जैसे ही उनका घर पहुंचा वो बोली अंदर आ जाओ मैं गया तो भाभी बेड पे बैठी थी, मैं वह जा के खड़ा हो गया तो वो बोली क्यों अब ऐसा नहीं करोगे करना पडेगा मैं जो चाहूंगी करना पडेगा और वो कड़ी हो गयी मेरे होठ को अपने होठ से जीभ से चाटने लगी, मुझे कस के पकड़ ली और किश करने लगी, मैंने कहा अब तो किसी को नहीं बताओगे, बोली नहीं मेरी आग बुझाते रहो किसी को नहीं बताउंगी, मैं उनको सहयोग करने लगा, वो अपने ब्लाउज का हुक खोल दी और मेरा बाल पकड़ की अपने ब्रा के बीच में मेरे मुह को चिपका ली और रगड़ रही थी, मुझे सांस लेने में कठिनायी होने लगी फिर मैंने किसी तरह से उन्हें छुड़ाया, फिर मैं उनके बूब को दबाने लगा और ब्रा का हुक खोल दिया, बड़ा बड़ा दोनों चूच मेरे सामने लटक रहे थे बारी बारी से मैं पी रहा था और दबा रहा था, वो आह आह आह आह ऊह ऊह ऊह कर रही थी, मेरे राजा मुझे शांत कर दो प्लीज, मैंने चुदना चाहती हु, कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी, पी लो मेरा चूच पी लो मेरा चूच एयर किश कर रही थी मेरे माथे को और उंगलिया फिरा रही थी मेरे बालो पे सारे का पल्लू निचे गिरा हुआ था मैंने उनकी साडी खोल दो और पेटीकोट का नाड़ा खीच दिया, वो सिर्फ ब्लैक कलर की पेंटी में थी.
वो बेड पे लेट गयी मैंने भी उनके ऊपर चढ़ के किश करने लगा वो मेरे लंड को पकड़ रही थी पेंट के ऊपर से फिर मैंने पेंट खोल दिया मैंने सरे कपडे उतार दिए वो तो मेरे लंड को चार पांच बार ऊपर निचे की फिर मुह में लेके आइसक्रीम की तरह चाटने लगी, उह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह्ह कर रही थी, फिर मैंने उनके छूट पे जीभ रखा वो सिहर गयी मैं उनके छूट के चाटने लगा, छूट से नमकीन नमकीन पानी निकल रहा था, वो सी सी सी सी सी कर रही थी. फिर मैंने उनके होठ को चूसा उनके कांख में बाल थे दोनों हाथ को ऊपर उठा दिया गजब की दिख रही थी, बड़े बड़े चूच, कांख में बाल, मोटी मोटी बाहें गोरा शरीर, गुलाबी होठ मैंने अपना लंड को छूट के छेद पे रखा और पेल दिया छूट में , उनकी आवाज़ निकलकी “हाय हाय हाय” बस क्या था धक्के पे धक्का लगाए जा रहा वो मदहोश हो गयी गांड उछाल उछाल के चुदवा रही थी, मैंने उनको कई पोजीशन में चोदा, करीब १ घंटे तक चोदने के बाद दोनों खल्लाश हो गए फिर करीब दस मिनट तक पकड़ के सोये रहे फिर वो रुमाल गीला करके मेरे मुह पे लगे लिपिस्टिक को पोछी, और बोली ये बात किसी को मत बताना, हम दोनों आज से एक दूसरे की वासना को इसी तरह से शांत किया करेंगे मुझे बहुत मज़ा आया, जब भी मन करे सुबह ९ बजे २ बजे के बीच आ जाना मैं हमेशा इंतज़ार करुँगी |