है कि मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेटी के साथ निकाह किया था. उसे सलाह भी यही दी गई थी कि अपनी फसल पर सबसे पहला अधिकार उसे उगाने वाले का ही होता है!

पापा हो हो करके हंसने लगे और बोले- हां, सच में आजकल व्हाट्सैप पर बड़ा ज्ञान बाँटा जाता है.

अब मेरे भैया मामा के पास चले गए और पापा मेरे सामने आ गए.
उन्होंने मेरे सामने आकर अपनी बेल्ट ढीली की और मुझे अपने सामने खड़ा कर लिया.

तब उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी.
मैंने भी उनकी शर्ट और पैंट उतार दी.
पापा का लंड चड्डी फाड़ कर बाहर आने की ज़िद कर रहा था.

दूसरी तरफ मामा ने तो अपना लंड अपने भतीजे के मुँह में डाल कर उसका मुँह चोदना चालू कर दिया था.

पापा ने उन दोनों को देखा और मेरी भी पैंट उतार दी.
वे मेरे लंड को हिलाने लगे.

उसके बाद पापा ने अपने लंड को सहलाना शुरू किया और मुझे इशारा किया.
मैंने बेसब्री से उनका बदबूदार लंड मुँह में ले लिया जो झांट के बालों से भरा हुआ था.

पापा का लंड चूस कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

उधर मामा तो झड़ भी चुके थे.

इधर मैंने पापा का लंड बिना रुके चूसा.
उनकी 'आआहह आआ अहह' की आवाज़ मुझे और गर्म कर रही थी.

ऊपर से मेरी आंखें मामा के लंड को चूसते हुए देख रही थीं.
उससे मेरा मन उनके लंड को भी चूसने का कर रहा था.
उनका भी मन शायद अपना लंड मेरे मुँह में देने का कर रहा था.

कुछ ही देर में मेरे पापा मेरे मुँह में ही झड़ गए.
अब हमारे लंड की बारी आ गई थी.

मामा ने मेरा लंड लेना पसंद किया और पापा ने मेरे ममेरे भाई का.

मेरे ज़्यादा गर्म होने की वजह से मैं अपने मामा के मुँह में कुछ ही सेकेंड में झड़ गया.

हम में से सिर्फ़ भाई ही रह गए थे जिनका लंड बिना बालों का था.

अब मैंने भाई के लंड को पकड़ लिया और चूसने लगा.
तब तक पापा मेरी गांड चाटने लगे और मामा अपना लंड, भाई के मुँह में पेल कर आगे पीछे करने लगे थे.

भाई के झड़ने पर उसका पूरा माल मैं पी गया.
अब गांड मरवाने की बात आ गई.

मैं तो पहले भाई से ही चुदना चाहता था.
उसके लंड का साइज़ लगभग सात इंच का था. उसका मोटा लंड भी मेरी गांड मारने को फड़फड़ा रहा था.

पापा ने मुझे तेल की शीशी लाने को कहा
मैं खोपरे के तेल की आधा लीटर वाली बड़ी शीशी ले आया.

हमारे पास छोटी भी थी 200 एमएल की, पर मुझे लगा कि आज गांड फाड़ू चुदाई होगी, तो मैं बड़ी वाली ही ले आया.

मैं आया तो पापा और मामा आपस में तय कर रहे थे कि किस पोज़िशन से चुदाई करना शुरू करें.
पापा कुतिया स्टाइल से गांड मारना शुरू करना चाहते थे और मामा लंड के ऊपर बिठा कर चुदाई करना चाहते थे.

मैंने तो मामा से ही पहले सोच लिया था कि चुदूँगा तो मैं लंड के ऊपर चढ़ कर ही.
इसलिए मैं पहले भी के लंड से चुदवाने की जगह मामा के पास चला गया.

मेरे पास विकल्प ही नहीं था क्योंकि पापा और मामा दोनों ही अपना अपना लंड सहला रहे थे और उनके पास हम दोनों भाइयों के ही छेद थे.

