घर मे शादीशुदाऔंती की कुवारि बुर

हैलो दोस्तो !
यह मेरी पहली कहानी है। यहां पर मैं अन्य लेखकों की तरह यह बिल्कुल नहीं कहूँगा कि यह मेरी सच्ची कहानी है। बल्कि मैं यह कह रहा हूँ कि यह मेरी काल्पनिक कथा है जो कि सिर्फ मनोरंजन के लिए है, इसलिए इसे कुछ और न समझें।

मेरा नाम राजीव कुमार है। मैं 19 साल का एक रोमांटिक लड़का हूँ। मेरा कद 5.5 फीट है। मेरा बदन भरा हुआ और हल्का गुलाबी रंग का है। मेरी छातियां एकदम टाइट हैं ऐसे जैसे कि मैं जिम में जाता हूँ लेकिन दोस्तों आज तक मैं जिम कभी भी नहीं गया। मैं गांव का रहने वाला हूँ और मुझे गांव बहुत पसंद है। वहां की ताजी हवा, बड़े-बड़े हरेभरे पेड़, शांत वातावरण शहर की चिलपों से दूर मैं गांव में रहता हूँ।

मुझे जींस और टीशर्ट पहनना बहुत अच्छा लगता है। जब मैं जींस पहनता हूँ तो फिर मेरे चूतड़ों के उभार साफ दिखने लगते हैं। मैंने कई बार लड़कियों को अपने चूतड़ों की तरफ ललचाई निगाहों से देखते हुए पाया है। लेकिन मुझे लड़कियों से जबरजस्ती छेड़खानी करना कतई पसन्द नहीं है। मेरा मानना है कि चुदाई में सहमति से जो मजा आता है वो जबरजस्ती से नहीं आता है।

और हां दोस्तो ! मेरा लण्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है। मैंने कई बार अन्तर्वासना में पढ़ा है, लेखक लिख देते हैं- मेरा लण्ड 10 इंच है तो कोई 12 इंच। लेकिन दोस्तो ! मैं ऐसी वैसी बातों को नहीं लिखा करता जो कि पचे नहीं, मैं वही बात लिखा करता हूँ जो कि आराम से गले से नीचे उतर जाए जैसे कि मेरा लण्ड।

दोस्तो ! यह जो कि मैं भूमिका बांध रहा हूँ तो हो सकता है कि आपको बोर कर रहा होऊं इसलिए अब मैं कहानी की शुरूआत कर रहा हूँ।

मेरा शानदार चेहरा, थोड़े मोटे किन्तु गुलाबी रंगत वाले होंठ जैसे कि शहद भरा हुआ हो मेरी काली आंखें, जब शेव करता हूँ तो चिकने गाल, सपाट पेट, भरी-भरी जांघें, पत्थर की तरह कठोर लंड जो कि किसी की भी बुर या चूत फाड़ दे, बाहर को निकले हुए चूतड़, शानदार गांड की दरार, सुनहरी झांटे यानि कि वह सब कुछ है जो कि एक जवान और खूबसूरत लंड को चाहिए।

तो अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।

यह बात बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है। करीब एक महीने पहले मैं अपने एक रिश्तेदार के गांव में गया था जो कि मेरे गांव से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है। वे मेरे दूर के अंकल लगते थे। मैं किसी काम से वहां गया था लेकिन काम में इतना मशगूल हो गया कि समय का ध्यान ही नहीं रहा। सो मैं अपने अंकल के घर चला गया।
वहां पर जब मैं पहुंचा तो देखकर हैरान रह गया। मेरी आंटी इतनी हसीन थीं कि मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं। आंटी ने भी इस बात को ताड़ लिया और मुस्कुराकर रह गईं।

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मेरे अंकल की उम्र करीब 40 साल है जबकि मेरी आंटी सिर्फ 25 साल की ही हैं। मैं अंकल की शादी में काम के कारण आ नहीं सका था इसलिए आंटी को देख ही नहीं पाया था। उनकी शादी 6 महीने पहले ही हुई थी। मैं आंटी का बायोडाटा बाद में लिखूंगा, पहले यह बता दूं कि उनको चोदने का प्रोग्राम कैसे बनाया।

मेरी आंटी का नाम रम्भा है और अंकल का नाम योगेश।

तो जब मैं घर पहुंचा तो आंटी बोली कि यह कौन है तो अंकल ने बता दिया कि यह हमारा भतीजा है।

तो आंटी ने पूछा कि इसका नाम क्या है तो मैंने खुद ही अपना नाम बताया कि मेरा नाम राजीव है।

तब आंटी चहककर बोलीं- वाह ! यह वही है जिसके बारे में आप हमेशा बाते किया करते हैं।
तब मैंने पूछा- आंटी ! क्या आप मुझे पहले से जानती हैं?

