दोस्तों के बीच सिस्टर्स का एक्सचेंज भाग 1

समीर उठकर नेहा के पास गया. उसने बाहें लंबी की, नेहा ने उसके हाथ पकड़ लिए खींचकर नेहा को उसने खड़ा कर दिया और अपनी बाहों में भर लिया. उन दोनों के मुँह किस में जुट गये.
मैं सोफ़े पर बैठा था. हाथ लंबे करके मैंने पूर्वी को बुला लिया. पूर्वी मेरे पास चली आई और खड़ी हो गई. वो शरमा रही थी. दाँत से उंगली काट रही थी. उसका चेहरा लाल लाल हो गया था. दो तीन बार मुझसे आँख चुरा कर उसने समीर और नेहा की ओर देखा. उन दोनों को चुंबन में लगे हुए देख पूर्वी ज़्यादा शरमाई. बहुत प्यारी लग रही थी वो. उसने रेशमी चोली, घाघरी और ओढ़नी पहनी थी. चोली छोटी होने से उसकी गोरी गोरी कमर और सपाट पेट का काफ़ी हिस्सा खुला था. मैंने उसे कमर से थाम लिया. उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी. मैंने उसे पास खींच लिया. मेरा सिर उसके सीने से दब गया. सिर हिला कर मैंने उसके स्तन टटोला. ऐसे में ओढ़नी का पल्लू थोड़ा खिसक गया. खुले हुए गोरे पेट पर मैंने किस कर दिया. गुदगुदी से वो छटपटाई. उसे पकड़ कर मैं किस करता रहा.

आख़िर मेरे बाल पकड़ कर उसने मेरा सिर हटा दिया. बोली: मुझे बहुत गुदगुदी होती है
मैं: ये तो तेरा पेट है यहाँ (भोस पर हाथ रखते हुए) किस करूँगा तब क्या होगा?
उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया. एक उंगली मेरे होठों पर रख कर बोली: धत्त, ऐसा नहीं बोलते.

मैंने होंठ खोल उंगली मुँह में ली और चूसने लगा. मेरा दूसरा हाथ कमर पर से उतार कर उसके भरे भरे नितंब पर जा पहुँचा. मैंने कूल्हे सहलाए और दबाए. उसने मेरे मुँह से उंगली निकाल ली और सिर झुकाकर अपने होंठ मेरे होंठ से लगा दिए जांघें चौड़ी कर मैंने उसे मेरी बाई जाँघ पर बिठा दिया. हमारे होंठ किस में जुटे हुए थे. बंद होंठ से ही मैंने उसके कोमल होंठ रगड़े. मुँह खोल मैंने उसके होंठ मेरे होंठ भींच लिए और जीभ से चाटे. फूल की पंखुड़ी जैसे कोमल उसके होंठ मुझे इतने मीठे लगे कि मेरा लंड अकड़ने लगा.
जीभ से मैंने होंठ टटोले तब वो फिर छटपटा गयी.

और कहानिया   शालू की मुलायम चुत को चूसा

मैंने कहा : मुँह खोल तो ज़रा.
थोड़ी हिचकिचाहट के बाद उसने मुँह खोला. मेरी जीभ अंदर जाकर चारों ओर घूम चुकी और उसकी जीभ से खेलने लगी. मैंने जीभ लंड जैसी कड़ी बनाई. कड़ी जीभ अंदर बाहर करके मैंने पूर्वी का मुँह चोदा. जब मैंने मेरी जीभ वापस ले ली तब उसने अपनी जीभ से वो सब किया जो मैंने किया था. हम दोनों एक्साइट होने लगे.

