साली की चुदाई गरम रजाई के अंदर

मेरा नाम स्वाति है। मैं 22 साल की खूबसूरत हॉट लड़की हूँ। आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है हिंदी पोर्न कहानी डॉट कॉम पर, ऐसे में रोजाना रात को इस वेबसाइट की कहानियां पढ़कर सोती हूँ।

अब आपको मैं बता देती हूँ मेरे घर में मेरे अलावा मेरी माँ रहती है। एक मेरी बहन है जिनका शादी पिछले साल ही हुआ है। मेरे पापा दुबई में रहते हैं। मैं और मेरी माँ दोनों नोएडा में रहती हूँ। मैं नॉएडा में इंजीनियरिंग की पढाई कर रही हूँ।

कल रात मेरे जीजू आये थे वो कनाडा में रहते हैं। मेरी बहन भी वही रहती हैं वो बंगलौर आये थे अपने कंपनी के काम से और आज रात उनकी फ्लाइट है इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से। तो वो रात में यहीं रुक गए थे। मेरा जो घर है है उसमे दो फ्लोर है निचे मम्मी सोती हैं और मैं ऊपर फ्लोर पर सोती हूँ। ऊपर फ्लोर पर दो कमरे है एक गेस्ट रूम है जिसमे जीजू सोने वाले थे।

दोस्तों हम तीनो डिनर कर के सोने चले गए। मेरे कमरे में टीवी है तो जीजू इंडिया और वेस्टइंडीज का मैच देखने लगे तब तक मम्मी सो गई थी। मैच ख़तम होते लेट हो गया था। जीजू बोले यहाँ भी ठण्ड बहुत ज्यादा हो गया है। पता नहीं नींद कैसे आएगी, मुझे तो आदत है पकड़ के सोने का। तो मैं बोल दी तो पकड़ के सो जाओ कौन मना कर रहा है। तो जीजू बोले अपना नहीं मुझे तो गोल गोल पकड़ कर सोने की आदत है। तो मैं बोली क्यों को भी ले आते।

तो जीजू बोले क्यों आप यहाँ हो तो उसको लाने की क्या जरुरत , मैं बोली मैं अभी कच्ची कली हूँ। अभी इस सब में नहीं पड़ना चाहती, अभी खेलने के दिन नहीं नहीं की चुदने के। तो जीजू बोली अभी सही समय है अभी ही तो मजा आएगा। बाद में क्या? उम्र ढलने लगेगा। फिर जीजू बोले तो किश करने ही दे दो उसी से काम चला लूंगा और बाद में मूठ मार लूंगा। तो मैं बोली घर आये मेहमान की इज्जत होनी चाहिए। मूठ क्यों मारोगे।आज रात का काम चला देती हूँ। मेरी चूत में भी गर्मी चढ़ी है सर्दी के दिनों में। ऐसे भी सर्दी का मौसम है।

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इतना कहते ही जीजू मुझे पकड़ लिए और मुझे चूमने लगे। फिर उनका हाथ मेरी छाती पर यानी की मेरी चूचियों पर पड़ गया और वो धीरे धीरे दबाने लगे। रात के करीब बारह बजने को थे। मैं भी उनके बाहों में आ गई और कब हम दोनों एक दूसरे के कपडे उतार दिए पता भी नहीं चला और फिर वो मेरी बदन को सहलाते हुए मेरी चूचियां दबाते हुए मेरे होठ को चूसने लगे वो मेरी होठ को लॉक कर दिए अपने होठ से।

दोस्तों हम दोनों एक बीएड पर थे पर रजाई अब ओढ़ ली थी। और फिर रजाई में शुरू हुआ चुदाई का खेल, वो मुझे निचे दबा दिए और होठ से शुरू करके मेरे पैर के अंगूठे तक जीभ से चाटने लगे। मैं पानी पानी हो रही थी। मेरी चूत काफी गरम हो चुकी थी। पानी छोड़ रही थी चूत से। मेरे रोम रोम सिहर रहे थे। मैं पूरी तरह चुदने को तैयार थी। पर जीजू अभी और समय लेना चाह रहे थे। वो मेरी चूत को चाटने लगे। अंदर तक वो जीभ डाल रहे थे। मैं आह आह आह कर रही थी उनके माथे को पकड़कर मैं अपना चूत चटवा रही थी। मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी।

मैं उनके सर को अपने चूत में रगड़ रही थी वो नमकीन पानी जो मेरी चूत से निकल रहा था वो चाट रहे थे। दोस्तों मेरे पुरे शरीर में सिहरन हो रही थी। मैं कामुकता की हद को पार कर चुकी थी। अब बारी आया मुझे चोदने का। अब उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग कर दिया और अपना लौड़ा मेरी चूत पर लगा दिया और जोर जोर से घुसाने लगे पर मेरी छूट की छेद छोटी होने की वजह से अंदर नहीं जा रहा था। उन्होंने वेसलिन थोड़ा लगाया अपने लौड़े पर और फिर से कोशिश किया और इस बार उनका पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया और फिर यहाँ से शुरू हुआ चुदाई का सफर।

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दोस्तों फिर क्या था वो जोर जोर धक्के देते और मेरी चूचियां हवा में हिलती और झटके से मैं हरेक बार छह इंच आगे पीछे हो जाती। दोस्तों मैं भी कहा कम थी मैं भी उनको अपने पैरों की जंजीर में समेट ली और चुदवाने लगी। उन्होंने मुझे खूब चोदा।

पहले उन्होंने बेसिक स्टाइल में चोदा फिर उन्होंने कुतिया बना कर चोदा फिर वो निचे हो गए और मुझे ऊपर रखा। ये स्टाइल मुझे बहुत पसंद आया क्यों की ऐसा करने से मैं जितना तेज चाहती चुदने उतनी तेज में चुद रही थी। दोस्तों रात भर उन्होंने मुझे चोदा। दोनों साथ ही सोते रहे। यहाँ तक की मेरी माँ को भी पता चल गया था की रात भर मैं चुदी हूँ। उन्होंने बोला रंडी हो गई है क्या रात भर तेरी आवाज आ रही थी कमरे के बाहर आह आह आह आह।

दोस्तों ऐसी चुदाई के लिए मुझे पता नहीं कब तक इंतज़ार करना होगा। पर जल्द ही मैं फिर किसी से चुदने वाली हूँ क्यों की मैं इस चुदाई के बाद से ही चुड़क्कड़ हो गई हूँ बिना चुदे शायद मैं रह नहीं पाऊँगी। मैं फिर से हिंदी पोर्न कहानी डॉट कॉम पर कहानी लेके आउंगी तब तक के लिए धन्यवाद.

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