शंकर ने मेरे चारों हाथ पैरों को फेला कर बिस्तर के चारों कोनो से बाढ़ दिया था. अब मैं ज़रा सिब ही नही हिल सकती थी. शंकर मुझ पर झुकता होवा बोला, क्यूँ रंडी की बाकची अब किया कहेगी तू. अछा है तो आगाई वरना 12 बजे के बाद मैं तेरे कमरे मे आता. चलो अछा है यहा से तेरी छीनखीन तेरी सास ससुर तक नही जैन गी और मैं आराम से अपना काम कारों गा. फिर उसने अपना लंड मेरे मौ से लगाया और बोला, चल इसी वेसए ही चूस जेसे तू ने शाम मे इसी चूसा था. मैं ने अपना मौ दोसरि तरफ फेरा तो शंकर को घुस्सा आगेया और बोला, तू आएसए नही माने गी. ये कह कर उसने मेरा गला दबा दिया. मेरी आंखाईं बाहर आगाई और मैं बोहट मूसखिल से बोली, प्लीज़ मेरा गला चोरो मैं चूस रही हूँ तुम्हारा लंड. शंकर ने मेरा गला छोरा तो मैं ने अपना मौ खोल दिया. शंकर हंसा और बोला, शाबाश मेरी रानी. ये कह कर उसने अपना लंड मेरे मौ मे घुस्सा दिया जिसे मैं माज़े माज़े से चूसने लगी. काफ़ी दायर तक शंकर अपना लंड मुझे चोस्वता रहा फिर उसने अपना लंड मेरे मौ से निकाल लिया और फिर वो मेरी टाँगों की तरफ आगेया. उसने 2 तकिये उठा कर मेरे खोलो के नीचे रखे जिस से मेरी छूट बोलॅंड होगआई. मेरी तंगायन पहले ही चीरी होई थी इस लिए छूट उपर उठने से मेरी छूट के लब पूरे खोल गाय. शंकर अपना लंड मेरी छूट मे फिट कर के मेरे उपर लेट गया और फिर उसने ऐक तेज़ झटका मारा तो फेले ही झटके मैं उसका लंड मेरी छूट को फाड़ता होवा जड़ तक अंदर घुस्स गया. दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई. शंकर हंसा और बोला, अभी तो तेरी और छीकैन निकलान गी. ये कह कर उस ने अपना लंड बाहर निकल कर फिर ज़ोर से अंदर डाला. मैं फिर चीखी और फिर शंकर कुत्टो की तरहा झटको पर झटके मारने लगा. मुझे बोहट तकलीफ़ होरही थी और मैं बुरी तरहा से चीख रही थी. मेरी चीखो पर शंकर बोहट खुश होरहा था. और वो झटके मारते होवे बोला, और चीख और ज़ोर से चीख यहा तेरी चीखाईं सुनकर कोई नही आय गा ले और ले और ले. शंकर अपनी पूरी ताक़त से मुझे छोड़ रहा था. शंकर का लंड बिल्कुल पठार की तरहा सख़्त था और वो मेरी छूट की दीवारों को बुरी तरहा से छीलता होवा अंदर बाहर होरहा था. मैं चीखती होई बोली, उूुुउउफफफफफफफफ्फ़ शंकर मुझे आहिस्ता छोड़ो तुम्हारा लंड बोहट मोटा और सख़्त है प्लीज़ मुझे बोहट दर्द हो रहा है प्लीज़ मुझ पर रहम करो. शंकर ने अपने झटको की रफ़्तार और बढ़ा दी और बोला, साली रंडी की बाकची तो रहम किए जाने के काबिल नही है मैं आज तेरा वो हाल कारों गा के तू मेरे नाम से ही डरे गी. शंकर जो झटके मारते हो पूरा ऐक घंटा होगआया था. और वो रुके बगैर झटके मारे जराहा था. मैं हेरान थी के वो अब तक फारिग क्यूँ नही होवा जब के मैं 1 घंटे मैं 6 बार झाड़ चुकी थी. मैं दर्द के मारे बोली, उफफफफफफफफफफ्फ़ शंकर तुम मुझे कब तक छोड़ो गे. शंकर हंसा और बोला, हरमज़ड़ी मुझे आज तुझे सबक सीखना है इस लिए मैं ने ऐक डॉवा खाई है और अब मैं 4 घंटे से पहले नही फारिग हॉंगा. मैं शंकर की बात सुनकर खुश होगआई क्यूँ के मैं तो खुद ही यही चाहती थी के शंकर बिल्कुल कुत्टो की तरहा छोड़े. मुझे दर्द तो होरहा था मगर मुझे इस दर्द से ज़ियादा माज़ा आरहा था. मैं ने अपनी खुशी शंकर पर ज़ाहिर नही होने दी क्यूँ मे चाहती थी के वो घुस्से की हालत मे मुझे कुत्टो की तरहा छोड़ते रहे. 