मैडम की चूत बहुत गरम है

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ से बात शुरू करूँ.. तो मैडम ने ही मुझसे पूछ लिया- तुम्हारा कितने इंच का है?
मैं समझ तो गया था कि मैडम किसके बारे में बात कर रही हैं.. पर फिर भी अंजान बन कर पूछ लिया- आप किस बारे में बात कर रही हैं?
तो मैडम ने कहा- मैं तुम्हारे लंड के बारे में बात कर रही हूँ।
यह सुन कर तो मैं सन्न रह गया.. मैंने कहा- आप ही अंदाज़ा लगा लो..
मैडम ने कहा- 6 इंच का तो होगा ही..
तो मैंने कहा- मैडम बस उससे बस एक इंच बड़ा है।
मैडम आश्चर्य से बोलीं- ओह.. 7 इंच का है..
तो मैंने कहा- हाँ..

मैडम कहने लगीं- जब मैं आई और तुम कपड़े पहन रहे थे.. तो मैंने तुम्हारा लंड देखा था.. बहुत बड़ा और बहुत खूबसूरत है..

मैंने सोचा जब मैडम खुद चुदने के लिए नंगी हो रही हैं तो मैं क्यों नहीं होऊँ.. तो मैंने मैडम से बोल दिया- आप बोलो तो नजदीक से दीदार करा देता हूँ आपको..
मैडम ने कहा- क्या ऐसा हो सकता है?
मैंने कहा- हाँ.. क्यों नहीं.. अगर आपको कोई ऐतराज़ न हो तो..
मैडम ने कहा- मैं तुम्हारा लंड देखना चाहूँगी।
मैंने कहा- लो.. खुद ही देख लो मैडम..

वो धीरे से मेरे पास आईं.. मैं हॉल में रखे पलंग पर बैठा था।
मैडम मेरे पास आईं और पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को टटोलने लगीं, फिर धीरे से मेरा पैंट नीचे करने लगीं.. जैसे ही उन्होंने पैन्ट नीचे किया.. मेरा 7 इंच लम्बा लंड मैडम की आँखों के सामने था।

मैंने तब मैडम की आँखों में एक अजब सी ख़ुशी देखी.. उस ख़ुशी को देख कर मैं भी खुश हो गया और जोश में आ गया।
मैडम मेरे लण्ड से बहुत खूबसूरती से खेल रही थीं।
मैं भी उसका मजा ले रहा था.. वो मेरी और देख कर बोलीं- मैं तुम्हारे लंड को अपने आपमें समाना चाहती हूँ।
तो मैंने कहा- मैडम आज आप जैसा चाहोगी.. वैसा होगा.. आज मैं आपका हूँ।

मैडम बहुत प्यार से मुस्कुराईं और उन्होंने मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया।
मुझे सहन ही नहीं हुआ और मेरे मुँह से ‘आह्ह्ह..’ की आवाज़ निकल गई।
मैडम बहुत ही प्यार से मुखचोदन कर रही थीं।
वे लौड़ा चचोरते समय ‘अम्म्म.. अम्म्म..’ की आवाज़ निकाल रही थीं।

ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड खा ही जाएंगी, मेरी दिल की तमन्ना आज पूरी हो रही थी.. तो मैं भी उत्तेजित था।
मैडम मेरे लंड को गले तक ले रही थीं।
मैंने कहा- मैडम मेरा निकलने वाला है..
उस पर मैडम ने कहा- मैं चखना चाहती हूँ।
और मैं मैडम के मुँह में ही झड़ गया, मैडम ने एक बूंद भी नहीं छोड़ी.. सब निगल गईं।

अब मेरी बारी थी.. तो मैंने मैडम को कहा- मैं भी आपको बिना कपड़ों के देखना चाहता हूँ।
मैडम ने कहा- अब कपड़े भी मैं ही उतारूँ?
मैडम का इशारा मैं समझ गया और उनका गाउन नीचे से पकड़ कर ऊपर कर दिया।
अब वो सिर्फ चड्डी पर थीं.. ब्रा तो पहनी ही नहीं थी।
तो मैं सीधा उनकी चूचियों पर लपका, उनके बड़े और गोरे चूचों को बस पीता गया, वो ‘आह्ह्ह.. आह्ह्ह..’ करती रहीं।

एक हाथ मैंने उनकी चड्डी में डाल दिया.. एक हाथ में उनका एक चूचा था।
मेरे मुँह में उनका दूसरा बोबा था।
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी।

फिर वो कहने लगीं- और मत तड़पाओ.. बस अब अपना लंड मेरी चूत में डाल कर.. चूत को शांत कर दो।
मैं मैडम को और थोड़ा तड़पाना चाहता था.. तो मैंने कहा- अभी तो मैंने आपकी चूत चखी ही नहीं।
तो चूत फैलाते हुए बोलीं- लो चख लो और खा जाओ मेरी मुनिया को..

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए, मैं उसकी चूत अन्दर तक जुबान डालकर चाटने लगा।
‘आअह्ह.. आह्ह्ह.. ओहह…’ मैडम सीत्कार करते हुए जोर से झड़ गईं और उसका कुछ नमकीन से पानी से मेरा मुँह भर गया।
मेरा लंड अब अपने शवाब में था।

मैंने उसे गोद में उठा लिया और उनके बेडरूम में ले गया।
बिस्तर पर चित्त लिटा कर मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधे पर रख कर उनकी चूत के मुँह पर अपना लंड रखा और ज़ोरदार झटका मार दिया।
एक ही बार में मेरा पूरा 7 इंच का लंड चूत की गहराई तक पहुँच गया और मैडम जोर से चिल्ला पड़ीं- आआ.. आआऊऊच..

मैं थोड़ी देर रुक कर मैडम के मम्मों को चूसता रहा। फिर मैडम ने खुद ही धक्के लगाने शुरू किए.. तो मैंने भी जोश में आकर जोरदार झटकों की बारिश शुरू कर दी- आअह्ह.. ऒओह.. आहहाह..

इन आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था।

फिर वो वक़्त आया.. जब मैं झड़ने वाला था.. तो मैंने मैडम से पूछा- कहाँ निकालूँ?
मैडम ने कहा- अन्दर ही डालो.. कई सालों से मेरी चूत ने ये पानी चखा नहीं है।
मैं 8-10 धक्कों के बाद मैडम की चूत में झड़ गया और कुछ देर मैडम के ऊपर ही पड़ा रहा।
मैंने मैडम से कहा- आप बहुत गरम माल हो..

फिर मैं और मैडम साथ में उठे और नहाने चले गए और बाथरूम में मैडम के साथ एक बार फिर शावर में जम कर चुदाई की।
अब मेरी शादी हो गई है और मैडम अब किसी वजह से मेरे साथ नहीं हैं.. पर जब भी वो दिन याद आते हैं.. मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
आज भी मुझे ऐसी ही किसी की तलाश है.. देखो कब नसीब साथ देता है।

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