टीचर की चुत मरने का मज़ा ही अलग होता है

तो ये कहानी मेरे और मेरे टीचर के बारे में है, मैं 12वी. में था. एक दिन हमारी क्लास टीचर नहीं आई थी तो उनकी जगह दूसरी टीचर आई थी.

उनका नाम निहारिका (बदला हुआ नाम). उनका रंग बहुत गोरा था. फिगर तो बहुत ही मस्त थी 36-28-34.

उनकी उम्र भी 28-29 होगी. जब वो क्लास में आई तो सब लड़के देखते रह गए. मेरा लंड उन्हें देख कर थोडा खड़ा हो गया था. उन्होंने गहरे गले का पीले कलर का सूट पहना था. उनके चूचो की दरार दिख रही थी.

और उनकी सलवार पारदर्शी होने के कारण उनकी पेंटी भी दिख रही थी जो की काले रंग की थी. मेरा लंड उन्हें देखने को बेताब हो रहा था.

मैं पहले बेंच पे बैठा था तो उन्होंने मेरा खड़ा लंड नोटिस किया. उन्होंने पहले मुझे देखा और अपने पास बुलाके कहा जाओ, वाशरूम में और ठीक करके आओ. मैं उनके बदन के बहुत पास खड़ा हुआ था. मेरा लुंड उनकी टांगो को टच कर रहा था. उन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया.

फिर मैं लंड ठीक करने चला गया. वापस क्लास में आया तो देखा मेम ज़मीं पे गिरा पेन उठा रही थी और उनके बूब्स लटक रहे थे.

उन्होंने मुझे देखा और नॉटी सी स्माइल दी. इतने में बेल बज गयी और निहारिका मेम चली गयी. मैं उनकी मटकती गांड को देख रहा था. उनकी गांड बहुत ही मोटी थी और गोल थी. उस दिन मैंने उनकी नाम की मुठ भी मारी.

कुछ दिन बाद मुझे मेम क्लास में पढ़ती हुई दिखी. उन्होंने मुझे देखा और अपने पास बुलाया.

उनको देख के मेरा लंड फिर खड़ा हो गया क्योंकि उन्होंने बहुत टाइट कुर्ती पहन राखी थी. उनकी मोटी गांड और गोर चुचे साफ़ दिख रहे थे. मैं उनके पास गया और फिर से उनके करीब खड़ा हो गया.

उनमे से खुशबु आ रही थी जिससे मेरा लंड पूरा तन गया और मेरा लंड उनकी टांगो को टच करने लगा. मैं हैरान तब हुआ जब निहारिका मेम ने भी टांग हिला कर मेरे लंड को छेड़ना शुरू किया. मैं बहुत खुश हो गया.

मन कर रहा था अभी उनकी सलवार खीच कर चूत चाटने लग जाऊ.

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मेम ने मुझे कहा की तुम स्टाफ रूम (टीचर का कमरा) में इंतज़ार करना छुट्टी के बाद.

छुट्टी के बाद में उनका स्टाफ रूम में वेट कर रहा था. करीब 5-10 मिनट बाद वो आई.

वो चेयर पर बैठ गयी और मैं खड़ा हुआ था.

उनके चुचे मुझे साफ़ दिखाई दे रहे थे. जब वो हिलती तो उनके चुचे भी साथ साथ हिलते. उनकी पतली कमर पर उनके मोटे मोटे बूब्स आराम करते देख मेरा मन उन्हें चोदने का करने लगा. और मेरा लंड कब खड़ा हो गया मुझे पता भी नहीं चला.

इस बार मेरा लंड उनके मुह के सामने था. वो देखने लगी. तभी मैंने देखा की उन्होंने अपनी गांड पे हाथ फेरा और आह्ह्ह्ह की आवाज निकली बहुत धीरे.

निहारिका मेम ने कहा की मुझे तुम मेरे छोटे मोटे कामो में मदद कर दिया करोगे. मैंने हामी भरते हुए कहा ही कोंसे काम.

