मेरा नाम पवन है मैं कानपूर में रहता हु, मैं अपने भाभी से करीब ८ साल का छोटा हु, मैं अपने भाभी से बहुत प्यार करता हु, मेरे भैया दिल्ली में रहते है, वो 6 महीने में एकबार आते है, अभी अभी मेरे भाभी को एक लड़का हुआ हाउ वो लड़का मेरा ही है, भैया तो नाम का बाप है असल में बाप मैं हु, ये मैं जनता हु और मेरी भाभी जानती है, मैंने भाभी को चुदाई के लिए कैसे पटाया मैं आपको विस्तार से बताता हु |
मेरी उम्र अभी १८ साल की है, और मेरी भाभी की उम्र २६ साल है, वो देखने में काफी सुन्दर है, उनकी उभरी हुयी चूतड़ और बड़े बड़े चूच मोती मोती जांघे, पतली कमरे, लम्बे लम्बे बाल किसी का भी मन मोह लेता है, जब भी वो बहार निकलती है मैंने नोटिस किया है की सारे गली के लड़के से लेके बुड्ढा तक उनको देख रहे होते है, वो एक डैम सेक्स बम लगती है, गजब की सुन्दर है, भला ऐसे सेक्स बम को मेरा भाई गाँव में छोड़ दिया है तो उनकी वासना की आग को कौन बुझाएगा, तो मैंने भाभी के ऊपर डोरे डालने सुरु कर दिए, मैं उनसे आकर मजाक करते रहता था, धीरे धीरे मजाक थोड़ा और आगे बढ़ा फिर मैंने उनके प्राइवेट पार्ट को चुने लगा, पहले तो वो गुस्सा करती थी फिर वो बाद में मजाक में टाल देती थी.
एक दिन मेरे माँ और पापा दोनों शादी में गए थे और वो दूसरे दिन आते, घर में सिर्फ मैं और मेरी भाभी सरिता थी, मैंने भाभी को बोला भाभी आज आप बड़े ही सुन्दर लग रहे हो, तो बोली क्या करूँ देवर जी, सुन्दर तो लग रही हु पर मेरी सुंदरता और मेरे शरीर को भोगने बाला कोई नहीं नहीं, आपके भैया तो हमेशा दिल्ली में ही रहते है अगर आते भी है छ महीने में एक बार के सिर्फ ७ दिन में क्या होगा, मैं तो प्यासी ही रह जाती हु, जानते है देवर जी? ज़िंदगी बड़ी छोटी है, जवानी बची है सिर्फ १० साल के लिए, फिर तो मैंने बूढी हो जाउंगी फिर तो किसी काम का नहीं, कभी कभी सोचती हु तो मन बैचेन हो उठता है, क्या करूँ समझ में नहीं आता, कभी कभी तो लगता है मैं यहाँ से भाग जाऊ और दूसरी शादी कर लू.
गरमा गर्म सेक्स कहानी तलाकशुदा भाभी की चुदाई नोएडा बाले फ्लैट में
इतना कह कर भाभी रोने लगी, मैंने उनको बोला भाभी देखो आपकी तो शादी हो गयी है, मैं मानता हु भैया आपको शरीर का सुख नहीं दे रहे है, मेरी शादी अभी नहीं हुयी है और मैं अभी ६ से ७ साल तक नहीं करने बाला हु, अगर आप चाहो तो मैं आपको ये सारे ख़ुशी दे सकता हु, आपको मैं किसी चीज़ की कमी भी नहीं होने दूंगा, आप बहुत खुश रहोगे, अगर आप बुरा ना मानो तो, तो भाभी बोली नहीं नहीं इसमें बुरा मैंने की क्या बात है, पति ही जालिम है तो कर क्या सकती, आप तो मेरा इतना ख्याल रखते हो, यही काफी है, मैं भी यही चाहती थी देवर जी पर मैं सोचती थी आप मेरे से उम्र में छोटे हो इस वजह से,
मैंने कहा मैं आपको सेक्स सुख दे सकता हु, और मैंने उनका हाथ पकड़ा, वो मेरी आँखों में आँख डाल के देखने लगी और हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए जैसा की आपने सुहागरात के सीन को सिनेमा में देखा होगा, मैं भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिया, और अलग कर दिया फिर उन्होंने अपने पीठ की तरफ हाथ करके ब्रा उतार दी, मैंने उनके दोनों चूच को अपने हाथ में लेके दबाने लगा, वो आआअह्हह्हह आआआह्ह्ह्ह कर रही थी मैं उनका होठ को अपने होठ से चूस रहा था, गाल पे किश करने लगा, मैंने इतना जोश में आ गया था की पता ही नहीं चला मैंने उनके गाल पे दात भी काट लिया, वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी, वो अपने चूच को पकड़ कर मेरे मुह में डाल रही थी, फिर मैंने अपना ऊँगली उनके नाभि में घुसाने लगा, तो बोली देवर जी उसमे कुछ भी नहीं होगा, निचे चले जाओ, मैंने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उनके रशिली बूर को सहलाने लगा,
गरमा गर्म सेक्स कहानी राजधानी एक्सप्रेस में चुदाई भाभी की
उन्होंने धक्का देके मेरा मुह अपने बूर के पास ले गयी और चटवाने लगी, मैंने जीभ से उनके बूर को साफ़ कर दिया वो पानी छोड़ती और मैं साफ़ कर देता वो नमकीन मलाई जो बूर से निकल रही थी, चाट चाट के मैं मदहोश हो गया और मेरा लैंड तो फन फन्ना रहा था,फिर मैंने अपने मोटे लंड को निकाला और भाभी के पैर को अलग अलग किया और बूर में मुह पे अपने लंड का सुपाड़ा रखा और धकेल दिया अपने लंड को भाभी के बूर में, भाभी एक लम्बी सांस ली और ऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ की आवाज़ निकली, फिर वो गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैंने भी धक्के पे धक्का दे रहा था, करीब १ घंटे में वो ४ बार और मैं २ बार झड़ चूका था, फिर क्या था , मेरे पापा मम्मी निचे के फ्लोर में रहते था और ऊपर दो कमरा और था एक भाभी का एक मेरे, पर मैंने रात को जैसे ही ग्यारह बजता था मैंने भाभी के कमरे में चला जाता और सुबह पांच बजे अपने कमरे में वापस आता, अब भाभी को एक बच्चा भी है, मेरे भाई को लग रहा था की मैं जब होली में घर आया था तभी वो प्रेग्नेंट हुयी थी, पर ये बच्चा मेरा है, अब हम देवर भाभी पति पत्नी के तरह रह रहे है.
