ससुरजी ने मुझे रंडी जैसे चोदा मज़ा आया

बाबू जी ने मेरी छूट को 25 मिनिट तक छोड़ा और मेरी छूट 3 बार झड़ी. फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी छूट से निकाल लिए और मुझे नीचे चारों हाथ पारीओं पर खड़ा होजने के लिए कहा. मैं बाद से उतार के नीचे अपने चारों हाथ पैरों पर खड़ी होगआई. बाबू जी ने घोटनो के बाल बेत कर अपना लंड मेरी गंद मे घुस्साया और फिर मेरे उपर झुक कर अपने दोनो हाथो से मेरे दोनो बूब्स को पकड़ लिया और फिर वो तेज़ी से झटको पर झटके मारने लगे. डोगी स्टाइल मे मुझे काफ़ी तकलीफ़ होरही थी इस लिए मैं बुरी तरहा से चीख रही थी. बाबू जी खूब ज़ोर-ए-शोर से झटके मार रहे थे. मैं सिसक कर बोली, उूुुुुउउफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआहह बाबू जी तोड़ा आहिस्ताआआआआआअ ऊऊऊऊओीईईईई मुझे बोहट तकलीफ़ होरही है. बाबू जी ने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और बोले, तकलीफ़ होरही है तो बर्दाश्त करो मेरी बन्नो रानी. मैं फिर बोली, उूुुुुुउउफफफफफफफफफफ्फ़ बाबू जीईईईईईईई कही मेरी चीखाईं शंकर तक ना पोंच ज़ाइन. बाबू जी हँसे और बोले, तुम्हारी चीखाईं शंकर संटॅन है तो सुन ले आकर वो भी तुझे छोड़ ले गा जिस से तुझे और माज़ा आय गा क्यूँ के उसका लंड तो मेरे लंड से भी लंबा और मोटा है. मैं फिर बोली, आप मुझे किसी के काबिल चोरैन गे तो मैं किसी और से छोड़वाओं गी. बाबू जी ने कहा, ज़ियादा नाटक ना कर और चुप छाप छोड़वा वरना मे तेरी गंद को छोड़ छोड़ कर फाड़ डोंगा. मैं खामोश होगआई और बाबू जी मेरी खूब छोडई करते रहे. बाबू जी ने मेरी 3 घंटे तक खूब जाम कर छोडई करी. मैं पसीने पसीने हो चुकी थी. इतनी शानदार छोडई मेरी आज तक मेरे पति ने भी नही करी थी. बाबू जी बोले, अब जल्दी से कपड़े पहन कर भाग जा आएसा ना हो के तेरी सासू मा आजे. मैं उठी और अपने कपड़े पहनने लगी. कपड़े पहनने के बाद मैं मुस्करती होई बोली, बाबू जी आज आपने इस तरहा छोड़ मुझे कर खरीद लिया है. मेरी इतनी ज़बरदस्त छोडई तो आज तक राजेश ने भी नही करी है. बाबू जी ने मुझे लिपटा कर मुझे किस किया और बोले, मेरी जान ये तो सिर्फ़ ट्रेलर था पूरी फिल्म तो मैं रात को चालों गा. मैं मुस्कराई और बोली, बाबू जी आज रात आप सिर्फ़ सासू मा को छोड़िए गा मैं ज़रा रात मे शंकर को मोका देना चाहती हूँ. बाबू जी हेरात से बोले, ये शंकर कहा बीच मे आगेया. मैं मुस्कराई और बोली, वो आप ही तो मुझे छोड़ते हो कह रहे थे के उसका लंड आप से भी लंबा और मोटा है और वो मुझे छोड़े गा तो मुझे और माज़ा आय गा. बाबू जी ने कहा, मेरे कहने का ये मतलब थोड़ी था के तुम उस से छोड़वा लो. मैं मुस्कराई और बोली, बाबू जी जब आप मुझे छोड़ सकते हैं तो शंकर क्यूँ नही छोड़ सकता और जब से मैं ने सुना है उसका लंड आप से भी बड़ा है तो अब मैं ज़ियादा इंतेज़ार नही कर सकती और मैं आज रात ही उस से छोड़वाओं गी. वेसए आप ये बातयन के आप ने कब उसका लंड देख लिया. बाबू जी ने कहा, ऐक दफ़ा मैं ने घर के पीछे जहा उसका क्वॉर्टर