मेरा नाम रवि है । मेरी उम्र 27 साल है और मैं रहने वाला भोपाल का हूँ । तीन साल पहले मेरी शादी नजदीक के शहर की रहने वाली सुनीता उम्र 25 साल से हुई थी । सुनीता एक मॉडर्न लड़की है उसकी एक बहन नाम सुरभि है । सुरभि की उम्र 22 साल है देखने में दोनों की दोनों लंबे कद 5′ 6″ की है और उनकी पर्सनालिटी बड़ी ही सेक्सी है । वैसे मेरी पर्सनालिटी भी कुछ कम नही है इसी सेक्सी पर्सनालिटी के कारण घर के अंदर दोनों औरतें मेरी तरफ खिंची रहती है चूकि सुनीता से मेरी शादी हुई है इसलिए सुनीता के मेरे प्रति आकर्षण में शारीरिक स्पर्श भी है वो मेरी बिना अनुमति के जब चाहे, जैसा चाहे, जो चाहे , जितना चाहे, जहाँ चाहे मुझे स्पर्श करना, बेड पर लेटे हुये मेरे पजामा में हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ना, बाथरूम से नहाकर निकलते हुए मेरा तौलिया खीच कर मुझे नंगा करना, मुझे पीछे से हग करना , मुझे किस करना ऐसी बहुत सारी प्यारी हरकतें वो करती है सच है इन हरकतों से आपसी प्यार बढ़ता है परंतु बीवी को छोड़कर बाकि औरतें जैसे घर के अंदर मेरी साली, घर के बाहर मेरी पड़ोसन, ऑफिस मेरी लेडीज कॉलीग अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए मुझे चोरी छिपे मुझे ताड़ती रहती हैं……
वैसे तो मेरी बीवी बहुत ही सूंदर है परंतु उसकी बहन मेरी बीवी से भी ज्यादा सूंदर है मैं कोई न कोई बहाना बना कर सुरभि से मिलने की कोशिश करता रहता हूँ । मुझे उसका साथ अच्छा लगता है बातें करते-करते कई बार मेरी नजर सुरभि के मोम्मो पर चली जाती है उसके जब बड़े और टाइट मोम्मो के उभारो को उसके कुर्ते पर देखता हूँ तो मैं अपने आप में नही रहता हूँ और उसके मोम्मो को चूसने का मन करता है धीरे-धीरे मैंने महसूस किया की सुरभि की मेरे में रूचि बढ़ रही है वो भी मुझसे मिलने के लिए बेताब रहती हूँ । मैं भी बातें करते-करते अपना मर्दाना जिस्म मेरा मतलब बालो वाली छाती का प्रदर्शन आक्समित करता हूँ । अचानक से सुरभि की निगाहें मेरी छाती पर आकर टिक जाती है । मेरा व्यबहार ऐसा होता है कि जैसे मैंने कुछ देखा ही नहीं । मैं सुरभि की आँखों में चुदाई की तड़प साफ़ देख सकता हूँ लेकिन मैं जानता हूँ कि सब्र का फल मीठा होता है मैंने निश्चय किया कि मैं सुरभि को इतना तड़पाऊँगा कि वो खुद बोले दे कि रवि जीजू मुझे तुमसे चुदना है। मुझे पता था मेरी रातें मेरी बीवी रंगीन करती है परंतु मेरा दिन मेरी साली ही गुलाबी करेगी । मुझे पूरी उम्मीद थी एक दिन मैं अपनी साली को शीशे में उतार लूँगा और एक ही बिस्तर पर अपनी बीवी और साली को एक साथ चोदूँगा और अपने लंड की प्यास को बुझाऊगा । बीवी तो मेरी ही इसे तो जब चाहे चोद लू लेकिन साली अभी मेरी नही हुई है इसे अभी अपना बनाना है । मैं जबरदस्ती करने में यकीन नही करता हूँ । मैं मानता हूँ कि मर्द का बच्चा वो ही सामने वाले में इतना विश्वास पैदा कर दे कि वो आपसे खुद ही प्यार कर बैठे । संबंध में अगर नफरत और गुस्सा हो तो वो संबंध आदमी के लिए जहर के सामान हो जाता है और संबंध फलकारी नहीं हो पता । तो इस तरह के संबंध से बचना चाहिए ।
