सभी हिंदी सेक्स कहानियाँ (Hindi Sex Kahaniyan, literotica, Hindi sex stories) पढ़ने वालों को मेरा, यानी, मोहित का हेलो… मैं एक मसाज बॉय हूँ। अच्छे कद-काठी और शरीर का हु… मेरा लंड मोटा और मध्यम साइज का है… सुपाड़ा मोटा और लाल है… मैं अक्सर अपने गर्ल-फ्रेंड को चोदता हूँ…
ये कहानी २ साल पहले की है… मुझे एक मोटी गांड वाली भाभी को उसके घर पे चोदने का मौका मिला…
मैंने काफी समय पहले मसाज करना शुरू किया था… मैंने अपनी गर्लफ्रेंड का मसाज किया और उसको जमके चोदा। उसको मुझसे मसाज करवाना बहुत अच्छा लगता था…
एक दिन सुबह-सुबह एक कॉल आया मुझे…
“क्या आप मोहित बोल रहे हैं?” … सामने से आवाज़ आयी…
“हाँ.. कहिये… आप कौन?”… मैंने पुछा…
“जी.. मेरा नाम लता है.. मैं दहिसर में रहती हु… आपका नंबर मेरे सहेली की बेटी ने दिया… “.
मैं कुछ असमंजस में पढ़ गया….
“मेरी सहेली के बेटी का नाम पायल है.. आप जानते है उसे, ऐसा उसने कहा था.. “, लता बोली…
“हाँ… मैं जानता हु पायल को.. क्या हेल्प कर सकता हु आपका मैं?”, मैंने पुछा…
काफी ताज्जुब में था मैं.. पायल ने इसको मेरा नंबर क्यों दिया था….
“पायल ने बताया के आप बहुत अच्छा मसाज करते है… मुझे करवानी है… ठीक वैसे ही जैसे आप पायल की किया करते है…” वो बोली….
मैं तो पूरा अवाक रह गया….
ये औरत मसाज और चुदवाना चाहती है…
“ठीक है.. आप बोलो.. कब आना है?”, मैंने पूछ लिया..
लता ने टाइम और पता बताया और मैं अगले दिन उसके घर पहुंच गया…
दहिसर में उसका काफी बड़ा फ्लैट था… घर में कोई और नहीं था…
लता ३८-४० साल की शादी-शुदा और थी… उसका साइज / फिगर ३८-३४-४० का होगा लगभग। उसकी गांड बहुत बड़ी और मनमोहक थी… मैं तो उसकी गांड ही देख रहा था… उसके घरवालों की बारे में पूछने पर, उसने बताया के उसका बेटा बोर्डिंग स्कूल में पढता है और पति दिल्ली गए है काम से…
तो वो अकेली ही है कुछ दिन के लिए….
“तुम मसाज बेडरूम में कर दो.. वह कूलिंग अच्छा है…” इतना कह लता बैडरूम में चली गयी…
मैं भी पीछे-पीछे चल दिया….
लता ने मैक्सी पहनी थी…
“मैक्सी निकाल दो… वरना तेल लग जायेगा… “, मैं कहा…
लता ने मैक्सी निकाल दी..
वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में बेड पर पेट के बल लेट गयी….
मैंने भी अपने कपडे उतार दिए… सिर्फ अंडरवियर में मालिश करने लगा….
कुछ देर उसके पैर की मालिश की… जांघो की मालिश की… और फिर पीठ की…
“ब्रा खोल दू? मालिश में अड़चन आ रही है.. “, मैंने पुछा…
“खोल दो… तुम्हे जो चाहिए खोल या उतार दो.. बस, मालिश ऐसे करो के आराम हो जाए… ” वो बोली…
मुझे तो फ्री पास मिल गया…
मैंने झट अपने अंडरवियर उतार दिया और नंगा हो गया..
लता के आँखे बंद थी.. तो उसने देखा नहीं….
फिर मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके शरीर से निकाल दी… फिर उसके गांड हवा में उठाने बोल के उसकी पैंटी भी निकाल दी….
