लिव इन रिलेशनशिप की कहानी में मैं अपने दोस्त के साथ रहने लगी थी. एक रात उसका दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड हमारे साथ रुके. रात में उसके दोस्त ने मेरे साथ सेक्स का मजा लेना चाहा.
फ्रेंड्स, मेरा नाम अंशिका है.
आज मैं 33 साल की एक विवाहिता हूं और एक सामान्य जीवन व्यतीत कर रही हूं।
मेरे बूब्स 34B, कमर 32″ और मेरी हिप 36″ है।
मैं कम हाइट की एक सेक्सी औरत हूं अपने शरीर और दिमाग दोनों से।
यह मेरी पहली कहानी है।
लिव इन रिलेशनशिप की कहानी है मेरे पहले पराए मर्द के स्पर्श के अहसास की!
बात मेरे कॉलेज के दिनों की है.
मैं और मेरे पति एक ही कॉलेज से पढ़े हैं।
कॉलेज में मेरे पति मेरे बॉयफ्रेंड हुआ करते थे जिनका नाम विशाल है.
उनके एक बेस्ट फ्रेंड थे जिनका नाम अभिनव है।
अभिनव बहुत ही स्मार्ट और हैंडसम थे।
कॉलेज की काफी लड़कियां उन पर मरती थी।
तब कॉलेज टाइम में भी और उनकी एक हॉट सी गर्लफ्रेंड थी, गिरिजा नाम था उसका!
कॉलेज खत्म हुए अभी कुछ टाइम ही बीता था और मैं इन दिनों अपने होने वाले पतिदेव विशाल के साथ लिव इन में रहने लगी थी.
वह बहुत ही अमेजिंग टाइम था।
नया नया रोमांस था और यंग एज में हम दोनों सेक्स की वजह से मानो उड़ रहे थे।
उसी समय अभिनव भी अपनी गर्लफ्रेंड गिरिजा के साथ लिव इन लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
गिरिजा लंबी कद काठी की सेक्सी सी लड़की थी।
अभिनव और गिरिजा एक दूसरे के साथ परफेक्ट से लगते थे।
चूंकि अभिनव और विशाल सेम कॉलेज से थे और अच्छे दोस्त थे तो अब मेरी भी अभिनव से अच्छी दोस्ती हो गई थी और अभिनव की वजह से गिरिजा से भी!
हम चारों काफी अच्छा टाइम स्पेंड करते थे एक साथ!
मेरे हब्बी जब भी अपने ऑफिस ने बिजी होते और मुझे कहीं जाना होता तो मैं अभिनव को बुला लेती थी और वे मुझे अपनी मोटरसाइकिल पे ले जाते थे।
मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी और न मेरे तब के बॉयफ्रेंड विशाल को!
ना ही उनकी गर्लफ्रेंड गिरिजा को!
हम सब काफी चिल रहा करते थे और हमारी ट्यूनिंग गजब की थी।
हम तीनों की दोस्ती बहुत अच्छी थी और तीनों की दोस्ती की वजह से गिरिजा भी हमारे ग्रुप में शामिल थी।
हम चारों अच्छा टाइम भी स्पेंड करते थे।
अक्सर बाहर घूमने फिरने जाना, रेस्तरां, पार्क वगैरह साथ में घूमा फिरते थे। अक्सर एक दूसरे के घर मस्ती करते हुए इतने लेट हो जाते थे कि एक ही जगह रात भर के लिए रुक भी जाते थे।
ऐसी ही एक अच्छी शाम हम चारों ने मेरे फ्लैट में बिताई और लेट नाइट तक ड्रिंक्स, बातें, गेम्स और मस्ती मजाक चलता रहा।
हम सब एक ही एज और ग्रुप के थे इसके चलते काफ़ी हद तक एडल्ट जोक्स और सेक्स के जुड़े हंसी मजाक भी होते रहते थे जिसमें सब कंफर्टेबल भी होते थे और पार्ट भी लेते थे।
कभी कभी तो बातें सारी लिमिट क्रॉस करने तक आ जाती थी.
लेकिन तभी कोई भी टोक देता और फिर सब नॉर्मल हो जाता था।
फिर जब सोने की बारी आती तो हम सब बेफिक्र होकर कोई भी कहीं भी सो जाता था।
उस शाम भी यही सब हुआ.
ढेर सारी बातें, ड्रिंक्स और नशे में कुछ डर्टी टॉक्स भी।
गजब की रात थी वो!
