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जब दोस्त का दिल आया सुंदर बहन पर

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हैलो दोस्तों मेरा नाम आशीष है। मैं दिल्ली में जाब करता हूं। वहीं पर मेरी दोस्ती विनय नाम के एक लड़के से हुई। उसके घर में उसके मां-पापा, विनय, उसका एक छोटा भाई, और उसकी एक छोटी बहन है। विनय की छोटी बहन का नाम रितिका है। मेरे घर में मां-पापा, मैं, और मेरी दो बहनें हैं।

मैं और मेरा परिवार जौनपुर के रहने वाले हैं। मेरी दोनों बहने सपना और लीला भी काफी सुन्दर हैं। सपना ग्रेजुएशन कर रही है, जो अभी 2nd year में है, और लीला अभी 1st year में है। दोनो ही हुस्न की मल्लिका हैं। सपना 20 साल की तथा लीला की उम्र 19 है।

सपना पहनावे से देशी लड़की लगती है, क्योंकि वो हमेशा सलवार और सूट पहनती है। पर सलवार सूट में बहुत खतरनाक दिखती है। उसकी टाईट चूचियों का पता चलता है। पर जब सपना कुर्ती और लैगी पहनती है, तो पूछो मत क्या बवाल लगती है। क्योंकि कुर्ती और लैगी में सपना की जवानी छलकती है।

मखमली जांघ और बड़ी गांड का पता चलता है, और जिस तरह सपना का बदन उस कपड़े में लगता है, अगर कोई चुदक्कड़ आदमी हो तो सपना की साईज बता सकता है। सपना की कमर पतली, चूचियां गोल, गोरे-गोरे गाल, मस्तानी चाल, काली आंखे, हल्के भूरे बाल उसके यौवन को निखार देते हैं। सपना की हाईट 5 फिट 6 इंच है और सुडौल शरीर है।

लीला अधिकतर टाईम जीन्स टाप या फिर जीन्स और कुर्ती ही पहनती है। पर जीन्स और कुर्ती में लीला 19 साल के बजाय 22 साल की जवान लड़की लगती है। उसके बड़े-बड़े नितम्ब और पपीते जैसी चूची उस पर टाईट भूरे निप्पल हैं। अगर साईज की बात करें तो लीला और सपना में ज्यादा चेंज नहीं लगता, क्योंकि लीला की साईज लगभग 30-28-30 का है। पर दोनों का शरीर एक ही तरह दिखता है।

दोनों ही तेज तर्रार लड़कियां हैं। किसी का कोई ब्वायफ्रेंड नहीं है। पर ऐसा नहीं कि किसी ने उनको पटाने को कोशिश नहीं की। मोहल्ले के 6-7 लड़कों की नज़र उन पर ही टिकी रहती है, और 2-3 लड़के तो दूसरे गांव से भी चक्कर लगाते रहते हैं। पर जो ये चूत का चक्कर होता है ना, कभी-कभी मौत से टक्कर हो जाता है।

और ऐसा ही हुआ एक बार, जब दूसरे गांव के लड़के लाईन मारने के चक्कर में मोहल्ले में आए थे। तो मोहल्ले के लड़को ने उनको खूब पीटा, और जब ये बात हमारे घर वालों को पता चली, तो सपना और लीला का घर से बाहर आना-जाना बन्द हो गया। और होता भी क्यूं नहीं, आखिर वो घर की इज्जत जो हैं। अगर कुछ ऊंच-नीच हो जाती तो कितनी बदनामी होती।

3-4 महीने बीत गए। सब कुछ नार्मल दिखने लगा। तो फिर से सपना और लीला कालेज जाने लगी, और मन लगा कर पढ़ाई करने लगी। पर जब दोनों के किस्मत में शादी से पहले ही चुदाई लिखी थी, तो होनी को कौन टाल सकता था? फिर कुछ दिनों में होली का त्यौहार आया तो इस साल मेरे साथ दिल्ली से मेरा दोस्त भी आया मेरे गांव में घूमने।

फिर दोनों घर पहुंच कर हम खाना खाए और मैंने मां से पूंछा सपना और लीला कहां थी। तो मां बोली दोनों कॉलेज गयी थी। मैंने बोला ठीक है।

फिर मां ने बोला: थक गए होगे, आराम कर लो।

तो हम दोनों आराम किए। और फिर शाम को हम बाजार घूमने जाने लगे तो मैंने रास्ते में बोला-

मैं: विनय यहां देख ले सब देसी‌ माल है।

और फिर विनय लड़कियां ताड़ना शुरू किया। कुछ देर बाद कुछ लड़कियां आ रही थी, तो मैंने बोला-

मैं: इन सब को देख ले।

फिर जब हम घर लौटने लगे, तो मैंने ऐसे ही मजाक-मजाक में बोला-

मैं: क्यूं भाई,‌कोई पसन्द आई?

तो वो बोला: पसन्द आएगी भी तो क्या हो जाएगा यार?

