बड़ी दीदी की सहेली रागिनी

हेलो दोस्तो,

राहुल मल्होत्रा का सलाम, मुझे पूरी उम्मीद है कि पाठक मेरी कहानी पढ़कर मजे ले रहे होंगे, कितने पाठक कहानी पढ़कर हस्तमैथुन किए होंगे और कितनी लड़कियां मेरी कहानी पढ़कर अपने बुर को कुरेदी होगी, या तो उंगली डाली होगी या फिर बैगन या मुली, वैसे कृत्रिम लंड बाज़ार मै उपलब्ध है लेकिन मेरा मानना है कि असली लंड से असली बुर को चोदने का मजा ही प्राकृतिक है। आधुनिक दौर में शायद ही लड़की या लड़का उस रात का इंतज़ार करता है जब उसे चोदने या चुदाई का आनंद लेने की सामाजिक स्वीकृति मिलती है, माडर्न युग के लड़के या लड़की दोनों शादी से पहले ही अपने कोमार्य को भंग कर लेते है और इसमें बुराई भी क्या है, मै नहीं मानता कि काम वासना शादी के पहले गलत है।

मेरी बड़ी दीदी दीपा की पढ़ाई कानपुर शहर में हुई थी और अब वो पिछले २-३ साल से अपने फौजी पति के साथ दिल्ली केंट मै रहती है, उनकी कई सहेली से मेरा परिचय है लेकिन कभी किसी ने मुझे चोदने का न्योता नहीं दिया। एक दोपहर कालेज से लौट रहा था तो विजयनगर चौराहे पर सड़क किनारे मेरी नजर दीदी कि सहेली रागिनी पर पड़ी तो मै बाईक उनके पास रोक दिया और वो देखकर मुस्कुराई…… “अरे राहुल तुम इधर

(राहुल) हां दीदी कालेज से घर वापस जा रहा हूं और आप

(रागिनी) चलो मुझे घर छोड़ दो

(राहुल) बैठिए लेकिन आपका घर किधर है

(रागिनी) ओह तुमको नहीं पता, सर्वोदय नगर में है. ” फिर रागिनी मेरे बाईक के पिछले सीट पर बैठकर मेरे कंधे पर एक हाथ रखी तो दूसरा हाथ मेरे कमर पर था, जोकि रह रहकर मेरे लंड के उभार पर भी पहुंच जाता, रागिनी ऐसा जान बूझकर कर रही थी या फिर ऐसा हो जा रहा था, पता नहीं, वैसे दीदी कि ये सहेली थी और शादी अभी नहीं हुई थी, २३_२४ साल की जवानी को कैसे वो संभाल रही थी, वहीं जाने। मै तेजी से बाईक चला रहा था तो रागिनी की एक बूब्स मेरे पीठ से चिपक कर मस्त एहसास दे रही थी, जब हम दोनों सर्वोदय नगर घुसे तो वो बोली….. “मुझे मार्केट में थोड़ा काम है, जरा रुको. ” मै बाईक को सड़क किनारे खड़ा किया तो वो एक मेडिसिन शॉप में गई और फिर उनके हाथ में व्हिस्पर की पैड्स देखा । फिर दोनों उसकी घर की ओर चल दिए, कुछ देर बाद वो एक अपार्टमेंट के गेट में घुसने को बोली और मै उनके उतरते ही बोला….. “चलता हूं दीदी

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(रागिनी) अंदर चलो एक कप कॉफी पीकर जाना । ” तो मै रागिनी की बात को नहीं टाल सका, वो मुझे अपने फ्लैट में ले गई ।