1 घंटा और मेरी छूट की जुदाई करने बाद शंकर मेरे उपर से हट गया और उसने मेरी दोनो तंगायन खोल डी. फिर उसने मेरी दोनो टाँगों को उठा कर मेरे कंधो से लगा दिया. फिर उसने मेरे उपर लेट कर अपना लंड मेरी गंद के सोराख पर रखा. मेरी गंद का सोराख मेरी छूट से बोहट छोटा था इस लिए मैं सोचने लगी के अब मेरी गंद का किया हाल होता है. शंकर ने ऐक झटका मारा तो उसका लंड मेरी गंद मे 4 इंच तक अंदर घुस्स गया. मैं दर्द के मारे बुरी तरहा से चीखी और बुरी तरहा से तदपि. ऐक तो शंकर ने मुझे पूरी गटदी की तरहा लिटाया होवा था उसपर वो खुद मेरे उपर लेता होवा था मैं उसके बोझ से बोरी तरहा दबी होई थी इसलिए मेरे तदपि का कोई फ़ायदा नही होवा और मैं सिर्फ़ झिर झिरी ही ले सकी. शंकर ने फिर ऐक तेज़ झटका मारा तो उसका लंड मेरी गंद मे 8 इंच अंदर घुस्स गया. मैं फिर चीखी मगर शंकर ने मेरी चीखने की परवाह ना करते होवे ऐक और झटका मारा अब उसका लंड मेरी गंद को फाड़ता होवा जड़ तक अंदर घुस्स गया. मैं बुरी तरहा से चिल्ला रही थी और अब शंकर खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था. वो अपना लंड टोपी तक बाहर निकालता और फिर वो ऐक ही झटके मे जड़ तक अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा देता. इस तरहा मेरी गंद पर बुरी तरहा से दब्ाओ पद रहा था जिस से मेरी गंद बुरी तरहा से दर्द कर रही थी. शंकर बोहट तेज़ झटको से मुझे छोड़ रहा था. मैं शंकर की मर्दानगी पर बुरी तरहा से फिदा हो चुकी थी और मुझे शंकर पर बोहट प्यार आरहा था. जिस तरहा मैं ने चाहा था शंकर मेरी उमीद से बढ़ कर मुझे छोड़ रहा था. मुझे इतना माज़ा आरहा था और मैं सोच रही थी के मेरी ये छोडई इसी तरहा चलती रहे और मैं शंकर से छोड़वा छोड़वा कर माज़े लेती राहों. शंकर ने 2 ही घंटे मेरी गंद मारी फिर उसने अपना लंड मेरी गंद से निकाल कर वापिस मेरी छूट माय डाल दिया और मुझे तेज़ी से छोड़ने लगा. 20 मिनिट तेज़ी से झटके मारने के बाद शंकर ने अपना लंड मेरी छूट से निकाला और ला कर मेरे मौ से लगा दिया. मैं समझ गई के अब वो फारिग होने वाला है इस लिए मैं ने अपना मौ खोल दिया. शंकर ने अपना लंड जड़ तक मेरे मौ मे घुस्सा दिया और फिर उसके लंड से तेज़ मानी की बोछहाड़ निकली जो सीधे मेरे पायट मे गिरने लगी. सारी मानी मेरे पायट मे चोरने के बाद जब उसने अपना लंड मेरे मौ से निकाला तो वो मानी से बुरी तरहा से खराब होरहा था. मैं ने दोबारा उसका लंड चूसने के लिए अपना सर उठाया तो शंकर ने फिर अपना लंड मेरे मौ मे घुस्सा दिया. मैं ने शंकर का लंड चाट चाट कर अची तरहा से सॉफ कर दिया. और फिर वो मेरे बराबर मे ही लेट गया. थोड़ी दायर लेटने के बाद उसने मेरे हाथ भी खोल दिए और बोला, जाओ अब तुम जा सकती हो और पोलीस को बोलना है तो बुला लो शंकर पोलीस से नही डरता. शंकर उठ कर ऐक तरफ पड़ी होई अपनी धोती उठा कर बाँधने लगा तो मैं उठी और मैं ने उस से धोती चीन कर फेंक दी और शंकर से लिपट कर मैं ने उसके चेहरे पर बोसो की बारिश करदी. शंकर मेरे रड्दे अमल से हेरान होरहा था. मैं उसे किस करती होई बोली, प्यारे हेरान क्यूँ हो रहे हो. तुम ने वोही किया जेसा मैं ने चाहा था मेरी जान मैं ने ही तुम्हे घुस्स दिलाया था टके तुम मुझे घुस्से मे आकर कुत्टो की तरहा छोड़ो.