हनजी दोस्तो की हॉल ने. उमीद आ टक व नेक्स्ट भाग दी उड़ीक क्र र्हे होव गये कमा च भाट जदा बिज़ी हों क्र के तोड़ा लाते हो गयइ. तुहादे मैल औंदे आ पर ओते ज्वाब देना औखा हुंदा एस लयी म अपनी.
हूँ तुहादा जदा स्मा ना लन्दे होये सिडा स्टोरी ते औने ते भाग 22 दा अनद मानो उमीद आ टहनु पस्ड़ आयु.
कुछ दिन एहदा ही निकल गये.
इक दिन सुबा सुबा बलदेव नू अपने इक नवे नंबर तो फोन औंदा ही.
बलदेव- हेलो कों जी.
अननोन- की गाल भूल व गये सानू सरदार जी.
बलदेव औरत दी आवाज़ सुन दिल विच खुश हो गया प्र ओस नू टा नि ल्ग र्हीा सी ऑडी कहरी रन ओस नू याद क्र र्ही एयेए.
बलदेव- ओ नि ज्नाब भूल दा ता म किसे नू व नि प्र टक जे ड्स दो ता फ्र कोई प्रोग्राम ब्ना लवा गये.
अननोन- फ्र ब्ना लो प्रोग्राम जी म तेनू भत याद औंडी आ तुहादी लगदा टहनु मेरी औनो ट गयइ.
बलदेव- हूँ जे टक एहदा बूजरता प्यी ज्वॉ गये सोहनयओ फ्र क्वे प्रोग्राम बनु गया.
उंकणोव- चल्प इक हिंट दिनी आ बूज ल्यो मेनू तुहादे घ्र ते टूहदे लूँ दी लस्सी भत पस्ड़ आ गयइ सरदार जी.
बलदेव- ओ मेरी जान रेखा ही की गाल भत डिना वाद याद किटा टक.
रेखा- म ता टूहदे वारे रोज पूछ दी कविता नू तुहादे वारे टक नि सहर औंदे.
बलदेव- ओ सोहनी आए तेनू म ता अप तेनू याद करड़ा इक वार मिल के डुब्रा किडो मिलना ब्स तेनू उड़ीक दा र्हना
रेखा – डुब्रा मिल्न लयी ता फ्न लया सरदार जी मेरा ता भत ग क्रि जदा टूहदा स्वाद लें नू हूँ.
बलदेव- दसो फ्र किते आवा लाली आए मिल्न तेनू तर डिना तेरी गर्मी सारी नाले आ ना नंबर किडो लया मेनू डिता नि.
रेखा- ओ तर डेयो रबर रखो तोड़ा दस दी आ, एह नंबर मेरा नि मेरा फोन ता खर्ब हो गया सी ओ ठीक क्रवोना डिता एह ता मेरी सहेली दा म आज औना दे आई होई फंक्षन सी औना दे.
बलदेव- फ्र क्वे प्रोग्राम बनु तू ता मेरे आग ला के अप फंक्षन च फ़रदी आए.
रेखा- टक व भत भोले ब्न दे हो सरदार जी ज्वे कुछ टा नि हुंदा.
बलदेव- ओ टूहदे नलो तेज भला जट्ट क्वे हो स्कडे आ सरदीमाग़ ता टहनु दे ता रब ने तही ता सदी कमयी ते एहने अमीर हुंे ज्ड हो.
रेखा – जे कमयी तुहादी खा र्ही आ ता स्वाद व टहनु दे र्ही आ ओ भूल गये जिड़ो मेरे घ्र च मेरी मार गये ( रेखा तोड़ा गुसा ते नखरा देखो दी होई).
बलदेव- ओ हो त्यक ता गुसा क्र गये जान , टहनु नि भूल स्कडा म कहे ता कद के ले जा तेनू.
रेखा- नि नि ब्स र्हन दो ज्वाक वियहन वेल आ हूँ भाज डू लोक की कहं गये नाले जो छिड़ा ओ मिल्न ता ल्ग गया हूँ मेनू.
बलदेव- तू व वाली स्वाद दी पति होई आए किते प्यरलाल तो लॉट औनी आ मेरे वरगे दी सात क्रू तेनू लॉट.
रेखा- ता ही ता सात डुब्रे खानी आ.
चलो मेरी गाल सुनो, टक ओड़न मोटर दा दस दे सी मेनू.