रागिनी जब फ्लैट के ताला को खुद खोली तो मुझे आश्चर्य हुआ कि इसके पापा और मम्मी कहां है, वो सलवार सूट में सुंदर दिख रही थी और उसके दोनों स्तन दुप्पटे से ढके तो थे लेकिन उसका उभार स्पष्ट था। मै डायनिंग हाल के सोफ़ा पर बैठा तो रागिनी किचन चली गई, मै वहां पड़े एक मैगजीन को उठाया और पढ़ने लगा तो वो दो कप कॉफी लेकर आई और दोनों काफी पीने लगे, कभी मै उनके बूब्स को तिरछी नजर से घूरता तो कभी दोनों की आंखे आपस में टकरा जाती, मुझे लगा कि अच्छा मौका है अगर वो इशारा से मजे को स्वीकृति दे तो फिर मुझे क्या दिक्कत। काफी पीते पीते ही दोनों और करीब आ गए तो मै अपना हाथ रागिनी के जांघ पर रख दिया और जांघ को सहलाने लगा। वो मेरे करीब आ गई और मेरे गले में बाहों का हार डालकर मुझसे लिपट गई, अब क्या था, उसको अपने गोद में बिठाकर अपने सीने से चिपका लिया, उसके गर्दन को पकड़े अब मै रागिनी के रसीले ओंठ को चूमने लगा तो उसके दोनों स्तन मेरे छाती से रगड़ खा रहे थे। रागिनी मेरे चेहरे और ओंठ को चूमते चूमते मेरे मुंह में अपना जीभ घुसा दी तो मै0 उसके जीभ को चूसता हुए उसके पीठ को सहला रहा था। कुछ देर बाद जीभ को वो मुंह से बाहर कर ली तो मै उसको सोफ़ा पर बिठाया और वो मेरे शर्ट को खोलने लगी तो मै सलवार के डोरी को खोजने लगा, आखिरकार डोरी खोलकर सलवार को कमर से नीचे करने लगा तो रागिनी मेरे जींस को निकाल चुकी थी। रागिनी मेरे कच्छे के उपर से लंड के उभार को सहलाने लगी तो मै उसके स्तन को सूट पर से दबाने लगा, फिर क्या था, वो मेरे बाहों मै थी और मै उसके सूट को गले से बाहर करके अर्ध रूप से नग्न कर दिया। रागिनी ब्रा और पेंटी में मस्त माल लग रही थी तो मै उसके स्तन को जोर जोर से मसलने लगा, तभी अपना हाथ उसके पीठ पर ले गया और ब्रा के हुक को खोलकर उसके चूची को नग्न किया। रागिनी शरमाने लगी तो मै उसे अपने गोद में उठाकर बेड रूम ले गया, फिर उसको बिस्तर पर लिटाकर उसके ऊपर झुका और चूची को मुंह में भरकर चूसने लगा जबकि दूसरी चूची को मसल रहा था, वो सिसक रही थी….. “ओह उम्म आह राहुल मेरी चूची और जोर से चूसो आह. ” मै उसके एक चूची को चूसकर लाल कर दिया, फिर दूसरा स्तन मुंह में भरकर चूसता हुआ उसके ऊपर लेटा रहा, रागिनी मेरे पीठ को सहलाते हुए मस्त थी। मै कुछ देर बाद उसकी सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लगा और साथ ही चूची को जोर जोर से दबा रहा था, तो वो “ओह आह यूम्म राहुल बहुत मजा आ रहा है जानू, काश मेरी शादी हो गई होती रोज रात अपने पति से चुद लेती ” मै अब गरम हो चुका था, रागिनी के पेंटी को खोलकर उसके दोनों चिकने और मोटे जांघ को दो दिशा मै कर दिया, फिर एक तकिया उसके गद्देदार गान्ड के नीचे लगा दिया, २३ साल की मस्त माल की चिकनी चूत को सहलाता हुआ पूछा…. “क्या तुम अपने बुर का सील तुड़वा चुकी हो? (रागिनी शरमाते हुए) हां लेकिन अभी तक एक ही लंड से अनगिनत बार चुद चुकी हूं । ” मै अपना मुंह उसके बुर पर लगाकर बुर चूमने लगा तो बुर से प्राकृतिक खुसबू आ रही थी और वो उंगली से बुर के द्वार को खोली तो मै बुर में जीभ घुसाकार बुर चाटने लगा, उसके बुर के दोनों फांक मेंढ़क के समान फूले हुए और मांसएल थे तो मेरा जीभ लपालाप बुर के अंदर बाहर होकर बुर को जीभ से चोद रहा था जबकि रागिनी अपने हाथ को मेरे बाल पर लगाकर मेरे मुंह को अपने बुर की ओर धंसा रही थी । कुछ देर बाद बुर के दोनों फांक की मुंह में भरकर चुभलाने लगा, कुछ देर तक बुर चूसा कि वो चींखं उठी….. “हुई आह मेरे बुर से पानी आने पर है. ” और मै उसकी बुर का रस चाटने लगा । फिर रागिनी बाथरूम की ओर भागी ।

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