खैर, अपनी साली को रिझाने के लिए मैं उसके सामने ही सुनीता को कस कर गले मिलता हूँ ताकि उसके मोम्मे मेरी सीने से दब जाये । उसके होठों पर किस करना । मेरी हरकतों के कारण सुरभि कई बार अपने पैर पटक कर बाहर या अपने कमरे में चली जाती थी एक बार तो गजब ही हो गया मेरी बीवी नहाकर बाथरूम से बाहर निकली उसने केवल एक छोटा सा तौलिया ही बाँधा हुआ था । मैं भी नहाने की तैयारी कर रहा था और अंडरवियर में ही बैठा था । सुनीता का भीगा हुआ गोरा जिस्म मेरे को पागल कर रहा था और मेरा लंड खड़ा हो रहा था मैंने सुनीता इस अवस्था का फायदा उठाया और उसका तौलिया को खीचकर उसे नंगी कर दिया । सुनीता ने भी अपने आप को नंगी देख तुरंत ही मेरा अंडर वियर को खींच कर मुझे भी नंगा कर दिया और मेरा लंड पकड़ लिया । मैंने सुनीता कहा ये क्या किया । सुनीता बोली ये रहा तुमारी हरकतों का जवाब तुमने मुझे नंगी किया मैंने तुम्हे नंगा किया हिसाब बराबर । ऐसा कहकर हम दोनों नंगे ही हँसते हुये बेड पर गिर पड़े और मैं सुनीता के ऊपर चढ़ कर अपने दोनों हाथो से उसके रसीले मोम्मो को पकड़ कर उसके निप्पलों को अपने होठों से दबाने लगा । सुनीता और मेरी इस हरकत को हल्के से खुले दरवाजे में से सुरभि ने देख लिया । मैंने चोरी से तिरछी निगाहों से सुरभि को देखा । सुरभि अपनी जीन्स में एक हाथ डालकर अपनी चूत को सहलाने लगी और एक हाथ से अपने रसीले मोम्मो को पकड़ कर दबाने लगी और ऐसा करते हुये वो अपने कमरे की तरफ दौड पड़ी । मैंने देखा कि तीर सही जगह पर लगा है और सुरभि का चुदने का पैमाना बस झलकने ही वाला है बस चुदाई का एक शॉट और, और सुरभि चुदने के लिए मेरी बाहों में ।
…..सच पूछो बीवी भी उसी पति को चाहती जो उसे पूरे तन, मन से प्यार करे और उसको जी भर कर चोदे ।
तभी मुझे बाहर कमरे कुछ खटपट सुनाई थी मैं समझ गया सुरभि होगी । मैंने चुपके से देखा कि सुरभि कमरे के थोड़ी दूर से अंदर बैडरूम में आधे बंद दरवाजे से झाँक रही है । सुरभि ने मुझे सुनीता की चूत को चाटते हुये देख लिया था सुनीता की चूत की चुसाई के दौरान मैं बीच-बीच मैं सुरभि के हाल भी देख रह था जबकि सुनीता बेखबर थी । इधर सुनीता चुदाई में मद होश थी और बाहर सुरभि चुदने के लिए बेकरार थी । और उसकी चुदाई के लिए बेकरारी का आलम यह था कि वो अपना पजामा और पैंटी को निकाल कर आधी नंगी अवस्था में अपनी चूत में जोर-जोर से ऊँगली कर रही थी मैं समझ गया एक चूत में ऊँगली करने से चूत कि खुजली थोड़ी बहुत शांत हो सकती है परंतु चुदाई का महा आनंद नही प्राप्त हो सकता वो सिर्फ आदमी का लंड ही दे सकता है
थोड़ी देर तक सुनीता की चूत को चूसने के बाद मैंने अपना प्यारा लंड सुनीता के आगे कर दिया । सुनीता ने जट से मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुहूँ में ले लिया और उसे मुहूँ में भर-भर चूसने लगी और मैं सेक्सी अंदाज़ उसके बालों में हाथ फेरने लगा । सुरभि यह सब बाहर से देख रही थी अपनी बहन को मेरा लंड चूसते हुये देखकर वो सेक्स के लिए और बेकरार हो गई और उसने अपना टॉप भी निकाल दिया अब वो पूरी तरह से नंगी अवस्था में खड़ी होकर हस्तमैथुन कर रही थी और करते-करते अपने रूम में चली गई …