बलदेव- हा हा मोटर अपनी खेत व्ड़िया बेडरूम बनया ओते तू ड्स क्वे क्रना के मोटर ते औना ते.
रेखा- हा जात्ता हूँ ता ओ नि दर के जे स्वाद लेना म ता खुल के स्वाद लेना तेरे लूँ.
बलदेव- स्वाद जीना मर्ज़ी ले ली आ जा मोटर ते बोल हुंी ले के ज्वा तेनू.
रेखा- न्ही न्ही तू रत नू आ जी 6 क व्जे म तेनू था दस ओठो ले जी मेनू ते सुबा 6 क व्जे उतर जी ओते सारी रात तेरे न्ल र्हू मोटर ते सरदारा.
बलदेव – ठीक आ फ्र ले जी तेनू सोहनी आए.
रेखा – च्लो म हूँ रख दी आ फ्न फ्र क्रू म अप्पे.
बलदेव- ठीक आ जानेमन.
फोन काट क बलदेव खुश हो गया की आज ता सिरे दा माल ओदे तले खुद पेन आ र्हीा.
बलदेव ने तोड़ा त्यारी दा सोच्या ते गद्दी चक खेत छल गया.
कुलवंत ओते कम र्हीा सी.
कुलवंत- क्वे सरदार जी आज सुबा ही आ गये.
बलदेव- ओ कुछ नि ब्स म तेनू कम जे ड्स दे सी दरअसल म आज आइयिये भर मेरे यार्दोस्त कॉल ओ भरो आया.
कुलवंत- हनजी सो की कम ने जी.
बलदेव- एहदा क्र इक ता शाम नू 4 व्जे ओडर ले खेत छल जी ते पानी लोना सारा खेत नू दूजा ओडर ही हूँ 2 3 दिन कम छलना हूँ म स्प्रे ला के रख ती सी घ्रे प्यी आ ओ क्रवा दी क्ल नू बंदे लया के ओडर सारे. ते नाले ज्न तो फ्ला आ कमरा सॉफ क्र्डे यार भत सांन जा खीलरया प्या नले आ एतो असे पासे तो व कक जे मार के सारा सॉफ क्र जी.
कुलवंत – ठीक आ सरदार जी म व टहनु कहं ल्गा सी ओडर पानी दा ता च्लो टक अप ही कहता.
बलदेव- बाकी क्ल मिंदी घरे आई सी सरदार्णि कॉल केहदी सी कुछ पैइसया दी लोड आ तू मेनू दस्या नि कंजरा सरदार्णि मेरे पीछे प्वा ती सी तू.
कुलवंत- ओ न्ही न्ही सरदार जी म सोच्या छल घरो सर जु ब्स ज्वाका दी फीस जी भरनी सी ओ मिंदी ता य्व आ ज्ड़ि आ.
बलदेव- ओ कोई ना आए ना क्रया क्र (मेरे ही ज्वाक आ कंजरा मिंदी य्व नि औंडी) दस दिया क्र ज्ड लोड हो पैइसया दी तेनू काइट ज्वाब डिता छल आज ता म होना नि क्ल नू जा परसो भेज दी मिंदी नू जा तू ले जी फ़ध के पैसे.
कुलवंत- ठीक सरदार जी मेरा ता किते दयन र्हदा मिंदी नू केहदु ओस नू टा काइन दी लोड ओ ले जु.
बलदेव नू किसे दा फोन आ गया ते ओ गल्ल्न क्र्ण ल्ग गया.
ओडर कुलवंत ने व अपना कम सम्भहाल लया ते कमरे दी साफयई क्र्ण ल्ग गया 2 3 अवर्स च कुलवंत ने सारा कुछ सॉफ क्रटा ते ज्वे कोई नवयई वियाहयी हुंडई आ ओदा बेडरूम साआजा ता.
बलदेव- ओ वा आ ता सिरा क्रटा कुलवंत सिया.
कुलवंत- ब्स सरदार जी आयी ता कम आ अपना फ्र.
बलदेव ने रूम नू लॉक किटा ते एहने नू मनप्रीत दा फोन आ गया.
मनप्रीत- किते छल गये जी सुबा दे रोटी व नि खड़ी.
बलदेव- ओ खेत गया सी औना ब्स तू रोटी पा के रख दे.
मनप्रीत- आ जो जी टक पा डू ऑडी ब्स जिड़ो आ गये.
बलदेव- ठीक आ औना ब्स.
