नमिता बुआ की चुत मरने का मज़ा

सेक्स चीज ही ऐसी है के उसे इज्जत देनी पड़ती है और जब लंड खड़ा होता है तो अच्छे अच्छे रिश्ते भी भूल जाता है, कभी कभी हमारे यह रिश्तेदार भी अपनी चूत की प्यास भुजाने के लिए हमारे लंड का सहारा लेते है. आइये मैं आपको नमिता बुआ की कहानी सुनाऊं अब, नमिता बुआ मेरे से कुछ 5 साल ही बड़ी थी. बुआ अपनी लॉ की पढाई के सिलसिले में दिल्ली मुंबई आई थी और यही नजदीक में एक हॉस्टल में रहेती थी. एक दिन मम्मी डेडी को शादी में बहार जाना था इसलिए उन्होंने नमिता बुआ को घर बुलाया मेरा और मेरी छोटी बहन का खाना बनाने के लिए. मेरी कोलेज में आज फंक्शन था इसलिए में नहीं गया था और मेरी छोटी बहन बाजू की निर्मला चाची के घर गई थी.

मैं अपने रुममें बैठा सेक्स मैगज़ीन पढ़ रहा था, बल्कि यूँ कहो की उसमे छपी नंगी तस्वीरे देख रहा था. भूख जोरो की लगी थी मैं मन ही मन बुआ को गालियाँ निकाल रहा था और इसी भूख की वजह से मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला. मेरी आँख तब खुली जब नींद में खलल हुई, मैंने आधी आँखे खोली और देखा की नमिता बुआ के हाथ में मैगज़ीन थी और उसका हाथ चूत को कपड़ो के उपर से सहला रहा था. उसके आँखों के आगे मैगज़ीन थी इसलिए मैं उठा उसको यह पता नहीं चला. मैंने मनोमन आज बुआ की अपने लौड़े से चुदाई का मन बनाया और मैं हाथ ऊँचे करते हुए उठ बैठा.

नमिता बुआ मुझे देख के चोंक गई और फिर नौटंकी करने लगी, “गोलू तू ऐसी गंदी मैगज़ीन पढता है, मैं तेरे पापा को बोल दूंगी….!”

बेन्चोद, चूत को खुद ने टटोला और मार गोलू (यह मेरा घर का पेट नेम है) खाएं, मेरा गुस्सा आसमान पर था मैंने कहा, “कोई बात नहीं आप बोल देना और मैं बोलूँगा की आप इसे देख अपनी चूत मेन ऊँगली दे रहे थे”

बुआ पिगली और बोली, “अरे गोलू मैं तो मजाक कर रही थी ऐसी बातें थोड़ी बोलते है बड़ो को”
बुआ भी लंड लेने को तैयार हो गई!

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मैंने सोचा आज यह अपनी चूत दे देगी मुझे, चांस अच्छा है. बाकी तो उसका पोस्ट ग्रेज्युएशन खत्म होते ही उसकी शादी हो जाएगी फिर थोड़ी मिलेगी उसकी चूत.मैंने कुछ सोचा और बुआ को कहा, “मैं एक शर्त पर पापा से नहीं कहूँगा, आपको मुझे अपनी चूत देनी होंगी” बुआ मेरी मांग से सन्न हो गई और बोली, “गोलू कोई आ गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी, मैंने कहा आप बहार दरवाजे को बंध कर दो..ऐसे भी बाजूवाले शर्मा अंकल का बिल्ला घर में घुसता है तो मम्मी दरवाजा बंध रखती है, शांति को भी आने में अभी देर है.” (शांति हमारी कामवाली थी). बुआ दरवाजा बंध करने गई और मैंने कपडे उतारे और में कुर्सी पर नंगा बैठ गया.