अब वो पूरी नंगी थी…
उसकी मोटी गोरी गांड पूरी नंगी मेरे सामने उभरी थी…
मैंने थोड़ी और तेल ली.. और उसकी गांड की मालिश करने लगा… १०-१५ मिनट तक गांड मालिश के बाद उसकी पीठ की थोड़ी और मालिश की…
फिर थोड़ा और तेल लिया.. और उसके जांघो की मालिश शुरू कर दी…
मालिश करते-करते उसकी चूत के पास ऊँगली ले जाने लगा… इधर-उधर उसकी चूत पर ऊँगली रगड़ देता…
लता हलकी हलकी आवाज़ में कराहने लगी और अपनी गांड थोड़ी हवा में उठाने लगी…
मैंने उसकी गांड पकड़ के और उठा दी तो उसने भी साथ दिया… अब वो घुटने पर थी… पर लेती थी अब भी…
मैंने उसकी घनी बालो वाली चूत मसलना शुरू क्र दिया… उसके गांड में भी काफी बाल थे…
उसके गांड का छेद मुझे पागल कर रहा था…
मैंने एक ऊँगली उसके चूत में घुसेड़ दी.. वो उछल पड़ी…. फिर मैंने ऊँगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया… वो कराह रही थी…
उसकी आँखें अब भी बंद थी… पर वो चुदने के लिए एकदम तैयार थी..
मैंने भी आव देखा न ताव और अपने लंड पर थूक लगाया और उसके चुत के मुँह पर रखा…
उसने पलट के मुझे देखा और स्माइल कर दिया…..
मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया… उसकी चूत बहुत गरम और गीली थी… मैं उसे पूरे ज़ोर से चोदने लगा.. पूरा बैडरूम में ‘फच्च-फूच्च की आवाज़ गूँज रही थी…
कुछ देर उसके ऐसे ही चोदा और फिर उसे लंड चूसने को बोला…
लता झट मेरा लंड अपने मुँह में लेके लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी.. उसने एक पोर्नस्टार के जैसे मेरा लंड चूसा…
मैंने एक बार फिर उसे चोदा।
“गज़ब स्टैमिना है तुममे मोहित.. “, लता बोली… वो लगभह निढाल हो चुकी थी.. ,” अभी तक तुम्हारा लंड टाइट है और पानी छोड़ा नहीं उसने… ”
वो मेरे लंड को सेहला रही थी…
“इतने जल्दी नहीं झाड़ता मेरा लताजी…. अभी तो आपकी गांड भी मारूंगा… “, मैंने उसके गांड पर हाथ फेरते हुए बोला..
“ना बाबा ना… मेरी गांड फट जाएगी.. “, वो डरके बोली.. ,” मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है… ”
“टेंशन मत लो लताजी… “, मैं हंस के बोलै.. ,” ऐसी गांड मारूंगा के दर्द भी नहीं होगा और आप बार बार गांड मरवाने मुझे बुलाओगी… “.
लता बहुत मनाने पर राज़ी हुई…
मैंने उसके पलट के दोनों हाथों और घुटनो पर हो जाने को कहा… उसने वैसा ही किया…
फिर मैंने कुछ देर उसकी चूत चाटी… उसकी चूत से काफी सारा पानी गिर रहा था.. वो झड़ चुकी थी…
उसके बाद मैंने उसके गांड पर और गांड के छेद में तेल लगाया.. काफी सारा तेल अपने लंड पर भी लगाया….
“संभल के रहना… “, मैंने अपना लंड उसके गांड के छेद पर रखा.. “, पहले थोड़ा दर्द होगा.. पर बाद में मज़ा बहुत आएगा..”
इतना कह मैंने ज़ोर का धक्का दिया।
लता चिल्ला पड़ी… वो चटपटा रही थी..
“मेरी गांड फट गयी.. निकालो अपना लंड… “, वो विनती करने लगी…
मैं कहा रुकने वाला था..
मैंने उसे थोड़ा पुचकारा और फिर से ज़ोर का धक्का मारा.. पूरा लंड उसके गांड में चला गया…
वो चिल्ला रही थी और मैं धक्के मारने लगा… कुछ देर बाद लता का चिल्लाना बंद हो गया… और वो मज़े से कराहने लगी…
“मैंने कहा था ना… के मज़ा बहूत हैं गांड मरवाने में… ” मैं बोला…
लता कुछ बोली नहीं…
मैंने कुछ और धक्के मारे और उसके गांड में ही झड़ गया… मेरा पूरा गाढ़ा पानी उसके गांड में छोड़ दिया और कुछ देर बाद लंड लिया दिया..
मैंने देखा के उसके गांड में से थोड़ा खून और मेरा पानी टपक रहा था…
लता थक के निढाल हो गयी थी…
“कैसी लगी मालिश, लताजी?”, मैंने पुछा…
“एकदम मस्त”, वो मेरे सोये हुए लंड को सहलाते हुए बोली…
मैंने लता को २ बार फिर से चोदा और एक बार और गांड मारी…
उस दिन के बाद से वो मुझे जब भी टाइम मिले, बुला लेती थी.. और हमारा चुदाई का कार्यक्रम चलता रहता था