तो मैंने बोल दिया: तू टेंशन मत ले। मेरे दोस्त का यहां पर होटल है। तू बस लड़की पटा, बाकी व्यवस्था मैं कर दूंगा। तू भी तो देख कि जौनपुर की लड़कियों में क्या बात है।

फिर हम जब घर आए तो शाम को मेरी बहन सपना घर आ गई थी, और सपना को देख कर विनय की आंखे एक-दम से फैल गई थी। ये मैंने अपनी आंखो से देखा कि विनय सपना को घूर रहा था। क्योंकि सपना दिखने में बेहद खूबसूरत कच्ची करारी कमसिन कली जैसी थी, जिसकी जवानी को देख लोगों के हाथ खुद ही लंड पर चले जाते थे।

अक्सर लोगों से यही सुना है कि छोरियां तो बहुत देखी मैंने पर, ये जो छरहरे बदन वाली लड़की है ना इसकी बात ही कुछ अलग है। क्या माल है यार, किस्मत वाला वो पति होगा जिसके किस्मत में ये होगी। और किस्मत वाला वो लड़का भी होगा जो इसका बॉयफ्रेंड होगा। एक बार तो है देख कर लगता तो है कि साली को किसी लड़के ने पटाया जरूर होगा। ठोकने बजाने का तो नहीं कह सकते, पर हां चूचियां दबायी जरूर होंगी। क्योंकि चूचियां भारी भरकम सी थी, लगभग 32 का होगा साईज।

ये सब बातें मैं अक्सर सुनता ही था, तो जब विनय ने सपना को घूर कर देखा तो मुझे अजीब नहीं लगा। फिर रात में जब हम सोने लगे तो मैंने विनय से पूंछा-

मैं: क्यूं भाई, दो दिन हो गए हमें आए हुए। कोई छोरी पसन्द आई या नहीं।

तो विनय ने बोला: भाई इक बात बोलूं, गुस्सा तो नहीं करोगे?

तो मैंने बोला: नहीं।

फिर वो बोला: पहले वादा करो कि गुस्सा नहीं करोगे।

तो मैंने बोला: पहले बात तो बता।

फिर विनय ने बार-बार कह कर मुझसे वादा ले लिया, और तब उसने बताया कि-

विनय: भाई हम दोनो ने कई लड़कियां चोदी खाई हैं। जयपुर में पर पहली बार ऐसी लड़की देखी जिसे देख के कुछ-कुछ हो रहा।

तो मैंने पूंछा: कहां देखी तूने वो लड़की?

तो वो बोला: आज शाम को बाजार जाते समय एक लड़की को बस से उतरते देखा था।

मैंने पूछा: कैसी दिखती है?

तो विनय ने बोला: भाई एक दम मस्त माल है, बस अब तुम पर है भाई जुगाड़ करवा दो। हमेशा तेरा गुलाम बन कर रहूंगा।

मैं बार-बार पूछ रहा था पर विनय सही से नहीं बता रहा था। क्योंकि वो समझ गया था कि वो लड़की मेरी बहन सपना थी। फिर मैंने उससे बोला-

मैं: भाई तू टेंशन मत ले, मैं रूम का जुगाड़ कर दूंगा। बस तू पहले उस लड़की को पटा।

फिर हम सो गए और जब सुबह उठे तो विनय बिस्तर पर नहीं था। मैं जब बरामदे में आया तो विनय मेरी दोनों बहनों से हंस कर बातें कर रहा था। मैं जब सामने आया तो विनय हड़बड़ा गया और मुझसे बोला-

विनय: उठ गया भाई? अभी हम लोग तुम्हारी ही बात कर रहे थे।

फिर विनय ने मुझसे बोला: चल भाई तुम्हारे खेत देख आता हूं। तू बोल रहा था कि इतना खेत है उतना खेत है।

मेरे दिमाग में एक बात जो घूम रही थी, मैंने पूंछ ही लिया।‌ मैंने बोला-

मैं: कल तू सपना को क्यूं घूर रहा था? मैंने तुझे देखा था।

तो विनय डर गया और बोला: साॅरी भाई अब आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।

फिर मैंने बोला: डर क्यूं रहा है, बता ना।

तो विनय बोला: तुम्हारी बहन बहुत अच्छी दिखती है यार, तो आंखे उस पर ही टिकी रह गई।

फिर विनय ने बोला: तू ये सब क्यूं पूंछ रहा‌ है?

तो मैंने बोला: भाई तू जिस लड़की पर निगाह डाल देता है, उसे तू चोदता है। इसलिए मैं डर गया हूं, कि कहीं तू सपना के साथ भी ऐसा ना कर दे।

तो विनय बोला: नहीं भाई, वो तेरी बहन है। ऐसा थोड़ी ना सोचूंगा।

पर विनय के दिल और दिमाग में सपना बस चुकी थी।

अब मेरा डर खत्म हो चुका था, तो मैंने बोला-

मैं: चल तुम्हें घुमा लाता हूं।

तभी सपना आकर बोली: भैया कहां जा रहे हो?

तो मैंने बोला: विनय को खेत घुमाने।

तो सपना बोली: भैया मैं भी चलूंगी।

मैं कुछ बोलता तब तक विनय ने बोला: चलो तुम भी घूम लो।

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में।
 
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