साली को आदि नहीं पूरी घरवाली की तरह चोदा

हाय दोस्तों मैं अक्की प्रस्तुत हूँ फिर से एक और धमाकेदार चुदाई के साथ। एक बार फिर बता दूं मेरा कद 5’10” कसरती बदन। बात कुछ दिन पहले की है। मेरी बीवी प्रेग्नेंट थी तो उसके आठवें महीने में कुछ प्रॉब्लम आई तो हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा लगभग 20 दिन तक। तो मेरी बीवी ने अपनी बहिन शिवानी को बुला लिया हमारे बड़े बेटे की देखभाल के लिए। शिवानी की अभी 4 महीने पहले ही शादी हुई थी। साडू विदेश गया हुआ था। मेरी साली सांवली थी पर थी पूरा टाइम बम । क्या फिगर था कातिलाना शानदार मम्मे मस्त गांड पतली कमर भरी भरी जांघ। कुल मिला के पूरी की पूरी चोदने लाईक माल। खेर वो दिन म घर पे रहती थी घर का काम और मेरे बेटे की देखभाल। मैं ड्यूटी पर और रात में मैं हॉस्पिटल में। वो जब कुंवारी थी तो एक दो बार उसे छेड़ चूका था। होली पर भी तबियत से उसके चुचे रंगे थे। खेर एक रात मुझे हॉस्पिटल में ठण्ड लगी तो मैं घर आ गया कोई 2 बज रहे थे। अंदर घुसा तो मेरे रूम की लाइट जल रही थी। जा के देखा तो रूम में कंप्यूटर पर हार्ड कोर बी एफ का सीन चल रहा था। शिवानी पूरी नंगी सोफे पर बैठी एक हाथ से अपने चूची मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत चोद रही थी। मेरा लंड देखते ही तन्ना गया। मैंने अपनी टी शर्ट उतार दी और धीरे से शिवानी के पीछे पहुँच गया। शिवानी पूरी मस्ती में थी। मैंने पीछे से उसके मम्मे पकड़ लिए और बोला – बड़े मजे ले रही हो अकेले अकेले ।
वो सकपका गयी और उठ कर खड़ी हो गयी। शिवानी- जीजू आ—प कब आये ….. मुझे तो पता ही नही चला।। मैं उसके चमकते जिस्म को हवस भरी नज़र से ताड रहा था तब उसे याद आया की वो नंगी है। उसने झट से पास पड़ी चद्दर उठा ली और मेरी तरफ पीठ करके बोली-आप प्लीज बाहर जाईये मुझे कपडे पहनने हैं।। मैं उसके पीछे गया और और बाँहों में भर के उसके बोबे फिर से पकड़ के दबाने लगा। मैं-मेरे सामने ही पहन लो। कहो तो मदद कर दूं। मेरा खड़ा लंड उसकी मांसल गाण्ड में गड़ा हुआ था।वो मुझसे छुटने की कोसिस करने लगी। शिवानी- छोड़ दो जीजू प्लीज मैं अब शादीशुदा हूँ। प्लीज छोड़ दो। दीदी को पता चल गया तो मुझे मार देंगी।। में- इतना क्यों सोच रही है तेरी दीदी को तो पता नही चलेगा और यह तो अच्छी बात है की तेरी शादी हो चुकी है। वैसे भी साली तो आधी घरवाली होती है। मानजा शिवानी हम दोनों की भूख मिट जायेगी। मैंने एक झटके से चद्दर हटा दी और उसे बाँहों म भर कर चूमने लगा। वो अभी भी मुझे धक्का दे रही थी और हाथ जोड़ जोड़ कर छोड़ देने को बोल रही थी। मैंने उसे बाँहों म उठाया और सोफे पर लिटा दिया फिर उसके मम्मे चूसने लग गया और एक हाथ से चूत सहलाने लग गया। थोड़ी देर बाद शिवानी ने अपना मखमली जिस्म ढीला छोड़ दिया और पूरी तरह से खुद को मेरे हवाले कर दिया।