माँ को दिया पति का सुख

हाय दोस्तों, में हु सतीश और में गुजरात से हु. मेरे घर में टोटल तिन लोग रहते हे में, मेरा भाई और मेरी माँ. मेरे पिताजी गुजरे हुए चार साल हो गये हे. आज में आप लोगो को बताऊंगा की मैने मेरी माँ को कैसे चोदा. लेकिन उस से पहले मेरी माँ के बारे में आप लोगो को बता दू. मेरी माँ की उमर ३८ साल हे और उसका फिगर का साइज़ ३२-३६-३२ हे. वह दिखने में बहोत ही गोरी और सेक्सी हे.

में मेरी माँ के साथ जब भी बहार जाता या बस में से जाता तो हमारी आस पास के सभी लोग मेरी माँ को घुरके देखते रहते थे. में मेरी माँ के बड़े बड़े बूब्स और उसके फिगर का दिवाना था. में उसके बूब्स और गांड देखने की बहोत कोशिश करता रहता था और कई बार में कामयाब भी हो जाता था लेकिन आज जो में आप लोगो को बताने जा रहा हु वह बात मैने मेरे सपने में भी नही सोचा था. और दोस्तों मुज में ये सब करने की हिम्मत इस साईट पर सेक्स स्टोरी पढ के ही आयी थी. अब हम लोग स्टोरी की और चलते हे. मेरे पिताजी के गुजर जाने के बाद मेरी माँ एकदम अकेली सी हो गयी थी और मेरी माँ तो एकदम पहले से ही सेक्स की भूखी थी.

मेरे पापा उसको हमारे सो जाने के बाद चोदते थे, हम लोग किराये के मकान में रहते थे इसीलिए हमारा घर बहोत छोटा था और हमे एक ही रूम में सोना पड़ता था. जब हम दोनों भाई सो जाते थे तब पापा उसको किसी करते थे और उसके ऊपर चढ़ जाते थे पर ये सब लाईट बंद होने के कारण ठीक तरीके से दिखाई नहीं देता था पर जितना दिखाई देता और जब वो सेक्स करते थे तब माँ की चूत की और मुह की आवाज सुन के मेरे दिल में कुछ कुछ होता था. में तो काई बार सोने का नाटक कर के उसे देखता रहता था. पर अब तो माँ एकदम अकेली थी और उसकी सेक्स की भूख को मिटाने वाला अब कोई भी नही था. ये कई महीनों पहले की बात हे जब हम सो जाते थे तो मेरी माँ अकेले ही आपने आप को शांत कर लेती थी.

मैने कई दफा मेरी माँ को उसकी चूत में उंगली करते देखा था, और एक दिन मैने सोच लिया की मुजे मेरी माँ की हवस को मिटाना ही होगा इस से पहले की वो कही बहार जा कर इसको मिटाने की कोशिश करे. एक दिन मेरे घर में से मेरा भाई उस के एक दोस्त के पास रात को पढ़ाई करने गया हुआ था और घर में सिर्फ में और मेरी माँ दोनों लोग ही थे.

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फिर में जल्दी से खाना खा के सोने का नाटक करने लगा क्योंकी मुजे पता था की मेरी माँ उसकी चूत में उंगली किये बगेर नही सोएगी. और जैसे ही मैने सोने का नाटक किया मेरी माँ को लगा के में सो गया हू और फिर माँ ने उसकी नाईटी को ऊपर किया और उसकी चूत में उंगली करना चालू कर दिया, दोस्तों एक और बात माँ कभी कभी उसकी चूत में ककड़ी और बेलन भी डाल देती थी.

जैसे ही माँ ने उंगली करना चालू कर दिया में थोड़ी देर बाद उठ गया और मैने उसके हाथ को पकड लिया तो माँ बहोत घबरा गई. मैने उसे कहा की यह क्या कर रही हो तुम माँ? माँ ने कहा कुछ नहीं खुजली हो रही थी तू सो जा. मैने कहा नहीं सच बताओ तुम्हे रोज हमारे सो जाने के बाद यहाँ पे खुजली होती हे? तो माँ कुछ भी नही बोली क्योकी मैने उसको रंगे हथो पकड लिया था. अब मुझे मेरे काम को अंजाम देने के लिए मुझे मेरी माँ को थोडा डराना था इसीलिए मैने माँ से कहा आपको जरा भी शर्म नहीं आती आप इस उमर में ऐसे ऐसे काम करती हो अब तो हम भी बड़े हो गये हे और पिताजी नहीं रहे तो क्या तुम ऐसे कम करोगी? अब वो खूब जोर से रोने लगी थी.