मेम बोली मेरी कॉपी क्लास में रख आना मेरे स्कूल के काम में हाथ बताना क्यूंकि मेरे पैर में चोट जो लगी है.

मैं खुश हो गया और हाँ कहा.

मेम ने मुझे जाने को कहा. मैं वह से निकल गया. लेकिन चुपके से उन्हें देखा तो उन्होंने अपने बूब्स दबाये और चूत पे पेन लगाके दबाने लगी. मैं ये सब देख रहा था.

मेम ने अचानक मुझे देखा और घबरा गयी. मैं भी वह से भाग गया.

पूरा दिन मेंने ये सोचकर मुठ मारी.

अगले दिन मुझे निहारिका मेम ने अपने पास बुलाया और धीमी आवाज में पूछा की तूने कल जो देखा प्लीज किसी को बताना मत..

मैंने कहा मेम आप भरोसा रखिये किसी को नहीं बताऊंगा, हम दोस्त है, तो उन्होंने हस्ते हुए कहा हम अच्छे दोस्त है.

उन्होंने मुझे अपने घर का पता दिया और शाम को आने को कहा और कहा की इम्पोर्टेन्ट काम है मेरी हेल्प करना.

मैं मन ही मन खुश हो गया था और मन किया की बस गले लगा लूँ और बूब्स चूस लूँ.

उन्होंने लाल रंग का पारदर्शी सूट पहना हुआ था जिसमे उनका बदन बहुत सुन्दर लग रहा था और चुचे भी ज्यादा बड़े लग रहे थे, उनके कुल्हे उनकी गांड पर टच हो रहे थे. उनकी मोटी गांड बहुत ज्यादा.. टाइट लग रही थी..

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अगले दिन में उनके घर गया तो मैंने देखा मेम जिम से आई थी. और उन्होंने जिम पैन्ट्स पहनी थी जो बहुत ज्यादा टाइट होती है और छोटा टी-शर्ट पहना था. उन्होंने दरवाजा खोला तो मैं देखता ही रह गया.

उनकी पेंटी की शेप अच्छे से नजर आ रही थी और उनकी गांड बहुत मस्त लग रही थी. टी-शर्ट छोटी होने की वजह से उनका गोरा पेट दिख रहा था.

मेरा लंड खरा हो गया और मन तो मेम को चोदने का कर रहा था.

मेम ने मुझे अन्दर बुलाया और कहा बैठो में नहा के आती हूँ.

मेम नहा रही थी तब तक में उनके रूम में सामन देखने लगा. मैंने उनके ड्रावर में कंडोम पड़े देखे.

इतने में मेम ने आवाज लगायी.

मनीष जरा टॉवल देना चेयर पे पड़ा है.

मैं टॉवल ले कर बाथरूम के दरवाजे पर नॉक किया.

तो मेम ने हाथ बहार निकाला मैंने टॉवल हाथ में पकडाया और में मुड़ गया.

इतने में मुझे मेम ने मुझे पीछे से हग कर लिया.

मैं मुड़ा तो देखा मेम ने कपडे नहीं पहने हुए थे, वो बिलकुल नंगी है.

मैं हैरान हो गया, उनके बड़े बड़े बूब्स मेरे आँखों के सामने थे, उनके निप्पल बड़े थे और पिंक थे और उनकी चूत भी गोरी थी.

मेम ने कहा तुम ने कहा था की तुम मेरी मदद करोगे तो अब मेरी आग बुझाओ.

ये कहते ही उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया.

मैं भी साथ देने लगा उनका. जीभ जीभ लगा कर किस करने लगा. मैंने उनकी कमर में हाथ डाला और अपनी और खिंचा और किस करने लगा. साथ साथ में उनकी गांड मसल रहा था.

निहारिका मेम ने मेरी जीन्स उतार दी और लंड को बाहर निकल कर ही सहलाने लगी और साथ ही साथ किस करती रही. मैं अब गरम हो गया था, मैंने उनके बड़े और गोर चूचो को हाथ में लिया और चूसने लगा.

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