पापा ने मेरी सील तोड़ी

मेरा नामे निशा है. मैं उप की रहने वाली हूँ मेरे पापा गाज़ियाबाद मैं जॉब करते हैं. बात आज से कोई 7 साल पहले की है जब मैं 19 साल की थी घर पे पापा मैं ओर मेरा छोटा भाई जो की मुझसे एक साल छोटा है रहते थे. मेरा भाई जायदातर हॉस्टिल मैं रहता था ओर सॅटर्डे सनडे को ही घर पे आता था. घर पे सिर्फ़ मैं ओर पापा ही रहते थे.मेरे पापा की आगे कोई 39 के करीब थी.मेरे पापा गूव्ट. एंप्लाय हैं. मों भी गॉव. एंप्लाय हैं ओर उनका ट्रांसफर मोरडाबाद मैं हो गया था इस लए वो वहीं पे रहती थी. ओर वो भी स्टौरडे सनडे को ही घर पी आती थी. वैसे तो मों जॉब छोड़ भी देती लेकिन ये ट्रांसफर सिर्फ़ 6 मंत से 1 साल तक के लए ही हुआ था. पापा ने बहुत कोशिश की थी ट्रांसफर रुकवाने की लेकिन बात नही बनी थी. मैं ओर छोटा ब्रदर दोनो मैं से कोई भी एक उनके साथ चला जाता लेकिन स्टडी चल रही थी तो इस लए हम भी साथ नही जा पाए. पापा ओर मों आपस मैं बहुत पायर करते थे ओर वो ह्यूम भी बहुत चाहते थे. मों को गये हुए 2 मंत हो गये थे ओर इन दो मंत मैं वो 3-4 बार घर पे आई थी. मैं ओर (राहुल)छोटा भाई मों को बहुत मिस करते थे ओर पापा शायद हुंसे भी ज़यादा मिस करते थे उन्हे. नवेंबर मंत था वो ईस्ट वीक था मों ने फोन किया की कल सॅटर्डे है तो वो कल आ रहे हैं हम सब बहुत खुश थे लेकिन उसी ईव्निंग मैं पापा ने बताएआ की उन्हे 2 दिन के लए बेर्ली जाना है ऑफीस के किसी ज़रूरी कम की वजे से ओर अगली सुबा वो मों से बिना मिले ही चले गये बस मों से उन्होने फ़ोन पे ही बात की. फिर मों मंडे को सुबा जॉब पे चले गये ओर पापा ईव्निंग मैं वापिस आए. वो वीक यू ही निकल गया. फ्राइडे को मैं जब पापा के रूम मैं दूड पकड़ने गई तो पापा मों से बात कर रहे थे ओर कह रहे थे की लास्ट वीक भी वो उनसे नही मिले इस लए उन्हे कल ज़रूर आना है ओर मों ने कहा की वो ज़रूर आएँगी.

