ऑनलाइन मिली लड़की को जंगल मे छोड़ा

ही मेरा नाम रोहन है, मई 26 साल का हू. मेरी हाइट 5”10 है और और दिखने मे अची पर्सनॅलिटी का हू. मैल देसी कहानी का रेग्युलर रीडर हू तो मैने सोचा की क्यू ना मई खुद की कहानी लिखू जो की एक साची घटना पर आधारित है. मई देल्ही मे रहता हू और एक मंक मे जॉब करता हू.

बात तब की है जब मई देल्ही यूनिवर्सिटी मे 3र्ड एअर मे पढ़ाई कर रहा था.

मुझे हुमेशा से नये लोगों से बात करना काफ़ी पसंद है. इसी कारण से मई अपना काफ़ी टाइम रॅंडम स्ट्रेंजर साइट्स पे बीतता था. एक दिन मुझे एक साइट पर श्रेया मिली. वो भोपाल से थी.

हुँने काफ़ी बात की फिर उसने बताया की उसका एर्क बाय्फ्रेंड है जिसके साथ उसने बस किस किया है. बात धीरे धीरे सेक्स छत पर पहुचि. हुमारी सेक्श्चात काफ़ी अची रही और सेक्श्चात करते टाइम वो अपने छूट मे उंगली कर रही थी.

जब हुमारी सेक्स छत ख़त्म हुई फिर उसने बताया की उसे पहली बार इतना अछा ऑर्गॅज़म आया. फिर हुँने एक दूसरे का नंबर एक्सचेंज किया. अब हम रोज़ फोन पर बात करने लगे.

अब हम वीडियो कॉल पर सेक्स छत करने लगे. जब मैने उसे पहली बार उसे वीडियो कॉल पर देखा तो देखता ही रह गया. शी वाज़ सो ब्यूटिफुल. इसी तरीके से 3 महीने बीट गये.

लेकिन किसी कारणवश हुमारी बात होनी बंद हो गयी. एक तो उसके एग्ज़ॅम्स आ रहे थे और मई भी दूसरी चीज़ों मे बिज़ी हो गया.

7 महीने बाद फेब के फर्स्ट वीक मे उसका एक दिन उसका मेसेज आया. उसने बताया की वो देल्ही आ रही है अपने दीदी से मिलने. उसकी दीदी गुरगाओं एक कंपनी मे काम करती थी.

मैने उसे मिलने का प्लान करने को कहा. शुरू मे वो तोड़ा दर्र रही थी क्यूकी वो पहली बार देल्ही आ रही थी. लेकिन मेरे बोहोट मानने के बाद वो मान गयी.

उसकी दीदी का घर मेरे घर से बस 2 मेट्रो स्टेशन डोर था. तो हुँने प्लान बनाया की जब दीदी ऑफीस चली जाएगी तो हम मिल सकते हैं. 13 फेब को हुँने मिलने का प्लान किया.

मई उसे मेट्रो स्टेशन लेने गया. जब वो एस्कलाटोर से उपर आई मई उसे देखता ही रह गया. दो मैने उसे विदेवकल्ल पर देखा था लेकिन यहा वो बाला की खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी.

उसके बूब्स टॉप से बाहरा आने को रेडी थे. हुँने एक दूसरे को हग किया फिर मैने उससे पूछा की कहाँ चलना है माल या शांत जगह? उसने बोला की जहा शांति हो. फिर मने ड्राइव कर उसे संजय वन ले आया. हम अंदर गये, वाहा काफ़ी जंगल थे और कोई नही दिखह रहा था.

कुछ डोर जाने के बाद ह्यूम एक पत्थर का टीला दिखा और हम वही बैठ गये. मैने सीधे उसके बाल पकड़े और किस करना स्टार्ट कर दिया.