चंगा कुलवंत सिया घ्रो बुलवा आ गया साब दा हूँ आइयिये म तू आ असे पासे तो सॉफ क्र के छल जी फ्र ओडर 2 3 दिन हूँ ओडर ही खेत दा कम क्रना अप्पा.
कुलवंत – ठीक आ सरदार जी म ब्स आइयिये ओडर ही आ क्र के.
बलदेव खेत घ्र आ गया ते मनप्रीत ने रोटी गर्म क्र के दे डीटी.
रोटी खा के ज्ड बलदेव ने टाइम देखया 1 व्ज्ञ वेल सी.
ओ आज ता सारा दिन एहदा निकल गया दुप्र व हो गयइ.
मनप्रीत- टक टा जी बिना दसे किद्र छल गये सी.
बलदेव- किड्रे नि सकारे खेत सी.
नाले सच आज म भर आइयिये इक प्रोग्राम आ कल नू आयु.
मनप्रीत- ठीक आ जी प्र एहदा की प्रोग्राम एयेए गया जो सारी रात भर रो गये.
बलदेव- ओ तेनू टा मेरे यारा दोस्ता कॉल आइयिये ओना ने रखया.
मनप्रीत- सूकर च्लो इक राअत ता साह आयु मेनू.
बलदेव- हहे आशा जे हा गाल आ फ्र नि जदा तेरा साह किओ औन देना.
सोहनी आए.
मनप्रीत- ओ नि नि सरदार जी म ता मजक क्रड़ी सी टहनु ज्यो ज्यो जी मिलो अपने दोस्ता नू. मई ता सर लू तुहादे बिन इक रात कोई ना प्र क्ल तक आ ज्यो फ्र नि मेरा ग ल्ज्ना.
बलदेव (ने ज़ाफफी च )- ओ तेरे बिना किते मेरा ग लगदा सरदार्णि आए कहे ता हुंी क्र लयी रात वाला.
मनप्रीत- नि नि सरदार जी क्ल नू ही क्रा गये हूँ ता.
ज़ाफफी छो निकल अपने अपने कम क्र्म ल्ग गयइ.
ओडर बलदेव व त्यआर हो गद्दी चक सहर छल गया.
बलदेव ने दिल च सोच्या आही व्ड़िया मौका लाली नू लंबे टाइम तक तले रखन दा.
बलदेव ने सहर छो सोहने दिया वालिया ले लया की लाली सोहना देख खुश हो जु ते फ्र नि हिलनी लूँ तलो जिड़ो मारी साद लया क्रू.
एहने नू ओसे नंबर तो फ्र फोन आ गया.
बलदेव- हेलो कीड़ा हो सोहनयओ.
रेखा- सोहनी ता ठीक एहदा क्रि सरदारा 6 क व्जे ############ ते आ जी.
बलदेव- ठीक आ जु सोहनी आए.
फ्र बलदेव ने क्वे ना क्वे क्र सहर च फ़र्डे ने 6 व्जा लाइ ते ठीक डिटे था ते पौच् गया.
बलदेव ने गद्दी रोक लयी ते असे पासे देखन ल्गा.
इक दूं दूजे पासे ताकि दे सिशे ते किसे ने खरका किटा.
बलदेव ने देखया मूह ढाकया सी.
वन गाड़ी अनलॉक. ताकि खोल ओ आंद्र आ गयइ ते मूह तो कपड़या त्या.
बलदेव ने देखया ब्लॅक रंग दे सूट विच रेखा ज्वा कोई हिन्दी फ़िल्मा दी हेरन ल्ग र्ही सी. हल्का जा मेक उप किटा होया सी.
रेखा- की गाल देखी ज्यो के हूँ च्लो गये व.
बलदेव – ओ एह पारी नू देख ता लवा.
बलदेव ने एहनज़ खेद गद्दी स्टार्ट किटी ते ओठो टॉर लयी. सहर तो भर बलदेव ते खास दोस्त दा डब्बा सी बलदेव ने ओते गद्दी रोक लयी.
रेखा- एते किओ रुक गये.
बलदेव- ओ दर ना रोटी ले के औना नले एह अपना ही आ एते ना दर.
रेखा- ओ हा म ता रोटी दा रोचया नि सी.
बलदेव गया ते (रोटी दा ओडर ता फ्ला दे रखया सी ) फ़ध के 5 मिंट्स च आ गया.
करीब 7 व्जे नू दोनो खेत मोटर ते पौच् गये जीते… तो बे कंटिन्यूड..