ना जाने कों थी लेकिन सेक्स में अवाल थी वो

वैसे तो चुदाई की घटनाएं बहुत हो चुकी हैं. मेरी पिछली कहानी में जो लड़की है, उसके साथ ही … लेकिन मैं सोचता हूं कि अपनी नई किरदार के साथ कहानी लिखूँ।

तो आज मैं वहीं से शुरुआत करता हूं. इस कहानी की नायिका मेरी पिछली कहानियों को पढ़कर ही बहुत प्रभावित हुई थी।

उन्होंने मुझे कांटेक्ट किया, वे मुझसे बोली कि वे मुझसे बात करना चाहती हैं.
लेकिन जैसा कि मैंने शुरू में ही बोल दिया कि कोई भी हो, बात करने का जब तक मजबूत आधार ना हो, तब तक मैं बात नहीं करता हूं। क्योंकि मुझे भी टाइम निकालना पड़ता है.
तो उन्होंने पूरी बात नहीं बतायी. लेकिन फिर भी वे बार-बार मुझे मेल कर रही थी कि कुछ ऐसी बातें हैं जो मैं सिर्फ आपको सामने से ही बताकर शेयर कर सकती हूं।

जब बार-बार उनका ईमेल आया तो मैं भी सोच में पड़ गया क्या बात है क्योंकि वो दूसरे शहर से थी।

तो मैंने उन्हें साफ बोला- अगर आपको मुझे बुलाना है तो आपको मुझे आने जाने का खर्चा देना पड़ेगा। अन्यथा मैं नहीं आऊंगा.
इस बात पर उन्होंने ईमेल पर ही एक स्माइली बनाकर भेजा और कहा- खर्चे की कोई बात नहीं, आप किस तारीख को आना चाहते हैं, यह बताएं।

तो मैंने उनको अपने प्रोग्राम को एडजस्ट करके बता दिया कि मैं उस तारीख को तारीख को आऊंगा।
उसके बाद आधे घंटे के अंदर मैंने देखा कि मेरे मोबाइल पर टिकट के कंफर्म का मैसेज आ गया।

मुझे आश्चर्य भी हुआ कि इतनी जल्दबाजी … इतनी उत्तेजना?
फिर मैं निश्चित तारीख को उनके शहर पहुंचा.

स्टेशन पर पहुंच कर मैंने उसे कॉल किया तो वे तो मुझसे पहले ही स्टेशन पर मेरा इंतजार कर रही थी।
गाड़ी कुछ घंटे लेट थी जैसा अक्सर होता है.

उन्हें पहचानने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उन्होंने अपनी फोटो बहुत सारी मुझे दी हुई थी.
उन्होंने मुझे रिसीव किया और मुझे साथ लेकर जल्दी अपनी गाड़ी की ओर चल दी।

हां … जब मैं उन्हें देखा तो मैं बहुत ही हैरान रह गया कि फोटो में वे जितनी सुंदर दिख रही थी, उससे कहीं ज्यादा सुंदर वे लग रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरकर धरती पर आ गई हो.

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मुझे वहां उन्होंने एक बहुत ही टाइट वाला हग दिया. मैं तो उन्हें देखकर ही उत्तेजित हो गया था. लेकिन जब उन्होंने मुझे हग दिया तो और ज्यादा उत्तेजित हो गया।
लेकिन फिर भी मैंने अपनी भावनाओं को काबू में रखा.

गाड़ी में जाने के बाद मैंने उनसे पूछा- मेरा रुकने का इंतजाम कहां है?
तो उन्होंने बोला- जब मैंने आपको बुलाया है तो सारा इंतजाम मेरा होगा.
और वे अपने घर की ओर गाड़ी लेकर चल दी।

थोड़ी देर बाद गाड़ी एक घर के सामने रुकी. बड़ा सा घर था और किसी पॉश इलाके में था।
मैं उस शहर का नाम लेना नहीं चाहता क्योंकि उन्होंने ही कहा है कि उनका नाम और उनके शहर का नाम दोनों गुप्त रखा जाए अगर उनकी भी कहानी प्रकाशित की जाती है। फिर भी यहां पर उनका एक काल्पनिक नाम रख लेता हूं सफीना।

उसके बाद हम दोनों गाड़ी से उतर कर उनके घर के अंदर गये। घर पूरा सलीके से सजा हुआ था। मुझे लग रहा था कि मेरे आने से पहले ही घर में जो भी काम करने वाले होंगे, उन्हें वापस भेज दिया गया होगा.
घर शांत था.

