पिछले पार्ट मे अपने पढ़ा की चाची उपर से नंगी हो गयी और अपने चुचे बाहर निकल कर मेरे हाथो मे दे कर दबाने लगी.
अब आयेज..
चाची- जी सुनो ना…
मई- उम्म्म्ममममम… मज़ा आ गया.. हन बोल?
चाची- आज से गाओ मे 1 हफ्ते के लिए रोज मेला लगेगा, ह्यूम भी उसमे जाना है अगर हुमारे मर्द की इज़ाज़्ज़्त हो तो.
मैने चाची का निपल मरोड़ दिया और खिचने लगा.
चाची- आआआआाआउऊचह..हुहह..हुहह….आहह..आहह..
मई- आछा अब मेला जाएगी तू मेरी इज़ाज़्ज़त के बिना..?
तभी गत्री मेरी लूँगी मे हाथ डाल कर लंड मसालने लगी.
मा- जी नही आपसे पूछ कर जाएँगे आपके साथ. अगर आपकी पर्मिशन हो तो.
चाची- आप तो मर्द हो हमारे आपके बिना कैसे जेया सकते है.
मई- हन सोचना भी मत जाने की मेरे बिना.
दोनो मेले मे जाने के लिए मुझे रिझाने लगी तो मेरा भी मूड बनने लगा. तभी मा ने चाची को इशारा किया और चाची यूयेसेस तरफ मुउद गयी और उनकी मोटी चींकी गांद मेरी तरफ आ गयी जिसको चाची मसालने गयी.
चाची- अपने मर्द को खुश कर देती हू, तभी वो हुमको जाने देंगे.
उम्म्म्ममम मेरा मोटा लंड चाची के मुलयूं छ्होटे से गांद के च्छेद को चीरने के लिए फड़कने लगा. चाची ने अपना घग्रा नीचे कर दिया और जैसे ही मेरा टोपा उनकी गांद मे घुसा वो तभी से काप गयी.
चाची- आआआआआआआआआआआआहह…म्मर्र जवँगा……उउम्म्म्मममम..
पर क्या करे अपने मर्द को खुश करने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा उउम्म्म्म…
मैने चाची की कमर पकड़ी और लंड घुसाने लगा.
मई- उउम्म्म्ममम..भेंचोड़ तेरी गांद मारे हुए बहोट टाइम हो गया, आज तेरी खेर नही.
चाची- आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह..फटत जाएगीइ…..आराम से म्मुम्मय्ी…आआआआआआआआआआआआआआआआअहह..
पीछे से मा भी मुझे चुऊँ कर गरम कर रही थी. चाची दर्द से आयेज भागने लगी की तभी मैने पकड़ा और फफककककककककककककचह लंड घुसेड डाला. चाची की सास रुक गयी, छूट का पानी निकल पड़ा और बहोट तेज चीख पड़ी.
चाची-आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआवउम्म्म्म..म्ृर गयी….मेरी गांद…..आआआआआआअहहूऊम्म्म्म..उम्म्म्ममममम..उउम्म्म्मम..
मई- चिल्ला साली, मेरी रांड़ तेरी गांद का भोसड़ा बना दूँगा ले भेंचोड़!
और मैने चाची की गांद मे झटका मारा और फक्च से कुत्ते की तरह छोड़ना शुरू कर दिया..
ग्घहप्प्प्प…ग्घप्प्प..ग्घप्प्प…आआआआआअ….ग्घप्प्प..ग्घप्प..
फचह…फच..फच्छ..फच्छ..आआआआआआआआआअहह…मॅर गयी…उउंमाआआआआआआआआआआहह..
फच..फच..फच्छ..फच..फच….फचककककककच….फफफककक्चह..
धप्प्प्पाा..द्धप्प्प्प..द्धप्प्पाा…द्धप्प्प…द्धपााअ…द्धप्प्प
आआआआआआआआआआआआआआआआअहह..बस..आ..आआआआआआआआआआआआआआआअ…..आअहह..
आहह..आहह.आ.आहह..फफचह..फक्चफ़.सी.च्च्छ…फचह..
चाची का चेहरा लाल पड़ा गया और जिस्म काप्ता जा रहा था. अपनी चींकी नाज़ुक गांद मे मेरा लंड लेना कोई मज़ाक नही था. और जेसे ही मेरा लंड बाहर निकलता चाची की गांद से मा उसको एकद्ूम से चूसने लगती मूह मे लेके.
मा- उम्म्म्म…प्पुच्छ..उउंम्म..उम्म्म्ममममम..उम्म्म्मम…उम्म्म्म..स्पस्र..स्परर.स्पपररर
आल्लग्ग….गग्ग्ग.ग.ग्ग्ग.अललग्ग..उउंम..स्पस्र..स्परर..स्परर…आल्लगगज्गग…आलागग्ग…स्सपप्ररर..स्पररालालगग्ज्ग..
उम्म्म..पुच्छ..प्पुच..स्परर..स्परर..उम्म्म..