पहले तो उसने रेज़िस्ट किया लेकिन फिर धीरे धीरे वो साथ देने लगी. फिर मैने उसके कान पर एक बीते की और उसके गले को लीक करने लगा, उसकी आँखें बंद होने लगी.

गले को लीक करते हुए मई उसके कॉलर बोने पे किस किया और फिर उसके शोल्डर्स पे गेंट्ली बीते की. वो धीरे धीरे आहें भर रही थी. फिर मैने उसके हाथ उपर किए और अपने हाथो से उसे जाकड़ लिया और फिर उसके इन्नर आर्म्स को चाटने लगा.

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उसके बॉडी से बोहोट ही अची खुसबु आ रही थी. एक हाथ से मने उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांद. उसने स्लीवलेशस टॉप पहन रखा था सो मने इन्नर आर्म्स को लीक करते हुए उसके बगलों को चाटने लगा.

मई बता नही सकता की कितना मज़ा आ रहा था.

वो मज़े मे आहने भरने लगी. फिर मैने उसकी टॉप उपर करके उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके निपल्स पे धीरे धीरे बीते करने लगा. उसे हल्का दर्द हुआ लेकिन उसने और ज़ोर से चूसने को बोला.

फिर मुझसे रहा नही गया और मने एक हाथ धीरे से उसके शॉर्ट्स मे डाल दिया. उसकी छूट पे एकद्ूम थोड़े बाल थे और उसकी छूट गीली थी. मैने उसके क्लिट को अपने नाखूनओ से रगड़ा और भत ही गेंट्ली पिंच किया. वो एक बार ज़ोर से मोन की और फिर ज़ोर से मेरे होठों को काटा और सक करना शुरू किया. .

तभी मैने देखा की डोर से कुछ लड़के आ रहे न तो हम अलग हो गये. फिर हम और सुनसान इलाक़ा ढूँढने लगे. ह्यूम एक जगह झारियों के बीच मे खोपचे जैसा दिखा.

उसके अंदर जाते ही मने उसका टॉप उतारा और उसके बूब्स को कुत्ते की तरह चूसने लगा. मने उसके टॉप को साइड करके ज़मीन पर लिटा दिया आंड शॉर्ट्स के अंदर से उसकी गांद के छेड़ को उंगली से सहलाने लगा. उसका छेड़ बोहोट ही टाइट था.

फिर मने उसके शॉर्ट्स को उतारा औरुस्की थाइस को चाटने लगा. उसके छूट से बोहोट ही अची खुसबू आ रही थी और फिर मई उसकी छूट चाटने लगा. वो अब पागलों की तरह सिसकारियाँ भर रही थी.

मई उसके क्लिट को दाँत से हल्के हेल बीते करता और फिर अपना टंग उसके छूट से लेकर गांद के छेड़ तक रोल करता. वो मेरे बाल पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी.

फिर मैने अपने 7 इंच का लंड निकल कर उसके मूह के पास ले गया. वो माना करने लगी क्युंकी उसने पहले कभी लंड नही चूसा था. मैने उसके बाल पकड़े और अपने लंड से उसके गाल पर 5-10 बार थप्पड़ मारे और अपना लंड उसके मूह मे डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा.

धीरे धीरे वो मेरे लंड को चूसने लगी. फिर मैने अपना लंड उसके मूह से निकाला और उसके छूट मे डाल दिया. उसकी छूट बोहोट ही टाइट थी. मेरा सुपरा उसके छूट मे नही जेया रहा था. मने एक ज़ोर का झटका दिया और आधा लंड उसके छूट मे चला गया.

वो ज़ोर से चिल्ला उठी, मने उसके मूह को ज़ोर से दबाया की कही कोई सुन ना ले. उसके आँख मे आँसू आ गये थे और लंड बाहर निकालने को कहने लगी. फिर मने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा. अब उसका दर्द कूम हुआ तो फिर दर्द की आवाज़ सिसकारियों मे बदल गयी.