घर में जाते ही उन्होंने फिर से मुझे कस के हग किया.
मैं उनसे बोला- सफीना जी, मैं लंबी यात्रा के बाद थक गया हूं। थोड़ा सा इंतजार तो करें.
तो उन्होंने बोला- मैं तुम्हारे लिए कितनी बेकरार थी और तुम मुझे इंतजार करने को कह रहे हो? मेरा बस चलता तो मैं तुम्हें स्टेशन पर ही कच्चा खा जाती।

इतना कहकर उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और वे मुझे किस करने लगी। किस लंबी चली तो मैं भी उनके किस करने से उत्तेजना में आ गया।
फिर भी मैं कंफर्म होना चाहता था, मैंने उन्हें बोला- सफीना जी, घर में कोई आ जाएगा.
तो मेरी बात सही साबित हुई, उन्होंने बोला- घर में कोई नहीं है। और काम करने वाले जो लोग हैं मैंने उन्हें छुट्टी दे दी है 2 दिन के लिए।

और फिर वे मुझे किस करने लग गई. वे इस तरह मुझे किस कर रही थी कि ऐसा लग रहा था मानो मुझे खा जाएगी.
बीच-बीच में वे बोल रही थी- मैंने तुम्हारी सारी कहानियां पढ़ी हैं. तुम सच में वाइल्ड सेक्स करते हो या सिर्फ लिखते हो तुम अपनी कहानियों में?
मैंने कहा- मैं अब तुम्हारे पास आ ही गया हूं तो तुम देख लो मैं सच हूं या झूठ।

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उसके बाद मैं उन्हें किस करता रहा और साथ में उनके चूची को दबाता रहा। मैं उन्हें पूरा टाइट हग कर रहा था जैसे हमारे बीच हवा तक आर पार ना जा सके।

थोड़ी देर किस करने के बाद मुझे लगा कि मैं मेरी सारी यात्रा की परेशानियां दूर हो गई। अब तो मैं भी उनमें समा जाना चाहता था.

मेरे मन में आया कि पूछ लूं कि वे मुझसे क्या बात करना चाहती थी सामने बैठकर। फिर सोचा कि यह लम्हा बीत जाने के बाद ही पूछ लूंगा, अभी तो 2 दिन हमारे पास हैं.

और फिर किस करते करते हमारे कपड़े कब हमारे शरीर से अलग हो गए, पता भी नहीं चला। अब वे सिर्फ अपनी पेंटी और ब्रा में थी और मैं सिर्फ अपनी अंडरवियर में था.
लेकिन वे बहुत ज्यादा प्यासी लग रही थी।

किस करते करते मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था। मैंने उनके चूतड़ों पर एक दो थप्पड़ भी जड़ दिए तो वे आआ आहह हहह … कर देती थी और हंसने लगती थी, फिर किस करना चालू कर देती थी. मैंने इसी तरह उनके चूतड़ों पर लगातार 8-10 बार मारा जिससे उनके चूतड़ों पूरी तरह लाल हो गए।

उसके बाद भी वे मुझे छोड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं थी।

फिर मेरे मन में आया कि जब शुरू हो ही गया है तो एक नए एंजॉयमेंट के साथ इसे पूरा करें।

मैंने उन्हें पूछा- सफीना जी, आपके घर में शहद है क्या?
तो उन्होंने बोला- शहद और चॉकलेट … तुम्हें जो भी चाहिए, ले सकते हो.

मैं उन्हें गोद में उठाए हुए किस करते करते ही उनके साथ किचन में गया. वे मुझे किचन का रास्ता बता रही थी।

वहां से मैंने शहद लिया. और अब तो वे मुझे बेडरूम तक भी जाने नहीं दे रही थी। वहीं डाइनिंग हाल में सोफे पर उन्होंने मुझे बैठने को कहा. चूंकि घर में कोई था नहीं … तो कोई दिक्कत थी नहीं।

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