मेरी प्यारी मामी की चुदाई होटेल मई

ही तीस इस बॉब्बी 27 य्र्स ओल्ड फ्रॉम अमृतसर (पुंजब) यह बात 3 महीने
पुरानी है जब मई गर्मी की छुट्टी मे अपने नाना नानी के घर गया था
वाहा मेरे मामा मामी रहते थे मेरी मामी मस्त माल थी हमेशा बड़े
गले का कुर्ता पहना करती थी उनको देख कर मेरा मान डगमगाता था
ऐसा लगता था जैसे वो मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी मई बार
बार उनके झुकने का इंतेज़ार करता रहता था.मेरी मामी का नाम सोनिया
है.मुझे जब भी लगता था की वो झुकने वाली है तो मई सामने
जाकर खड़े हो जाता था और तिरछी नज़र से उनके बड़े बड़े गोरे गोरे
और चिकने चिकने बूब्स को देखा करता था मुझे उनके बूब्स बेहद
पसंद थे मुझे उन्हे छूने का बेहद मान करता था कभी कभी जान
बुउज कर मई उनसे सामने से जाक्र टकरा जाता था और बड़ी होशियारी से
उनके बूब्स को छो लिया करता था.लेकीं इतने मे मेरा मान नही भरता
था मई उन्हे सहलाना चाहता था वो बहुत गूरी है. उनके देख कर
मुझे उनको चूड़ने का मान करता था .वो बहुत गड्रई हुई बदन की है
मई भी वैसा ही हू. एक दिन मेरे मामा कुछ काम से 6 दीनो के लिए
दुबई जाना पड़ा.मई घर के हाल मे बैठा ही था तब मेरी मामी हाल
मे आई और उन्होने मुझे एक चित्ति दी उस चित्ति मे लिखा था “मई
तुमसे कुछ कहना चाहती हू मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है
मई तुम्हारे साथ अकेले मे कुछ वक़्त गुज़रना चाहती हू ये बात मई ने
चत्ती मे इसलिए कही क्योकि मुझे शरम आ रही थी अगर तुम मुझसे
मिलोगे तो आज रात 11.00 बजे मेरे कमरे मे आजना और तुम्हारी ओर से
हा है तो चित्ति मुझे वापस लौटा देना मई तुम्हारा इंतज़ार
करूँगी”.ये पढ़ कर तो मेरा मान ही उच्छल पड़ा मई ने तुरंत वो
चत्ती उनको वापस लौटा दी और 11 बजने का इंतेज़ार करने लगा.

रात हो चुकी है 11 बाज रहे है मई कमरे मे चला गया कमरे के
अंदर घुसते ही मई ने देखा की मेरी माँीब्लाकक कलर की नित्य पहनी
हुई थी उन्हे देख कर ऐसा लग रहा था की उन्होने अंडर कुछ भी नही
पहना है. उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे. मुझे समझ
नही आ रहा था की मई शुरुआत कहाँ से करू. तभी आचनक मेरी
मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया ये उस हसीन रात की शुरुआत थी.
मैने भी मामी की कमर को पकड़ क अपने आयार खिच लिया और उन्हे
चूमने लगा.उनके गालो को चूमते चूमते मई उनके हूथो तक पहुच
गया. जब मैने धेखा की मेरी मामी मेरे चुम्मो का आनंद ले रही है
तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया . मेरा हाथो ने जैसे
ही उनके बतलो को छुआ यो काप सी गयी मुझे उनके बूब्स चुने मे
बहुत मज़ा आ रहा था . वो बहुत नरम थे तभी मैने उनकी नित्य को
उनके कंधे से नीचे उतार दिया उनके चिकने बूब्स अब पूरी तरह से
मेरे हाथ मे थे मैने अपनी उंगलियो से उनके गुलाबी निपल को रगड़ना
शुरू किया तो वो काफ़ी उत्सुक हो गयी और मेरे लॅंड को कस क पकड़
लिया. मैं अपना चेहरा उनके बतलो क पास ले गया और अपने गालो और
जीभ से उनके बतले को सहलाने लगा . मैने अपने हाथ से उनके बूब
को पकड़ लिया और चुने लगा ऐसा करते ही मेरी मामी पागल सी हो
गयी उन्हो ने मेरा लॅंड और कस क पकड़ लिया और सहलाने लगी फिर
मैने औनी पेंट की ज़िप खोली और अनपने छ्होतू को निकल के उनके हाथ
मे दे दिया. मेरी मामी बहुत अच्छी तरह से मेरे छ्होतू को सहला रही
थी तभी मैने उन्हे पलंग पर बैठा दिया और उनके सामने जाकर
खड़ा हो गया . वो समझ गयी की मैं चाहता था की वो मेरे लॅंड को
चूसे उन्हो ने मेरे लंड को कस क पकड़ा और चूमने लगी.

