हेलो गाइस मे देव कुमार शर्मा एक बार फिर आपके सामने अपनी ज़िंदगी का एक रियल किस्सा शेर करने के लिए आया हू. पहले तो आप सब से माफी चाहूँगा की बहुत दीनो बाद मे आपके सामने आया हू. लेकिन क्या करू रियल कॉंटेंट मे जो मज़ा है वो और कही नही.
तो फिर शुरू हो जाओ इस स्टोरी को पड़ने के लिए. सभी लंड धारियो और छूट रानियो से अनुरोध है की अपने अपने ओज़र पे हाथ रख ले. क्यूंकी अब आपको हिलना या उंगली तो करना ही पड़ेगा ना.
वेसए मे देव कुमार हू मेरे बारे मे आप जानते ही होंगे. और मेरी साली सविता जिसकी आगे 24 और फिग 32.30.34 दिखने मे एक दूं कंचा माल.
तो फ्रेंड्स ये कहानी है मेरी और मेरी जवान सेक्सी कमसिन शादीशुदा साली सविता के बीच. हा दोस्तो वही सविता जिसे मे पहले भी बहुत बार अपनी बीवी के साथ छोड़ चुका हू.
लेकिन आप तो जानते ही हो ना पति पत्नी और वो के बीच की लड़ाई मे क्या होता है तो बस मेरे साथ भी वही हुआ.
वक़्त के साथ साथ मेरे और साली साहिबा के चुदाई भरे रिश्तो मे थोड़ी दूरिया हो गयी थी. पहले जहा मे दिन रात सविता के जिस्म का मज़ा क्रटा था. वही अब 2-4 महीने मे एक ही बार क्र पता था.
इसी बीच एक दिन मेरी साली सविता किसी बात को लेकर उसके पति के साथ झगड़ा हो गया. और बात इतनी बाद गयी की दोनो ने एक दूसरे से बात तक करना बंद क्र दिया था और बात डाइवोर्स तक पहुँच गयी.
डाइवोर्स के बाद मेरी साली सविता कुछ दिन तक तो अपने मयके मे रही. लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही जब मे अपने ससुराल गया तो सविता ने मुझ से कहा-
सविता- जीजू मम्मी पापा कुछ दिन के लिए बाहर जा रहे है. तो मे यहा अकेली कैसे रहूंगी आप और श्रद्धा य्चा रुक जाते तो अक्चा होता.
तभी मेरी बीवी श्रद्धा ने कहा-
श्रद्धा- तू हमारे साथ चल हमारे घर वही पेर रुक जाना.
मे सविता की तरफ देख के बोला-
मे- हा ये ठीक रहेगा तुम घर पेर ही चलो इसी बहाने बहुत दीनो बाद फिर से 3सम का मोका तो मिलेगा. अब तो साली साहिबा भी पूरी तरह से फ्री है.
श्रद्धा- चुप करो तुम बस हेर वक़्त एक ही धुन सॉवॅर रहती है तुम्हे तो.
सविता- जीजू मे तो कब से प्यासी हू सच काहु तो आज मेरा जिस्म पूरा निचोड़ देना बस आज ही ले चलो मुझे.
श्रद्धा – देखो मेरे पीरियड्स है तो मुझसे तो तुम दूर ही रहना. और सविता मे तुम्हे इसलिए साथ ले चल रही हू की अब तुम अकेली हो. इसका ये मतलब् नही की तुम मेरे प्यारे पति के साथ मज़ा क्रोगी ये बात तो भूल ही जाओ.
सविता- ठीक है मे उनके पास भी नही जौंगी बस मे अलग सो जौंगी. वेसए भी अब मेरा तो डाइवोर्स हो चुका है तो मेरा क्या ही होगा इस दुनिया मे. मेरी प्यास को तू नही साँझ सकती है.
श्रद्धा- बस बस अब ज़्यादा बकवास मत क्र.
मे इनकी बाते बस सुन रहा था अब भाई लोग अपनी बीवी के आयेज मे क्या बोल सकता हू. अगर वो गुस्सा हुई तो एक छूट है मिलती है अब वो भी माना क्र दे तो फिर मेरा क्या होगा ये सोच क्र मे चुप रहा.
और फिर हम घर आ गये.
रात मे मैं अपनी बीवी श्रद्धा और साली सविता के सात्त्व देख रहा था हॉल मे बेत क्र.
मे- वेब सीरीस लगा डू कोई?
शर्द्धा- कों सी?
मे- गंदी बात.
(सविता हमारी बाते सुन रही थी.)
शर्रधा- तुम्हे बस चुदाई का बहाना चाहिए बताया था ना की मेरा पीरियड्स है तो प्लीज़ अभी नही.
मे- हा तो क्या हुआ देखने मे क्या बुराई है.
श्रद्धा- तुम ही देखो मे जा रही हू सोने और मुझे डिस्टर्ब म्ट क्रना बाकी तुम्हे जो करना है वो क्रो. और सविता तुम ना तोड़ा हिसाब से रहना अपने जीजू के साथ.
श्रद्धा इस तरह उठ के जाने और उसके बात करने के तरीके से हम साँझ गये की वो हमे क्यू अकेला चोर रही है. फिर शर्द्धा उठ के जाने लगी लेकिन उसके इस तरह से उठ के जाने से मे साँझ गया था की वो हमे अकेला चोर क्र गयी है. मतलब् की उसकी पर्मिशन मिल गयी है हम दोनो को.
श्रद्धा के बेडरूम मे जाते ही मे सविता के उपेर टूट पड़ा और उसे बिना रुके जगह जगह किस करने लगा. कभी उसके लिप्स चूस्ता तो कभी गाल कभी नेक तो कभी उसके बूब्स को प्रेस क्रटा.
सविता- उफफफ्फ़ जीजू आहह आज मेरी हवस मिटा दो ना बहुत प्यासी हू मे उफफफफफ्फ़… मेरी छूट को बस आपक लंड ही ठंडा क्र सकता है जीजू उम्म्म्म मुंम्म्म..
मे- आहह मेरी कुटिया तेरी छूट को ऐसा ठंडा कृंगा की तू भी हमेशा याद रखेगी साली रंडी उफ़फ्फ़… क्या जिस्म है आज तो तुझे पूरा नोच लूँगा रांड़. मुहह मुहह मुहह उम्म्म्मम मुहह…
मे सविता के पूरे जिस्म को अकचे से चूस रहा था और सविता को मज़ा भी बहुत आ रहा था.
मे- तुम रूको एक मीं मे आता हू.
सविता- क्या हुआ जीजू प्लीज़ देखो शर्द्धा बड़ी मुश्किल से मानी है उसे नाराज़ मत क्रना.
मे- रुक तो सही मेरी जान.
मे अंदर गया और अपने अलमारी से ब्लिंडफोल्ड और रोप ले आया. मैने रोप से सविता के हाथ को पीछे की और बाँध दिए.
सविता- ये क्या क्र रहे हो जीजू? लिमिट मे क्रना मे ज़्यादा टॉर्चर नही झेल पौँगी, मैने आज तक ब्दसम नही किया.
मे- हा मेरी जान बहुत ही प्यार से कृंगा इतना प्यार से की तू खुद बोलेगी की जीजू रोज ऐसे ही क्रना वेसए भी तेरा पति तो कुछ क्रटा नही था.
सविता- अगर वो नमार्द मेरे साथ क्र लेता तो मे तुम्हारे लंड के नीचे नही आती फिर.
मैने ब्लाइंडफोल्ड को सविता की आँख पेर लगा दिया अब उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था.