दूर की बेहेन सविता की चुदाई

सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! मैं फ़िर अपने वायदे के साथ अपनी दूसरी कहानी लिख रहा हूं। आप सब जानते हैं कि मेरा नाम पुनीत है और मुझे इनसेस्ट सेक्स बहुत अच्छा लगता है। उम्मीद है आपको मेरी पहली कहानी ‘मौसी को चोदा ज़रूर अच्छी लगी होगी। अब मैं आपको अपनी इस कहानी में बताऊंगा कि मैंने कैसे मौसी की बड़ी लड़की सविता की चुदाई की।

मौसी और मौसा जी की चुदाई के बाद शाम को मैंने उनसे अपना वायदा पूरा करने के लिये कहा जिसमें उन्होने अपनी बेटी सविता को चोदने की इजाजत दे दी थी।

मौसा जी बोले- तुम शाम को उसे जब अकेले देखना और फिर मौका देखकर उसकी चुदाई कर लेना।

मैं इस प्लानिंग से मैं बहुत खुश हो गया।

शाम को हम सब एक साथ डिनर कर रहे थे। मेरी नज़र बार बार सविता की चूची पर जा रही थी जो कि उसके नाईट सूट से बाहर आने को बेताब थी। दोस्तों उसकी फ़िगर 34-28-34 हैं। उसके चूंची अपनी मां की ही तरह सभी को बहुत तड़पाती होंगी।

खाना खाने के बाद निशा (छोटी बेटी) और नितिन (छोटा लड़का) बोले- भैया चलो ऊपर कमरे में चलकर कुछ खेलते हैं।

पर मेरा मूड तो कुछ और ही था, मैंने मौसी से कहा- मौसी आप और मौसा जी इन दोनों के साथ ऊपर जाकर खेलो, मैं अभी टीवी देख कर आ जाऊंगा।

उन्होंने कहा- ठीक है।

और वो ऊपर चले गये और साथ ही सविता को मेरा ध्यान रखने को बोल गये।
मौसा जी कहने लगे- सविता, भैया को अपनी सभी नई सीडी दिखा देना।
सविता बोली- ओ के पापा।

हम दोनों अब टीवी के सामने दीवान पर साथ बैठे थे, वो बोली- भैया, आपको कौन सी मूवी देखनी है?
मैंने कहा- कोई भी बड़े बच्चों वाली लगा दो !
तो वो बोली- क्या मतलब?

मैं उसकी तरफ़ आंख मारकर बोला- वही जो लोग शादी के बाद देखते हैं।
इतना सुनकर वो बोली- धत्त ! तुम बड़े गन्दे हो !
और हंसने लगी। मैं समझ गया कि वो तैयार है। और थोड़ी सी तैयारी के बाद आसानी से काम बन जयेगा।

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वो बोली- भैया, ऐसी तो कोई सीडी नहीं है मेरे पास।
मैं बोला- कोई बात नहीं ! मैं अभी मारकेट से ले आता हूं।

इतना कहकर मैं बाहर जाने लगा। मुझे उसके चेहरे पर एक अलग मुस्कान दिख रही थी। मारकेट में बहुत मुश्किल से मुझे एक ब्ल्यू फ़िल्म की सीडी मिल गई। जो कि हिन्दी में थी।
मैं अब वापस आकर सविता से बोला- लो सीडी। स्टार्ट करो ! मैं अपनी ड्रेस चेंज करता हूं।
वो बोली- ठीक है।
उसने मुझे मौसा जी का एक पायजामा और कुरता लाकर दिया।

मैंने अपनी पैन्ट खोली तो उसकी नज़र मुझे ही घूर रही थी। मैं मुस्कराने लगा। कपड़े बदलने के बाद मूवी शुरु हो गई तो हम फ़िर साथ दीवान पर बैठ गये। मूवी के पहले सीन में लड़की नहा रही थी। तभी एक लड़का भी बाथरूम में आकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगता है। मैंने देखा कि सविता का चेहरा एकदम लाल हो रहा था। मैंने तभी उसका हाथ पकड़ लिया। उसक पूरा बदन कांप रहा था।

