ससुरजी तोह चुदाई राजा निकले

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राधा है और मेरे ससुर भी मुझे इसी नाम से बुलाते है और यह मेरी एक सच्ची कहानी है जो में आज आप सभी के सामने पहली बार बताने जा रही हूँ। दोस्तों में नाईटडिअर डॉट कॉम पर बहुत समय से कहानियाँ पढ़ती आ रही हूँ लेकिन मुझे अपनी कहानी भेजने में बहुत डर लग रहा था और एक दिन हिम्मत करके मैंने इसे पूरा किया और आप सभी को भेजने का फैसला लिया। में मुंबई की रहने वाली हूँ.. मेरी उम्र 23 है। में एक शादीशुदा हूँ और बहुत अच्छे घर से हूँ। मेरे पति एक प्राईवेट कंपनी में काम करते है और वो अक्सर काम के लिए घर से बाहर ही रहते है और मेरा घर बहुत बड़ा है जिसमे हम तीन लोग ही रहते है। में मेरे ससुर और मेरे पति। पहले में अपने बारे में थोड़ा बहुत बता दूँ.. में गोरी और बहुत सुंदर हूँ मेरे फिगर का साईज 35-28-36 है। में एक खुली हुई किताब हूँ और शादी से पहले में अपने एक कज़िन के साथ बहुत मस्त थी। हमने बहुत मजे किए.. लेकिन हमने कभी भी सेक्स नहीं किया था।

फिर शादी होने के बाद में अपने ससुराल चली आई.. लेकिन में अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थी.. क्योंकि मेरे पति एक तो घर पर ज़्यादा समय नहीं रहते थे और मेरी जवानी की आग को ठीक से नहीं बुझा पाते थे। इसलिए में हमेशा तड़पती रहती थी। दोस्तों अब में अपनी कहानी शुरू करती हूँ.. यह कहानी तब शुरू हुई जब में शादी करके अपने ससुराल आई और तब उस समय मेरी सास भी जिंदा थी.. वो बहुत अच्छी थी और मेरा बहुत ख्याल रखती थी और मेरे साथ हर तरह की बात शेयर करती थी और उन्होंने ही एक दिन बातों ही बातों में मुझे बताया था कि मेरे ससुर बहुत खराब आदमी है.. लेकिन ना जाने क्यों वो मुझे बहुत अच्छे लगते थे और तब तक हमारी फेमिली में सब कुछ अच्छा चल रहा था सिवाए मेरी सेक्स लाईफ के और मुझे उस समय अपने कज़िन की बहुत याद आती थी जिसके साथ मैंने मस्ती की थी लेकिन सेक्स नहीं किया था। वो हमेशा ही मुझ पर सेक्स के लिए बहुत ज़ोर देता था.. क्योंकि वही मेरी हवस को मिटा सकता था।

