ससुरजी ने मुझे रंडी जैसे चोदा मज़ा आया

मेरे प्यारे मैं किसी पोलीस वॉलिसे को नही बोला रही मैं तो खुद तुमसे छोड़वाने के लिए मारी जराही थी. शंकर बोला, वो जो तुम ने मुझे शाम मे गलियाँ बाकी थी धमकियाँ दी थी वो किया था. मैं मुस्कराई और बोली, वो सब ड्रामा था तुम्हे घुस्स दिलाने के लिए और देखो तुम ने घुस्से मे आकर मेरी केसी शानदार छोडई करी है. शंकर खुशी से बोला, या आप मुझे नोकरी से नही निकलवैईं गी. मैं ने उसे प्यार से चींटया और बोली नही बुद्धो बालके मैं तो रोज़ तुमसे छोड़वाओं गी. शंकर मुस्काराया और बोला, में साहिब आप मुझे पहली बता देती मैं ने तो अपना सारा समान बाँध लिया था. मैं ने तो सोचा था के जब आप सो जैन गी तो मैं आप के कमरे मे घुस्स कर ज़बरदस्ती आप को छोड़ोंगा और रातो रात यहा से फरार होजाओं गा टके पोलीस मुझे पकड़ ना सके. मैं हँसी और बोली, तुम बिल्कुल बुद्धो हो अगर मैं तुम्हे बता देती तो तुम मुझे इस तरहा केसे छोड़ते. वो ज़ालिम किया छोडई करी है तो ने अब तक मेरी छूट और गंद दर्द कर रही है. शंकर बोला, में साहिब अगर ज़ियादा दर्द है तो मैं माफी माँगता हूँ आप कहें तो मैं डॉवा लगा डू. मैं मुस्करा कर बोली, मुझे अपनी छूट और गंद के दर्द की परवाह नही अलबत्ता तुम ने जो 2 थप्पड़ मुझे मारे थे उसका दर्द अभी तक है. शंकर बोला, में साहिब मुझे माफ़ कर डैन मैं उस वक़्त घुस्से मे था. मैं मुस्कराई और बोली, माफ़ किया प्यारे मगर तुम ने ये में साहिब में साहिब किया शुरू कर दिया है. इस वक़्त मैं रखैल हूँ तुम्हारी में साहिब औरो के सामने हूँ अभी तुम मेरे मलिक हो और मैं तुम्हारी नोकरणी. शंकर ने मुझे अपने सिने से बींच लिया और बोला, तुम नोकरणी नही बालके मेरे दिल की रानी हो. मैं मुस्कराई और बोली, मेरे राजा तुम्हारी ये रानी तुम्हारे लंड की घुलाम हो चुक्की है. तुम ने जो मेरी इतनी ज़बरदस्त छोडई करी है इतनी ज़बरदस्त छोडई तो मेरी आज तक मेरे पति ने भी नही करी और अब मैं चाहती हूँ के तुम दोबारा से मेरी वेसी ही छोडई करो. शंकर का लंड अब फिर अकड़ चक्का था और वो मेरी छूट मे चुभने लगा था. मैं ने मुस्करा कर उसका लंड पकड़ लिया और बोली, देखो प्यारे तुम्हारा लंड मेरी छूट मैं घुस्सने की कोशिश कर रहा है तुम ज़रा इसकी मदद तो करो. शंकर भी हंसा और बोला, अभी लो मेरी जान देखना मेरी केसे तुम्हारी शानदार छोडई करता हूँ. मैं मुस्कराई और बोली, प्यारे पहली छोडई की तरहा ऐक ही स्टाइल मे ही नही छोड़ते रहना तुम ने पहली बारी मे तो तुम ने मेरा कबाड़ा कर दिया था ऐक ही स्टाइल मे छोड़ छोड़ कर. शंकर हंसा और बोला, अब आएसा नही होगा जान-ए-मान. शंकर ऐक कुर्सी पर बेत गया और फिर मैं उसका लंड अपनी छूट मे लेकर अपनी दोनो तंगायन पहला कर उसके उपर बेत गई. अब शंकर नीचे से खूब झटके मारने लगा. शंकर के ज़ोरदार झटको से मेरे बूब्स बुरी तरहा से उछाल रहे थे और मुझे बोहट माज़ा आरहा था. शंकर ने मेरे उछलते हो दोनो बूब्स को पकड़ लिया और उन्हे दबाता होवा खूब कस कस कर झटके मारने लगा. 