ससुरजी ने मुझे रंडी जैसे चोदा मज़ा आया

शंकर उठ कर खड़ा होगआया और बोला, में साहिब ओकाट की बात ना कराईं हमारी भी इज़्ज़त है. मैं घुस्से सी खड़ी होगी और बोली, हराम ज़ादे इज़्ज़त की बात कर रहा है 2 टके के नोकर अगर मैं ने तुझे इस घर से निकलवा दिया तो तू भोका मार जाय गा. मेरे पति घर पर नही हैं तो तू मुझे छोड़ने की कोशिश कर रहा था. मेरी बात पर अब शंकर को भी घुस्सा आगेया और वो बोला, साली रंडी की ओलाद अभी तो तू खुद मेरे साथ मस्तियाँ कर रही थी अब सती सवाट्री बन रही है. मैं घुस्से से बोली, तू यहा से जराहा है या मैं फोन कर के पोलीस को बोला कर तुझे अंदर करवा डू. शंकर घुस्से से मुझे देखता रहा और ये कह कर चला गया. अभी तो मैं जराहा हूँ पर देखना मैं तेरा किया हाल करता हूँ. अभी शंकर को गे होवे थोड़ी ही दायर होई थी के कमरे का दरवाज़ा खोला और मेरे ससुर जी कमरे मे आगे. वो बिल्कुल नंगे थे और उनका लंड पूरी तरहा से आकड़ा होवा था. मैं बाबू जी को देख कर मुस्कराई और आगे बढ़ कर उनसे लिपट गई. बाबू जी मुझे लेकर बिस्तर पर लेट गे और बोले, इतना अछा ससेआन चल रहा था तुम्हे ये ऐक दम से किया होवा. मैं हँसी और बोली, क्यूँ ससुर जी आप को माज़ा नही आया. बाबू जी ने मेरे बूब्स को दबा कर कहा, माज़ा तो बोहट आया देखो मेरा लंड केसे आकड़ा होवा है. मैं मुस्करा कर बोली, पहले आप मैं लंड को बीता डैन. बातयन बाद मैं कराईं गे क्यूँ के मेरी छूट मे भी आग लगी होई है. बाबू जी ने लेते लेते ही अपना लंड मेरी छूट के सोराख मे फिट किया और ऐक ज़ोरदार झटका मारा. पहली ही झटके मे उनका लंड जड़ तक मेरी छूट मे घुस्स गया. मैं ने ऐक तेज़ सिसकारी लेकर कर कहा, उूुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बोहट ज़बरदस्त ससुर जी अब आएसए ही ज़ोरदार झटके मार कर अपनी बहू को छोडाए. बाबू जी ने खूब तेज़ तेज़ झटको से मुझे छोड़ना शुरू कर दिया और मैं भी खूब माज़े मे अपनी छूट उछाल उछाल कर उनके झटको का जवाब देने लगी. बाबू जी ने मेरी आधे घंटे तक खूब जाम कर छोडई करी और फिर उन्हो ने अपने लंड की मानी मेरे मौ के अंदर निकाल दी. फारिग होज़े के बाद वो फिर मुझ से लिपट कर लेट गे. और बोले, अब बताओ के तुम ने बिचारे शंकर पर ज़ुलूम क्यूँ किया वो प्यासा ही वापिस चला गया तुम ने ऐक बार तो उस से छोड़वा लेना था और तुम ने उस पर बिला वजा घुस्सा उतार दिया. मैं मुस्कराई और बोली, हा बिचारे के साथ ग़लत होगआया है मगर ये मेरे मंसूबे मे शामिल था. बाबू जी ने कहा, और तुम्हारा मंसूबा किया था. मैं मुस्कराई और बोली, मैं शंकर को घुस्सा इस लिए दिलाया था के वो मेरा रेप कर दे मगर बिचारा शरीफ आदमी प्यासा ही चला गया. बाबू जी ने कहा. अब तुम्हारा किया इरादा है. मैं मुस्कराई और बोली, मेरा इरादा है के मैं अब रात मे शंकर के क्वॉर्टर मे जाओं गी वो रात तक खूब खुवार हो चक्का होगा और घुस्से मे भी होगा. आप देखिए गा के वो खुवारि और घुस्से मे मेरी केसी कस कर छोडई करे गा. मेरा ये इरादा है के मैं रात मे उसे और घुस्सा दिलाओं टके वो घुस्से मे पागल होकर मेरी खूब जाम कर छोडई करे और मैं माज़े से पागल होजाओं. बाबू जी ने मेरे बूब्स को खूब कस कर दबाया और बोले, साली तू तो बोहट ख़तरनाक लड़की