जब तक सब तक सब टल्ली न हो गए, तब तक दारु और बातों का सिलसिला चलता रहा।
फिर जब सोने का टाइम आया तो सब सोने के लिए मेरे डबल बेड पे ही लेट गए।
जिसमें सबसे किनारे मेरे बॉयफ्रेंड विशाल फिर मैं, मेरे बगल में अभिनव और उनके बगल में और दीवार से सट के गिरिजा लेती थी।
इसमें कुछ भी अजीब नहीं था ऐसा अक्सर होता रहता था।
हम सब नशे में थे और बेफिक्र होकर सो गए।
शायद आधी रात रही होगी किसी वजह से मेरी आंख खुली तो मैंने पाया किसी का हाथ मेरे बूब्स पर था हालांकि मेरे बॉयफ्रेंड की यह नॉर्मल सी आदत थी कि मुझे प्यार से सहलाते हुए सो जाते थे और हम इसके आदी थे।
लेकिन आज हम दोनों अकेले नहीं थी और मेरे लवर को यह अहसास हमेशा रहता था और हम नॉर्मल रहते थे.
फिर आज उनका हाथ मेरे स्तन पे होना मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था।
मैं अभी ये सोच ही रही थी कि अचानक थोड़ी सी हलचल से मुझे यह साफ पता चल गया कि यह हाथ मेरे बॉयफ्रेंड विशाल का नहीं बल्कि अभिनव का है और वह शायद मुझे गिरिजा समझ रहा था।
मैं सोच ही रही थी कि अचानक मुझे उसके हाथ में कुछ हरकत महसूस हुई और मैं सहम सी गई और नोटिस करने लगी कि हो क्या रहा है.
फिर जल्दी ही मुझे एहसास हुआ कि मेरा बॉयफ्रेंड विशाल और गिरिजा गहरी नींद में हैं।
जबकि अभिनव चुपचाप लेटे हुए मेरे पूरे बूब और निप्पल को फील कर रहा था।
मैं सन्न रह गई.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि मैंने ये कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है।
लेकिन हूं तो मैं एक औरत ही, मुझे किसी पराए मर्द के स्पर्श का जब अहसास हुआ था तो मुझे आज भी इस बात का अफसोस है कि मुझे अच्छा लग रहा था।
अभिनव का हाथ मेरी ब्रा के अंदर से मेरे बूब और निप्पल को सहला रहा था और शायद उसे यह अहसास हुआ कि मैं जाग गई हूं तो वह एक पल के लिए ठिठक सा गया.
फिर धीरे से उसने फिर से फील किया सब कुछ!
मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूं?
शायद कहीं मुझे यह अहसास मेरी योनि को गीला भी कर रहा था।
मैंने कुछ रिएक्ट नहीं किया, बस चुपचाप लेटी रही।
अभिनव को अब यह पूरी तरह से पता था कि मैं जाग रही हूं और मेरी तरफ से कोई विरोध नहीं होता देख उसकी हिम्मत भी बढ़ती जा रही थी।
उसने मेरी ब्रा को थोड़ा नीचे करते हुए मेरे एक दूध को निप्पल तक ब्रा से बाहर कर दिया.
फिर दूसरे को भी!
और अब वह मेरे दोनों बूब्स और निप्पलों को मसलने लगा था और मैं पागल सी हो रही थी।
मेरी चूत पानी पानी हो रही थी।
अचानक मुझे ये अहसास हुआ कि यह गलत हो रहा है, सरासर गलत!
मैंने अभिनव का हाथ अपने हाथ से पकड़ कर अपनी ब्रा और टी शर्ट से बाहर निकाल दिया और विशाल की तरफ करवट लेके उससे चिपक कर लेट गई।
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था, मेरी चूत गीली थी और मैं सच कहूं तो शायद अभिनव के प्यार के प्यासी भी!
ये सब भूल के अचानक मैं विशाल में समाती हुई लेट गई।
शायद अभिनव भी मेरी मंशा समझ गया था इसलिए वह भी गिरिजा की ओर मुंह करके लेट गया.
और कब मेरी आंख लग गई पता भी नहीं चला।
सुबह मेरी आंखों में एक लाज थी और अभिनव की आंखों में झिझक!
वे दोनों तैयार होकर चले गए, फिर कुछ भी मेरे मन में नॉर्मल नहीं रहा था।
जब भी विशाल मुझे हाथ लगाता तो मुझे अभिनव का छूना याद आ जाता और मैं उसके ख्यालों में खो जाती थी।
लेकिन मैं अपने प्रेमी के प्रति समर्पित थी और उसे दागा नहीं देना चाहती थी तो मैं उस घटना को भुलाने की कोशिश करने लगी।
आपको मेरी जिंदगी का यह सच्चा किस्सा पसंद आया होगा.
