पापा के सात मिलकर माँ को चोदा

यह मेरी पहली कहानी है और प्लीज मुझे मेरी कोई भी गलती के लिए आप माफ़ भी जरुर करे। दोस्तों इस कहानी में मेरे पापा, मम्मी के बीच जो सब कुछ हुआ, में वो बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि मेरे बीच घटी इस घटना को आप जरुर पसंद करेंगे और अब आगे पढ़कर देखे उस रात को क्या क्या हुआ? दोस्तों यह बात तब की है, जब में उस दिन बहुत गहरी नींद में सो रहा था। कुछ देर सोने के बाद जैसे ही में दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया। उसके बाद मैंने जो सब देखा, उसको देखकर में बिल्कुल चकित रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि पापा उठकर माँ के पैरों के बीच में बैठ गये और वो उनके पैरों को पकड़कर उनके टखनो को चूमने और चूसने लगे। अब माँ अपने पैरों को पीछे खीचना चाह रही थी, लेकिन पापा ने उनको बहुत ज़ोर से पकड़ रखा था, इसलिए वो ऐसा ना कर सकी और पापा ने माँ के दोनों टखनो को बारी बारी से चूमा और चूसा इस वजह से माँ भी चुपचाप लेटी रही।
फिर मैंने अब उन लोगों की तरफ करवट ले ली और पापा उठकर माँ की कमर के पास जाकर बैठ गए। उसके बाद पापा ने माँ के पैरों को दबाना शुरू किया और पैर दबाते दबाते पापा अपना हाथ भी ऊपर की तरफ बढ़ा रहे थे, जिसकी वजह से पापा के हाथों के साथ साथ अब माँ का पेटिकोट भी उठ रहा था और पापा ने अपने हाथों से माँ के पेटिकोट को उनके घुटनों के ऊपर तक उठा दिया और तब उनके दोनों पैर नंगे हो चुके थे। अब माँ बहुत डर रही थी और वो चुपचाप लेटी हुई थी और पापा धीरे धीरे अपना हाथ माँ की जांघों पर फेरने लगे और फिर धीरे से अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले जाने लगे थे और अब उनका हाथ माँ की कमर तक पहुंच गया और फिर वहीं पर रुक गया, वो माँ की गोरी गदराई कमर पर बहुत प्यार से हाथ फेरने लगे थे, साथ में उनकी कमर को चूमने भी लगे थे, उनकी नाभि को भी किस करने लगे थे और वो अपना हाथ भी इधर उधर घुमाकर माँ के पेटिकोट के नाड़े तक पहुँच गये। फिर पापा ने अपने एक हाथ से माँ की चूत के ऊपर रखकर उनके पेटिकोट का नाड़ा भी खींच दिया और नाड़ा खींचते ही माँ का पेटिकोट ढीला होकर कमर पर खुल गया। फिर पेटिकोट खोलने के बाद पापा अपना हाथ माँ के बूब्स पर ले गये और वो उनके बूब्स को पकड़कर धीरे धीरे दबाने लगे। तभी माँ मेरे पापा के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पापा ने अपना हाथ नहीं हटाया और में उनके पास में लेटा हुए था और उस डर की वजह से माँ कुछ भी नहीं बोल पा रही थी और पापा भी चुपचाप माँ के पास में बैठकर उनके बूब्स से जी भरकर खेलते रहे और फिर बाद में उनकी ब्रा के हुक को भी खोल दिया और उनकी ब्रा को उतार दिया। अब माँ उनको रोकती रही, लेकिन पापा उनके बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसने लगे। पापा कुछ देर तक माँ की निप्पल और फिर बूब्स को सहलाते भी रहे और उसके बाद उन्होंने माँ को उल्टा लेटने के लिए कहा। अब माँ उल्टी लेट गयी और पापा उनकी नंगी पीठ को सहलाते रहे और कुछ देर बाद उनकी ब्रा को उनके बदन से खींचकर निकाल दिया। अब पापा पीछे से अपना हाथ बढ़ाकर उनके बूब्स को फिर से पकड़कर मसलने लगे और अपना मुहं नीचे की तरफ ले जाकर उनकी कमर और कूल्हों पर चुम्मा देने लगे, माँ उनको रोक नहीं पा रही थी। फिर पापा ने माँ के पैरों से उनके पेटिकोट को खींचकर उतार दिया, जिसकी वजह से अब माँ पूरी तरह से नंगी हो गयी और पापा के पास में लेटी रही। अब पापा ने भी अपनी शॉर्ट और अंडरवियर को उतार फेंका और उनके पैरों को फैला दिया। अब पापा माँ की चूत को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे थे और उसके अंदर उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगे थे। पापा चूत में तब तक अपनी उंगली को डालते निकालते