25 मिनिट तक उसने मुझे इसी तरहा छोड़ा फिर उसने मुझे सोफे पर उल्टा लिटा दिया और खुद वो अपना लंड मेरी गंद मे डाल कर मेरे उपर लेट गया और तेज़ तेज़ झटको से मेरी गंद मारने लगा. शंकर के पूरे जिस्म का दब्ाओ मेरे उपर पढ़ रहा था और मुझे इस तरहा बोहट माज़ा आरहा था. आधे तक मेरी इस पोज़िशन मे गंद मारने के बाद शंकर ने मुझे दीवार से लगा कर खड़ा कर दिया फिर उसने अपना लंड मेरी छूट मे डाला और मुझे बिकुल दीवार से मिला कर खूब मेरी छूट को छोड़ना शुरू कर दिया. 20 मिनिट मेरी छूट छोड़ने के बाद उसने मुझे घॉंा कर दीवार से लगाया और फिर उसने पीछे से अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया और वो फिर नीचे झुक झुक कर झटको के साथ मेरी गंद मारने लगा. शंकर के ज़ोरदार झटको से मेरे बूब्स दीवार से रीग़ाड़ खा रहे थे और इस तरहा मुझे ऐक अलग माज़ा मिलने लगा. मेरे कहने पर शंकर ने मुझे इसी तरहा से पूरे 1 घंटे तक छोड़ा. फिर उसने मुझे डोगी स्टाइल मे छोड़ना शुरू कर दिया. मैं अपने चारों हाथ पैरों पर नीचे खड़ी थी और शंकर मेरे उपर सवार होवा बुरी तरहा से मेरी छूट को छोड़ रहा था आधे घंटे तक मेरी छूट छोड़ने के बाद शंकर ने इसी पोज़िशन मे रहते हो अपना लंड मेरी छूट से निकाल कर मेरी गंद मे घुस्सा दिया और कुत्टो की तरहा मेरी गंद मारने लगा. डोगी स्टाइल मे मुझे सब से ज़ियादा माज़ा आता था इस लिए मैं ने शंकर से कहा, प्यारे जब तक तुम फारिग नही होजते मुझे इस पोज़िशन मे छोड़ते रहो. शंकर डोगी स्टाइल मे ही बार बार अपना कभी छूट से छोड़ता कभी गंद से. मैं अपने आप को सातवां आसमान पर महसूस कर रही थी. मुझे शंकर से छोड़वते हो कितना वक़्त होगआया था मुझे इस को कोई अंदाज़ा नही था और ना ही मुझे इस की फिकर थी. काफ़ी दायर तक मुझे छोड़ने के बाद शंकर बोला, नेहा डार्लिंग मैं अब फारिग होने वाला हूँ मैं अपनी मानी तुम्हारी छूट मे निकाल डून. मैं बोली, नही प्यारे मैं तुम्हारी मानी को पीना चाहती हूँ तुम मेरे मौ मे फारिग होना. शंकर ने अपना लंड मेरी छूट से निकाला और और अपना लंड तेज़ी से मसलता होवा मेरे मौ की तरफ आगेया. मैं ने फॉरन अपना मौ खोल दिया. इस से पहले शंकर अपना लंड मेरे मौ मे घुस्सता उसके लंड ने मानी की धार निकल कर मेरे मौ से टकराई और मेरा पूरा मौ मानी से खराब होगआया. मैं ने जल्दी से उसका लंड पकड़ कर अपने मौ मे घुस्सा लिया और उसका लंड चूसने लगी. शंकर की मानी ऐक तेज़ धार की सोरात मे मेरे हलाक़ से नीचे उतरने लगी. सारी पानी को पी लेने के बाद मैं ने उसका लंड चाट कर सॉफ किया और फिर मैं ने शंकर की धोती उठा कर उस से अपना मौ सॉफ किया. मैं बुरी तरहा से तक चुकी थी इस लिए मैं नीचे ही लेट गई. मैं ने घड़ी की तरफ देखा तो वाहा सुबह के 6:30 होरहे थे. शणक्र् आकर मेरे साथ लेट गया और मुझे लिपटा कर बोला, कहो मेरी रानी माज़ा आया या नही. मैं ने उसे चूम लिया और बोली, प्यारे माज़ा तो इतना आया है के मैं बता नही सकती मैं तो चाह