मेरी उम्र अभी १८ साल की है, और मेरी भाभी की उम्र २६ साल है, वो देखने में काफी सुन्दर है, उनकी उभरी हुयी चूतड़ और बड़े बड़े चूच मोती मोती जांघे, पतली कमरे, लम्बे लम्बे बाल किसी का भी मन मोह लेता है, जब भी वो बहार निकलती है मैंने नोटिस किया है की सारे गली के लड़के से लेके बुड्ढा तक उनको देख रहे होते है, वो एक डैम सेक्स बम लगती है, गजब की सुन्दर है, भला ऐसे सेक्स बम को मेरा भाई गाँव में छोड़ दिया है तो उनकी वासना की आग को कौन बुझाएगा, तो मैंने भाभी के ऊपर डोरे डालने सुरु कर दिए, मैं उनसे आकर मजाक करते रहता था, धीरे धीरे मजाक थोड़ा और आगे बढ़ा फिर मैंने उनके प्राइवेट पार्ट को चुने लगा, पहले तो वो गुस्सा करती थी फिर वो बाद में मजाक में टाल देती थी.
एक दिन मेरे माँ और पापा दोनों शादी में गए थे और वो दूसरे दिन आते, घर में सिर्फ मैं और मेरी भाभी सरिता थी, मैंने भाभी को बोला भाभी आज आप बड़े ही सुन्दर लग रहे हो, तो बोली क्या करूँ देवर जी, सुन्दर तो लग रही हु पर मेरी सुंदरता और मेरे शरीर को भोगने बाला कोई नहीं नहीं, आपके भैया तो हमेशा दिल्ली में ही रहते है अगर आते भी है छ महीने में एक बार के सिर्फ ७ दिन में क्या होगा, मैं तो प्यासी ही रह जाती हु, जानते है देवर जी? ज़िंदगी बड़ी छोटी है, जवानी बची है सिर्फ १० साल के लिए, फिर तो मैंने बूढी हो जाउंगी फिर तो किसी काम का नहीं, कभी कभी सोचती हु तो मन बैचेन हो उठता है, क्या करूँ समझ में नहीं आता, कभी कभी तो लगता है मैं यहाँ से भाग जाऊ और दूसरी शादी कर लू.
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इतना कह कर भाभी रोने लगी, मैंने उनको बोला भाभी देखो आपकी तो शादी हो गयी है, मैं मानता हु भैया आपको शरीर का सुख नहीं दे रहे है, मेरी शादी अभी नहीं हुयी है और मैं अभी ६ से ७ साल तक नहीं करने बाला हु, अगर आप चाहो तो मैं आपको ये सारे ख़ुशी दे सकता हु, आपको मैं किसी चीज़ की कमी भी नहीं होने दूंगा, आप बहुत खुश रहोगे, अगर आप बुरा ना मानो तो, तो भाभी बोली नहीं नहीं इसमें बुरा मैंने की क्या बात है, पति ही जालिम है तो कर क्या सकती, आप तो मेरा इतना ख्याल रखते हो, यही काफी है, मैं भी यही चाहती थी देवर जी पर मैं सोचती थी आप मेरे से उम्र में छोटे हो इस वजह से,
मैंने कहा मैं आपको सेक्स सुख दे सकता हु, और मैंने उनका हाथ पकड़ा, वो मेरी आँखों में आँख डाल के देखने लगी और हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए जैसा की आपने सुहागरात के सीन को सिनेमा में देखा होगा, मैं भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिया, और अलग कर दिया फिर उन्होंने अपने पीठ की तरफ हाथ करके ब्रा उतार दी, मैंने उनके दोनों चूच को अपने हाथ में लेके दबाने लगा, वो आआअह्हह्हह आआआह्ह्ह्ह कर रही थी मैं उनका होठ को अपने होठ से चूस रहा था, गाल पे किश करने लगा, मैंने इतना जोश में आ गया था की पता ही नहीं चला मैंने उनके गाल पे दात भी काट लिया, वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी, वो अपने चूच को पकड़ कर मेरे मुह में डाल रही थी, फिर मैंने अपना ऊँगली उनके नाभि में घुसाने लगा, तो बोली देवर जी उसमे कुछ भी नहीं होगा, निचे चले जाओ, मैंने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उनके रशिली बूर को सहलाने लगा,
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