जस्ट मैरीड भाभी की चुदाई जाम के

मैंने पीछे से आकर कहा- भाभी अब इसका कुछ नहीं हो सकता. मुकेश ने मुझे सारी बात बता दी है, आप चाहो तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं.
इस पर निशा भाभी घबराहट में बोली- अरे नहीं, इन्हें पता चला तो ये मुझे तलाक दे देंगे.
तो मैंने कहा- मुकेश ने ही मुझे आपके साथ सेक्स करने को कहा है. पर मैं हिम्मत नहीं कर पा रहा था, आप चाहो तो मुकेश को उठाकर पूछ सकती हो. तब तक मैं बाहर के रूम में इन्जार कर लूंगा.

भाभी बाहर आकर डोर लॉक करने लगी और मुझे कहा- हमारे यहाँ एक ही बेड है. आप मुकेश जी के उस तरफ सो जाना और मैं इस तरफ़! सुबह जब वो उठेंगे तो उनसे पूछकर आगे की सोचेंगे.
अब हम तीनों एक बेड पर सो गये.

थोड़ी देर में निशा भाभी लाइट बंद करके सो गई और मैं मुकेश के दूसरी और से लेटकर उसके उठने के इंतजार में जगा पड़ा था. खिड़की से आती चाँद की रोशनी में निशा भाभी का शरीर किसी सेक्सी हेरोइन से कम नहीं लग रहा था.

मेरा पेनिस यह सोचकर खड़ा हो गया था कि जल्द ही ये जवानी मुझे एन्जॉय करनी है.

तभी निशा भाभी ने करवट ली जिससे उनकी जामुनी ब्रा साफ दिखाई देने लगी.

अब मेरे धैर्य की सीमा जा रही थी, मैं मुकेश को किनारे कर खुद बीच में आ गया और धीरे धीरे एक हाथ से ब्रा के अंदर की गोलाई नापने लगा.

भाभी के बेहद मुलायम स्तन सख्त होने लगे थे. मैंने धीरे से निशा भाभी का गाउन ऊपर करना चालू किया तो देखा कि उन्होंने जामुनी रंग की ही सेक्सी पेंटी पहनी है.

अब तक धीरे धीरे मैंने उनकी पेंटी के अंदर भी किनारे से उंगलियों को डालना चालू कर दिया तो महसूस हुआ कि उनकी योनि में एक भी बाल नहीं है.

मेरी हिम्मत कोई प्रतिरोध न देख कर बढ़ती जा रही थी. मैंने भाभी की योनि अंदर दो उंगलियों को डालकर अंदर बाहर करना चालू कर दिया तो उनकी योनि से पानी भी निकल आया था और ऊपर दूसरे हाथ से ब्रा के बाहर स्तन निकाल कर चूसना भी चालू कर दिया था.

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अब तक मैं समझ गया था कि निशा भाभी जाग चुकी ही और जानबूझकर सोने का नाटक कर रही है.

फिर मैंने उनके एक हाथ को अपनी अंडवियर के अंदर डलवाकर अपने 8 इंची खड़े पेनिस का स्पर्श करवा दिया.

अब मैंने वक्त न गंवाकर तुरंत भाभी की पेंटी उतार दी.

उस अंधेरी चाँद की रोशनी में भी उनकी चिकनी योनि बहुत गोरी लग रही थी. मैंने अपनी जीभ से योनि को चाटना चालू कर दिया और दोनों हाथों से भाभी के स्तन मसलना चालू कर दिया.
भाभी अब तक सी-सी करके मादक रूप से कराहने लगी थी.

अब मैं अपने पूरे कपड़े उतार कर भाभी के ओंठों को किस करने लगा. भाभी का गाउन और ब्रा भी निकाल दिया. अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए थे.

पर भाभी अभी भी सोने का दिखावा कर रही थी. उनके ओंठों को किस करते हुए मैंने उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और दोनों हाथों से उनकी पीठ, और कूल्हे सहलाने लगा. ओंठों के अलावा गर्दन और स्तन पर भी चुम्बन लेना चालू कर दिया.

अब तक निशा भाभी पूरी तरह से गर्म हो गयी थी, उन्होंने भी मुझे ओंठों और छाती पर चूमते हुए मेरे पेनिस को भी मुँह में ले लिया.
फिर खुद ही आंखें खोल कर बोली- अरे ये तो आप हैं? वही मैंने कहा कि मुकेश जी का इतना बड़ा कैसे हो गया?

मुकेश अभी भी बेसुध टाइप बगल में ही सो रहा था.

मैंने भाभी से कहा- जी मैं ही हूँ भाभी. अभी भी मुकेश की परमिशन चाहिए या हम सेक्स करें?
भाभी हँसकर बोली- मुझे आपके इरादे पता चल गए थे इसलिए आपको इनके साथ में बेड सोने बोला. लड़की हूँ तो सीधा सीधा निमंत्रण तो नहीं दे सकती न!
मैंने कहा- हाँ भाभी … पर अब आपका लड़की से औरत बनने का वक्त आ गया है.

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यह कह कर एक बार फिर से उनकी योनि चूसने लगा और धीरे से अपना पेनिस उनकी योनि में डालने लगा.

जैसे जैसे मेरा पेनिस भाभी की योनि के अंदर जा रहा था, भाभी को दर्द बढ़ता जा रहा था. सचमुच अब तक वो एक कुँवारी लड़की थी.

फिर मैंने एक झटके से पेनिस अंदर डाल दिया और भाभी की चीख सी निकल आयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उनकी योनि से भी खून निकल रहा था.
वो बहुत घबरा गई थी.

पांच मिनट इसी पोजीशन में पड़े रहकर, फिर से दुबारा धीरे धीरे उनके साथ सेक्स करना चालू कर दिया और अगले 10 मिनटों में उनकी योनि मेरे वीर्य से भर चुकी थी.

अब भाभी बाथरूम में जाकर अपनी योनि धोने लगी और तब तक मैं वहीं लेट गया था.

भाभी वापस आकर मुझसे चिपक कर सो गई. एक घंटे बाद हम दोनों ने दुबारा सेक्स किया और इस बार भाभी को पहले से ज्यादा मज़ा आया.

अब इसी हालत में हम फिर सो गए.

सुबह जब उठे तो देखा कि मुकेश हम दोनों के लिए चाय लेकर आया और निशा की ओर देख कर बोला- अब तो खुश हो न, लड़कियों का एक पति होता है, तुम्हें दो- दो पति मिल गए हैं.
निशा जो अब तक आत्मग्लानि से भरी थी, खुश होकर बोली- सच में … मेरे कितने अच्छे अच्छे पति हैं.
कहकर वो हम दोनों से लिपट गयी.

इसके बाद मैं जब भी बालाघाट जाता तो फिर से मुकेश के घर ही रुकता था. और अब छिंदवाड़ा में निशा भी मुकेश के साथ टूर पर आने लगी थी।

दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी. अगर बोरिंग लगे तो माफ़ करियेगा और अच्छी लगे तो मुझे रिप्लाई दिजियेगा जिससे मैं दुबारा कहानी लिखने की हिम्मत जुटा पाऊँ.

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