बुआ के आते मैंने एक मुखमैथुन वाली तस्वीर निकाली और उसे दिखाते हुए कहा पहले यह करेंगे, बुआ हंसी और वो मेरे पांव के बिच बैठ गई, मेरा लंड सके मुहं में चलना लगा और शायद बुआ की सेक्स की खेती में भी लौड़े का पानी बहुत दिन से आया नहीं था क्यूंकि वह लंड को मजे ले ले कर चूस रही थी. बुआ बिच बिच में लंड मुहं से निकालती थी और अपने हाथ से मुठ मारती थी. कुछ 3 मिनिट लौड़े को चुसाने के बाद मैंने बुआ को अपनी जगह कुर्सी पर बिठा दिया और उसकी लेंघी खिंच ली. बुआ की काली पेंटी भी उतार दी और मैं बुआ के चूत के उपर अपनी जीभ फेरने लगा. ओरल सेक्स की गुदगुदी बुआ को तडपाने लगी और वह मेरा माथा चूत के उपर दोनों हाथो से दबाने लगी. बुआ की चूत का खारापन लौड़े की उत्तेजना और बढाने लगा था मैंने अपने हाथ को लंड पर रखा और मैंने उसके सुपाडे पर निकलते प्रीकम की चिकनाहट महेसुस की. बुआ भी अब बहुत गर्म हो चुकी थी और उसे भी लौड़े की गर्मी चूत के अंदर लेनी थी.मैंने चूत से अपना मुहं निकाला और बुआ की ब्लाउज उतार दी बुआ के सेक्सी स्तन पर मैंने पहेले हाथ फेरे और फिर मुहं लगा दिया. बुआ की चुंचियां सख्त हो गई थी. मैंने दोनों हाथ से उन्हें जोर जोर से दबा दिया.
अब डाला बुआ की चूत में लंड!

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बुआ को मैंने अब पलंग की उपर लिटा दिया और मैं लंड हाथ में लिए उसकी टांगो के बीच में आ बैठा. मैंने चूत के उपर लौड़े को फेरा, बुआ ओह आह आह ऐसी आवाजे निकाल रही थी, उसकी आँखे बंध थी और वह अपने दोनों हाथ स्तन के उपर रख के चुन्चो को मसल रही थी. मेरा लौड़ा अब मस्त तन गया था और चूत की ही उसे शांत कर सकती थी. मैंने एक झटका दिया और बुआ की चूत के अन्दर लंड घुसा दिया, बुआ ओह ओह आह आह आह्ह बोलती रही और मैं उसकी चूत में धमाशान करता रहा. मेरे हाथ उसके निपल और गांड पर बारी बारी जाते थे और सहलाते थे. मेरी चुदाई की झडप अब बढ़ने लगी और साथ ही में बुआ की सिसकारियाँ भी. मैंने बुआ की चूत से लौड़ा निकाला और उसे खड़ा कर दिया दीवाल से सटा के.
दीवाल से सटा के चूत में लौड़ा भर दिया

दीवाल से सटी बुआ की गांड मैंने दोनों हाथ से खोली और मैं वह लंड देने की सोच रहा था की बुआ बोली नहीं मुझे गुदामैथुन नहीं करना, वहा तोता मत घुसाना अपना. बुआ की इच्छा को मान देते हुए मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड के बदले चूत में दे दिया और उसे दीवाल के अन्दर घुसाते हुए चोदा, बुआ भी गांड को आगे पीछे कर कर के लंड ले रही थी और साथ में उह आह तो उसका चालू ही रहा. कुछ 5 मिनिट इस तरह चोदने के बाद मेरा लंड फूटा और उसका लावा बुआ नमिता की चूत को पिग्लाने लगा. बुआ संतृप्त हो गई और मैं भी. वह पलंग पर लेटी और मेरे तरफ संतोष के भाव से देखने लगी……!!!

फिर तो बुआ मुझे अक्सर अपनी चूत में लंड डालने का अवसर देने लगी और कभी कभी तो हम ब्ल्यू फिल्म देख कर उसके अंदर के दाव आजमाते थे….पिछले साल बुआ की शादी हो गई और उस शादी में सब से दु:खी शायद में ही था…

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