कुछ देर उसने ऐसे ही लंड को अंदर रखने के लिए कहा. थोड़ी देर रुकने के बाद मैं अब उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि रतिजा की चूत को चोदने में मुझे कितना मजा आ रहा था. थोड़ी ही देर में उसकी चूत से फच-फच की आवाज आने लगी.
वो भी कमर हिला-हिला कर चुदाई करवा रही थी. मेरी गोटियां उसके चूतड़ों से जाकर टकरा रही थी. अबकी बार का यह राउंड बीस मिनट तक चला. वो भी कमर हिला हिला कर मजा लेने लगी. मैं झड़ने को हुआ तो मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल लिया. लंड को बाहर निकालते ही मैंने उसकी चूचियों पर सारा माल गिरा दिया.
फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और वो भी मुस्कराने लगी.
मैंने उससे मुस्कराने का कारण पूछा तो वो बोली- बहुत मजा दिया तुमने. एक राउंड और कर दो.
मैंने कहा- लेकिन अभी लंड खड़ा नहीं हुआ है.
उसने मुझे साइड किया और मेरे सोये हुए लंड को हाथ में लेकर बोली- इसको तो मैं चूस-चूस कर खड़ा कर दूंगी.
पता नहीं उसके मुंह में ऐसा क्या जादू था. जैसे ही उसने मेरे लंड को मुंह में लिया तो मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो गया. पांच मिनट तक लंड को चूसने के बाद उसने लंड को पूरा टाइट कर दिया.
फिर वो बोली- लो, अब ये तैयार है.
मैंने उससे कहा- तो फिर तुम भी अब घोड़ी बन जाओ.
रतिजा ने मेरे सामने अपनी गांड उठा दी. उसकी चूचियां नीचे झूलने लगीं. मुझे जोश चढ़ गया और मैंने उसकी गांड में जीभ लगा दी. मैं उसकी गांड को जोर से चाटने लगा. वो भी सिसकारियां लेने लगी.
दो मिनट के बाद वो बोली- डाल दो अब!
मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में लंड को पूरा का पूरा पेल दिया.
वो भी मेरे धक्कों का जवाब धक्कों से ही देने लगी.
20 मिनट का दूसरा राउंड खत्म होने तक दोनों हांफने लगे. मैंने उसकी चूत में से लंड को निकाल लिया और एकदम से उसकी पीठ पर माल को गिरा दिया.
अब दोनों बुरी तरह से थक गये थे. दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे. फिर हम उठे और उसके बाद हम दोनों नहाने के लिए गये. बाथरूम में जाकर हम दोनों साथ में नहाने लगे. उसकी भीगी हुई नंगी चूचियों को देख कर मेरे लौड़े में फिर से तनाव आना शुरू हो गया.
मैंने उसको पलट दिया और उसके चूतड़ों के बीच में लंड को लगा दिया. वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर दबाने लगी.
मैंने कहा- डाल दूं क्या?
वो बोली- हां, किसका इंतजार कर रहे हो?
मैंने उसको थोड़ा सा झुकने के लिए कहा. जैसे ही वो झुकी तो पीछे से मैंने उसकी चूत में लंड को डाल दिया और उसकी चूत को चोदने लगा.
अब मैं उसकी चूत में धक्के लगाते हुए उसकी चूचियों को भी दबा रहा था. दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने लंड को निकाला और नीचे फर्श पर पिचकारी मार दी.
मैंने कहा- एक बार अपने दूध तो पिला दो.
वो बोली- ठीक है, पी लो.
मैंने उसकी चूचियों को चूस-चूस कर लाल कर दिया. उसके बाद मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड की चुदाई भी करनी है.
गांड चुदाई का नाम सुनते ही वो गुस्सा हो गई और बोली- अपनी हद में रहो.
मैंने उसको सॉरी बोला.
फिर हम दोनों बाहर आ गये. मैंने अपने कपड़े पहन लिये और उसने भी अपने कपड़े पहन लिये. जब मैं जाने के लिए कहने लगा तो उसने मेरे हाथ में 2000 रूपये का नोट थमा दिया.
वो बोली- अच्छा मजा दिया तुमने.
मैंने पैसे लेने से इन्कार कर दिया.
वो कहने लगी- अपनी टिप समझ कर रख लो.
फिर मैंने उसे हग किया और मैं रूम से बाहर आ गया.
तो दोस्तो, यह थी रतिजा की चुदाई से मेरे जिगोलो बनने की कहानी.
आपको मेरी पहली स्टोरी कैसी लगी मुझे बताना जरूर. आप मेरी सेक्स स्टोरी पर अपना फीडबैक देने के लिए मुझे नीचे दिये गये ई-मेल आईडी पर मैसेज करें.