पति ने धोखा दिया सुहागरात में चुदवाया अपने जीजा से

मैं गांव की रहने वाली सुंदर कमसिन लड़की हूं। पिछले महीने ही मेरी शादी हुई है और पहली रात को मुझे पति ने नहीं बल्कि पति के जीजा ने मुझे अपनी हवस का शिकार बनाया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मैं भी कैसे चुद गई। जब मेरी चूत की सील टूट गई तब मुझे पता चला कि मुझे चोदने वाला मेरा पति नहीं, बल्कि मेरे पति का जीजा है। आपको लग रहा होगा कि आजकल के जमाने में ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि एक औरत को पता ही ना चले कि उसका पति चोद रहा है या कोई और चोद रहा है। जब आप पूरी कहानी मेरी पढ़ेंगे तब आपको समझ आ जाएगा कि आखिर ऐसा कैसे हो गया था।

मेरा नाम पूजा है, मेरा लालन-पालन मेरे सौतेली मां ने किया है। और सौतेली मां कैसी होती है वह आपको भी पता है। पूरी जिंदगी दुखों का पहाड़ लेकर मैं जवान हुई। अभी मेरा बदन भरा भी नहीं था और मेरी शादी कर दी गई। मेरी चूचियां अभी नींबू के बराबर ही हुई थी मेरे शादी का बात चलने लगी और जैसे तैसे मेरी शादी करा दी गई। यहां तक कि मैं लड़का भी नहीं देखे कि लड़का कैसा है। मुझे भी देखने लड़का नहीं आया बल्कि लड़के का जीजा आया था। लड़के के जीजा ने ही मुझे पसंद किया और शादी के लिए हां कर दिया। और मेरी शादी तय हो गई एक लड़के से। जो एक नंबर का कमीना इंसान है।

जब मेरी शादी हो रही थी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो मेरी जिंदगी बर्बाद हो रही है। क्योंकि मेरे लिए जो लड़का मेरे सौतेली मां और मेरे बाप ने ढूंढा था वह अपाहिज था पैरों से। पोलियो से ग्रस्त था वह। पर मैं क्या करती जो मेरे नसीब में था वही मुझे मिलेगा मैं तो मना भी नहीं कर सकती थी कि मैं इस लड़के से शादी नहीं करूंगी। शादी हो गई मैं ससुराल भी पहुंच गई। मैं इतने अच्छे घर से बिलॉन्ग नहीं करती ना मैं इतनी पढ़ी लिखी हूं हां हिंदी अच्छी लिख लेती हूं। इसीलिए मैं नॉनवेज story.com पर अपनी सेक्स कहानी लिख रही हूं।

सुहागरात में मेरी ननद जो शादीशुदा है मेरा पलंग सजा है। गुलाब की पंखुड़ी बेड पर लगाया। पर उस हरामजादी ने भी मुझे धोखा दिया क्योंकि जो पलंग सजाई थी वह अपने भाई के लिए नहीं सजाई थी वह अपने पति के लिए सजाई थी। ताकि उसका पति एक नई नवेली दुल्हन की नाक तोड़ सके चूत की सील तोड़ सके। एक कुंवारी लड़की कि कुमारी पन भांग कर सके। वही मेरे साथ भी हुआ। रात के 11:00 बजे मैं अपने पलंग पर बैठ कर अपने पति का इंतजार कर रही थी ताकि मेरा पति जैसा भी है चाहे लंगड़ा ही क्यों नहीं है। मुझे प्यार करेगा मुझे अपनी बाहों में भर देगा जिंदगी तो अब इसी के साथ काटने हैं तो जो हो गया सो हो गया अब आगे की जिंदगी सही चले इसके लिए मैं अपने पति का सपोर्ट करूंगी।

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तभी लाइट चली गई सच तो यह है दोस्तों की लाइट गई नहीं थी लाइट काटी गई थी। कमरे में अंधेरा छा गया था ना मोमबत्ती था ना दिया था। तभी दरवाजा खुला और मेरा पति अंदर आया और वह मेरा पति नहीं था वह तो मुझे बाद में पता चला। मेरे पति के जीजा अंदर आया दरवाजा बंद किया अंधेरे की वजह से मुझे कुछ भी दिखाई दे रहा था। भेष भी दूल्हे का बना रखा था। शेरवानी पहन लिया था और अंदर आ गया। मैं वही टेबल पर एक ग्लास दूध रखी थी ताकि अपने पति को अपने हाथों से दे सकूं। अंदर आते ही अंधेरे में ही मैंने पैर छूकर बदनाम किया उन्होंने मुझे बेड पर बैठाया और वह भी बेड पर बैठे। यह सब अंधेरे में हो रहा था मैंने दूध का गिलास किसी तरीके से टटोलकर उनको दिया हाथ में। उन्होंने दूध पिया और मेरे हाथ को छुआ मैं शरमा गई।