मेरा भाई भी मुझे मामा के पास जाता देख कर पापा के पास चल दिया.

मामा ने तेल की शीशी का मुँह मेरी गांड में लगा दिया और तेल से गांड भर दी.

उन्होंने मुझे उल्टा लेटाया और मेरी गांड से वापस बाहर आने वाले तेल से अपने लंड की मालिश करने लगे.

जल्द ही मामा जी का लंड पूरी तरह से तेल में डूब गया था.

अब मामा ने मुझे बेड के कोने पर लेटा दिया और अपना चाँद जैसा गोरा लंड मेरी लाइट ब्लैक कलर की गांड में एक ही बार में घुसेड़ दिया.
मेरी गांड के बाल भी लंड के साथ अन्दर घुस गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ.
पर मुझे मज़ा भी आया.

दूसरी तरफ पापा ने पहले अपने लंड की मसाज करवानी शुरू की.

मामा को चुदवाने के बाद लंड की मसाज करवानी थी तो वे पहले गांड मार रहे थे.

उनके लंड की गर्मी मेरी गांड को जला रही थी. उनका लंड बिना रुके मेरी गांड में सटासट चल रहा था.

जल्द ही मामा जी का लंड झड़ गया. पर मुझे अभी अपनी गांड और ज्यादा चुदवानी थी तो मैंने उनसे लंड पेले रहने को कहा.
अब मैं अपनी गांड से उनके लंड को धक्का देने लगा था.

वे भी लंड को गांड में ही पेले हुए उसका मजा लेने लगे थे.
कमाल यह हुआ कि मामा जी का लंड मेरी गांड में झड़ने के बाद दुबारा खड़ा हो गया और मुझे कड़क लंड का मजा मिलने लगा.

अब मामा मेरे दूध मसलते हुए मेरी गांड मारने लगे थे और वे लंड गांड से बाहर निकालने को रेडी ही नहीं थे.

करीब आधा घंटा तक मेरी गांड को तब समझ कर बजाने के बाद उनका लंड दुबारा झड़ने लगा.

मुझे मामा जी से गांड मरवाने में बहुत मजा आया.

दूसरी तरफ मेरे पापा जी मेरे भाई की गांड मार रहे थे. उसका लंड एकदम तन्ना रहा था.

मैंने उसकी तरफ देखा तो वह मुझे इशारा करने लगा.

मेरा मूड बन गया और मैंने पोजीशन बना कर भाई को अपनी गांड में लंड पेलने के लिए सैट कर लिया.

पापा मेरे भाई की गांड में लगे थे और मैं अपने भाई से अपनी गांड में लंड ले रहा था.
तभी मामा जी आए आ गए और वे अपने लंड को मेरे मुँह में देने लगे.
हम चारों लोग एक दूसरे को सुख दे रहे थे.

कुछ देर बाद मामा का लंड फिर से खड़ा हो गया तो पापा मेरी गांड में लग गए और मेरा भाई मामा के लंड पर कूदने लगा.

मस्त गांड चुदाई अभियान चल रहा था.

कुछ देर बाद चुदाई खत्म हुई तो पापा फिर से दारू पीने लगे.

भाई ने मुझसे कहा- चल अपन भी एक एक पैग लगा लेते हैं.

मेरे घर में दारू पीना सामान्य बात है.
मैं पापा के साथ ड्रिंक कर लेता हूँ तो मैं उनके साथ बैठ कर ड्रिंक करने लगा.

मामा जी बिना पिए सो गए.

कुछ ही देर में हम तीनों फिर से गर्मा गए और हमारे बीच गांड चुदाई का दौर पुनः चालू हो गया.

दोस्तो, गांड चुदाई की कहानी में फिलहाल इतना ही!

दूसरी कहानी में गे सेक्स का मजा आगे लिखूँगा.
गे ग्रुप फॅमिली कहानी पर आप अपने कमेंट्स जरूर करें.
rkparjapat121012@x
 
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