लिव इन रिलेशनशिप की कहानी पर मुझे मेल और कमेंट्स में जरूर बताइएगा।
anshikaguptahot@x
फ्रेंड्स, मेरा नाम अंशिका है.
आज मैं 33 साल की एक विवाहिता हूं और एक सामान्य जीवन व्यतीत कर रही हूं।
मेरे बूब्स 34B, कमर 32″ और मेरी हिप 36″ है।
मैं कम हाइट की एक सेक्सी औरत हूं अपने शरीर और दिमाग दोनों से।
यह मेरी पहली कहानी है।
लिव इन रिलेशनशिप की कहानी है मेरे पहले पराए मर्द के स्पर्श के अहसास की!
बात मेरे कॉलेज के दिनों की है.
मैं और मेरे पति एक ही कॉलेज से पढ़े हैं।
कॉलेज में मेरे पति मेरे बॉयफ्रेंड हुआ करते थे जिनका नाम विशाल है.
उनके एक बेस्ट फ्रेंड थे जिनका नाम अभिनव है।
अभिनव बहुत ही स्मार्ट और हैंडसम थे।
कॉलेज की काफी लड़कियां उन पर मरती थी।
तब कॉलेज टाइम में भी और उनकी एक हॉट सी गर्लफ्रेंड थी, गिरिजा नाम था उसका!
कॉलेज खत्म हुए अभी कुछ टाइम ही बीता था और मैं इन दिनों अपने होने वाले पतिदेव विशाल के साथ लिव इन में रहने लगी थी.
वह बहुत ही अमेजिंग टाइम था।
नया नया रोमांस था और यंग एज में हम दोनों सेक्स की वजह से मानो उड़ रहे थे।
उसी समय अभिनव भी अपनी गर्लफ्रेंड गिरिजा के साथ लिव इन लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
गिरिजा लंबी कद काठी की सेक्सी सी लड़की थी।
अभिनव और गिरिजा एक दूसरे के साथ परफेक्ट से लगते थे।
चूंकि अभिनव और विशाल सेम कॉलेज से थे और अच्छे दोस्त थे तो अब मेरी भी अभिनव से अच्छी दोस्ती हो गई थी और अभिनव की वजह से गिरिजा से भी!
हम चारों काफी अच्छा टाइम स्पेंड करते थे एक साथ!
मेरे हब्बी जब भी अपने ऑफिस ने बिजी होते और मुझे कहीं जाना होता तो मैं अभिनव को बुला लेती थी और वे मुझे अपनी मोटरसाइकिल पे ले जाते थे।
मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी और न मेरे तब के बॉयफ्रेंड विशाल को!
ना ही उनकी गर्लफ्रेंड गिरिजा को!
हम सब काफी चिल रहा करते थे और हमारी ट्यूनिंग गजब की थी।
हम तीनों की दोस्ती बहुत अच्छी थी और तीनों की दोस्ती की वजह से गिरिजा भी हमारे ग्रुप में शामिल थी।
हम चारों अच्छा टाइम भी स्पेंड करते थे।
अक्सर बाहर घूमने फिरने जाना, रेस्तरां, पार्क वगैरह साथ में घूमा फिरते थे। अक्सर एक दूसरे के घर मस्ती करते हुए इतने लेट हो जाते थे कि एक ही जगह रात भर के लिए रुक भी जाते थे।
ऐसी ही एक अच्छी शाम हम चारों ने मेरे फ्लैट में बिताई और लेट नाइट तक ड्रिंक्स, बातें, गेम्स और मस्ती मजाक चलता रहा।
हम सब एक ही एज और ग्रुप के थे इसके चलते काफ़ी हद तक एडल्ट जोक्स और सेक्स के जुड़े हंसी मजाक भी होते रहते थे जिसमें सब कंफर्टेबल भी होते थे और पार्ट भी लेते थे।
कभी कभी तो बातें सारी लिमिट क्रॉस करने तक आ जाती थी.
लेकिन तभी कोई भी टोक देता और फिर सब नॉर्मल हो जाता था।
फिर जब सोने की बारी आती तो हम सब बेफिक्र होकर कोई भी कहीं भी सो जाता था।
उस शाम भी यही सब हुआ.
ढेर सारी बातें, ड्रिंक्स और नशे में कुछ डर्टी टॉक्स भी।
गजब की रात थी वो!