है. मैं हँसी और बोली, ससुर जी ख़तरनाक नही ज़बरदस्त आक्टर कहिए. अब आप रात मे मेरी आक्टिंग देखिए गा. बाबू जी ने कहा, हा मैं रात मे मैं तुम्हारी आक्टिंग ज़रूर देखों गा और तुम मेरे साथ ही चलना टके मैं पूरा ड्रामा देख सकों. मैं बोली, ससुर जी जब आप मा जी को छोड़ कर फारिग होंगे तो कही इतनी दायर मे शंकर सो ना जाय. बाबू जी ने कहा, मैं तेरी सास को तो रोज़ छोड़ता हूँ मगर मैं ये ससेआन नही चोर सकता मैं ये ड्रामा पूरा देखना चाहता हूँ इस लिए आज मैं तेरी सास को नही छोड़ोंगा. मैं बोली, मगर आप सासू मा से किया कहीं गे. बाबू जी ने फिर मेरे बूब्स को ज़ोर से दबाया और कहने लगे. मैं कुछ नही कहों गा. बालके तुम उसके दूध मे नींद की डॉवा मिलाओं गी टके वो सुबह तक बेख़बर सोती रहे और मैं सकूँ से अपनी बहू रानी के छोड़ने का ड्रामा देख सकों. मैं मुस्कराई और बोली, बाबू जी आप भी कुछ काम चालक नही हैं. बाबू जी भी मुस्कराने लगे. उनका लंड फिर से अकड़ गया था मगर अब मा जी के भी आने का वक़्त होगआया था इसलिए उन्हो ने मुझे और नही छोड़ा. रात खाने के बाद मैं ने मा जी के दूध मे बेहोशी की डॉवा मिला दी. बाबू जी रात 10 बजे ही मा जी के साथ कमरे मे चले जया करते थे. रात 10:15 पर मेरे कमरे के दरवाज़े पर दस्तक होई और फिर दरवाज़ा खोला और बाबू जी कमरे मे आगे. वो इस वक़्त धोती और बानयन मे थे. मैं कहने लगी, मा जी का किया हाल है. बाबू जी ने आगे बढ़ कर मुझे लिपटा कर किस किया और बोले, तेरी सास घड़े बैच कर सो रही है. मैं मुस्कराई और बोली, तू फिर चला जाय. बाबू जी बोले, हा चलो मगर किया तुम इस हुल्ये मे जाओ गी. मैं मुस्कराई और बोली, नही बाबू जी फिर मैं ने उनसे अलग होकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ ऐक छोटी सी निघट्य पहन ली. मेरी निघट्य इतनी छोटी थी के उस से मेरे खोले ही चुप रहे थे बाकी मेरी पूरी तंगायन नंगी थी. मैं ने निघट्य की डोरी भी ढीली बँधी थी जिस की वजा से मेरा पायट और बूब्स भी काफ़ी नुमाया हो रहे थे. मैं मुस्करा कर बाबू जी से बोली, आप की बहू केसी लग रही है. बाबू जी ने मुझे देख कर कहा मुझे आज पता चला है के मेरी बहू कितनी सेक्सी है तुम बोहट सेक्सी लग रही हो मेरा तो दिल ये कह रहा है के शंकर के बजाय मैं तुम्हारा रेप कार्डों. मैं मुस्कराई और बोली, बाबू जी आज बिचारे शंकर का हक़ है मैं ने दिन मे वेसए ही उसके साथ बोहट ना इंसाफी करदी थी अब मे उसको उसका पूरा हक़ देना चाहती हूँ. बाबू जी ने कहा, अरे मेरी बन्नो रानी तो मैं तुम्हे कब रोक रहा हूँ मगर अपने लंड का किया कारों. मैं मुस्कराई और बोली, अपने लंड को सुबह तक समझाईं सुबह मैं आप के लंड को भी पूरा मोका डोंगी अपनी छूट को छोड़ने का. फिर हम दोनो कमरे से बाहर आगे. जब हम घर के पीछे बने होवे शंकर के क्वॉर्टर की आय तो खोली होई खिड़की मे से रोशनी बाहर आराही थी. हम दोनो ने खिड़की से अंदर झाँका तो अंदर शंकर बिस्तर पर नंगा लेता होवा था उसका लंड ऐक दम ताना होवा था. उसने अपने लंड पर मेरा ब्रेज़ियर जो मैं शाम मे पोदों के पास नही मे ही चोर आई थी उसने वो ब्रेज़ियर अपने लंड के गिर्द लपेटा होवा था और वो मेरे ब्रेज़ियर को तेज़ी से अपने लंड पर रीगड़ता होवा मोठ मार रहा था. शंकर