ससुरजी ने मुझे रंडी जैसे चोदा मज़ा आया

मेरे ससुर जी मुझे घोर घोर कर देख रहे थे और मुझे उनका इस तरहा देखना अछा लग रहा था मगर मैं इग्नोर कर रही थी. डोपेहर खाना खाने के बाद ससुर की दूध लाज़मी पीते थे इस लिए मैं ने किचन मे जाकर ऐक ग्लास मे दूध निकाला और बाबू जी की कमरे मे आगाई. बाबू जी बिस्तर पर धोती कुर्ता पहने होवे लेते होवे थे और टीवी देख रहे थे. मैं ने आज बोहट छोटा और टाइट ब्लाउस और सारी पहनी होई थी. मैं ने सॉफ महसूस किया के मुझे देख कर बाबू जी की धोती मे हलचल होई है. मैं ये देख कर मुस्करदी. मैं बिल्कुल उनके पास आगाई और झुक कर उन्हे दूध देने लगी. मेरे झुकने से मेरे खोले गले के ब्लाउस से मेरे बूब्स बाहर आने लगे. मैं ने कहा, बाबू जी ढूढ़ पी लाइन. बाबू जी की नज़रैयण मेरे बूब्स पर थी और वो कहने लगे, नेहा आज मैं ये दूध नही पियों गा. मैं बोली, क्यों बाबू जी. बाबू जी ने कहा, नेहा आज मैं दोसरा दूध पियोंगा, मैं बंाओती हेरात से बोली, ददसरी दूध कों सा बाबू जी? मैं इस वक़्त तक दूध को बाद की साइड टेबल पर रख चुकी थी. बाबू जी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने उपर घसीट लिया और मेरे बूब्स को पकड़ कर बोले, मैं ये दूध पीना चाहता हूँ. बाबू जी के हाथो से मेरे पूरे जिस्म मे करंट डोर गया था और ये ही तो मैं चाहती थी मैं ने नाटक करते होवे बोली, यह आप किया कर रहें हैं? चोरिए कोई आ जाएगा. बाबू जी ने कहा कों आया गा इस वक़्त तेरी सासू मा तो चली गई है और शंकर मेरे कमरे मे नही आता तो बेफिकर रह अभी मैं तेरे ये दूध से भरे बूब्स चोसूँगा और फिर तुझे नंगा कर के तेरी छूट मे अपना लंड डाल कर तेरी छूट छोड़ूँगा. मैं फिर नाटक करने लगी, नही बाबू जी चोरिएना यह आप क्या कर रहें हैं मैं आप की बहू हूँ ये ग़लत हैं. बाबू जी ने कस कर मुझे लप्पेट कर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद मेरे उपर चाढ़ कर लेट गे और बोले, ग़लत की बची कल रात को तो तू बड़ी मुस्करा मुस्करा कर मुझे छोड़ते होवे देख रही थी और अब नाटक कर रही है. बाबू जी की बात सुनकर मैं मुस्करदी और मैं ने अपनी बहाीन बाबू जी के गले मे डाल दी और बोली, बाबू जी मैं तो आप के साथ मस्ती कर रही थी जब से मैं ने आप का मोटा और लंबा लंड देखा है मैं खुद बेचैन थी आप से छोड़वाने के लिए मैं आप को केसे माना कर सकती हूँ. मेरी बात सुनकर बाबू जी मुस्करा दिए और बोले, अब आई है ना लाइन पर चल अब अपने कपड़े उतार. मैं लाद से बोली, आप खुद उतार डाइयन ना मेरे कपड़े. बाबू जी मुस्कारे और उन्हो ने मुझे नंगा कर दिया. मेरा नंगा खूबसूरत सेक्सी बदन देख कर बाबू जी की आखैईं फाट गई और वो बोले, वा मेरी रानी तेरा बदन तो बोहट चिकना और सेक्सी है आज तो तुझे छोड़ कर माज़ा आजे गा. ये कह कर वो मेरे बड़े बड़े बूब्स पर टूट पड़े और बेसब्री से मेरे बूब्स को चोंने और चाटने लगे. मैं ने माज़े मे आकर आंखाईं बंद करलीन और उनका सर अपने बूब्स पर दबाने लगी. 