अचे नंबर के लिए टीचर से गांड मरवाई

पर आप सभी प्रेमी पाठकों के मुझे काफी मेल्स मिले, जिनमें लोगों के सवाल थे कि आखिर ये शुरू कैसे हुआ, मैं इतनी हवसी कैसे हो गई.

इसके बाद मैंने अपनी पहली चुदाई के बारे में अपलोड करने का सोचा.

दोस्तो, आप में से जो भी मेरे बारे में जानना चाहता है, कृपया वे मेरी पिछली प्रकाशित हुई सेक्स कहानियां जरूर पढ़ें.

ये बात बहुत पुरानी है, जब मैं पढ़ाई कर रही थी. उस समय मैं सेक्स के बारे में तो जानती थी, पर मैं इतनी अधिक सीधी थी कि मुझे डर लगता था कि कहीं चुदाई से मुझे कोई नुकसान ना हो जाए. साथ ही घर पर पता चलने का भी खतरा था.

मेरी सारी फ्रेंड्स क्लास की सहेलियों से ज्यादा सीनियर लड़कियां हुआ करती थीं. मैं उन्हीं के साथ ज्यादा रहती थी. क्योंकि मेरी फिजिकल ग्रोथ अपनी उम्र से ज्यादा थी. मेरी चूचियां भी अच्छी खासी भरना और उठना शुरू हो गई थीं. मेरी चुचियों के उठान मेरी क्लास में सबसे अधिक मस्त थी.

मेरी सीनियर फ़्रेंड्स अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के बारे में आपस में चर्चा करतीं, तो उनकी बातों से मैं भी उत्तेजित हो जाती. मैंने कई बार अपनी चुत में उंगली करके अपनी उत्तेजना शांत की थी. मुझे मेरी फ्रेंड्स सेक्स के फायदे बताती थीं कि पहली बार चुदाई से दर्द तो बहुत होता है, पर मज़ा भी बहुत आता है.

ये सब सुनकर मैं भी एक बार चुदने का अनुभव करना चाहती थी, पर मेरी उम्र शायद कच्ची थी, इसलिए मुझे वो सब मना ही करती थीं. मैं फिलहाल मूली, खीरा से ही चुत रगड़ कर शांत हो जाती थी.

मेरी फ्रेंड्स ने मुझे पोर्न वीडियोज भी बताए और दिखाए थे, तो मैं सेक्स के बारे में तो काफी कुछ समझ गई थी.

उन्हीं दिनों मैंने एक वीडियो देखा. उसमें एक लड़का, लड़की की गांड में लंड पेल कर चुदाई कर रहा. मैंने अपनी एक सीनियर से पूछ लिया- ये दोनों तरफ करते हैं क्या?
उन्होंने बताया- हां पीछे भी एन्जॉय करने के लिए करते हैं, इससे बच्चे होने का डर भी नहीं रहता और मजा भी बहुत आता है.

मुझे सेक्स करना नहीं था, इसलिए मैंने इतना इंटरेस्ट नहीं लिया. पर मेरी हरकतों से मेरी फिगर बहुत अच्छी हो गई थी. मैं पूरी जवान चुदने लायक लड़की हो गई थी. इस वजह से काफी सीनियर लड़के मुझ पर लाइन मारते थे.

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मैं इन्हीं सब हरकतों से पढ़ाई में इतनी कमजोर हो गई थी कि मुझे क्लास में क्या चल रहा है, कुछ समझ नहीं आता था. इसी वजह से मुझे घर पर बहुत डांट पड़ने लगी थी.

हमारे साइन्स के टीचर नाम जतिन सर था. जतिन सर दिखने में थोड़े काले थे, पर अच्छी मस्कुलर बॉडी के कारण मेरी निगाहें अक्सर उन पर टिक कर रह जाती थीं. मैं कई बार सर को देखती थी कि वो भी मुझे घूरते थे. मौक़ा मिलते ही वो मुझे टच करने का कोई अवसर भी नहीं छोड़ते थे.

मुझे शुरू में इतना ख़ास नहीं लगा. मगर हद तब हुई, जब टीचर कई बार मेरे मम्मों को अपनी कोहनी से दबा देते. या अपने हाथ से कई बार मेरे चूतड़ों को सहला देते.

