मई बनी अपने बाप की रखैल भाग 2

ही दोस्त इस कहानी के फर्स्ट पार्ट मई आपको पता चल गया की कैसे पापा ने मेरी ज़बरदस्त चुदाई की और मेरी नंगी बदन की फोटो भी क्लिक कर लिया और मुझे ब्लॅकमेल करने लगे. तो ये कहानी उसके 2 महीने बाद की है.

पिछली कहानी यहा पर पढ़े – मई बनी अपने बाप की रखैल

एब्ब पापा का मेरी चुदाई करना आम बात हो गया था. जब भी मम्मी घर से बाहर होती पापा मेरी चुदाई करने लगते. मुझे भी अब इसमे मज़ा आने लगा था. मुझे हुमेशा से अपने आप को मर्दो को सोप देने मई मज़ा आता था. वो जैसा चाहे मई वैसा करती थी. मुझे ऑर्डर फॉलो करना अक्चा लगता था.

जैसा की मैने आप को बताया था की मेरे पापा का बिज़्नेस कुछ सालो से अक्चा नही चल रहा था. जिसकी उनके क्लाइंट भी कम होते जा रहे थे. तभी उनका एक आफ्रिकन क्लाइंट एक बंगलो देखने आने वाला था और अगर ये डील हो जाए तो पापा का बिज़्नेस दुबारा ट्रॅक पे आ जाएगा.

तो एक दिन पापा नशे मे मेरी चुदाई करने के बाद मेरे बगल मई बैठ के सिगरेट पी रहे थे. तभी उन्होने मुझसे कहा की क्ल उनका एक क्लाइंट आ रहा है आफ्रिका से वो उनका बहुत ज़रूरी क्लाइंट है और उन्हे पता चला है की उसको देसी लड़कियाँ बहुत पसंद है.

उन्होने ने कैसे भी मुझे वो बुंगलो खरीदने को खरीदनाव के लिए उससे राज़ी करना था. मई साँझ गयी की पापा मुझसे क्या चाहते है. पहले तो मैने माना कर दिया बुत उन्होने फोटो को मम्मी को दिखा देने की धमकी देने लगे. मेरे पास अब कोई रास्ता नही बचा था. मैने हन कर दी.

दूसरे दिन मई वाइट कलर की शर्ट और नेवी ब्लू स्कर्ट पहें के क्लाइंट से मिलने गयी. मैने ना ब्रा पहनी थी ना पनटी और मैने कॉंडम भी पहले से रख लिए थे. क्यू की मई अभी प्रेग्नेंट नही होना चाहती थी.

इश्स घबराहट मई मुझे मज़ा भी आ रहा था. मुझे क्लाइंट से बंगलो पे ही मिलना था उससे बंगलो दिखना था. तो मई पहले पहुच के खुद जगह देखने लगी क्यू की मई भी यहा पहली बार आई थी.

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कुछ देर बाद वाहा एक ब्मो आके रुकी और उस्मआ से एक कला लंबा चारा सा एकद्ूम हॅंडसम आदमी निकला. वही मेरा क्लाइंट था. मैने उससे अंदर वेलकम किया. उसका नाम जेम्ज़ था.

मई तो उससे देख के ही गीली हो गयी थी. मई उससे ऐसे ही छुड़वा लेती. फिर मैने उससे घर दिखना चालू किया वो घर कम मेरी गंद जाड़ा देख रहा था. मई भी ये नोटीस कर रही थी बुत मैने कुछ नही कहा और मई उससे लुभाने मई लग गयी.

मई उससे बाल्कनी मई लेजके सीनरी देखने लगी. तभी आकनक से बारिश शुरू हो गयी और हम दोनो भाग के अंडर चले गये. क्यू की मैने हील्स पहेने थे तो मई ठीक से नही भाग पा रही थी. और मेरी शर्ट भीग गयी.