है वाहा मैं ने उसे मोठ मारते होवे देखा था. वेसए तुम उसको राज़ी केसे कारों गी. मैं मुस्कराई और बोली, बाबू जी ये मेरा काम है. मैं आप को दावत दे रही हूँ जिस तरहा मैं ने आप के कमरे मे देखा था आप को सासू मा को छोड़ते हो उसी तरहा आप आज रात मे शंकर के क्वॉर्टर मे झाँक कर मुझे उस से छोड़वता होवा देख लिए गा. मेरी बात सुनकर बाबू जी मुस्कारे और बोले, अगर आएसी बात है तो आज रात मैं तुम्हारी छोडई ज़रूर देखों गा. मैं मुस्कराई और बोली, आप परतना कीजिए गा के मैं शंकर से छोड़वाने मे कामयाब होजाओं. मेरी बात सुनकर बाबू जी हास दिए और बोले, हा मैं परतना कराओं गा के तुम शंकर के अलावा और लोगो से भी कामयाबी से छोड़व. मैं भी हास पड़ी और बाबू जी को किस और बोली, अब मैं चलती हूँ देखों तो सही मेरा यार शंकर किया कर रहा है मैं अभी से उसे पटना चाहती हूँ. बाबू जी कहने लगे, मैं भी चलता हूँ देखों तो सही के तुम शंकर को किस तारा लाइन पर लाती हो. मैं मुस्कराई और बोली, हा आप भी मेरे साथ आइए मगर मुझे से डोर रहिए गा शंकर की नज़र आप पर ना पड़े. मैं बात पर बाबू जी राज़ी होगे. बाबू जी और मैं कमरे से बाहर आगे और शंकर को ढूँदने लगे. हम ने पूरे घर मे देख लिया पर शंकर नही था फिर हम ने सोचा वो अपने क्वॉर्टर मे ना हो इसी लिए हम दोनो घर के पिछले हिस्से मे आगे. घर के पिछले हिस्से मे हम ने काफ़ी सारी पैड पोदे लगाय हो थे और ह्यूम डोर से शंकर सिर्द धोती पहना होवा पोदों को पानी देता होवा नज़र आगेया. मैं उसका मज़बूत जिस्म देखने लगाई और बोली, बाबू जी शंकर का बदन तो काफ़ी मज़बूत है बिल्कुल पठार की तरहा सख़्त लग रहा है. बाबू जी बोले, शंकर मज़दूर आदमी है दिन भर मेहनत करता है इसी लिए इस का बदन इतना मज़बूत है. मैं मुस्करा कर बोली फिर तो मुझे इस से छोड़वा कर काफ़ी माज़ा आय गा. बाबू जी भी मुस्कारे और बोले, वो तो है मगर तुम इस को पटाओ गी केसे. मैं ने देखा जहा शंकर पोदों को पानी दे रहा था वाहा ज़मीन पर भी काफ़ी सारा पानी जमा होगआया था और पट्टी और खाद से वाहा ऐक कीचर सी जमा होगआई थी. मेरे ज़हन से ऐक बात आई और मैं मुस्करा कर बाबू जी से बोली, बाबू जी मेरे ज़हन मे ऐक तरकीब आई है आप ज़रा मेरे ब्लाउस को उतार कर मेरे ब्रेज़ियर की डोरी ढेली कर डैन जिस से वो ऐक मामूली से झटके मे खोल जाय. बाबू जी बोले, तुम किया करना चाहती हो. मैं मुस्कराई और बोली, आप खुद देख ली जिए गा. बाबू जी ने मेरे ब्लाउस उतारा और मेरे डोरी वेल ब्रेज़ियर की डोरी ढीली करदी. मैं ने कहा, अब मेरे ब्लाउस तोड़ा सा फाड़ कर मुझे पहना डैन. बाबू जी ने मेरा ब्लाउस जोड़ पर से फाड़ दिया और मुझे पहना दिया. मेरा ब्लाउस वेसए ही टाइट था वो जोड़ से फाटा तो आहिस्ता आहिस्ता और फ़ाटने लगा फिर मैं ने अपनी सारी भी ढीली करदी टके ज़रा से इशारे मे खोल कर गिर जाय. अब मैं पूरी तरहा तय्यार थी फिर मैं ने बाबू जी को किस किया और बोली, अब आप चुप कर अपनी बहू की आक्टिंग देखिए.

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