मैं उठा और उसकी जांघे फैला कर उसकी चूत चाटने लग गया। उसकी सिसकारियाँ छूट गयीं। गर्दन पीछे ढलक गयी और मम्मे आसमान की तरफ पहाड़ की तरह तन गए। मैं चूत चाटते हुए उसके बोबे भी मसलने लगा। थोड़ी देर बाद उठ कर अपना लोअर और चड्डी भी उतार दी। मेरा तना हुआ 6.6-6.75 इंची लंबे और मोटे लण्ड को देख कर शिवानी के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। शिवानी- हाययययययय…… इससे भी कसरत कराते हो क्या जीजू। मैंने अपने लण्ड को हाथ में लेके थोडा पीछे खिंचा तो वो और फूल गया। मैं- हाँ मेरी रानी अभी तुम इसकी वर्जिश करोगी पहले मुंह से फिर निचे चूत से। ।। वो इशारा समझ गयी और उठ कर मेरे लण्ड को पहले सहलाया फिर चूमा।। फिर अपने होंठों की कैद में ले लिया। क्या चूस रही थी वो मेरा लण्ड। करीब पौना लण्ड वो गटक जा रही थी। जब उसने जीभ से लण्ड को सहलाया मेरा पूरा बदन अकड़ गया। मैंने गौर से देखा क्या चमकता जिस्म था शिवानी का , एक दम कस हुआ मस्त बोबे पतली कमर चौड़ी गांड और चूत पर एक बाल नहीं शायद कुछ दिन ही हुए होंगे झांट कटे हुए। मेरा रोम रोम खिल उठा।शिवानी पूरी शिद्दत से लण्ड चूस रही थी और एक हाथ से मेरे आंड सहला रही थी। फिर मैंने उसे फिर से सोफे पर लिटा दिया। उसने टाँगे फैला दी। उसकी गीली गीली मस्त फांकों जैसी चूत को देख कर मेरी हवस सांतवे आसमान पर पहुँच गयी। शिवानी ने एक मादकता भरी अंगड़ाई ली और बाहें फैला के मुझे करीब बुलाया। मैं उसकी बाँहों में समां गया और होंठों को चूसने लग गया मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत को चूम रहा था। शिवानी अपनी कमर उठा उठा कर उसे खा जाने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसके होंठ छोड़े और चूचियों को चूसने और मसलने लगा।।
शिवानी- उफ्फ्फ…. ओह्ह्ह…. उम्ह्ह्ह्…. और कितना तड़पाओगे अब घुसा भी दो जीजू। ।। मैं घुटनो पे हुआ और लण्ड के सुपाड़े को चूत पे रगड़ा शिवानी सिहर उठी। फिर मैंने लण्ड को निशाने पे रखा और फिर से शिवानी पे झुक गया। शिवानी ने कमर उठाई और ठीक तभी मैंने एक जोरदार धक्का दिया और सुपाड़ा पूरा चूत में। शिवानी की चीख निकल गयी। वो थोड़ी उप्पर सर्किट तो मैंने जकड लिया। मैं- क्या हुआ जान शादी के 4 महिंने बाद भी दर्द हो रहा है।। शिवानी- होगा नहीं क्या डेढ़ महीने से चूत सुखी थी।आज इस पर बरसात की बुँदे गिरेंगी।। मैं- बुँदे नहीं जान पूरी बाढ़ आएगी आज। सुबह तक तुम्हे सोने नहीं दूंगा। ।। फिर में धीरे धीरे लण्ड अंदर डालने लगा। ।। शिवानी- आह्ह….उफ्फ्फ…मुझे तो लग रहा है सुबह तक मेरी उठने की भी श्रद्धा नही रहेगी।आईईइ… ।। मैंने एक तगड़े झटके के साथ पूरा लण्ड पैल दिया।। शिवानी- जान निकाले मानोगे। फिर ऐसे ही धीरे धीरे लण्ड पिलाई करता रहा। बड़ा मज़ा आ रहा था। शिवानी आँखें बन्द किये मेरे बालों में उँगलियाँ फिरा रही थी। और मैं चूत की जड़ तक धीरे धीरे लण्ड पेलते हुए उसके सुन्दर सुडौल बोबों को चूसने चाटने दबाने के मज़े ले रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसकी टांगे कंधे पर रखीं और ताबड़तोड़ लण्ड पेलने लगा।

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