उन्होंने मेरे बदन को छूते हुए मेरे होंठ को छुआ मेरे होंठ कांप रहे थे। मुझे डर लग रहा था पहली बार चुदाई में तो डर लगता ही है मैं डरी हुई थी कहीं मेरी चूत फट ना जाए। उन्होंने मुझे हौले से धक्का दिया था कि मैं बेड पर लेट जाऊं मैं भी लेट गई। उन्होंने मेरे साड़ी के पल्लू को मेरे छाती पर से हटाया और मेरे ब्लाउज का हुक खोल दिया। मैं आंखें बंद कर ली ऐसे भी अंधेरा था कुछ दिखाई दे नहीं रहा था। उन्होंने मेरी साड़ी खोली पेटिकोट का नाड़ा खोला पेटिकोट को नीचे से खींच कर बाहर कर दिया और साड़ी को हटा दिया मेरे बदन पर से।

ब्रा का हुक खोलने के लिए मुझे थोड़ा साइड होने के लिए कहा मैं साइड हो गई वह बुरा क्यों को खोल दिया। मैं बहुत घबराई हुई थी डरी हुई थी इस वजह से मैंने तकिया लेकर अपने मुंह पर रख ली। उन्होंने मेरी छोटी-छोटी नींबू जैसे चुचियों को मुंह में लेना शुरू कर दिया। उनके मुट्ठी में मेरी चूचियां गायब हो रही थी इतनी छोटी थी। उन्होंने मेरे जिस्म को सह लाते हुए अपने हाथ को मेरी चूत पर ले गए। मेरे छोटे से चूत को उन्होंने सहलाना शुरू कर दिया। मुझे काफी डर लग रहा था पर उन्होंने जितना मेरे बूब्स को दबाया मेरे चुचियों को पिया मेरे गांड में उंगली डाली मेरे चूत को अच्छे से छुआ। तो मैं भी थोड़ा काम हो गई मेरी चूत से हल्की-हल्की गरम गरम पानी निकलने लगी थी।

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जैसे उन्हें एहसास हुआ कि मैंने अपनी चूत से पानी छोड़ दी तो वह तुरंत ही मेरी चूत को चाटने लगे। जब वह मेरी चूत को चाट रहे थे तुम्हें अंगड़ाइयां देने लगे और गुदगुदी भी हो रही थी उस समय। पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब ऐसा लग रहा था कि आगे की जिंदगी मेरी सही रहेगी। सौतेली मां से छुटकारा मिल गया पति के घर आ गई हूं और पति मुझे इतना अच्छा प्यार कर रहा है। जब मेरी चूत काफी गीली हो गई। तो उन्होंने अपना लंड निकाला मेरी दोनों टांगों को अलग-अलग गया मेरे कमर के नीचे तकिया लगाया। और यह सब चुपचाप हो रहा था। मेरे मुंह से सिर्फ सिसकारियां निकल रही थी पर वह कुछ नहीं बोल रहे थे वह बिल्कुल चुपचाप थे अंधेरे में। अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर लगाया। और धक्के देने लगे ताकि लंड मेरी चूत के अंदर चला जाए पर कैसे जाएगा मेरी चूत का छेद अभी बहुत पतला था और मैं कुंवारी थी आज तक मैंने किसी से कभी सेक्स नहीं की ना किसी ने मेरे बदन पर हाथ लगाया था।

और किसी ने हाथ लगाया भी तो वह मेरी सौतेली मां थी जो सिर्फ थप्पड़ ही मुझे लगा था मेरे जिस्म को किसी ने कभी सेक्सी अंदाज से छुआ नहीं था। फिर से उन्होंने जोर से धक्का मारा अब मैं दर्द से छटपटा गई। बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था मेरी चूत में। उन्होंने मेरी चूचियों को सहलाने मेरे होंठ को छुए मेरे चुचियों के निप्पल को दोनों उंगलियों से रगड़ा। और फिर से उन्होंने ट्राई किया लंड घुसाने का और इस बार वह कामयाब रहे क्योंकि उन्होंने जोर से धक्का मारा था। लैंड तो पूरा अंदर आ गया मेरी चूत के अंदर पर मुझे बहुत दर्द होने लगा था मैं कराने लगे मैं बोलने लगी छोड़ दो मुझे छोड़ दो।

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