मैं समझ गया के ये सब बैचेनी मूवी के कारण है पर मैं अनजान बनकर उसे पूछने लगा- अरे, तुम्हें क्या हुआ? लगता है तुम्हारी तबियत खराब है, देखो, तुम्हारा पूरा बदन कांप रहा है। लाओ मैं तुम्हारा हार्ट बीट्स चेक करता हूं।

इतना कहते ही मैंने अपना हाथ उसके नाईट सूट में घुसा दिया और उसकी चूची दबाने लगा।

सविता एकदम चौंक कर बोली- पुनीत, यह क्या कर रहे हो। मैं आपकी बहन हूं और कोई आ गया तो बहुत बुरा होगा।
मैं उसको इमोशनल करते हुए बोला- सविता, तुम मेरी बहन हो, यह मेरी मज़बू्री है नहीं तो मैं तुम्हें बचपन से जान से ज्यादा प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना रह नहीं सकता।
इतना सुनकर वो इमोशनल होकर मुझसे चिपट गई और बोलने लगी- आई लव यू पुनीत, तुमने पहले मुझसे ये सब क्यूं नहीं कहा।

मैं बोला- हम शादी तो नहीं कर सकते पर थोड़ी मस्ती तो ले ही सकते हैं।
वो बोली- अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैं बोला- तुम मुझ पर विश्वास करो मैं ऐसे कुछ नहीं होने दूंगा।
वो बोली- तब ठीक है।

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अब हमारे बीच किसी तरह की कोई दूरी नहीं रह गई थी। इसलिये मैंने पहले जाकर टीवी ओफ़ कर दिया जिससे पूरा ध्यान सविता की चुदाई पर लगा सकूं। दीवान पर आकर मैंने उसे लेटा दिया और उसके बगल में लेट कर उसके होठों को चूसने लगा। वो भी मेरे पूरा साथ देते हुए अपने जीभ मेरे मुंह में अन्दर बाहर कर रही थी। इस सब में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। मैंने अपना कुरता उतार दिया और बनियान भी। अब मैं केवल पायजामे और उसके अन्दर अन्डरवियर में था। मैंने सविता के नाईट सूट के बटन खोलने शुरू कर दिया। वो शरमा कर सिमटी जा रही थी। पहली बार कोई उसके जवान बदन को छू रहा था।

उसका नाईट सूट हटते ही उसकी चूची ब्रा में कैद होकर भी आधी से ज्यादा दिख रही थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें चूमना शुरू कर दिया, मेरा हाथ उसके पैन्टी को खोलने में लगा था और उसकी पैन्टी निकालने कि लिये मैंने उसे इशारा किया तो उसने अपने चूतड़ों को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और मैंने उसे टांगों से बाहर निकाल दिया।

उफ़्फ़फ़्फ़फ़ ! उसकी गोरी और मांसल जांघे देख कर मेरा लौड़ा पजामा फ़ाड़ने को तैयार हो गया। मुझसे अब रहा नहीं गया। मैंने अपना पजामा और अन्डरवियर निकालकर फेंक दिया। वो मेरे खड़ा लण्ड देखकर बोली- पुनीत ये लण्ड मेरी चूत में कैसे जायेगा, मैंने तो आज तक इसमें एक उंगली भी नहीं डाली।

मैं बोला- मेरी जान देखती जाओ ! तुम्हारा दीवाना क्या क्या करता है।

मैं उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा तो वो मुझसे चिपट गई। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा। मेरा लण्ड बार बार जोर मार रहा था और उसकी जांघो पर छू हो रहा था। आआह्हह्ह ! यह एक अलग मज़ा था। मेरी छाती और उसकी चूंची के बीच बस उसकी ब्रा थी जो मैंने एक तरफ़ खींच कर निकाल दी।

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