माँ की प्यासी चुत भाग 1

मैं तो काफ़ी पहल ही गरम हो गया था और अपने लंड को हाथ से घिस रहा था. जैसे ही माँ के चूत मे चाचा का लंड पूरी तरह गया मैने अपना माल छोड़ दिया ककच्चे के अंदर ही. अब माँ बड़े ही मज़े से चाचा के लंड की सवारी कर रही थी और चाचा भी मज़े से माँ के मम्मो से खेल रहे थे. इसी बीच माँ ऊउउइईई … माआ……. अहह…….. ऊऊउउइईई……. करते हुए एक और बार पानी छोड़ दिया. चाचा ने तब उसे अपने लंड से उतरा और बिस्तर पर उसे लिटा कर उसे चूत मे अपनी लंड दल दी और धक्के मरने शुरू किए. उनका पूरा लंड माँ की चूत मे घुस गया था और उसका थैला माँ की चूत के नीचे जाकर धक्के मार रहा था. माँ के मूह से …. उउक्क …. उऊउक्कककक …. उउउम्म्म्मम … ऊओउउइईई ….. ऊओफफफफ्फ़….. की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी. अचानक चाचा बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगे और थोड़ी देर मे उसने अपना पूरा गरम माल माँ के चूत मे छोड़ दिया. मुझसे सहा नही गया और मैने एकबार फिर अपने ककच्चे मे अपना माल छोड़ दिया.

इसके बाद मैं जा कर सो गया. शायद माँ और चाचा ने एक और राउंड चुदाई की और फिर सो गये. सुबहह को चाचा अपने गाओं चले गये. उसके बाद एक दिन रात को माँ मुझसे बोली,” रवि, आज तू मेरे साथ ही सो जाना”. मैं बहुत खुश हुआ की शायद आज मुझे माँ को नंगा देखने मिलेगा. मैं रात को माँ के बिस्तर पर लेट गया.

थोड़ी देर मे माँ आई और मेरी तरफ अपनी पीठ करके अपनी चोली उतार दी.उस ने सोचा शायद मैं सो गया.अब तक माँ के एक चुचि पर से सारी हाथ गये थी और मेरे आँखों के सामने उसकी एक चुचि थी. यह देख मेरा लंड टाइट हो गया. मैं माँ की तरफ मूह कर क सो गया वो करवट बदलती- बदलती मेरा लंड को टच हो गया /

लगता है की माँ गरमा गयी थी, रंडी साली. फिर एक नाख़ून से मेरे लंड की टोपी को धीरे धीरे से गिसने लगी . मैं भी आगे-पीछे होने लगा. मेरा टाइट लंड अब उनके सामने था. माँ बोली,” उई माँ ! यह क्या है तेरे जाँघो के बीच मे इतना बड़ा सा. बेटा तेरा लंड तो बिल्कुल टाइट है. और तेरी झाण्टे भी बहुत घनी है. तेरा लंड तो बहुत बड़ा है रवि. यह कैसे हो गया?’

और कहानिया   मैंने माँ को और पापा ने बेहेन को चोदा

मैं बोला, ”मैं भी जवान हो गया हूँ. पर यह अभी पूरा बड़ा कहाँ हुआ है, अभी तो तोड़ा बाकी है. हाथ से सहलाने से पूरा बड़ा हो जाएगा.” माँ बोली, “अर्रे बेटा मुझे मालूम ना था की तू इतना बड़ा हथियार घर मैं हे ले क घूम रहा है, नही तो दिन मैं 4-4 बार चोदवाती तुझसे. पर तेरा ये लंड तो सचमुच ही बहुत बड़ा है. क्या मैं इसे थोडा सहलाके देखूं और कितना बड़ा हो सकता है?”

यह बोल कर माँ ने झट से मेरा लंड अपने हाथ मे ले लिए ओर उसे घिसने लगी जिससे की मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो गया. अब माँ बोली, “र वि, क्या तेरा लंड क्या हमेशा इतना बड़ा रहता है?”

मैं बोला, “ नही माँ तेरी गाँड देख कर ऐसा हो गया है.”

