सविता- आहह जीजू सच मे लंड बहुत मजेदार है आपका. अब तो इसे रोज अपनी छूट ठंडी कार्ओौनगी… उम्म्म्म उम्म्म्म गुप गुप गुप गुप…
अब मैने सविता को उठाया और सोफे पेर फिर से लेता दिया. मैने पास मे ही रखे कॉंडम को अपने लंड पेर चड़ाया और लंड को सविता की छूट के उपेर रब करने लगा.
सविता- उफफफफ्फ़ जीजू डाल दो ना प्लीज़ आहह मत तड़पाव.. मे आपकी रंडी छीनाल ह्ज मेरा पति नमार्द हिजड़ा था मेरी छूट बहुत प्यासी है उम्म्म्म आहह डाल दो ना प्लीज़..
सविता ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और छूट के अंदर डालने लगी.
मैने भी देर ना करते हुए अपने लंड को प्रेस क्रना शुरू किया. और कॉंडम बीच मे ही फट गया. मैने जल्दी से लंड बाहर किया और कॉंडम निकल दिया उसके बाद बिना कॉंडम ही सविता की छूट मे लंड फसाने लगा.
सविता- जीजू प्लीज़ अंदर पानी म्ट गिरना मे आपके आयेज हाथ जोड़ती हू प्लीज़ समझो ना बात को अब बाहर ही रग़ाद दो.
मे- हा मेरी जान अंदर नही गीरौंगा प्रोमिसस है मेरा.
और इतना बोलते ही मैने लंड को एक ही झटके मे सविता की छूट मे उतार दिया और सविता की चीख थोड़ी ज़ोर से निकल गयी.
सविता- आहह जीजू उम्म्म्म मार गयी आहह माआ..
उसकी इस चीख से श्रद्धा बेडरूम से बाहर आई और हमे देख के वापस अंदर भी चली गयी हेस्ट हुए.
अब मैने अपने लंड को छूट मे रगड़ना स्टार्ट किया और धक्के लगाने शुरू किए. जेसे जेसे मेरे लंड के झटके सविता की छूट मे जा रहे थे. वेसए वेसए ही सविता सातवे आसमान की तरफ उड़ रही थी.
सविता- आहह जीजू ऐसा लग रहा है जेसे आज पहली बार लंड मिला है मुझे उफफफ्फ़… ज़ोर से छोड़ो अपनी इस रंडी को उफफफ्फ़ एसस्स आहह.. और ज़ोर से फाड़ दो मेरी छूट उम्म्म्म यहह आहह..
मे- आहह साली रांड़ ये ले फूच फुच फुचह फुचह फुच.. साली मदारचोड़ रंडी बहुत मजेदार छूट है तेरी. तेरी छूट को छोड़ छोड़ के भोसड़ा क्र दिया है मैने फिर भी तेरी छूट का मज़ा वही का वही है पहले की तरह आहह साली.. फुच फुचह फुचह…
मैने अपनी स्पीड को पूरी तरह से बड़ा दिया इस वक़्त मे भी अपने चरमोत्कर्ष पेर था. और सविता को गंदी गंदी गलियो के साथ छोड़ रहा था. सविता चुदाई मे इतना खो गयी थी की इस समय मे उसकी छूट मे भी पानी गिरा देता तो वो माना नही क्रती.
लेकिन मैने आपने आप को रोक लिया और अपना लंड बाहर खींच लिया. सविता अधमरी से हालत मे मेरे नीचे पड़ी हुई थी. और मे अपने लंड को सविता के जिस्म के उपेर किया और हाथ से हिलने लगा.
मैने अपने लंड को 4-5 बार ही हाथ से रगड़ा की मेरे लंड से बहुत सारा पानी सविता के जिस्म के उपेर चोर दिया. ज़्यादातर पानी सविता के बूब्स पेर गिरा मेरा इतना सारा पानी देख क्र सविता हैरान ही गयी. और मे भी अपना मूठ गिरा के उसके उपेर ही लेट गया. थोड़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे से चिपक क्र लेते रहे.
सविता- उफफफफ्फ़ जीजू मज़ा ही आ गया मेरी प्यासी छूट को 3 बार झाड़ा दिया आज तुमने.
मे- मेरी रांड़ मुझे भी बहुत मज़ा आया. लेकिन तुम अपनी बेहन को थॅंक्स बोलना मत भूलना ये सब उसी की वजह से हुआ है. वेसए तुम्हारी केर बहुत क्रती है वो तभी तो तुम्हारी प्यास मिटाने के लिए वो यहा से चली गयी.
सविता- हा जीजू उसके जेसी बेहन और तुम्हारे जेसा जीजा मुझे हेर जानम मे मिले.
हम दोनो ऐसे बाते करते रहे उसके बाद हम दोनो वही सोफे पेर ही एक दूसरे के उपेर सो गये.