ये बात तब की है जब मै 19 साल का था. मेरा चेन्नई के एक बहुत अकचे कॉलेज में अड्मिशन हो गया था , लेकिन वहाँ मेरा कोई फ्रेंड नही था. लेकिन खुसकिस्मत से मेरी दीदी , जिसकी 2 साल पहले शादी हो चुकी थी , उन दिनो चेन्नई में ही थी. मै अपनी दीदी से बहुत प्यार करता था. वैसे उमरा में वो मुझसे 6 साल बड़ी थी. हम साथ साथ खेला करते थे और वो जहाँ भी जाती थी मुझे भी अपने साथ ही ले जाती थी.
मै चेन्नई में उसके घर पहुँचा तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी क्यूंकी पिताजी ने फोन करके उसे मेरे आने की खबर दे दी थी. मुझे देखकर वो बहुत खुश हुई और उसने मुझे अपने आलिंगन में भर लिया. फिर वो मुझे अंदर ले गयी. वो दो कमरे वाला छोटा सा घर था. जब मेने जीजाजी के बारे में पूछा तो उसने बताया की वो किसी ट्रैनिंग के सिलसिले में दो महीने के लिए देल्ही गये हैं. मेरे आने पर उसे बहुत खुशी हुई क्यूंकी उसका 1 साल का लड़का था और वो घर में अकेलापन महसूस कर रही थी. मेरे वहाँ रहने से वो तोड़ा सेक्यूर फील कर रही थी.
रात में सोने के समय उसने मुझे अपने कमरे में ही सोने को कहा क्यूंकी वाहा बड़ा बेड था और वैसे भी वो छोटा ही घर था. हम दोनो के बीच बेड में उसका लड़का सोया था. रात में मुझे नींद में एक अजीब सा सपना आया. मेने देखा मेरी दीदी मुझे किस कर रही है. सुबह जब में उठा तो मुझे सपने को सोचकर लज्जा आई.
मेने बगल में देखा तो दीदी अभी भी सोई थी. उसका पल्लू खिसक गया था और उसकी सांसो के साथ उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी. उसके लो कट ब्लाउस से वो बड़ी बड़ी चुचियाँ बाहर आने की कोशिश कर रही थी. मेने ध्यान से देखा तो पाया की उसने अंदर ब्रा नही पहनी हुई थी. ब्रा ना होने से उसकी चुचियों के निप्पल भी ब्लाउस में दिख रहे थे. मई मंत्रमुग्धा होकर उन हिलती चुचियों को देखता रहा.
तभी अचानक उसने आँखे खोल दी. लेकिन मेने झट से अपनी नज़रें फेर ली . फिर उसकी तरफ देखते हुए उसको गुड मॉर्निंग बोला. वो बोली , “ तुम इतनी जल्दी कैसे उठ गये , हरी?”
मै सिर्फ़ मुस्कुरा दिया. तभी उसने देखा उसका पल्लू खिसका हुआ है और लो कट ब्लाउस से छाती खुली हुई है. लेकिन उसने कोई खास रिक्षन नही दिखाया और आराम से अपना पल्लू ठीक किया और अपनी छाती धक ली.
उठने के बाद अपने सुबह के काम निपटाए. नयी जगह होने से थोड़ी देर में ही मै कमरे में बोर हो गया. मै दीदी को धोँदनेलागा. दीदी बातरूम में लड़के को नहला रही थी. उसने मुझे देखा तो मुस्कुरा दी और बोली, “ भाई , जब तू छोटा था तब मै तुझे ऐसे ही नहलाती थी. तब तू मेरे सामने कपड़े उतरने में बहुत शरमाता था.”
मेने अपने को कोसा , हे भगवान , तब तूने मुझे अकल क्यूँ नही दी.
फिर मै बोला, “ दीदी , जब आप मुझे नहलाती थी तो मै बहुत रोता था. लेकिन अब सोचता हूँ काश कोई मुझे वैसे ही नहला दे तो कितना अक्चा हो. क्यूंकी मै नहाने से बहुत डरता हूँ.”
दीदी मुस्कुराइ और बोली, “ इसमे कोंसि बड़ी बात है. तुम बस मुझसे कहो की मुझे नहाना है. मै अपने लेडल भाई को नहला दूँगी.”
मै बहुत खुश हुआ. मुझे उम्मेड नही थी की वो मुझे अभी भी मासूम बाकचा ही समझेगी. मुझे समझ ही नही आया की मै क्या जवाब दूं.
फिर मैं बोला, “ ठीक है दीदी. जब तुम इसको नहला डोगी तो मुझे आवाज़ दे देना. उसके बाद तुम मुझे नहला सकती हो.”
अपने मुँह से ये बात सुनकर मै खुद ही हैरान रह गया. क्या मेने अपनी दीदी से वाक़ई ऐसा बोला ?
मेने समझा वो मज़ाक कर रही होगी ऑरा ब मुझे दाँटेगी या झिड़क देगी.
लेकिन वो बोली, “ ठीक है भाई, मै तुम्हे बुला लूँगी.”
मुझे समझ ही नही आ रहा था की अब क्या करू. मै बेडरूम में चला गया और बेड पर बैठ गया. फिर सोचने लगा. दीदी क्या मुझे वाक़ई नहलाएगी ? लेकिन ये बात उससे कितनी देर तक छुपी रहेगी की अब मै उसका पहले जैसा छोटा मासूम भाई नही हूँ, बल्कि 19 साल के जिस्म वाला लड़का हूँ. मै ये सब सोच रहा था की तभी उसने मुझे आवाज़ दी.
मै अंदर गया तो वो बोली , “ पहले मै छोटू को सुला देती हूँ फिर तुम्हे नहलौंगी.”
मै बोला, “ ठीक है.”
चलो तोड़ा औट टाइम सोचने को मिल गया. क्या मै एक मासूम बाकछे की तरह व्यवहार कर पौँगा ? क्या मै अपने उपर इतना कंट्रोल कर पौँगा की मुझे एरेक्षन ना हो ? फक ! मेरा तो अभी से लंड खड़ा हो गया है. हे भगवान ! मेरी मादा करो.
मै ऐसे ही बड़बड़ा रहा था की दीदी ने फिर मुझे आवाज़ दी पर इस बार उसने मुझे बातरूम से आवाज़ दी थी. मै बातरूम में चला गया.
मई ऐसे ही बड़बड़ा रहा था की दीदी ने फिर मुझे आवाज़ दी पर इस बार उसने मुझे बातरूम से आवाज़ दी थी. मई बातरूम में चला गया.
उसने वही सारी पहनी हुई थी लेकिन भीगने से बचाने के लिए पेटिकोट में दबाकर तोड़ा उपर कर ली थी. इससे उसकी घुटनो से नीचे की गोरी गोरी टाँगे दिख रही थी. और जांघों के निचले भाग की भी झलक दिख जा रही थी. फिर बिना कुछ बोले उसने मेरी टशहिर्त सर के उपर से उतार दी. फिर उसने मेरा निक्कर उतार दिया. अब मई दीदी के सामने सिर्फ़ एक अंडरवेर में था. जैसे ही उसने मेरे अंडरवेर के दोनो कोनो को उतरने के लिए पकड़ा , मेने शरम से एकद्ूम उसको रोक दिया.