रहे, जब तक चूत से बहुत लार नहीं निकल जाए और वो कुछ देर बाद समझ गये कि अब माँ अपनी चूत को चुदवाने के लिए तैयार है। फिर पापा अपने आप को माँ की खुली हुए जांघों के बीच में पोज़िशन बनाकर उन्होंने अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया और पापा ने अपनी कमर को हिलाकर अपने लंड को माँ की चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से उनका लंड आसानी से माँ की चूत के अंदर समा गया और माँ भी अपनी कमर को उचकाकर लंड को अपनी चूत की और भी गहराई में लेने की कोशिश करने लगी। फिर पापा ने भी झटके मार मारकर माँ को चोदना शुरू कर दिया और में पास में लेटे हुए था, इसलिए वो ज्यादा आवाज नहीं कर सकते थे और ना ही ज्यादा उछल कूद कर सकते थे और इसलिए वो अपनी चुदाई बहुत धीरे धीरे धक्के देकर कर रहे थे धीरे धीरे चुदाई करने से उनको बहुत आनंद मिल रहा था और फायदा यह था कि पापा, माँ को ज्यादा देर तक चोद सकते थे, लेकिन माँ अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और माँ ने अपना पैर उठाकर उनकी कमर पर रख दिया।
अब पापा उनके दोनों पैरों को अपने हाथों से पकड़कर उनको धीरे धीरे, लेकिन गहरे और जोरदार झटको के साथ चोदने लगे। फिर पापा ने देखा कि माँ अपने कूल्हों को अब ज़ोर ज़ोर से और जल्दी जल्दी उछाल रही है और वो अपने होंठो को चबा भी रही है। अब में समझ रहा था कि अगर में पास में ना सोता होता तो माँ ज़रूर जोश में आकर अपनी कमर को उछाल उछालकर उनका लंड अपनी चूत में लेती और बहुत मज़े करती। अब उन्होंने अपने दोनों पैरों को एक बार फिर से पापा की कमर पर रखकर कसकर उनको पकड़ लिया था, लेकिन तभी पापा ने मुझे जागते हुए देख लिया। फिर वो मुझसे कहने लगे कि बेटे तुम सोए नहीं? तब मैंने कहा कि मुझे नींद ही नहीं आ रही है, तो उन्होंने पूछा क्यों? तब मैंने कहा कि आप मम्मी के साथ पता नहीं क्या कर रहे हो? तो वो हंसते हुए पूछने लगे क्या तुमको भी करना है? तो मैंने उनको हाँ कर दिया और फिर वो मुझसे पूछने लगे कि अमित तुमने क्या अपनी माँ से सुंदर औरत कभी देखी है? में उनकी वो बात सुनकर एकदम चुप रहे। अब पापा फिर से कहने लगे कि में बहुत किस्मत वाला हूँ कि मुझे इतनी सुंदर और जवान औरत मिली। अब तक पापा ठीक तरीके से बोल रहे थे, लेकिन इसके बाद वो जो बोले उसके लिए में तैयार नहीं था। अब पापा कहने लगे कि तुम्हारी माँ टॉप क्लास माल है, इसकी चूत और बूब्स को देखने के लिए और खाने के लिए गाँव के सभी लोग हमेशा तरसते रहते है और इसके उठे उठे और मस्त बूब्स और मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर कोई भी पागल हो जाएगा। अब पापा फिर माँ से बोले कि जानेमन टावल को थोड़ा और ऊपर करो, आज थोड़ा हम बाप बेटे को तुम अपनी जवानी तो दिखाओ, अरे बेटा अभी छोटा है, उससे क्या शरमाना, अब आज इतना मत शरमाओ बहुत दिनों से तुम पूरी तरह से नंगा नहीं देखा है, प्लीज़ तुम इसको अपनी जवानी दिखा दो, माँ भी अब बेशरम होना चाह रही थी, लेकिन इस समय पापा मेरी माँ को अपने 18 साल के जवान बेटे के सामने नंगी करना चाह रहे थे। अब पापा ने फिर से माँ से बोला कि तेरे बेटे ने अभी तक कोई नंगी लड़की या औरत नहीं देखी है, तुम उसको दिखा दो कि औरत के दोनों पैरों के बीच में क्या होता है? और मस्त बूब्स कैसे होते है? तुम आज अपने बेटे को औरतों के खजानों को भी दिखा दो और मुझको भी दिखा दो तुम्हारा नंगा रूप। अब माँ उस समय बहुत चकित होकर पापा की तरफ देखने लगी कि आज वो ऐसे कैसे बातें बोल रहे है? माँ ने कोई भी जवाब नहीं दिया, वो एकदम चुप रही और अपने मुहं को बंद कर लिया, लेकिन पापा उनसे बोलते रहे थे, साली अपनी चूत और बूब्स को तू हमें दिखाएगी तो घट नहीं जाएगा, खोल दो टावल को और हम बाप बेटे को एक साथ अपनी जवानी देखने दो।

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