माँ, “अर्रे शैतान तेरा लंड अपनी माँ के गाँड देख कर बड़े हो गयी है. मैं तुझे मज़ा चखाती हूँ.” यह बोल माँ ने मेरा लंड अपने मूह के पास ले गयी और लंड के टोपी को चूसने लगी. मैं तड़प उठा. माँ हंसकर बोली, “तुझे आज मैं पूरा मज़ा चखाती हूँ.”

फिर माँ ने मेरे सूपाडे को अपने मूह मे ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगी साथ ही मेरे अंदो (बॉल्स) को हाथों से मसालने लगी. अब माँ ने मेरा पूरा लंड अपने मूह मे ले लिया और ज़ोर ज़ोर से अपना मूह अप्पर नीचे करने लगे. मैं अपना लंड माँ के मूह से बाहर आते और अंदर जाते हुए देखने लगा.

फिर माँ ने मेरे लंड को निकल कर मेरे अंदो से खेलने लगी और उन्हे चाटने लगी फिर अचानक से पुर थैले को मूह मे लेकर चूसने लगी. मैं सुख से कराह उठा. थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा और फिर माँ मेरे पास लेट गयी और मैने उसके वक्षो को मूह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया. साथ ही मैने अपना दूसरा हाथ माँ के साड़ी के अंडर डाल दिया और उसके चूत को सहलाने लगा. माँ के चूत से पानी निकल रहा था.

और कहानिया   माँ बेटे का प्यार भाग 1

माँ बोली, “अरे रावी बेटे मेरे लाल ज़रा मेरे नीचे वाले होंठ को चूस कर मुझे मज़ा दे मेरी जवानी का. चल अपनी माँ की साड़ी उतार कर नंगा कर दे. »

मुझसे रहा नही गया और मैने झट से उसकी साड़ी उतार दी एर उसे नंगा कर दिया. माँ ने अपने पैर फैला दिए थे और मेरा सिर उसके चूत की तरफ खिचने लगी. मैं जल्दी से उसके चूत को चाटने लगा. उसकी चूत बहुत फूली हुई थी और उसके चूत के होंठ एकदम खुले हुए थे

एग्ज़ाइट्मेंट मे. उसमे से उसका रस भी चूत रहा था. मैने अपने मूह उसके चूत पर लगा दिया और उसके होतों को फैला कर उसके चूत के अंडर भी अपनी जीभ घुसा दी और उसे अपनी जीभ से चोदने लगा. माँ को बहुत मज़ा आ रहा था.

उस पर बॉल नही थे मैने पूछा मा”तुम्हरे बॉल क्यो नही है बेटा, तुम्हारी माँ की ये सड़क भी तो चलती रहती है. थोड़ी देर बाद माँ बोली, “अब तू लेट जा और मैं तेरी सवारी करती हूँ.”

मैं जल्दी से लेट गया और माँ मेरे दोनो तरफ अपने पैर फैला कर मेरे लंड के अप्पर धीरे धीरे बैठने लगी. जल्दी ही मेरा ताना हुआ लंबा लंड माँ के चूत मे था. उसके गरम चूत मुझे बहुत गर्म कर चुकी थी. इसके बाद माँ धीरे धीरे मेरी सवारी करने लगी और आगे पीछे होने लगी.

10 मिनिट तक माँ मुझे चोदती रही और फिर झड़ गयी. अब मैने माँ को लिटाया और जल्दी से उसके चूत मे अपना लंड डाल दिया और उसे घपा घाप घपा घाप चोदने लगा. माँ अपनी गाँड उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी. माँ ने अपने पैर पूरे फैल्ला दिए जिससे की मैं पूरी तरह उसके चूत मे लंड पेल सकूँ.

मेरा आँड का थैला उसकी चूत से टकराने लगा और माँ मज़े से चोदवाती रही. करीब बीस मिनिट टुक लंड पेलने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ और माँ भी समझ गयी तो उसने मुझे अपने अंदर ही झड़ने के लिए बोल दिया और मैं वैसे लंड पेलते हुए उसके अंडर झाड़ गया.

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.