सभी शादीशुदा बड़ी उम्र की महिलाओं को मेरा सलाम।
देखिये मैं कोई कहानी आपको नहीं बता रहा हूँ, यह मेरा पहला अनुभव था जो मैं आपको बताना चाहता हूँ जब मुझे जिंदगी के सबसे हसीन पल नसीब हुए।
शुरू से ही मेरी दिलचस्पी बड़ी उम्र की महिलाओं में मतलब कि शादीशुदा महिलाओं में रही है क्यूंकि शादी के बाद उनके यौवन में जो निखर आता है उसका कोई जवाब ही नहीं होता! चेहरे पर जो लाली होती है, शरीर में जो भराव होता है वो बात एक कुंवारी लड़की में नहीं होती।
यही वजह है कि मुझे शादीशुदा महिलाएं ज्यादा आकर्षक लगती हैं।
बात अभी पिछले साल की है जब हमारे घर पर नए किरायेदार आये थे। वो एक शादीशुदा जोड़ा था जिनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ था!
पति रमेश एक दवाइयों की कंपनी में मैनेजर थे और पत्नी स्कूल टीचर जो पास के ही एक स्कूल में जाती थी, उनका नाम साक्षी था!
साक्षी के हुस्न की मैं क्या कहूँ! एक दम गोरा बदन, शरीर भरा हुआ, दोनों चूचियाँ इतनी मोटी कि देखते ही लण्ड खड़ा हो जाये!
मैं तो उन्हें देखते ही पागल हो गया था! एक आग सी लग गई अन्दर कि काश इनके यौवन का मजा मैं भी ले सकता!
बस फिर क्या था मैं बस एक मौके की तलाश में रहने लगा!
पहले धीरे धीरे मैंने साक्षी से बात करनी शुरू की! बातों बातों में पता चला कि उनके पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते है कई दिनों तक!
बस यह सुनते ही मेरा दिल खुश हो गया क्यूंकि अब कुछ हो सकता था!
मैं अक्सर रात को उनकी खिड़की में झाँका करता था यह सोच कर कि कभी साक्षी के भरे हुए शरीर का नजारा मिल जाये!
एक रात तो मैंने साक्षी को सेक्स करते हुए उसके पति के साथ देखा! तबसे मेरे तन बदन में आग लग गई कि अब तो मुझे कैसे भी करके साक्षी को चोदना है!
कुछ दिनों बाद साक्षी का पति बाहर चला गया और जिस दिन का मुझे इन्तज़ार था वो अब करीब था।
एक रात मैं साक्षी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उस से मेरे रोंगटे खड़े हो गए! साक्षी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़ रही थी! मेरा सात इंच का लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया! मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया!
अगले दिन मैं कॉलेज से दोपहर में ही वापिस आ गया! मेरे घरवाले ताला लगा कर बाहर गए हुए थे! मैं बाहर सीढ़ियों पर बैठ गया!
तभी देखा कि सामने से साक्षी आ रही थी! उनके स्कूल की छुट्टी हो गई थी!
मुझे बाहर बैठा देख कर वो मुझसे बोली- क्या बात है आशु दोपहर में बाहर क्यों बैठे हो!
मैंने कहा- घरवाले ताला लगा कर बाहर चले गए हैं और चाबी नहीं छोड़ कर गए!
साक्षी- तो कोई बात नहीं बाहर मत बैठो मेरे कमरे में आ जाओ नहीं तो बीमार पड़ जाओगे धूप में!
मैं उनके कमरे मैं चला गया!
साक्षी- कुछ भी चाहिए हो तो बता देना, संकोच मत करना।
मैं मन ही मन सोचने लगा कि जो चाहिए वो कैसे बताऊँ!
साक्षी- तुम यहीं बैठो, मैं कपड़े बदल कर आती हूँ!
जब वो कपड़े बदल कर आई तो जो गाउन वो पहन कर आई उसमें उन्हें देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया!
वो मेरे सामने बैठ गई और मुझसे बात करने लगी!
साक्षी- तो कॉलेज में सिर्फ पढ़ाई ही करते हो या कोई मस्ती भी! कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं?
मैं उसकी पहली ही बात से हैरान हो गया कि इतना खुल के बात कर रही है!