15 मिनिट तक बाबू जी ने मेरे बूब्स को चूसा और छाता फिर वो मेरी छूट पर हाथ फीरनेय लगे. मैं ने सिसक कर उनका हाथ अपनी छूट मे दबा लिया और जलती होई आँखों से बाबू जी जो देखने लगी और बोली, बाबू जी मेरी छूट मे आज लगी होई है प्लीज़ इसे भोजा डैन. बाबू जी मुस्कारे और बोले, तुम फिकर ही ना करो मेरी जान मैं अभी ये आग भोजा देता हूँ. ये कह कर वो मेरी छूट पर झुक गे और माज़े से मेरी छूट को चाटने लगे. अपनी छूट पर बाबू जी की ज़बान महसूस करते ही मैं तड़पने लगी फिर जब उन्हो ने मेरी छूट के दाने को अपने दंटो से पकड़ा तो मुझ से बर्दाश्त नही हो सका और मैं झाड़ गई और मेरी छूट ने पानी चोर दिया. मेरी छूट से निकालने वाला पानी बाबू जी चाट लिया. मैं तड़प कर बोली, उूुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बाबू जी क्यूँ तडपा रहे हैं मुझे जल्दी से अपना लंड मेरी छूट मे पेल डैन. बाबू जी ने मुझे से कहा, तुम मेरे लंड को प्यार नही करो गी किया? मैं ने जलती होई आँखों से बाबू जी को देखा और शिकायती लहजे मे बोली, आप ने अपने लंड पर मुझ से प्यार करवाया ही नही. बाबू जी मुस्कारे और बोले, नज़र क्यूँ होती हो नेहा डार्लिंग ये लो. बाबू जी ने अपना कुर्ता और धोती उतारी दी तो उनका 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड आज़ाद होगआया. मैं बेताबी से उठी और मैं ने दोनो हाथो से उनका लंड पकड़ लिया और बोली, उूुुुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बाबू जी कितना प्यारा है आप का लंड दिल चाह रहा है के इसे खा जाओं. बाबू जी ने कहा, तुम्हे माना किस ने किया है मेरी बहू रानी ये अब तुम्हारा है जो चाहो इस के साथ करो. मैं ने फॉरन ही बाबू जी का लंड अपने मौ मे ले लिया और माज़े से कुलफी की तरहा चूसने लगी. खूब अची तरहा बाबू जी का लंड चूसा फिर बाबू जी ने मुझे लिटा दिया और मेरी तंगायन मोर कर मेरे कंधों से लगा दी. इस तरहा से मेरी छूट बिल्कुल उनके लंड के सामने आगाई. बाबू जी ने अपना लंड मेरी छूट के सोराख पर रखा तो मैं कहने लगी, बाबू जी ऐक ही झटके मे अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुस्सा दिए गा. बाबू जी ने कहा, आएसा ही होगा मेरी जान. फिर उन्हो ने अपनी पूरी ताक़त से झटका मारा और उनका लंड मेरी छूट को बुरी तरहा से फाड़ता होवा जड़ तक अंदर घुस्स गया. मुझे बोहट तकलीफ़ होई और मैं ना चाहते हो भी अपनी चीख नही रोक पाई. बाबू जी हँसे, आर्य तुम तो बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरहा चीखी हो किया तुम्हारा पति राजेश तुम्हे नही छोड़ता. मैं बोली, वो तो मुझे बोहट छोड़ते हैं पर उनका लंड आप से पतला और छोटा है मुझे इतना बड़ा और मोटा लंड लेने की आदत नही है इसी लिए मेरी चीख निकल गई. बाबू जी मुस्कारे और बोले, अगर तुम्हे छूट को आदत नही है तो मैं आज तुम्हारी छूट को छोड़ छोड़ कर आदि बना डोंगा. ये कह कर बाबू जी खूब ज़ोरो से झटके मारने लगे और मैं मज़े मे चीखने लगी सिसकारियाँ लेने लगी.

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