उधर समीर ने नेहा को पलंग की धार पर लेटाया था और ख़ुद ज़मीन पर बैठ उसकी भोस सहला रहा था. भोस के होठ चौड़े करके वो जीभ से क्लाइटोरिस टटोल रहा था. उसकी दो ऊँगलियाँ नेहा की चूत में डाली हुई थी जो उस के जी स्पोट का मर्दन कर रही थी. अचानक समीर ऊँगलियाँ तेज़ी से अंदर बाहर करके नेहा की चूत को चोदने लगा. नेहा के कूल्हे हिलने लगे. वो मुँह से सी सी सी आवाज़ करने लगी, समीर क्लाइटोरिस चूसता रहा और ऊँगलियों से चूत मारता रहा. किस चालू ही थी कि मेरा हाथ पूर्वी के पेट पर चला गया. ओढनी का पल्लू हटा कर मैंने पेट सहलाया. उसकी बाहें मेरे गले में थी इसलिए दोनों स्तन खुले थे. पेट पर से मेरा हाथ चोली में क़ैद पूर्वी के स्तन पर गया. पहले मैंने हलके स्पर्श से स्तन सहलाया, बाद में दबाया. चोली पतले कपड़े की थी और लो कट भी थी. मेरी ऊँगलियों ने कड़ी निप्पल ढूँढ निकाली. दो ऊँगलियों से टटोलने के बाद मैंने निप्पल चिपटी में ली.

पूर्वी ने मेरी कलाई पकड़ ली और हाथ हटाने का प्रयत्न किया. मुट्ठी में स्तन भर के मैंने हटाने दिया नहीं. उधर फ़्रेंच किस की मस्ती में वो अपना स्तन भूल गयी चिपटी में पकड़ी हुई निप्पल मैंने मसली और खींची. उसकी बाहों की पकड़ ज़्यादा ज़ोरदार हो गयी निप्पल छोड़ मेरी ऊँगलियों स्तन के खुले हिस्से पर घूमने लगी मैंने चोली के अंदर उगली डालने का प्रयत्न किया लेकिन डाल न सका क्योंकि चोली छोटी और टाइट थी. किस करते करते मैंने एक एक कर चोली के सब हुक खोल डाले. चोली हटते ही उसके नंगे स्तन मेरी हथेलियों में क़ैद हो गये. पूर्वी के स्तन इतने बड़े तो नहीं थे जितने पद्मा के थे. लेकिन संपूर्ण गोल और कठोर थे. दबाने से दबे नहीं जाते थे. अनजाने में मुझसे ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया. पूर्वी कराह उठी. किस छोड़ कर उसने अपना सिर मेरे कंधों पर रख दिया और बोली: मुझे दर्द होता है
मैंने स्तन सहलाया और कहा: जब तक तेरे स्तन बढ़ते रहेंगे तब तक उसे दबाने से दर्द होता रहेगा. पूरे विकसित हो जाने पर दर्द नहीं होगा.

और कहानिया   एक चुडासी बीवी की सुहागरात की कहानी

अब मैंने उसकी ओढनी और चोली निकाल दिए उसने शर्म से आँखें बंद कर दी. उसके प्यारे प्यारे स्तन मैं अच्छी तरह देख सका. क्या स्तन पाए थे उस लड़की ने? इतने ख़ूबसूरत स्तन की मुझे उम्मीद नहीं थी. गोरे गोरे गोल गोल छोटे श्रीफ़ल की साइज़ के उसके स्तन कड़े थे. चिकनी मुलायम चमड़ी के नीचे ख़ून की नीली नसे दिखाई दे रही थी. स्तन की चोटी पर बादामी कलर की दो इंच की एरोला थी. एरोला के मध्य में कि के दाने जैसी कोमल छोटी सी नीपल थी. उस वक़्त एक्साइटमेंट से एरोला उभर आई थी और निप्पल कड़े हो गये थे. मैंने पहले हलके स्पर्श से सारा स्तन सहलाया, बाद में मुट्ठी में लिया. निप्पल को चिपटी में लेकर मसला. पूर्वी के मुँह से आह निकल पड़ी.

स्तन साथ खेलते हुए मैंने पूर्वी का हाथ लंड पर रख दिया. पाजामा के आर पार मेरे तने हुए लंड को छूते ही उसने हाथ हटा लिया.
मैं: पकड़ ले, डरती क्यूं हो? काटेगा नहीं.
उसे हँसी आ गयी मैंने फिर लंड पकड़ाया. इस वक़्त उसने मुट्ठी में लिया और होले से दबाया. लंड ने ठुमका लगाया.
मेरे आश्चर्य की हद न रही जब वो मेरे कान में बोली: इतना बड़ा और मोटा? मुझे मुँह में लेना है ले सकती हूँ?

इसके बाद क्या हुआ? कैसे पूर्वी और नेहा की चुदाई हुई? ये जानने के लिये अगला भाग अवश्य पढ़ें…
कहानी का अगला भाग : हम पाँच : बहनों की अदला बदली-2

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.