जब तक सब तक सब टल्ली न हो गए, तब तक दारु और बातों का सिलसिला चलता रहा।
फिर जब सोने का टाइम आया तो सब सोने के लिए मेरे डबल बेड पे ही लेट गए।
जिसमें सबसे किनारे मेरे बॉयफ्रेंड विशाल फिर मैं, मेरे बगल में अभिनव और उनके बगल में और दीवार से सट के गिरिजा लेती थी।
इसमें कुछ भी अजीब नहीं था ऐसा अक्सर होता रहता था।
हम सब नशे में थे और बेफिक्र होकर सो गए।
शायद आधी रात रही होगी किसी वजह से मेरी आंख खुली तो मैंने पाया किसी का हाथ मेरे बूब्स पर था हालांकि मेरे बॉयफ्रेंड की यह नॉर्मल सी आदत थी कि मुझे प्यार से सहलाते हुए सो जाते थे और हम इसके आदी थे।
लेकिन आज हम दोनों अकेले नहीं थी और मेरे लवर को यह अहसास हमेशा रहता था और हम नॉर्मल रहते थे.
फिर आज उनका हाथ मेरे स्तन पे होना मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था।
मैं अभी ये सोच ही रही थी कि अचानक थोड़ी सी हलचल से मुझे यह साफ पता चल गया कि यह हाथ मेरे बॉयफ्रेंड विशाल का नहीं बल्कि अभिनव का है और वह शायद मुझे गिरिजा समझ रहा था।
मैं सोच ही रही थी कि अचानक मुझे उसके हाथ में कुछ हरकत महसूस हुई और मैं सहम सी गई और नोटिस करने लगी कि हो क्या रहा है.
फिर जल्दी ही मुझे एहसास हुआ कि मेरा बॉयफ्रेंड विशाल और गिरिजा गहरी नींद में हैं।
जबकि अभिनव चुपचाप लेटे हुए मेरे पूरे बूब और निप्पल को फील कर रहा था।
मैं सन्न रह गई.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि मैंने ये कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है।
लेकिन हूं तो मैं एक औरत ही, मुझे किसी पराए मर्द के स्पर्श का जब अहसास हुआ था तो मुझे आज भी इस बात का अफसोस है कि मुझे अच्छा लग रहा था।
अभिनव का हाथ मेरी ब्रा के अंदर से मेरे बूब और निप्पल को सहला रहा था और शायद उसे यह अहसास हुआ कि मैं जाग गई हूं तो वह एक पल के लिए ठिठक सा गया.
फिर धीरे से उसने फिर से फील किया सब कुछ!
मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूं?
शायद कहीं मुझे यह अहसास मेरी योनि को गीला भी कर रहा था।
मैंने कुछ रिएक्ट नहीं किया, बस चुपचाप लेटी रही।
अभिनव को अब यह पूरी तरह से पता था कि मैं जाग रही हूं और मेरी तरफ से कोई विरोध नहीं होता देख उसकी हिम्मत भी बढ़ती जा रही थी।
उसने मेरी ब्रा को थोड़ा नीचे करते हुए मेरे एक दूध को निप्पल तक ब्रा से बाहर कर दिया.
फिर दूसरे को भी!
और अब वह मेरे दोनों बूब्स और निप्पलों को मसलने लगा था और मैं पागल सी हो रही थी।
मेरी चूत पानी पानी हो रही थी।
अचानक मुझे ये अहसास हुआ कि यह गलत हो रहा है, सरासर गलत!
मैंने अभिनव का हाथ अपने हाथ से पकड़ कर अपनी ब्रा और टी शर्ट से बाहर निकाल दिया और विशाल की तरफ करवट लेके उससे चिपक कर लेट गई।
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था, मेरी चूत गीली थी और मैं सच कहूं तो शायद अभिनव के प्यार के प्यासी भी!
ये सब भूल के अचानक मैं विशाल में समाती हुई लेट गई।
शायद अभिनव भी मेरी मंशा समझ गया था इसलिए वह भी गिरिजा की ओर मुंह करके लेट गया.
और कब मेरी आंख लग गई पता भी नहीं चला।
सुबह मेरी आंखों में एक लाज थी और अभिनव की आंखों में झिझक!
वे दोनों तैयार होकर चले गए, फिर कुछ भी मेरे मन में नॉर्मल नहीं रहा था।
जब भी विशाल मुझे हाथ लगाता तो मुझे अभिनव का छूना याद आ जाता और मैं उसके ख्यालों में खो जाती थी।
लेकिन मैं अपने प्रेमी के प्रति समर्पित थी और उसे दागा नहीं देना चाहती थी तो मैं उस घटना को भुलाने की कोशिश करने लगी।
आपको मेरी जिंदगी का यह सच्चा किस्सा पसंद आया होगा.
लिव इन रिलेशनशिप की कहानी पर मुझे मेल और कमेंट्स में जरूर बताइएगा।
anshikaguptahot@x