ससुरजी ने मुझे रंडी जैसे चोदा मज़ा आया

मैं ने साबुन उठा कर शंकर को दिया और शंकर माज़े मे मेरे पूरे बदन पर साबुन मलने लगा. मुझे माज़ा आरहा था फिर मैं बोली, तुम मेरी वजा से गंदे हो हो इस लिए तुम्हे मैं नहलाओं गी. फिर मैं ने भी साबुन उठा लिया और शंकर के बदन पर मलने लगी. साबुन मलने के दोरान शंकर का लंड बार बार मेरी छूट मे घुस्सने की कोशिश कर रहा था. मैं मुस्करा कर उसका लंड पकड़ लिया और कहने लगी, शंकर तुम्हारा ये बदतमीज़ बाकचा बार बार मुझे तंग कर रहा है. शंकर मुझे लिपटा कर बोला, में साहिब आप ही इस बाकचे को तमीज़ शीखा डैन. मैं मुस्करा कर बोली, मैं अभी इस बदतमीज़ बाकचे का एलाज़ करती हूँ. ये कह कर मैं घुटनो के बाल बेत गई फिर मैं ने बड़े प्यार से खूब अची तरहा शंकर के लंड पर साबुन लगाया और अची तरहा उसे रीगाड़ने लगी. फिर मे ने उसे पानी से धोया तो उसका लंड चाँदी की तरहा चमकने लगा. मुझे शंकर का लंड इतना प्यारा लगा के मैं अपने आप को उसे मौ मे लेने से रोक नही पाई. अब मैं खूब माज़े से शंकर का लंड चूस रही थी. शंकर खुवारि की हद तक पागल हो चक्का था और फिर उसने मेरा सर पकड़ा और तेज़ी से अपने लंड को मेरे मौ मे अंदर बाहर करने लगा. शंकर का लंड मेरे हलाक़ से भी नीचे जराहा था. शंकर 15 मिनिट तक अपना लंड मेरे मौ मे अंदर बाहर करता रहा फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला. वो अब फारिग होने वाला था उसने अपने लंड को मेरे मौ के सामने रख कर अपने मानी की पिचकारी मेरे मौ पर मारी. मैं हँसी और बोली, फिर बदतमीज़ी तुम अपने लंड की मानी ज़ाया क्यूँ कर रहे हो ये तो मैं पीयू गी. ये कह कर मैं ने जल्दी से उसका लंड पकड़ा और अपने मौ मे डाल लिया. शंकर के लंड से पूरे 1 मिनिट तक मानी निकलती रही और मेरा पूरा मौ मानी से भर गया. मैं ने सारी मानी पी कर उसका लंड अची तरहा चाट चाट कर सॉफ किया और फिर मे खड़ी होगआई. शंकर ने मेरे दोनो बूब्स को पकड़ कर कस कर दबा दिया जिस से मेरी मेरी सिसकारी निकल गई. शंकर ने मुझे दीवार से लगा दिया और बेतहाशा मुझे किस करने लगा. मैं ने भी उसे लिपटा लिया और उसके किस का साथ देने लगी. अब शंकर का लंड दुबारा से खड़ा होने लगा और फिर वो पूरी तरहा से खड़ा होकर मेरी छूट मे चुभने लगा. मैं कहने लगी, शंकर प्यारे तुम्हारा बदतमीज़ बाकचा फिर बदतमीज़ी करने लगा है. शंकर बोलने लगा, में साहिब अब मेरे बाकचे को भोक लगी है और ये खाना माँग रहा है. मैं सिसकारी ले कर बोली, उूउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ प्यारे तो आइसे खाना खिलाओ ना तुम्हे रोका किस ने है. शंकर ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मेरी छूट के सोराख पर रखा और ऐक झटका मारा. उसका लंड 2 इंच तक मेरी छूट मे घुस्स गया. मेरी ऐक सिसकारी निकल गई. शंकर ने फिर धक्का मारा तो उसका लंड मेरी छूट को चीरता होवा 5 इंच तक घुस्स गया. अब के बार मेरे मौ से चीख निकल गई क्यूँ के उसका लंड बोहट मोटा था और मेरी छूट फ़ाटी जराही थी. उसने ऐक झटका और मारा तो अब उसका लंड 8 इंच तक मेरी छूट मे छाला गया. मेरी चीख कर बोली, आआआआआअहह क्यूँ तडपा रहे हो प्यारे. अब शंकर ने मुझे कमर से पकड़ कर ऐक बोहट तेज़ झटका मारा जिस से मेरे