रही थी के मेरी ये छोडई कभी ख़तम ना हो और तुम सैर ज़िंदगी मुझे इसी तरहा मुझे छोड़ते रहो. शंकर ने भी मुझे कस कर लिपटा लिया और बोला, हा मेरी बन्नो मुझे भी तुम्हे छोड़ कर बोहट माज़ा आया है अब कब मुझे दोबारा छोड़ने का मोका डोगी. मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे अब तो मैं तुम्हारी हूँ अब तो हर रात तुम्हारी है मैं तुमसे रोज़ छोड़ाओं गी उसके अलावा दिन मे जब भी तुम्हे मोका मिले मुझे छोड़ लिया कर मैं कभी माना नही कारों गी बस किसी को पता नही चलना चाहिए. अभी हमारी बातयन जारी थी के शंकर का लंड फिर खड़ा होगआया. शंकर ने उसे मेरे हाथ मे देता होवा बोला, देखो बिचारे को फिर भूक लगी है. मैं हँसी और बोली, मैं तुम्हारे इस बिचारे को सारी ज़िंदगी अपनी छूट का खाना खिलती राहों तब भी इसका पायट नही भरे गा. शंकर बोला, जानू ऐक बार और छोड़वा लो. मैं बोली, नही प्यारे अभी नही अभी 7 बजने वेल हैं और तुमने मुझे छोड़ना शुरू किया तो 2, 3 घंटे से पहले तुम मुझे नही चोरो गे इस से पहले मेरी सास और ससुर उठ जैन मैं चलती हूँ. तुम अभी अपने इस बिचारे को समझाओ दिन मे मोका मिले तो मुझे छोड़ कर अपने बिचारे का पायट भर देना. फिर मैं उसे किस करके उठी और जाने लगी तो शंकर बोला, नेहा अपनी निघट्य तो पहन लो. मैं मुस्कराई और बोली, प्यारे अब मैं पहन कर किया कारों गी आइसे तुम रख लो. ये कह कर मैं बाहर आगाई. कमरे के बाहर मेरे ससुर जी बिल्कुल नंगे खड़े थे. उनका चेहरा जज़्बार से लाल होरहा था और उनका लंड बुरी तरहा से आकड़ा होवा बुरी तरहा से साँप की तरहा फनकार रहा था. मैं बाबू जी को देख कर मुस्कराई और उनसे लिपटते हो बोली, केसी लगी आप को अपनी बहू की आक्टिंग और शंकर की छोडई. बाबू जी ने कहा, बोहट ज़बरदस्त मेरी जान मैं तो जज़्बात मे पूरी तरहा पागल होरहा हूँ देखो मैं तुम्हारी छोडई देखते होवे 6 बार मोठ मार चक्का हूँ मगर मेरा लंड है के बेत ही नही रहा है. मैं मुस्कराई और बोली, मैं आप के लंड को रात भर मे ठंड लग गई है मैं अभी इसको अपनी छूट की गर्मी डोंगी तो ये आराम से बेत जाय गा. ये कह कर मैं ने उनका लंड पूरा का पूरा अपनी छूट मे ले लिया और फिर मैं उनकी गौड़ मे चढ़ती होई बोली, अब ससुर जी आप अपनी इस बहू को इसी तरहा मेरे कमरे मे ले चलये और फिर खूब अपनी बहू को छोड़िए. बाबू जी मुझे इसी तरहा गौड़ मे उठे मेरे कमरे मे ले आय और मुझे बिस्तर पर लिटा कर खुद भी मेरे उपर लेट गे और खूब ज़ोर-ओ-शोर से मुझे छोड़ने लगे. बाबू जी ने 9 बजे तक मेरी जाम कर छोडई करी. छोडई के बाद मैं बाबू जी से कहने लगी, बाबू जी अब मैं आप और शंकर से ऐक साथ छोड़वाना चाहती हूँ. बाबू जी मुस्कारे और बोले, आइडिया तो अछा है पर तुम हम दोनो से ऐक साथ केसे छोड़वाव गी क्यूँ के शंकर को तो नही पता के मैं भी तुम्हे छोड़ चक्का हूँ वो मेरे सामने तो तुम्हारे साथ कुछ नही करे गा. मैं मुस्कराई और बोली, इस का बोहट आसान हाल है. मुझे पता है शंकर मेरे लिए पागल हो चक्का है और वो