मगर राजवीर इतना हटटा खट्टा नौजबान था की मेरी उसके आगे एक ऩही चल रही थी मै तो उस बकरी की तरह तडफ रही थी जो शेर के कब्जे मे आ जाती है राज ने मेरी चोली को उतार दिया और मेरे चुचे को मुँह मे दबा कर चुसने लगा मेरे सारे शरीर मे लहरें दौड रही थी मुझे अब डर लगने लगा था क्योकि अभी तक मेरी चुदाई नही हुई थी मैं पूरी तरहा से कुवारी थी राज का एक हाथ मेरे पेट पर रेंगता हुआ मेरे लंहगे की तरफ बढ रहा था और जैसे ही राज ने मेरे लहंगे मे अपना हाथ डाला मै चिलाने लगी राज ने मेरा मुह बंद कर लिया और तभी वहॉ पर राजबीर के चार दोस्त और आ गये राज ने कहा और अगर एक बार तुमने शोर मचाया तो मेरे ये दोस्त भी मेरे साथ तुम्हारी चुत मारेंगे सोचलो..
राज की ये बात सुनते ही मेरे होश उड गये..
और मै डरके कारण एक दम शांत हो गई और सब भगबान पर छोड दिया..
राज मेरे लहंगे मे हाथ डालकर मेरी चुत सहलाने लगा मेरी समझ मे नही आ रहा था मै क्या करू मुझे शर्म भी बहुत आ रही थी और आपनी बेबकुफी पर हसी भी आ रही थी क्योंकि आज जो मेरे साथ हो रहा था उसको दाबत मैने ही दी थी.. राज जैसे ही मेरे लहंगे को उतारने लगा मैने राज का हाथ पकड लिया और कहा प्लीज ये मत करो मुझे शर्म आ रही है मै तुम सब के सामने नंगी नही रह सकती
मेरी बात सुनते ही सबने अपने कपडे उतार दिये और बोले लो अब तो हम भी नंगे है और हसने लगे मेरी ऑखों के आगे 4 नंगे लंड लटक रहे थे मेरी जान गले तक आ रही थी मै राज के आगे हाथ जोडने लगी और जब मुझे बचने का कोई भी रास्ता नही दिखा तो मै राज से चुदने के लिये तैयार हो गई लेकिन एक शर्त पर कि उसके सिवा कोई और नही चोदेगा ऱाज ने हॉ मे अपना सर हिलाया और राज के दोस्त कपडे पहन कर हमें घेर कर दुसरी तरफ मुह करके खडे हो गये..
और राज ने मेरा लंहगा उतार दिया और मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चुत पर हाथ फेरने लगा मुझे न चाहते हुये भी न जाने क्यो ये सब अच्छा लगने लगा | राज मेरी चुचियों को अपने होठ मे दबा कर बारी बारी से चुस रहा था और मेरी पेंटी के किनारों से मेरी चुत को सहला रहा था मुझे दर्द के साथ साथ मजा भी आ रहा था….
पूरी स्टोरी कहा है ???