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मैने उन्हे अपने लॅंड को मु मे लेने को कहा उन्हो ने मेरे छ्होतू क
सामने वाले हिस्से को जिसे हम सूपड़ा कहते है उसे मु मे ले लिया
मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था मैं और मज़ा लेना चाहता था मैने अपनी
मामी क सिर को पकड़ा और अपना लॅंड को और अंदर घुसता चला गया
देखते ही देखते मेरा पूरा का पूरा लॅंड उनके मु क उंड़र था मुझे
काफ़ी मज़ा आ रहा था मुझे लगा की मेरा लास कही उनके मु मे ही ना
गिर जाए इसलिए मैने अपने छ्होतू को निकल लिया. उसके बाद पता नही
मामी को क्या हुआ मामी ने फिर से मेरा कांड चूसना शुरू कर दिया मेरा
लॅंड फुल्सिज़े का हो गया था फिर मई पूरा नंगा हो गया मामी की नित्य
भी पूरी उतार दी उनको नंगा देखकर मेरा लॉडा पूरा सनसना उठा अब
मेरे लॉड को कुछ चाहिए था तो वो थी मामी की छूट मई ने मामी को
बिस्तर मे लेता दिया और उनके उपर चाड गया और अपने लॅंड से उनकी
छूट को सहलाने लगा फिर थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना लॅंड उनकी छूट
मे डाला तो मेरी मामी के मु से आवाज़ निकली “अओउूचह” ऐसा लगा
जैसे मामा ने उन्हे कभी छोड़ा ही नही मई ने कॉंडम भी नही लगाया
था मैं ने अपनी मामी को कस के पकड़ लिया और अपना लॅंड और अंदर
घुसता चला गया मेरिमामी दर्द से सीमित सी गयी थी. थोड़ी देर
बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा मैने जब छोड़ते हुए अपनी मामी क चहरे
की तरफ देखा तो वह आखे बंद कर के मुस्कुरा रही थी उन्हे काफ़ी
आनंद आ रहा था.फिर मैने आपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा वो
दोनो घुटनो और हाथो क बाल अपनी गांद मेरी तरफ करके लेट गयी.

मैने अपने हाथो से उनकी गांद को पकड़ कर पहला दिया मुझे उनकी
गांद का छेड़ नज़र आ रहा था . मेरा लॉडा उसमे घुसने को बिल्कुल
तय्यार था मैने अपना लॉडा जैसे उनकी गंद मे टीकाया तो मेरी मामी ने
माना कर दिया कहने लगी की गंद मे घुसने मे बहुत दारद करता है
. लेकिन लॉडा है की मानता नही मैं ज़िद करने लगा तो मामी मान
गयी और कहा किन धीरे धीरे घुसना मैं अपना लॉडा ले कर
तय्यार हो गया और घुसने लगा मैं जनता था की मामी को दर्द हो
रहा है लिकिन मुझे मज़ा आ रहा था उनके गांद का छेड़ बहुत छोटा
और टाइट था बहुत मुस्किल से अंदर घुस रहा था मैने भी पूरा ज़ोर
लगा दिया. धीरे धीरे जघा बनती गयी और छेड़ फैलने लगा मेरा
लॅंड और अंदर घुसता चला गया . मैं अपने लॅंड को अंदर बाहर
करता गया मामी की चिकनी चिकनी गंद मे मेरा लॅंड मज़े कर रहा था
फिर मैने अपना लॅंड उनकी गंद से निकल लिया और मामी को लेता दिया
और उनके पेट पे बैठ गया और अपने लॅंड को दोनो बूब्स क बीच
सहलाने लगा मैने अपनी मांीसे कहा की क्या चिकना बतला है तो मामी
शरमाने लगी . मैने अपनी मामी से कहा की मेरे लॅंड को चूसो ना तो
मामी ने मेरे लॅंड को पकड़ा और अपने गालो से सहलाने लगी और मुझसे
पूछा की कैसा लग रहा है मैने कहा पहले चूसो तो. तब मामी मेरे
लॅंड को अपनी जीभ से चूसने लगी और दाटो से काटने लगी मैं तो
मज़े मे पागल हो रहा था मुझसे सहा नही गया और मैने उनके मु मे
ही गिरा दिया मामी मेरे लास को चाटने लगी . मेरे मामी ने कहा की ये
तुनने क्या किया मैं समझ गया की मामी अभी और छुड़वाना छाती है.
मैने कहा की घबराऊ नही अभी मैं तुम्हे और छ्चोड़ूँगा. लेकिन मेरा
लॅंड मुरझा गया था.

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