और कहानिया   भाई बाहें का हवसी प्यार और चुदाई

फिर कुछ महीनो के बाद अचानक ही एक दिन मेरी सास की म्रत्यु हो गई और अब फेमिली में हम तीन ही लोग बचे और हर महीने मेरे पति को 15 दिन के लिए अपने ऑफिस के काम के लिए बाहर जाना पड़ता था तो में और मेरे ससुर ही घर पर अकेले रह जाते थे.. हमारे घर में एक नौकरानी थी। जिसके साथ में दोपहर को सारा काम खत्म होने के बाद गप्पे लड़ाती थी और मेरी सास के मरने के कुछ महीनों के बाद मेरे ससुर मेरे साथ एक बहुत अलग सा व्यहवार करने लगे। फिर एक दिन मेरी नौकरानी ने मुझे बताया कि एक दिन मेरे ससुर ने उसे अकेले में पकड़ लिया और वो बहुत मुश्किल से छुड़ाकर भाग आई। फिर उसने मेरी शादी के पहले इस घर में क्या क्या होता था? वो भी बात बताई और उसने कहा कि मेरे ससुर मेरी सास को दिन में ही नंगा करके चोदने लगते थे और वो एक नंबर के चुदक्कड है। फिर एक दिन मेरी नौकरानी ने मुझे बताया कि मेरे ससुर जब में चलती हूँ तो वो मेरी गांड को देखते है। तो मैंने नौकरानी से कहा कि चल जा तू मुझसे झूठ बोलती है वो तो मुझे अपनी बेटी मानते है। फिर नौकरानी ने कहा कि वो ऐसा कई दिन से देख रही है कि वो मेरी गांड को घूरकर देखते है। तो मैंने भी मन में सोचा कि चलो घर में ही कोई मिल गया और मैंने ध्यान दिया कि ससुर जी अक्सर मेरे नहाने के बाद बाथरूम में नहाने जाते थे और एक दिन मैंने छुपकर देखा कि वो मेरी गीली पेंटी को उठाकर अपने मोटे लंड से रगड़ रहे है और उसे चाट रहे है। तो में यह सब देखकर बहुत चकित हो गई और मैंने देखा कि जिस टावल से मैंने अपने बदन को साफ किया था उसे ससुर जी सूंघ रहे है और अपने लंड से लगा रहे है। तभी मैंने सोच लिया कि में इन्हे अपनी और आकर्षित जरुर करूँगी और उस दिन से मैंने मोहित मतलब मेरे पति के जाने के बाद से सेक्सी ड्रेस पहनकर अपने ससुर जी के सामने जाने लगी और वो भी किसी ना किसी बहाने से मुझे छुआ करते थे। एक दिन मैंने सफेद कलर का सूट पहना हुआ था और नीचे काली कलर की ब्रा जो अंदर से साफ दिख रही थी और गीले बालों में ससुर जी को उनके कमरे में चाय देने चली गई। मेरे गीले बालों से टपकता हुआ पानी.. मेरी ब्रा पर गिरने लगा जिससे मेरे बूब्स का आकार और भूरे कलर के निप्पल उन्हें और भी साफ साफ दिखने लगा। तो ससुर जी ने मुझे ऊपर से नीचे तक घूरकर देखा और उनकी नजरें मेरे बूब्स पर अटक गई और वो बोले कि तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो और आज तुमने मुझे अपनी सास की याद दिला दी।

और कहानिया   घर में सीमा की मस्त चूत चुदाई -2

फिर में उनके पास उनकी बगल में बैठ गई और उनसे सासू जी के बारे में बातें करने लगी और बातों ही बातों में उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ घुमा दिया.. तो मुझे अजीब सी बैचेनी हुई और मेरे हाथ से गरम चाय का कप ससुर जी की जांघ पर गिर गया.. जो उनके लंड तक चला गया। फिर में अपने दुपट्टे से उनकी जांघो को साफ करने लगी और मेरा हाथ उनके लंड तक पहुंच गया और मैंने महसूस किया कि वो तनकर खड़ा था। उन्होंने झट से मेरे हाथ को हटा दिया और मुझे जाने के लिया बोला.. लेकिन उस दिन के बाद उनकी नियत मेरे लिए गंदी हो ही गई थी। अब वो रात में भी मेरे बेडरूम के चक्कर लगाने लगे थे और दरवाजे पर कान लगाकर सुनते थे और मुझे दरवाजे के छेद से चोरी छिपे देखते थे। एक दिन मोहित को कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था और उस समय रात के 10 बजे थे और अगले दिन मोहित की फ्लाइट थी और में यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि वो दरवाजे के छेद से मुझे देख रहे है। तो मैंने मोहित को किस करना शुरू कर दिया और अपने कपड़े उतारकर एकदम पूरी नंगी हो गई और फिर मोहित ने भी एक-एक करके अपने कपड़े उतार दिए और हमने कुछ देर सेक्स किया और मोहित जल्दी ही झड़ गया। फिर वो अपने कपड़े पहनकर लेट गया तो मैंने मोहित को गाली दी और कहा कि तुझसे अच्छा तो में बाहर किसी कुत्ते से गांड मरवा लेती.. कम से कम मेरी प्यास तो बुझ जाती और नंगी ही लेटी रही।

Pages: 1 2

Leave a Reply

Your email address will not be published.