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नेक्स्ट दे मों घर पे आ गये ओर दो दिन रह कर वापिस चले गये पापा उस शाम को बहुत खुश थे लेकिन जब सुबा उठे तो उनका मूड खराब था ओर वो काफ़ी उदास से लग रहे थे. मैने पूछा भी की क्या हुआ तो बोले कुछ नही बस खुच ऑफीस के कम का तेनतीओं है. मों मंडे को वापिस चले गये ओर पापा ऑफीस चले गये. भाई भी कॉलेज चला गया था ओर उसे भी होस्टल मैं ही रुकना था. मैने ओए पापा ने खाना खाएआ ओर मैने उन्हे दूड पकड़ा दिया ओर फिर हम सोने चले गये. ये रोज की रूटीन थी. फ्राइडे को भी मैने ओर पापा ने खाना खाएआ ओर मैने उन्हे दूड पकड़ा दिया ओर सोने चले गये. हम 10 बजे तक सो जाते थे.मैं आपने बिस्तर पे लेट गई अभी मुझे नींद नही आई थी ओर मुझे याद आयआ की सुबा मेरे पास राहुल का फ़ोन आयआ था की वो कल घर पे नही आ पाएगा इस लए उसने पापा से कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा था वो खुद ही पापा से कह देता लेकिन पापा का फ़ोन नही मिल रहा था तभी. ओर मैने सोचा की अभी बता देती हूँ नही तो अभी की तारहे सुबा फिर भूल जौंगी ओर कल सॅटर्डे है ओर बॅंक भी जल्दी बंद हो जाते हैं इस लए मैं पापा को बताने के लए उनके रूम की तरफ गई. पापा के रूम मैं बल्ब जाग रहा था मैने सोचा की पापा अभी सोए नही होंगे ओर जैसे ही मैने डोर ओपन करने के लए हाथ आगे किया मेरे कानो मैं हल्की हल्की सी फुसफुसाने की आवाज़ आई.मैं वहीं रुक गई ओर मैने सुना की वो कह रहा थे ओह सुषमा(मेरी मों) तुम्हारी बहुत याद आ रही है देखो ना ये कैसे बिलबिला रहा है तुम्हे पाने के लए. मैं आपनी आँखें के होल पे लगा दी ओर मैं अंदर का नज़ारा देख कर डंग रह गई. मैने देखा की पापा बेड पे बैठे हुए थे ओर उन्होने आपनी पेंट की ज़िप खोल रखी थी ओर उन्होने आपने हाथ मैं आपने करीब 7इंच लंबे ओर कोई 3इंच मोटे लंड को पकड़ा हुआ था ओर वो उसे सहला रहे थे ओर एक हाथ मैं उनके फ़ोन था ओर वो मों से बातें कर रहे थे. वो बोले की देखो ना मेरी जान लास्ट से लास्ट वीक मैं यहाँ नही था ओर लास्ट वीक तुम्हे पीरियड आयआ हुआ था इस वजे से सारा मज़ा खराब हो गया बहुत तड़प रहा हूँ तुम्हे पाने के लए.कल तुम आ रही हो ना सारी रात जी भर के पेलुँगा तुझे ओए एक मिनूट भी सोने नही दूँगा ओर साथ ही पापा अपने लंड को सहला भी रहा थे फिर उन्होने उसे आपनी मुति मैं भर लिया ओर आगे पीछे करने लगे.मैं आँखें फाड़े हुए उनके मदमस्त लंड को निहार रही थी. मेरे मैं उतेज्ना बदती ही जा रही थी. कोई 5 मिंट बाद उनके लंड मैं से वाइट वाइट सा पानी निकलने लगा.मेरे को पता ही नही चला की कब मेरा हाथ मेरी छूट पे चला गया ओर मैं उसे आपनी उंगलिओन से सहलाने लगी थी. उधर पापा ने फ़ोन बंद कर दिया था. मैं जैसे एकद्ूम नींद से जागी ओर मैं ज़हात से वहाँ से हट गई ओर आपने रूम मैं आ गई मेरी हालत बहुत बुरी हो रही थी.मेरी छूट पे भी खुजली होने लगी थी ओर मुझे महसूस हो रहा था की मेरी छूट भी चिप छिपी सी हो गई है. मैं सारी रात सो नही पाई ओर सारी रात मेरी आँखों के सामने पापा का ताना हुआ फनफनता हुआ लंड घूमता रहा. सुबा मैने जब पापा को छाई दी तो मैने उन्हे राहुल के फ़ोन के बारे मैं बता दिया लेकिन ये सब बताते वक़्त मेरा ढयन पापा की पेंट की तरफ ही थी को की ंौुझे वहाँ पे एक अद्भुत चीज़ नज़र आई थी. लेकिन पापा का लंड तो ऐसे था जैसे सो रहा हो को की उसे खबर जो नही थी की कोई नज़रें उसे ढूंड रही हैं वरना वो तो फनफनाने लगता. पापा ऑफीस चले गये लेकिन मैं कॉलेज नही गई को की मेरा मान नही था कर रहा. करीब दो बजे मों ने आ जाना था. मैं आपने रूम मैं लेती हुई थी की तभी मेरे मान मैं विचार आययएआ की मैं आज मों ओर पापा को देखूँगी की वो राअत को क्या करते हैं को की आज राहुल भी यहाँ पे नही होगा.

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