सुष्मिता भाभी का जवाब नहीं भाग 4

लेकिन इन बातों से बेख़बर वो अपनी कमर मतकती हुई बलखाती चल से चलती हुई बस में सॉवॅर हो कर अपनी सीट पे बैठ गयी और उस के पिछे पिछे चलते हुवे मैं भी उस के बगल वाली सीट पे बैठ गया. बस के अंदर भी हमारी सीट के आस पास बैठे लोग एक दूसरे की नज़र बचा कर अपनी आँखों से उस की सुंदरता के जाम को पी रहे थे. हमारी सीट से आगे के रो में बैठे लोग बार बार पिछे मूड कर उसे देख लेते थे, मानो ऐसा करने से उन की आँखों और दिलों को ठंढक पहुँच रही हो. हमारी रो में ऑपोसिट साइड की सीट पे दो सुंदर लड़कियाँ बैठी हुई थी और वो भी कभी कभी मूड कर सुष्मिता और मेरी तरफ देख लेती थी. बस अपने निर्धारित समय से रात के 9 बजे चल पड़ी. बस चलने के बाद करीब एक घंटे तक बस के अंदर की लाइट जलती रही और इस बीच लोग बार बार उस की सुंदरता को अपनी आँखों से पीते रहे. करीब दस बजे कंडक्टर ने बस की सारी बत्तियाँ बुझा दी जिस से बस के अंदर अंधेरा च्छा गया. अंधेरे में कुच्छ देर तक लोगों की बात चीत के आवाज़ आती रही और करीब 10 बजते बजते बस के अंदर बिल्कुल खामोसी च्छा गयी. . मैं इसी मौके के इंतजार में था. मैने सुष्मिता को अपने पास खींच लिया और खुद भी थोडा खिसक कर उस से सॅट गया. मैने अपने दाहिने हाथ में उसका बायां हाथ ले लिया और उसके हाथ को अपने हाथों से सहलाने लगा. मेरे अंदर इस से सनसनी बढ़ती जा रही थी. मैने उसे अपनी गोद में खींच कर उसके मुखड़े पे एक चुंबन जड़ दिया. अब मैने अपने दाए हाथ को उस के कंधे पे रख कर उस के कंधे और नंगे पीठ को सहलाने लगा. थोड़ी देर में मेरा हाथ फिसलता हुवा उस की दाहिने चूची पे पहुँच गया और मैं उसे ब्लाउस के उपर से ही सहलाने लगा. चूची को सहलाते सहलाते कभी कभी मैं उसे जोस से दबा देता था. अब मेरा लंड पॅंट के अंदर पूरी तरह खड़ा हो कर तेज़ी से फुदकने लगा था. मैने उसके बाएँ हाथ को अपने बाएँ हाथ से पकड़ कर अपने लंड पे खींच लाया. वो अपने हाथ से पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी. मैं अपने बँये हाथ को उस की जांघों पे रख कर उन्हे सहलाने लगा. मेरा दाहिना हाथ लगातार उस की चूंचियों पे फिसल रहा था. मैं सुष्मिता की चूचियों और जांघों को सहला रहा था और वो मेरे लंड को अपने हाथों से मसल रही थी. रात अब काफ़ी बीत चक्का था और मार्च का महीना होने के कारण अब हल्का ठंड महसूस हो रहा था जिस का फ़ायडा उठाते हुवे बॅग से हमने एक चदडार निकाल कर उसे अपने जिस्मों पर डाल लिया. हमारे जिस्म अब चदडार से पूरी तरह धक गये थे. जिस्म पे चदडार डालने के पिच्चे ठंड तो सिर्फ़ एक बहाना था क्योंकि इतना ज़्यादा ठंड भी नहीं पड़ रहा था की बिना चदडार के काम ना चल सके. हमने तो चदडार का इस्तेमाल सिर्फ़ खुल कर एक दूसरे के बदन का लुत्फ़ उठाने के लिए किया था.

और कहानिया   भाभी की मदत से कुवारी बहन की चुदाई – 2

चदडार डालने के बाद मैने सुष्मितकी सारी और पेटिकोट को उसके कमर तक उठा दिया और उसके ब्लाउस के हुक और ब्रा के हुक को खोल कर उस की चूचियों को इन के बंधन से मुक्त कर दिया. अब मैं अपने एक हाथ से उसकी नंगी चूचियों को मसालते हुवे दूसरे हाथ से उस की नंगी जांघों और चूत को सहला रहा था. सुष्मिता ने मेरे पॅंट का ज़िपर खोल कर मेरे खड़े लंड को बाहर निकाल लिया था और वो उसे अपने हाथों में लेकर बड़े प्यार से सहला रही थी. मैं उस की चूचियों को मसालते मसालते कभी कभी उस की चूचियों की घुंडी को ज़ोर से दबा देता. वो मेरे लंड को तेज़ी के साथ सहलाने लगी थी. मेरे कड़े लंड से थोडा थोड़ा पानी (प्र-कम) निकालने लगा था जो लंड पे चिकनाई का काम कर रहा था. अब उसके हाथ मेरे पूरे लंड पे तेज़ी के साथ चल रहे थे. वो मेरे लंड पर सुपरे से लेकर जड़ तक और कभी कभी मेरे अंडकोस तक अपने हाथ को घुमाने लगी थी. उत्तेजना हर पल बढ़ती जा रही थी और हम अब तेज़ी से एक दूसरे के बदन को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे थे. मैने उसकी जांघों को थोडा फैला कर, अपना हाथ उसकी चूत पे रख कर, उस की चूत की फांको को अपनी उंगली से फाइयला कर, उस की चूत की दरार में अपने हाथ की बिचली उंगली घुसा डी. मेरी उंगली उस की चूत के अंदर के दाने को टिक टिक कर के सहला रही थी. अब उत्तेजना के मारे वो अपना कमर हिलाने लगी थी. उस की चूत के दाने को काफ़ी देर तक सहलाने के बाद मैं अपनी उंगली चूत के छेद पे रख कर अंदर की तरफ ठेलने लगा. मेरी उंगली बड़ी आसानी से उसकी चूत में समा गयी क्यों की काफ़ी लंबे समय से सहलाए और मसले जाने के कारण उस की चूत पानी छ्चोड़ने लगी थी. मैं उस की चिकनी चूत में गाचा गछ उंगली पेले जा रहा था. मेरी उंगली तेज़ी से उस की चूत में अंदर बाहर होने लगी थी. उस ने अपने होंठो को ज़ोर से दबा रखा था. शायद वो अपने मुँह से निकल पड़ने को व्याकुल सेक्सी उत्तेजक सिसकियों को रोकने के लिए ऐसा किया थी.

और कहानिया   मुँह बोली बहन को चोदा – 1

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.