एब्ब मेरे वाइट शर्ट मानो ट्रॅन्स्परेंट हो गया था. वो सॉफ सॉफ मेरी हार्ड निपल्स देख पा रा था. मई अपनी निपल्स को बूब्स से छिपाने की कोशिश करने लगी. जेम्ज़ को बुंगलोव तो पसंद आ गया था मगर वो पेसे बहुत कम ऑफर कर रहा था. जिस्मै पापा को कुछ खास मुनाफ़ा नही हो पता. मई साँझ गयी थी की एब्ब मुझे इसके साथ सेक्स करना ही परेगा वरना डील हाथ सेनिकल जाएगी.

मैने अपने बूब्स पे से फाइल्स हटा दिए और उससे सिड्यूस करना चालू कर दिया. मई धीरे से उसके करीब गयी और उसके लंड पे हाथ रख के मसालने लगी. उसका तुरंत खरा हो गया.

मई उसके पंत के उपेर से ही बता सकती थी की उसका लंड कम से कम 11 इंच का होगा. मई अंडर ही अंडर घबरा गयी. मागर एब्ब मई क्या ही कर सकती थी. भीग तो वो भी गया था मई उसके बदन का पानी हूथो से चूसने लगी.

एब्ब वो पूरी तरह से तुर्न ओं हो चुका था. उसने अपने हाथ से मेरा गला पकड़ लिया और मुझे किस करने लगा मुझे तभी उसकी ताक़त का अंदाज़ा होने गया था. मई भी उससे किस करने लगी और उसके कानो मई कहा की इसके बदले मई वो दाम को बढ़ ही सकता है. वो मुस्कुरआया और मुझे किस दुबारा किस करने लगा. जेम्ज़ शुरू से ही कम बोला करता था.

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उसने मुझे गोद मई उठा लिया और बालकनी मई ले गया. हम दोनो पूरी तरह से भीग गये. सयद उसकी फॅंटेसी थी बारिश मई सेक्स करना. उसने मेरे शर्ट पकड़ के ऐसा खिछा की शर्ट के सारे बटन टूट गये. और मेरी बूब्स को मु मई लेकर चूसने लगा.

मुझे भी पूरा जोश चाड गया. मेरे मूह से अपने आप आअहह….ह…. निकालने लगा. मई चाहती थी की वो मेरे बादाम के हर एक पार्ट तो चूज़ उसके लिप्स कमाल के थे. मैने भी उसका सूट घड़ी और शर्ट खोल दिया.

वो मेरी स्कर्ट मई हाथ डाल के मेरी छूट मसालने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरी स्कर्ट भी खोल दी. एब्ब मई बारिश मई पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी.

फिर उसने दो उंगली मेरी छूट मई डाल दी और हिलने लगा. मेरा तो तुरंत ही पानी निकल गया. ना जाने क्या कमाल था उसकी उंगलियों मई. फिर उसने मेरे कंधे पे हाथ रख कर मुझे घुटनो पे बैठा दिया.

मैने भी उसका पंत खोलना स्टार्ट कर दिया. उसने चड्डी नही लगाया था जैसे ही मैने उसका पंत खोल उसका लंड एकद्ूम खड़ा था. मई सही थी उसका लंड 11 इंच का था.

एब्ब वो रफ होना चालू हो गया था. उसने मेरा सिर पकड़ मई लंड मेरे मु मई दे दिया. मई भी उससे खुशी खुशी चूसना चालू किया. मगर थोरी देर बाद वो खुद फोर्स लगाने लगा और मेरे मु को छोड़ना चालू कर दिया.

उसका लंड मेरे गले मई लाग रहा था. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैने उससे रोकने की भी कोशिश की मगर वो नही रुका. मेरे आँख से आँसू निकल गये. मगर उसने मेरे सिर को इति ज़ोर से पाकर रखा था की मई सिर तक हिला नही पा रही थी. मगर उससे कोई फराक नही प्र रहा था.

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