पापा ने चोदकर-चोदकर औरत बना दिया

बाप बेटी की चुदाई की कहानी, बाप बेटी सेक्स कहानी : Father Daughter Sex Story सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड पर किस करते हुए और सभी खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए सभी का मैं स्वागत करती हूँ। अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी मित्रो तक भेज रही हूँ। ये मेरी पहली स्टोरी है। इसे पढकर आप लोगो को मजा जरुर आएगा, ये गांरटी से कहूंगी।

मेरा नाम शीतल है। मैं बिहार के मोतीहारी जिले की रहने वाली हूँ। मैं बिलकुल कच्ची कली थी। एक बार भी चुदी नही थी पर मेरे साथ एक घटना हो गयी। मेरे सगे बाबूजी ने मुझे चोद लिया। ये स्टोरी 2 साल पहले शुरू होती है। मेरे बाबू जी मेरी चाची को रखेल बनाये हुए थे। रोज रात में उनकी चूत को अपने 10” मोटे लंड से चोदते थे। मेरी माँ की इधर मौत हो गयी थी एक लाइलाज बिमारी से और उधर मेरे चाचा जी को ब्रेन ट्यूमर हो गया था। अब मेरे बाबू जी रडुआ हो गये थे और मेरी सेक्सी चाची जी भरी जवानी में विधवा। धीरे धीरे चाची को बाबू जी से प्यार हो गया था। फिर दोनों चुदाई करने लगे थे।

तब मैं सिर्फ 18 साल की थी। मैं अबोध लड़की थी। मुझे मर्द और औरत के जिस्मानी रिश्ते के बारे में किसी तरह की नोलेज नही थी। पर अब मुझे हल्का हल्का पता होने लगा था। एक दिन तो मैंने पूरी कामलीला अपनी आँखों से देख ली। मेरी मीनल चाची बाबूजी के कमरे में जाकर उनसे चिपक गयी थी। दोनों किस करने लगे। धीरे धीरे बात आगे बढ़ गयी। फिर किस शुरू हो गयी। मीनल चाची काफी सेक्सी और जवान औरत थी। उनका बदन गदराया सेक्सी और गोरा था। बाबूजी ने भी उनको कमर में हाथ डालकर पकड़ लिया और सीने से लगा लिया।

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“मीनल!! आज कहो तो तुम्हारी शाम को रंगीन बना दूँ” बाबूजी ने आँखों के इशारे से चाची ने कहा

“मैं तो अपनी शाम को रंगीन करने के लिए ही आपके पास आई हूँ जेठ जी” चाची बोली

उसके बाद बाबूजी ने उनको बाहों में कस लिया और डाइरेक्ट होठो पर किस करने लगे। मेरी चाची शाम के टाइम अच्छे से हाथ मुंह धोकर मेकप करती थी। जब वो तैयार हो जाती थी तो मस्त पटाका माल लगती थी। वो होठो पर गहरी लिपस्टिक लगाये हुई थी। मेरे बाबूजी उनकी लिपस्टिक को चूसने लगे और छुडा डाली। काफी देर किस करते रहे। मीनल चाची गर्म होने लगी। बाबूजी उनके ब्लाउस पर हाथ लगाकर दबाने लगे। चाची का फिगर बिलकुल शेप में था। न तो मोटी थी और न ही पतली थी। बिलकुल सही शेप में थी।

बाबूजी ने उनको बिस्तर पर लिटा दिया और 36” की बड़ी बड़ी चूचियां दबाने लगे। हाथ से प्रेस करने लगे। चाची जी “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ ह उ उ उ….. आआआआहहहहहहह ….” करने लगी। उनके हल्के हल्के आम ब्लाउस के उपर से दिख रहे थे। उनके दूध बेहद सफ़ेद और रसीले थे। फिर बाबूजी और तेज तेज दबाकर लगे। कुछ देर में पारा चढ़ गया। बाबूजी ने जल्दी से मीनल चाची का ब्लाउस खोलना शुरू किया और उतार दिया। फिर मदहोश होकर ब्रा के उपर से चाची की खूबसूरत चूचियों को दबाने लगे।

“तुम जब जब मेरे अनार दबाते हो मजा आता है……उ उ ह उ उ उ…..” मीनल चाची बोली

बाबूजी कुछ देर ब्रा के उपर से अनारो को दबा दबाकर मजा देते रहे और किस करते रहे। फिर ब्रा भी निकलवा दी। उसके बाद सनी लिओन जैसे सॉफ्ट मम्मे को देखकर वो पगला गये और खूब किस किया। जोश में भरके दबा रहे थे। कुछ देर में चाची के अनारो को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। चाची जी “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। बाबूजी इश्कबाज बनकर चूसने लगे। और काफी देर चूसकर रस लेते रहे। फिर उन्होंने चाची की साड़ी उतरवा दी और उनको न्यूड कर दिया। पेंटी उतरवा दी और चूत को चाटने लगे। फिर काफी देर किस किया। उसके बाद मैंने देखा की बाबूजी मुठ दे देकर अपने लंड को खड़ा किये और चाची की सेक्सी चुद्दी में घुसाकर खूब चोदे। ये सब देखकर मैं अब औरत मर्द के जिस्मानी रिश्ते के बारे में सब समझ गयी थी।

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जब बाबूजी ने मीनल चाची को अघाकर चोद लिया तो उनकी नजरे मुझ पर गढ़ने लगी। 2 साल अब बीत गये थे और अब मैं 18 साल की जवान सेक्सी लड़की हो गयी थी। मेरा बदन कमल के फूल की तरह खिल गया था। मैं देखने में किसी औरत जैसी दिखने लगी थी। मेरे दूध अब 34” के काफी बड़े बड़े हो गये थे। मैं घर पर टीशर्ट और लोअर ही पहनती थी। टी शर्ट कसी ही होती है जिसमे मेरी 34” की रसीली चूचियां बड़ी बड़ी स्पस्ट रूप से बाबूजी को दिख जाती थी। मुझे ये पता चल गया था की वो मुझे चोदने का मन बनाये हुए है। जैसे ही मैं उनके सामने झुकती थी टी शर्ट के भीतर से मेरी मस्त मस्त बाल जैसी चूचियां दिख जाती थी। उनका लौड़ा उनके पेंट में खड़ा हो जाता था। फिर वो मुझे इधर उधर हाथ लगाने लगे।

एक दिन वो रात के समय मीनल चाची को खूब चोदे फिर सो गये। मैं अपने कमरे में सो रही थी। कुछ घंटो बाद बाबूजी मेरे रूम में आ गये। मेरे पास लेटकर इधर उधर हाथ लगाते रहे। मैं चुदाई से काफी घबराती थी इसलिए मैंने खुद को सोता हुआ दिखाया। बाबूजी मेरी गांड को सहलाने लगे। चूत में ऊँगली करने लगे। धीरे धीरे घिसते रहे जिससे मैं मजबूर हो गयी।

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