की आंखाईं बंद थी और वो मोठ मारते हो बड़बड़ा रहा था. नेहा उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआहह नहााआआ मैं तुझे छोड़ डूऊऊऊऊन्न्‍नननणंग्ाआआअ मैं तेरी गंद फ़ाआड़ डूऊंगगगगगाआअ आआआआआहह. बाबू जी ने मुझ से कहा, बहू रानी ये तो तुम्हारे लिए पागल होरहा है अब अंदर जाओ और इसकी प्यास भोजाओ. मैं मुस्करती होई दरवाज़े पर आगाई जब के बाबू जी ख़िड़ी मे ही खड़े चुप कर अंदर देखने लगे. मैं ने दरवाज़े पर हाथ रखा तो वो अंदर से बंद नही था. मैं ने ऐक दम से ही पूरा दरवाज़ा खोल दिया. शंकर जो आंखाईं बंद किए मोठ मार रहा था उसने ऐक दम से आंखाईं खोल दी और फिर वो मुझे दरवाज़े पर देख कर हेरान रह गया. मैं बोली, क्यूँ हरांज़ादे तू मुझे ही याद कर रहा था ना. शंकर बिस्तर से उठ कर खड़ा होगआया और बोला, तू क्यूँ आई है यहा किया तेरी मत मारी गई है जो यहा चली आई. मैं बोली, मैं अपना ये ब्रेज़ियर लेने आई हू जिसे तू अपना समझ कर बड़े आराम से मोठ मार रहा है चल ये मुझे दे. शंकर मेरा ब्रेज़ियर हाथ मे पकड़ कर मुस्काराया और बोला, जिस तरहा तेरा ये ब्रेज़ियर मेरे लंड से चुपका होवा था उसी तरहा मैं तेरी छूट पर अपना लंड चुपका डोंगा. मैं उसे घुस्सा दिलाती होई बोली, तुझ मे इतनी हिम्मत ही नही है शंकर के तू मुझे छोड़ सके. तू तो पोलीस के नाम से ही दूं दबा कर भाग गया था. मेरी बात से शंकर का मौ घुस्से से लाल होगआया. शंकर ने मेरा ब्रेज़ियर बिस्तर पर फेंक दिया और बोला, हिम्मत है तो आकर उठा ले अपना ब्रेज़ियर. मैं बोली, हा आराही हूँ मैं तेरी तरहा बुज़दिल नही हूँ. ये कह कर मैं अंदर आगाई. मैं ने बिस्तर के पास आकर जेसे ही झुक कर अपना ब्रेज़ियर उठाने लगी मुझे पीछे से शंकर ने पकड़ लिया. मैं चीख कर बोली, मुझे चोर कमीने. शंकर ने हाथ से मेरी निघट्य की डोरी खोल दी और मुझे चोर कर मेरी निघट्य खींच ली. मेरी निघट्य उतार कर शंकर के हाथो मे आगाई और मैं भी शंकर की तरहा बिल्कुल नंगी होगी. मैं बच कर भागने लगी तो शंकर ने मुझे पकड़ कर बिस्तर पर फेंक दिया और खुद मुझे पर चढ़ कर लेट गया. शंकर मुस्करता होवा बोला, अब कहा जाय गी हरमज़ड़ी अब बोल तो किया कर सकती है. मैं अपने आप को चोरती होई बोली, मुझे जाने दे कुत्ते वरना मैं पोलीस बोला लोंगी. शंकर हंसा और बोला, यहा केसे बोले गी पोलीस, आज मैं तेरा वो हाल करोंगा के तू कुछ बोलने के काबिल नही रहे गी. साली बोहट बोलती है आज मैं तुझे रंडी बना कर चोरोंगा. मैं फिर खुद को चोरने लगी तो शंकर ने ऐक कस कर थप्पड़ मेरे चेहरे पर मारा. शंकर के थप्पड़ से मेरा मौ घूम गया और मेरी आँखो के सामने अंधेरा चाह गया. मैं ऐक दम चुप होगआई थी. शंकर हंसा और बोला, बस ऐक ही थप्पड़ ने तेरे सारे कस बाल निकाल दिए. फिर शंकर ने बिस्तर के नीचे हाथ डाल कर ऐक रस्सी निकाल ली. वो रस्सी से मेरे हाथ बाँधने लगा तो मैं फिर मचलती होई बोली, तुम ये मेरे हाथ क्यूँ बंद रहे हो. शंकर ने ऐक थप्पड़ मेरे चेहरे पर मारा और बोला, चुप छाप पड़ी रह वरना मैं थप्पड़ मार मार कर तेरा मौ टेडा कर डोंगा. 2 ठप्पड़ो ने ही मेरे सारे कस बाल निकाल दिए थे इस लिए मैं ने शराफ़त से अपने हाथ पैर बँधवा लिए.

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