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तभी पीछे से एक आवाज़ आई “क्या कर रहे हो तुम लोगो यहा”.

हुँने पीछे मूर कर देखा तो संजय वन का गुआर्द खड़ा था. उसने चीख की आवाज़ सुन ली थी और ह्यूम खोजते पहुच गया. हुमारी दर्र के मारे हालत खराब थी.

मने कहा: कुछ नही हम बस बाटीएन कर रहे थे.

गुआर्द: देख के नही लग रहा की तुम सब बस बाटीएन कर रहे थे, चलो पोलीस स्टेशन.

हम दर्र गये और मिन्नत करने लगे. कुछ देर सोचने के बाद वो बोला की एक शर्त पर छोड़ूँगा की अगर तुम मुझे इस रंडी को छोड़ने दोगे तो.

श्रेया ने सॉफ माना कर दिया. फिर हुँने ब्लफ खेला की ठीक है ले चलो ह्यूम. उसने कहा की वो सेक्स नही कर सकती. बस लंड चूस सकती है.

गुआर्द मान गया और अपने 5 इंच का लंड बाहर निकल दिया. श्रेया ने उसके सुपारे को जीभ से छाता फिर धीरे धीरे उसको मूह मे लेने लगी.

मई श्रेया की चूचों को मसल रहा था और उसकी छूट मे उंगली कर रहा था. उसने ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. गुआर्द ने उसके बाल पकड़े और लंड को अंदर बाहर करने लगा. और थोड़ी देर मे ही उसके मूह के अंदर पानी छोढ़ दिया.

गुआर्द वाहा से चला गया आंड हुँने फिर अपनी चुदाई स्टार्ट कर दी.

मैने उसे पीछे से बाल पकड़ कर छोड़ने लगा और उसके बॅक पर बीत कर रहा था आंड उसकी गांद पर स्पॅंक. श्रेया ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ निओकाल रही थी.

मई उसे गाली देते हुए उसके बूब्स को मसल रहा था. वो अभी एक बार झार चुकी थी लेकिन मेरा अभी नही हुआ था. कुछ 15 मीं बाद मेरा निकालने को होने लगा. मैने उससे पूछा की कहा की अंदर ही निकल डू तो उसने माना कर दिया.

फिर मैने उसके बाल पकड़ कर घुटनो के बाल बिताए और और उसके मूह और बूब्स पर पिचकारी मारी. उसने अपने जीभ से धीरे धीरे मेरे माल को चाट लिया.

उसने पानी से अपने फेस धोए आंड बाग से नॅपकिन निकल कर अपने फेस सॉफ किया आंड कपड़े पहने. वो काफ़ी खुश लग रही थी.

फिर मैने श्रेया को मेट्रो स्टेशन ड्रॉप करने गया. रास्ते मे वो मेरी बाहों मे लिपटी थी. हम मेट्रो स्टेशन पहुचे तो उसने कहा-

“ई थिंक वी नीड तो हॅव अनदर अड्वेंचर”

मई खुशी से झूम उठा लेकिन शरीफ बनने का नाटक करने लगा.

मे: तुम लाते से घर जाओगी तो तुम्हारी दीदी को शक़ नही होगा?”

श्रेया: नही मई बहाना मार दूँगी की मई एक फ्रेंड का रुक रही हू. हुँने प्लान बनाया था की जब मई देल्ही अवँगी तो उसके साथ नाइट स्टे करूँगी.

मे: दीदी उससे फोन करके कन्फर्म नही करेंगी?

श्रेया: तुम उसकी टेन्षन मत लो, मई उसे समझा दूँगी, वो मॅनेज कर लेगी.

फिर हम मेट्रो स्टेशन से बाहर आए. हुँने विनसे शॉप से ढेर सारी दारू खरीदी और मेरे फ्लॅट की ओर चल दिए.

आयेज क्या हुआ वो नेक्स्ट पार्ट मे बतौँगा.

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