मैंने कहा- नहीं, कोई नहीं है!
साक्षी- क्या तुम आजकल के लड़के एक लड़की नहीं सेट कर सकते! पता नहीं जवानी के मजे कब लोगे।
मैं हैरान हो कर उसे देखता रहा!
तभी उसने अपनी एक टांग दूसरी टांग के ऊपर रख ली, जिससे उसकी जांघें दिखने लगी- एकदम गोरी गोरी, एक भी बाल नहीं एक दम चिकनी!
मेरी नज़र वहाँ जाकर टिक गई!
साक्षी- वैसे कल तुम मेरी खिड़की में झांक कर जो कर रहे थे वो ठीक नहीं!
इसका मतलब उसने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया था! अब मैंने तय किया कि जो भी होगा देखा जायेगा और मैंने उनकी जांघ पर हाथ रख दिया!
मैंने कहा- क्या करूँ जबसे तुम्हें देखा है तबसे अन्दर एक आग सी लग गई है! मैं बस एक बार तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ!
साक्षी- तो यह बात है!
मैंने धीरे धीरे हाथ अन्दर बढ़ाना शुरू कर दिया!
साक्षी- शर्म आनी चाहिए तुम्हें जो एक शादीशुदा औरत पर नज़र रखते हो!
मैंने घबरा कर हाथ वापिस खींच लिया और जाने के लिए खड़ा हो गया! मेरा लण्ड तो खड़ा ही था और वो पैंट से बाहर आने के लिए तड़प रहा था!
तभी साक्षी ने मेरी पैंट के बाहर से ही लण्ड पकड़ कर कहा- सिर्फ नज़र रखने से ही कुछ नहीं होता, कुछ करने की हिम्मत भी होनी चाहिए!
मैंने कहा- आप एक मौका तो दो, फिर मैं दिखाता हूँ कि क्या कर सकता हूँ!
साक्षी- तो फिर देर किस बात की है! आ जाओ और हो जाओ शुरू! शादी के बाद ये अकेलापन काटने को दौड़ता है पर इन्हें तो अपने काम से ही फुर्सत नहीं!
मैंने कुछ न कहते हुए हुए सीधे उनके रसीले गुलाबी होंटों को चूमना शुरू कर दिया! धीरे धीरे मेरा हाथ उनकी गाउन के अन्दर उनकी मोटे मोटे मम्मों की तरफ बढ़ने लगा! उसके मम्मे कस गए और मैंने उन्हें खूब जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया!
साक्षी ने मेरी पेंट की जिप खोल दी और मेरे लण्ड को पकड़ लिया और अंडरवीयर से बाहर निकल दिया और जोर जोर से हिलाने लगी!
हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए धीरे धीरे उनके बेडरूम में चले गए. साक्षी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी पैंट और अंडरवीयर उतार दी!
साक्षी- अरे बाप रे! इतना बड़ा लण्ड! ऐसा तो मैंने ब्लू फिल्म में भी आज तक नहीं देखा कभी!
मैंने कहा- सात इंच का है! अच्छे अच्छों का नहीं होता इतना मोटा और बड़ा!
साक्षी- पता है मुझे लण्ड के साथ क्या करना पसंद है!
मैंने पूछा- क्या?
उसने कुछ नहीं कहा और सीधे मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया!
मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा!
वो बड़ी जोर जोर से मेरा लण्ड चूस रही थी! और मेरा लण्ड और कसता जा रहा था!
पंद्रह मिनट तक वो मेरा लण्ड चूसती रही और मेरी साँसें तेज होने लगी!
वो और तेज होती जा रही थी! और एक दम से उसने अपना मुँह हटा लिया और मेरा सारा वीर्य चस चस करता हुआ तेज धार से उसकी गाउन पर जा गिरा!
साक्षी- क्या हुआ बस इतने में ही झड़ गए!
मैंने कहा- आज तो दस बार भी झड़ जाये तो भी ये लण्ड बैठने वाला नहीं! मेरा लण्ड अभी भी पहले से ज्यादा तना हुआ था!
मैंने कहा- अब देखो मैं तुम्हें स्त्री जीवन के चरम सुख का आनंद दिलाता हूँ!