मैने माँ से कहा की में अब बड़ा हो गया हु और मुझे पता हे की तुम यह क्या कर रही थी में यह भी समज सकता हु की तुम्हारी चूत की आग को मिटाने वाला अब कोई भी नही हे ऐसे कर के मैने माँ की चूत में धीरे से मेरी उंगली डाल दी तो माँ ने कहा की यह तुम क्या कर रहे हो सतीश? में तुम्हारी माँ हु. तो मैने कहा की हा मुझे पता हे और में इसीलिए कर रहा हु की जिस से घर की बात घर में ही रहे. इससे किसी को कुछ भी पता नही चलेगा और तुम्हारी हवस भी पूरी हो जाएगी. माँ अब ना नहीं कर रही थी और मैने उसका कुछ सुने बिना उसे किस करना शुरू कर दिया..

लेकिन जब उसे भी मजा आने लगा तो वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैने किस करते करते माँ के कपडे उतार दिये और माँ अब मेरे सामने एकदम नंगी हो चुकी थी उकसे बूब्स का तो में पहले से ही दीवाना था और मुझे उसकी चूत को देखने के बाद रहा नहीं गया क्या मस्त पिंक चूत थी उसकी? में उसे किस करते करते उस की चूत तक पहोंचा और मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और अब तो वह भी मेरा साथ देने लगी थी. जेसे में चूत चाट रह था वह अहहह अह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्हू हुह्ह ममं उम्म्म अम्म्म अहः अम्मम्म औह्ह्ह अम्म्म कम ओन बेटा उह्ह्ह उम्म्म्म येस्स्स्स और कर असे कह रही थी.

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फिर में खड़ा हो गया और मेरे कपडे उतार दिए और मैने मेरा ७ इंच लंड मैने मेरी माँ के सामने खड़ा कर दिया, मेरे लंड को देख के माँ बोली के इतना बड़ा अब तो तुम बहोत बड़े हो गये हो बेटा. और ऐसे बोलके वह मेरे लंड को पकडे के मुह में डाल के चूसने लगी माँ ऐसे चूस रही थी जैसे की भूखे कुत्ते को एक हड्डी मिल गयी हो. मुझे बहोत मजा आ रहा था, मुझे आज तक ऐसा मजा कभी भी नही आया था और अब मेरे मुह से आवाज आ रही थी आहा हाहा अम्म्म औम्म्म अह्ह्ह अमम्म मोम्म्म्म अम्म आह्ह मम्मम येस्स्स्स कम ओन मा अह्ह्ह्ह और चुसो अब माँ भी गर्म हो चुकी थी अब उससे रहा नही जा रहा था. उस ने अपनी टाँगे फेलाई और मेरा लंड पकड के चूत पर रख लिया और उस ने मुझे अन्दर डालने को कहा तो मैने भी धीरे से धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और माँ के मुह से आवाजआई आह हहह्ह

मैने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू कर दिया और माँ कहने लगी और जोर से बेटा मेरी फाड़ दे आज तू और जोर से मार मुझे आज तेरी माँ की चूत को तू फाड़ दे और मेरी प्यास बूजा दे और मैने आपना काम चालू रखा और माँ के मुह से आवाज आ रही थी आह्ह अमम ममं ओम्म अहः ह्ह्ह ओह बेटा चोद मुझे आह्ह औम्म्म और जोर से चोद आह्ह अम्मम्म येस्स्स्स ओह्ह्ह येस्स्स्स और हम लोग तक़रीबन १५ मिनिट तक सेक्स करते रहे और अब मेरा पानी निकलने वाला था और माँ ने मुझे अंदर ही छोड़ने को कहा और अब में जड चूका था. .. और इस तरह मैने अपनी माँ को चोदा और अब रोज रात को चोदता हु. मुजे आशा हे मित्रो आप लोगो को मेरी स्टोरी पसंद आई होगी.. इस के बाद मैने अपनी कजिन भाभी को कैसे चोदा वह में आपको अगली कहानी में बताऊंगा..

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