मई- क्या चुस्ती है तू…उम्म्म्म..आहहुउम्म्म्म..
आल्लग्ग…उउंम्म..स्प्सरर..स्परर..पुउच्च…
ले साली अंदर तक…आआआहह..
और फिर मेरा लंड खड़ा हो जाता और चाची की गांद को रग़ाद कर छोड़ देता, मज़ा आ गया. यूयेसेस झोपडे मे मैने चाची की गांद को छोड़ छोड़ कर अंदर तक खोल दिया. और अब शाम को मेले मे जाने के लिए मई रेडी था. अपनी दोनो चींकी बीवियो को घग्रा चोली मे लेके मई मेले मे निकल पड़ा.
दोनो की चिकनी कमर मसलता हुए मई हम मेले मे आ गये.
मई- तुम दोनो का जो मॅन करे खरीद लेना.
यूयेसेस गाओ मे औरतो की क्या औकात थी ये तो आप जानते ही हो. उपर से 2-2 बिव्यो का होना यूयेसेस गाओ मे बड़ा मर्द होने की निशानी मानी जाती थी. तो मेरे हाथो मे 2 चिकनी औरतो की कमर देख कर काफ़ी मर्द मेरी खुशकिस्मत होने का मज़ा ले रहे थे.
और सभी इन्न दोनो के मुलयूं पेट और चोली मे आधे भर निकले चुचे भी मजे लेके घूर रहे थे.
मई- हन भाई क्या बेच रहा है?
मेरे पास दोनो चिकनी औरतो को देख कर वो भी जोश मे आ गया.
लेलो भैसाब रात भर पलंग टॉड कर रख दोगे.
मई- अरे वो तो मई अभी भी टॉड कर रख देता हू.
चाची और गत्री दोनो ने शर्मा कर मूह झुका लिया. तभी मैने मा की कमर पकड़ कर खिच ली और उसके सामने ही उसका मुआलयूं पेट और कमर रग़ाद कर मसालने लगा.
मई- कुछ ऐसा दिखा जो इसकी ये चिकनी कमर और चिकनी हो जाए, साली को कच्चा चबा जौंगा.
मा- हुहह..आहूहह.हुहहुह..उम्म्म्म..
लो भैसाब ये लो, ऐसा आयिल है भाभी की कमर पर लगा दो तो माखन जैसी हो जाएगी
मई- ये हुई ना बात!
मैने वो आयिल लिया और वी मा के आधे भर निकले चुचो पर मसालने लगा. मा की सास तेज हो गयी और वो दुकानदार भी मज़े लेने लगा.
“अरे भैसाब यहा अंदर आके लगा दो आचे से भाभी के और चेक भी कर लेना.”
मई- सही बोला तू.
मई मा को अंदर ले गया और 5 मिनिट बाद मा हफ्ती हुई बाहर निकली. पूरी छ्चाटी मेरे लाल दाँत के चबाने के निशान, दुकानवला देख कर लंड मसालने लगा.
मा- चाची वो आपको अंदर बुला रहे है.
चाची शरमाती हुई अंदर चली गयी और मा बाहर वेट करने लगी. अंदर की सिसकिया सुन्न कर मा साँझ गयी की चाची का भी बुरा हाल हो रहा है. 10 मिनिट्स बाद चाची बाहर आई मा देख कर शॉक हो गयी. उनका एक चुचा पुउरा नीला पद गया था.
चाची की छूट गीली पड़ी थी और चुप छाप आके खड़ी हो गयी.
चाची- जेया तुझे बुलाया है उन्होने अंदर.
मा साँझ गयी मेरा शैतान बाहर आ गया है वो चुप छाप अंदर गयी. 10 मिनिट्स बाद मई और मा बाहर आए तो चाची ने देखा मा की चोली मे अंदर खून की बूँद है. मा ने इशारो मे बताया की सुनील ने निपल उखाड़ लिया उसका और चबा कर खा गया. चाची ने शर्मा कर मूह झुका लिया और फिर मैने वो 10 बॉटल लेली और मेले मे आयेज घूमने लगा.
अपनी दोनो चिकनी औरतो की कमर पकड़ कर मई मेला मज़े से घूम रहा था और मेरा रोब भी आछा पद रहा था. तभी गाओ एक चौधरी भी अपनी 2 बीवियो के साथ घूमता हुआ आया.
अरे लगता है रामपाल के जैल जाने के बाद अब कोई बचा नही.
मई- (चाची और मा की कमर माल्टे हुए) अरे चौधरी रामपाल नही है तो क्या हुआ. हम है ना उसके खेत और लुगाई के लिए. अब ये दोनो लुगाई मेरी है.
तभी चौधरी के साइड मे खड़ी उसकी 40 साल की बीवी मुझे घूर कर देखने लगी कैसे मैने उन्न दोनो की कमर पकड़ रखी है नोच कर. चौधरी मेरी 2 बीविया का रोब देख कर खुश ना हुआ उसको लगता था वो ही सबसे ब्डा चौधरी है गाओ मे.