हलाक़ से बोहट तेज़ चीख निकली और शंकर का लंड पूरा का पूरा मेरी छूट मे जड़ तक घुस्स गया. शंकर ने अपना लंड टोपी तक मेरी छूट से निकाला और फिर उसने अपनी पूरी ताक़त से झटका मार कर अपना 11 इंच लंबा लंड ऐक ही झटके मैं मेरी छूट मे उतार दिया. मैं बुरी तरहा से चीखी और मैं ने शंकर को बुरी तरहा से जाकड़ लिया. दर्द की वजा से मेरी आँखों मे आँसू आगे थे. मैं शंकर के कान मे बोली, शंकर प्यारे मुझे कमरे मे ले चलो. शंकर ने उसी तरहा मुझे गौड़ मे उठा लिया और अपने लंड को मेरी छूट से निकले बगैर वो मुझे ले कर कमरे मे आगेया. उसने लाकर मुझे बाद पर लेटया और खुद मेरे उपर लेटने लगा तो मैं बोली, प्यारे पहले मेरा और अपना बदन तो खुसक कर लो. शंकर ने अपना लंड मेरी छूट से ऐक दम से निकाल लिया तो मेरी छूट से आएसी आवाज़ निकली जेसे किसी बॉटल का ढक्कन खोल दिया गया हो. मैं मौ से फिर सिसकारी निकल गई. शंकर वॉशरूम जाकर ऐक टोलिया उठा लाया फिर उसने पहले मेरे बंदन को खुसक किया फिर उसने अपने बदन को खुसक किया. टोलिया रख कर वो फिर मेरे उपर लेटने लगा तो मैं बोली, प्यारे पहले मेरी तंग पर क्रीम से मालिश करदो टके इसका दर्द ख़तम होज़े वरना दर्द और बढ़ जाय गा. शंकर ने मेरी ड्रेसिंग टेबल पर रखा होवा बां उठाया और उसने मेरी तंग की मालिश करदी. शंकर मेरी तंग की मालिश करता होवा आहिस्ता आहिस्ता उपर आने लगा यहा तक के उसका हाथ मेरी छूट से टकराने लगा. शंकर बोला, में साहिब मैं यहा भी मालिश कार्डों. मैं मुस्कराई और बोली, अगर तुम्हे अछा लगे तो करदो मगर मैं चाहती हूँ के तुम यहा अपनी ज़ुबान से मालिश करो. शंकर मेरी बात से खुश होगआया और उसने काफ़ी सारा बां मेरी छूट के अंदर तक लगाया और फिर झुक कर अपनी ज़बान मेरी छूट पर फेरने लगा. मैं बोहट खुवार होगआई थी इस लिए मेरी छूट ने पानी चोर दिया और मैं अपने आप को लज़्ज़त के आसमानो पर महसूस करने लगी. शंकर उठ गया फिर उसने काफ़ी सारा बां अपने लंड पर लगाया और फिर उसने मेरी दोनो तंगायन उठा ली. मैं कहने लगी, तुम किया कर रहे हो. शंकर मुस्काराया और बोला, में साहिब अब मैं अपने लंड से आप की छूट की मालिश कारों गा. मैं बोली, नही तुम अब जाओ मेरा दर्द थेक होगआया है अब मुझे और मालिश नही करवानी है. शंकर मेरे उपर झुकता होवा बोला, में शहिब ऐक बार करवा लाइन आप को बोहट माज़ा आय गा फिर आप रोज़ खुद मालिश करवाने के लिए मुझे कहीन गी. मैं घुस्से से बोली, मुझे अपनी छूट की मालिश तुम्हारे लंड से नही करवानी मेरी छूट के लिए मेरे पति का लंड काफ़ी है. शंकर मेरे ऐक दम से बदले हो लहजे पर पहले तो हीरान होवा फिर मुस्काराया और बोला, में साहिब मज़ाक ना कराईं आप के पति तो 6 महीने के लिए गे होवे हैं जब तक आप अपने इस खादिम को मोका डैन. मैं ने ऐक लात शंकर के सिने पर मारी जिस से वो बाद के नीचे जा गिरा. मैं फिर घुस्से से बोली, तुम खादिम हो खादिम ही रहो मैं इस घर की माल्कन हूँ और तुम नोकर हो तुम अपनी ओकाट नही भोलो अब यहा से जाओ और अपना काम करो आइन्दा मेरे कमरे मे कदम रखने की हिम्मत नही करना.

और कहानिया   ये क्या होरहा है भाग 3

Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9

Leave a Reply

Your email address will not be published.