तो उन्होंने बताया- तुम्हारे अंकल तुम्हारे बारे में अक्सर मुझे बताया करते हैं, तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कुछ लाती हूँ।
तब उन्होंने अंकल से कहा- जाओ ! दुकान से नमकीन बिस्कुट इत्यादि ले आओ, खत्म हो गई है !

अंकल बाहर को चले गये।

तब आंटी मेरे पास बैठकर मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोलीं- तुम शादी में क्यों नहीं आये थे?

मैंने बता दिया कि कुछ काम था इसलिए नहीं आया था। लेकिन उसने फिर शिकायत की- तो इतने दिनों क्यों नहीं आये थे?

मैंने बताया- आजकल बहुत व्यस्त हूँ और आपसे मिलने नहीं बल्कि काम के सिलसिले में आया हूँ।

तो फिर क्या था- आंटी दूसरी तरफ मुंह फुलाकर बैठ गयीं और कहा कि तुम्हें सिर्फ काम ही रहता है, तुम मुझसे मिलना नहीं चाहते, मुझे प्यार करने की क्या जरूरत है तुम्हें ! तुम इतने हैंडसम हो ! पता नहीं कि कितनी गर्लफ्रेन्ड होगी तुम्हारी, इसीलिए तो मुझसे बात नहीं करते।

जब आंटी गुस्सा हो गईं तो फिर तो मेरी बांछें खिल गईं। मैंने तुरंत ही आंटी की गर्दन में हाथ डाल दिया और कहा- आप गलत समझती हैं, मैं आपको चाहता तो हूँ कि प्यार करूं लेकिन आप बुरा न मान जाएँ इसलिए मजाक कर दिया।

तब आंटी मेरी तरफ घूम कर बोली- सच कह रहे हो?
तो मैंने कहा- आपकी कसम।

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तब आंटी ने मेरे गले में बांहें डाल दीं और मेरे चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी और उनके आंसू निकल आए।
मैंने कहा- ओह, आंटी आप तो रोने लगी।
आंटी रोते-रोते बोली- तुम मुझे इतना प्यार करते हो कि आंखे भर आई।

मैंने रूमाल निकाल कर आंटी के आंसू पोछे और कहा- अगर अब रोओगी तो फिर मैं अपनी गर्लफ्रेन्ड के पास चला जाउंगा।

आंटी ने मेरी तरफ क्रोधित नजरों से देखा तो मुझे लगा कि यह सही में नाराज न हो जाये, मैंने आंटी का हाथ पकड़ा और अपने सिर पर रख कर कहा- आपको मेरी कसम है कि आप मुझसे नाराज नहीं होंगी, मैं मजाक कर रहा था, अगर आप नाराज हुईं तो मैं आत्महत्या कर…

बस फिर क्या था- आंटी ने अपना हाथ मेरे होंठों पर रख दिया और आंसू भरी आंखों से बोलीं- मेरी कसम से ऐसा न कहो।

मुझे मजाक सूझा और मैंने कह दिया- आंटी मेरे होंठो पर अपना हाथ नहीं बल्कि अपने होंठ रख कर मुझे चुप कर दो !

आंटी ने एक पल मुझे घूर कर देखा, फिर अगले पल ही मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और चूमने लगी। मैंने भी देर करना मुनासिब नहीं समझा और आंटी का चेहरा हथेलियों में भर कर होंठों को चूसने लगा। करीब 2 मिनट बाद आंटी अलग हुईं और मुझसे कहा- भगवान के लिए अब ऐसी बातें नहीं बोलोगे !

मैंने कहा- आंटी ! भगवान को छोड़ो और कहो कि मेरे लिए ऐसी बातें नहीं बोलोगे तो मैं नहीं बोलूंगा।

तब आंटी खिलखिला कर हंस पड़ी और मेरे गालों को चूम लिया।

मैंने कहा- आंटी आपके होंठ और गाल इतने रस भरे हैं कि मेरा जी चाहता है कि मैं देर तक चूसूं ! क्या आप बुरा तो नहीं मानेंगी।

आंटी ने कहा- मेरे होंठों गालों को ही क्या, जो तुम चूमना, चूसना चाहते तो वो चूसो। लेकिन अभी तुम्हारे अंकल घर में आते ही होंगे इसलिए बाद में चूसना।

मैंने कहा- अंकल को मैं रात को बाहर भेज दूंगा कहीं तब आपको खूब प्यार करूंगा।
आंटी ने कहा- ठीक है ! मैं सोचूंगी कि कैसे तुम्हारे अंकल को बाहर भेजूं !
मैंने कहा- आंटी, आप व्यर्थ ही चिंता करती हैं, मैं खेत पर किसी बहाने से भेज दूंगा।

तब आंटी ने कहा- तुम बैठो ! मैं चाय बनाती हूँ तुम्हारे अंकल आते ही होंगे। और आंटी चाय बनाने चली गईं और मैं बाहर दरवाजे पर आ गया यह देखने कि अंकल आ रहे हैं या नहीं। बढ़िया हुआ कि अंकल नहीं आ रहे थे।

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