मैं समझ गई थी कि वो क्या चाहते हैं, पर मैं उनके साथ वो सब नहीं करना चाहती थी.

उनकी हवस दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी. मैं डर से कुछ नहीं कहती थी, तो इससे उनका हौसला और बढ़ता जा रहा था.

एक दिन मेरे टेस्ट हुए. मैं मैथ्स और साइंस में फेल हो गई थी. मुझे घर पर बहुत डांट पड़ी. मैंने मन मार कर पढ़ना शुरू किया, पर न जाने क्यों मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था.
इसी पढ़ाई के चक्कर में मैंने काफी दिनों से कोई पोर्न क्लिप नहीं देखी थी. मुझे अन्दर से ब्लू-फिल्म देखने का बहुत मन था पर इतना टाइम ही नहीं मिल पा रहा था.
जल्दी ही मेरे मासिक इम्तिहान भी शुरू होने वाले थे. इस बार मेरे घर वालों ने भी मुझसे साफ बोल दिया था कि मुझे हर हाल में पास होना ही है.

मैं कैसे भी बस पास होना चाहती थी. मैंने अपनी एक सीनियर से बात की.
तो वो बोली- मैं पढ़ाई में तेरी कोई हेल्प नहीं कर सकती क्योंकि मैं खुद टीचर से चुदवा कर पास होती हूँ.

बस उसकी ये बात सुन कर मेरे दिमाग में एक खुरापाती आईडिया ने जन्म ले लिया कि क्यों न मैं जतिन सर से चुदवा लूं!
पर मुझे बहुत डर लग रहा था.

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मैंने फिर भी डर के मारे टयूशन का बहाना करके टीचर से बात की. उन्होंने मुझे अपने घर आने का टाइम दे दिया. मैंने भी अपने घर पर बात कर ली और शाम को ही ट्यूशन चली गई.

उस समय मैंने टी-शर्ट और लोअर पहन रखा था. इस टी-शर्ट में से मेरे मम्मे जबरदस्त कामुकता बिखेर रहे थे.

थोड़ी देर में मैंने नोटिस किया कि वो मुझे देख अपना लौड़ा एडजस्ट कर रहे थे.
मैं हंस दी, तो उन्हें समझ आ गया.
फिर भी उन्होंने मेरी तरफ देख कर अपना लंड सहलाते हुए पूछा- क्या हुआ … क्यों हंस रही हो?
मैंने कुछ नहीं कहा, बस उनके खड़े होते लंड को ही देखती रही.

उन्होंने लंड सहलाते हुए कहा- बोलो क्या समझना है?
मैंने कुछ नहीं कहा और आंखों को उनके लंड पर ही गड़ाए रही.

तभी टीचर ने अपने पैंट की जिप खोल दी. मुझे उनके बॉक्सर के खुले होल से उनका नाग फन फैलाता दिख गया.

मैंने सर की तरफ देखा, तो उन्होंने लंड बाहर निकाल लिया. मैंने वासना से अपनी आंखें उनके लंड पर ही टिकाए रखीं.
वो उठे और मुझे हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गए.

मैंने टीचर से पूछा कि आप मेरे साथ क्या करने वाले हो?
वो पहले तो बोले- जो तुम चाहो.
मैंने सीधे सीधे कह दिया- मैं सील नहीं खुलवाना चाहती.
उन्होंने मुझे बताया कि तुम्हारी गांड बहुत जबरदस्त लगती है, मुझे सिर्फ तुम्हारी गांड मारनी है. मैं तेरी चूत को तो छुऊंगा भी नहीं.
ये सुनकर मैं खुश हो गई.

हम दोनों कमरे में जाकर उनके बिस्तर पर बैठ गए. मैंने टीचर से बातें करना शुरू कर दीं. सर मुझे सहलाए जा रहे थे. उनके हाथ मेरे मम्मों पर चल रहे थे, तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था.

मैंने सर से कहा- मेरी टी-शर्ट खराब हो जाएगी.
यह सुनकर उन्होंने अपनी बीवी की मैक्सी मुझे दे दी और बोले- लो तुम इसे पहन लो और इजी हो जाओ, जब तक मैं तुम्हारे लिए कुछ पीने का लाता हूँ.

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