दिन मे भी मुझे छोड़ने की कोशिश करे गा. मैं ज़ियादा से ज़ियादा शणक्र् के सामने राहों गी और मुझे पता है उसे जेसे ही तन्हाई मिली उसने मुझे पकड़ कर छोड़ देना है. अब आप शंकर पर नज़र रखिए गा फिर जब मुझे तन्हाई मे नंगा कर के अपना लंड डाल कर मुझे छोड़ना शुरू कर दे तो आप सामने आजैईं गा. बाकी मैं संभाल लोंगी. बाबू जी को मेरा आइडिया पसंद आया और वो राज़ी होगे. फिर वो मुझे किस कर के अपने कमरे मे चले गे और मैं इसी तरहा नंगी चादर ओढ़ कर सो गई. मेरे दायर से उठने पर कभी भी मेरी सास ने कुछ नही कहा था इस लिए मैं आराम से सोती रही. 12 बजे मेरी आँख खोली. शंकर ने पूरे घर की सफाई कर चक्का था. मैं ने नाश्ता कर खाना पकाया. शंकर बार बार मेरे आस पास मांडला रहा था और जेसे जेसे उसे मोका मिलता तो कभी वो मुझे किस कर लेता कभी मेरे बूब्स को दबा देता या मेरी छूट और गंद मे उंगली कर देता. खाना खाने के बाद सासू मा और ससुर जी अपने कमरे मे चले गे. मैं किचन मे थी के शंकर ने आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैं हँसी और बोली, प्यारे किया सबर नही होरहा. शंकर ने मेरे बूब्स को ज़ोर से दबाया और बोला, नही मेरी जान तुम्हे छोड़ने को बोहट दिल कर रहा है. मैं मुस्कराई और बोली, प्यारे रात तक सबर करो अभी मेरी सास और ससुर घर मे हैं. शंकर बोला, नही मुझ से रात तक सबर नही होगा मैं तो अभी तुम्हे छोड़ों गा. वो मेरी सारी खोने लगा तो मैं बोली, किया कर रहे हो शंकर कोई आजे गा. शंकर बोला, कोई नही आय गा. मैं अभी देख कर आरहा हूँ. तुम्हारा ससुर कुत्टो की तरहा तुम्हारी सास की छूट मार रहा है. मैं मुस्कराई और बोली, अगर आएसी बात है तो तुम्हे पूरा हक़ है मुझे छोड़ने का अब मैं तुम्हे माना नही करोंगी. अब जो चाहो मेरे साथ करो. शंकर ने मेरी बात सुनते ही मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर उसने अपनी धोती और कुर्ता भी उतार दिया. शंकर का लंड पूरा आकड़ा होवा था. मैं ने उसे हाथ मे पकड़ लिया और फिर घोटनो के बाल बेत कर उसका लंड चूसने लगी. 10 मिनिट तक मैं ने उसका लंड चूसा फिर शंकर ने मुझे किचन मे पड़ी होई डिन्निंग टेबल पर लिटा दिया फिर उसने मेरी तंगायन मोर कर मुझे पकड़ा दी फिर वो उसने अपना लंड मेरी छूट मे डाल दिया और खड़े खड़े ही मुझे छोड़ने लगा जब के मैं माज़े से सिसकारियाँ लेने लगी. हम दोनो छोडई मे बुरी तरहा से खोय हो थे. अचानक ही बाबू जी किचन मे आगे और बोले, ये किया होरहा है यहा. बाबू जी की आवाज़ सुनकर शंकर दर गया और उसने अपना लंड मेरी छूट से निकाल लिया. बाबू जी घुस्से से बोले, शंकर तुम्हारी हिम्मत केसे होई के तुम हमारी बहू को छोड़ो. शंकर बुरी तरहा से दर गया था वो हाथ जोड़ कर बोला, माफ़ करदो साहिब जी ग़लती होगआई. बाबू जी घुस्से मे उसकी तरफ बढ़े और बोले, छोड़ कर बोल रहा है के ग़लती होगआई. इस से पहले बाबू जी शंकर तक पोनकते मैं उन दोनो के बीच मे आगाई.

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